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पुलिसकर्मियों के काम के घंटों पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, केंद्र और राज्य सरकारों पर भी समाधान का दबाव

Dainik Jagran - National - March 6, 2025 - 3:02am

 जेएनएन, नई दिल्ली। पुलिसकर्मियों के काम के घंटों को तय करने का मामला सुप्रीम कोर्ट के एजेंडे में आ गया है। पुलिस सुधार से जुड़े इस अहम मुद्दे को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को हालांकि सुनवाई नहीं हो सकी। अब शीर्ष अदालत बाद में इस याचिका की सुनवाई की तारीख तय करेगी।

साप्ताहिक अवकाश की मांग पर याचिका दाखिल

पुलिसकर्मियों के काम के घंटे तय करने और साप्ताहिक अवकाश की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि पुलिसकर्मियों को अभी रोजाना 14 घंटे से लेकर 18 घंटे तक काम करना पड़ता है।

उन्हें साप्ताहिक अवकाश भी नहीं मिल पाता, जबकि अमेरिका और ब्रिटेन में पुलिसकर्मियों को सप्ताह में सिर्फ 40 घंटे काम करना होता है। शीर्ष अदालत इस याचिका पर सभी राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांग चुकी है।

पुलिसकर्मियों के काम के घंटे के लिए नए सिरे से सुप्रीम कोर्ट से गुहार

ध्यान देने की बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में पुलिस सुधारों को लेकर अहम दिशा-निर्देश जारी किए थे। इनमें अपराध की जांच और कानून-व्यवस्था संभालने के लिए अलग-अलग पुलिसकर्मियों की व्यवस्था, पुलिस को राजनीति से मुक्त रखने के लिए डीजीपी के दो साल के सुनिश्चित कार्यकाल से लेकर राज्यों में पुलिसकर्मियों की पर्याप्त भर्ती जैसे मुद्दे थे। लेकिन, 18 साल बाद भी इन दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से क्रियान्वयन नहीं हो सका है। यही कारण है कि पुलिसकर्मियों के काम के घंटे के लिए नए सिरे से सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगानी पड़ी है।

संविधान में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से राज्य सूची का विषय

समस्या यह है कि संविधान में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से राज्य सूची का विषय होने के कारण केंद्र सरकार इसमें दखल नहीं दे सकती। उम्मीद है कि अगली तारीख में सुप्रीम कोर्ट पुलिस सुधारों को प्राथमिकता पर लेकर सुनवाई सुनिश्चित करेगा और राज्य सरकारों को पर्याप्त पुलिस कर्मियों की भर्ती और उनके काम के घंटे सुनिश्चित करने का स्पष्ट निर्देश देगा।

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एहतियातन हिरासत को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, नगालैंड सरकार और हाई कोर्ट का आदेश किया खारिज

Dainik Jagran - National - March 5, 2025 - 11:44pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एहतियातन हिरासत को सख्त उपाय बताते हुए ड्रग्स मामले में एक जोड़े को दिए गए नगालैंड सरकार के आदेश को खारिज कर दिया।

जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस ऑगस्टीन जार्ज मसीह ने कहा कि दिमाग लगाए बिना जारी किए गए हिरासत के यह गुप्त आदेश गलत हैं। पीठ ने गुवाहाटी हाई कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें अशरफ हुसैन चौधरी और उसकी पत्नी अदालियू चावांग की एनडीपीएस एक्ट, 1988 की धारा 3(1) के तहत हिरासत के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज कर दी गई थी।

अदालत ने एहतियाती हिरासत पर कही ये बात

पीठ ने कहा, ''एहतियातन हिरासत एक सख्त उपाय है, जिसके अंतर्गत किसी व्यक्ति (जिसके खिलाफ ना कोई मुकदमा चला और ना ही उसे दोषी ठहराया गया) को निश्चित अवधि तक हिरासत में बंद करके रखा जा सकता है, ताकि उस व्यक्ति द्वारा प्रत्याशित आपराधिक गतिविधि को रोका जा सके।''

पीठ ने कहा कि भले ही एहतियातन हिरासत को संविधान के अनुच्छेद 22(3)(बी) द्वारा मंजूरी दी गई है, लेकिन अनुच्छेद 22 में इसके लिए पालन किए जाने वाले कड़े मानदंड भी दिए गए हैं। 1988 का अधिनियम ऐसा ही एक कानून है जिसे संसद द्वारा एनडीपीएस सामग्री की अवैध तस्करी को रोकने के लिए एहतियातन हिरासत में रखने के लिए लागू किया गया था।

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केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन का मौका, 7 मार्च से होंगे ऑनलाइन आवेदन; सिर्फ 14 दिनों का मौका

Dainik Jagran - National - March 5, 2025 - 11:43pm

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय विद्यालयों में नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 में प्रवेश को लेकर विद्यालय संगठन ने अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत पहली कक्षा और बालवाटिका एक व तीन में प्रवेश के लिए सात मार्च से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। आवेदन की अंतिम तारीख 21 मार्च होगी।

इस दौरान कक्षा एक में प्रवेश की उम्र छह वर्ष और बालवाटिका एक में प्रवेश की उम्र तीन से चार वर्ष की होगी। जबकि बालवाटिका दो में चार से पांच वर्ष की और बालवाटिका तीन में प्रवेश की उम्र पांच से छह वर्ष की होगी।

अधिसूचना की गई जारी

केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) ने बुधवार को इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही देश भर के सभी केंद्रीय विद्यालयों को निर्देश दिया है, कि वह प्रवेश को लेकर छह मार्च तक विज्ञापन जारी कर दें। संगठन ने यह इसके साथ ही यह भी साफ किया है कि बालवाटिका में प्रवेश के लिए उन्हीं विद्यालयों के लिए आवेदन लिए जाएंगे, जहां बालवाटिका की कक्षाएं संचालित होती है।

31 मार्च 2025 से होगी उम्र की गणना

सभी कक्षाओं में प्रवेश के लिए निर्धारित उम्र की गणना 31 मार्च 2025 के अनुसार की जाएगी। संगठन ने इस दौरान साफ किया है कि बालवाटिका दो व तीन के साथ दूसरी कक्षा व उससे ऊपर की कक्षाओं में प्रवेश सीटों के खाली होने पर ही लिए जाएंगे।

बालवाटिका दो और कक्षा दो व उससे ऊपर की कक्षाओं में पंजीयन की प्रक्रिया दो अप्रैल 2025 से 11 अप्रैल 2025 के बीच ऑफलाइन तरीके से होगी। इनमें कक्षाओं में सीटों के खाली होने की जानकारी ऑनलाइन मुहैया कराई जाएगी।

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