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Weather: तीन दिनों तक सताएगी हीट वेव, दिल्ली-यूपी में बढ़ेगा तापमान; मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

Dainik Jagran - National - April 26, 2025 - 5:40am

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर भारत के लगभग आधे हिस्से में अगले दो से तीन दिनों तक तापमान में वृद्धि के आसार हैं। आइएमडी ने इन क्षेत्रों के लिए हिट वेव की चेतावनी जारी की है। 30 अप्रैल को पंजाब एवं हरियाणा में कई स्थानों पर आंधी-पानी का अनुमान है।

इस दौरान पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तापमान में दो से तीन डिग्री तक वृद्धि हो सकती है। हालांकि दिल्ली का तापमान स्थिर रहने की उम्मीद है। दो दिन बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार-झारखंड के कुछ स्थानों पर मानसून पूर्व वर्षा से थोड़ी राहत मिल सकती है।

तापमान में पिछले दो दिनों से लगातार वृद्धि

जम्मू-कश्मीर में पहाड़ों पर आए पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव ज्यादा नहीं है। वह आगे की ओर खिसक रहा है और इसी दौरान पाकिस्तान के बलूचिस्तान से गर्म हवाओं का संचरण पश्चिमी भारत की ओर हो रहा है, जिससे एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई स्थानों के तापमान में पिछले दो दिनों से लगातार वृद्धि हो रही है।

आइएमडी के अनुसार उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में 29 अप्रैल तक और पूर्वी एवं मध्य भारत में 26 अप्रैल तक हीटवेव (लू) की स्थिति बनी रह सकती है। हालांकि दिल्ली के तापमान में 27 अप्रैल के बाद ज्यादा वृद्धि नहीं होगी।

30 अप्रैल को पंजाब एवं हरियाणा में कई स्थानों पर आंधी-पानी का अनुमान है। इसके प्रभाव से दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई स्थानों के तापमान में गिरावट आएगी। किंतु इसके पहले पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ के अधिकतम तापमान में 1-3 डिग्री की वृद्धि होने का पूर्वानुमान है।

पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना

इस बीच बिहार, झारखंड, बंगाल एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई स्थानों में प्री मानसून बारिश के चलते तापमान में 3-5 डिग्री तक की गिरावट का अनुमान है। पूर्वोत्तर के राज्यों में अगले दो दिनों तक भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है। इसके अलावा पूर्वी और मध्य भारत में 26 से 29 अप्रैल तक बारिश, तूफान, बिजली और तेज हवाएं चल सकती हैं।

केरल तथा तमिलनाडु के कई जिलों में बारिश की संभावना

पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ के असर से हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। 26 एवं 27 अप्रैल को उत्तर प्रदेश, उत्तर पूर्वी राजस्थान, बिहार, झारखंड, बंगाल एवं छत्तीसगढ़ के साथ-साथ आंध्र प्रदेश दक्षिणी कर्नाटक, केरल तथा तमिलनाडु के कई जिलों में बारिश की संभावना है। उत्तर पूर्वी राज्यों में भारी बारिश के साथ बिजली की गरज और चमक तथा तेज हवाएं चल सकती हैं।

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'सम्मेलन में हिस्सा लिया तो घर नहीं जा पाओगे', तमिलनाडु के राज्यपाल का आरोप; कुलपतियों को मिली धमकी

Dainik Jagran - National - April 26, 2025 - 2:00am

पीटीआई, उधगमंडलम (तमिलनाडु)। तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने आरोप लगाया है कि राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को राजभवन में शुक्रवार से शुरू हुए दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने के लिए धमकाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा में सुधार के लिए आयोजित कुलपतियों के इस सम्मेलन में राज्य के किसी भी विश्वविद्यालय का प्रतिनिधि नहीं है।

उन्होंने कहा, 'अभी तक हमारे एक कुलपति थाने में थे। कुछ कुलपति ऊटी पहुंच गए हैं। कुछ ऐसा अभूतपूर्व हुआ है जो पहले कभी नहीं हुआ। आधी रात को उनके दरवाजों पर दस्तक हुई, पुलिस की विशेष शाखा ने वहां जाकर उनसे कहा कि अगर उन्होंने सम्मेलन में हिस्सा लिया तो वे घर नहीं जा पाएंगे। मैंने उन्हें सलाह दी कि वे अपने परिवारों का ध्यान रखें।'

राज्य सरकार पर साधा निशाना

राज्यपाल ने कहा कि उन लोगों को सद्बुद्धि आए जिन्होंने कुलपतियों को उनके सम्मेलन में हिस्सा लेने से रोका। यह सम्मेलन शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए है और इसमें कोई राजनीति नहीं है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने संबोधन में कहा, 'राज्यपाल रवि को मेरा सुझाव है कि कुछ चीजों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। जो लोग नहीं आए हैं, उनके साथ कुछ हुआ होगा, हमें समझना चाहिए, सभी की उपस्थिति की सराहना करनी चाहिए और सभी की अनुपस्थिति की भी सराहना करना चाहिए।'

राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तारीफ की
  • साथ कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) गेम चेंजिंग है, सभ्यतागत लोकाचार के अनुरूप है और यह राष्ट्र की नीति है। धनखड़ ने कहा, 'एनईपी भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता देती है। विभिन्न विषय सीखने को बढ़ावा देती है। इसमें शिक्षा को सिर्फ रोजगार का नहीं, बल्कि व्यक्ति के विकास का माध्यम माना गया है। सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह छात्रों को मातृभाषा में पढ़ने की अनुमति देती है।
  • धनखड़ ने कहा कि समस्या यह है कि शिक्षण संस्थान इस नीति से पूरी तरह अवगत नहीं हैं। मैं कहूंगा कि वे इसका व्यापक अध्ययन करें और इसके उद्देश्य को समझें।' उन्होंने कहा, 'हमारी भाषाएं हमारा गौरव और विरासत हैं। किसी भी देश में जाइए, आपको वो नहीं मिलेगा जो यहां है। संस्कृत, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, ¨हदी, बांग्ला इत्यादि.. साहित्य एवं ज्ञान की खान हैं।'
  • धनखड़ ने कहा, 'मैं राज्यपाल रवि की इस बात के लिए सराहना करता हूं कि उन्होंने संवैधानिक आदेश के तहत यह काम किया है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद-159 के तहत शपथ ली है। उन्होंने संविधान और कानून को संरक्षित और सुरक्षित रखने की शपथ ली है।'
पहलगाम हमले का जिक्र किया

धनखड़ ने पहलगाम आतंकी हमले का भी जिक्र किया और कहा कि यह हमला याद दिलाता है कि आतंकवाद वैश्विक खतरा है जिससे मानवता को एकजुटता से निपटना चाहिए। उन्होंने लोगों से राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देते हुए राजनीतिक, व्यक्तिगत एवं अन्य हितों से ऊपर उठने की अपील की।

कहा कि भारत दुनिया का सबसे शांतिप्रिय देश है और वसुधैव कुटुंबकम में प्रति¨बबित इसकी सभ्यतागत भावना वैश्विक स्तर पर प्रतिध्वनित हो रही है। सम्मेलन के प्रारंभ में कुछ समय के लिए मौन रखा गया।

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Credit card spends cross Rs 21 lakh crore

Business News - April 26, 2025 - 12:51am
Credit card spending in India surged over 15% in FY25 to a record ₹21.16 lakh crore, up from ₹18.32 lakh crore in the previous fiscal, according to data from the Reserve Bank of India (RBI). The sharp rise underscores robust consumer demand and the growing shift towards digital, credit-based transactions, especially among urban and digitally-savvy users.March 2025 alone saw record monthly spends of ₹2.02 lakh crore, up from ₹1.64 lakh crore in March 2024, reflecting strong discretionary spending at the fiscal year-end. February figures stood at ₹1.68 lakh crore.120628979The number of credit cards in circulation also grew to 10.98 crore by March 2025, up from 10.18 crore a year earlier, indicating sustained confidence in the economy and a preference for credit-led consumption. HDFC Bank led net new issuances in March with 2.2 lakh cards, followed by SBI Cards at 1.6 lakh, Axis Bank at 1.3 lakh, and ICICI Bank at 97,799. Amid signs of easing stress in the unsecured lending space, lenders are cautiously optimistic."We are seeing stabilisation and improvement in the credit card portfolio and we will be building back acquisition," said Arjun Chowdhry, Group Executive, Axis Bank. "The growth will be brought back cautiously and in a calibrated manner. We are now looking at faster growth than we had because we have seen a stabilisation that will allow us to deliver on that growth."In total, 5.7 lakh new cards were added during March, up from 4.4 lakh in February, though still below the 12-month average of 7.1 lakh. Some banks, however, saw a decline. Kotak Mahindra Bank, which had its RBI-imposed card issuance ban lifted in February 2025, reported a net decline of 1.19 lakh cards. RBL Bank also lost 35,000 cards following the end of its partnership with Bajaj Finance.Analysts expect card spends to remain stable in FY26, driven by consumption momentum, though new card issuances may remain moderate. "Lenders are shifting focus to cross-selling and maintaining credit quality rather than chasing aggressive growth," said Bunty Chand, analyst at IDBI Capital.The RBI, which began macroprudential tightening in late 2023 to temper the rise in unsecured lending, recently eased risk weights for NBFC and microfinance loans but retained tighter norms for unsecured loans, a sign that cautious growth will remain the sector's mantra in the near term.
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क्या भारत-पाकिस्तान में होगी शांति? इन दो शक्तिशाली मुस्लिम देशों ने की मध्यस्ता की पहल

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 11:47pm

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के सख्त तेवर और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को देखते हुए दुनिया के कई देशों ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच मध्यस्थता की कोशिश शुरू कर दी है। मध्यस्थता में सबसे आगे सऊदी अरब है जिसकी आधिकारिक यात्रा पर जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थे, तभी आतंकियों ने पर्यटकों पर कायराना हमला किया था।

प्रधानमंत्री मोदी यात्रा अधूरी छोड़कर भारत लौट आए थे। शुक्रवार को सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैजल बिन फरहान ने पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर और बाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद ईशाक डार से टेलीफोन पर बात की। बताते हैं कि पहल सऊदी अरब की ओर से की गई है।

भारत व पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने अलग-अलग जानकारी दी है कि सऊदी विदेश मंत्री के साथ उनका मौजूदा हालात पर विमर्श हुआ है।

ईरान ने भारत-पाकिस्तान को लेकर क्या कहा?

इसी तरह ईरान भी मध्यस्थता की कोशिश में है। ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अगरची ने एक्स पर लिखा," भारत और पाकिस्तान हमारे बंधु पड़ोसी देश हैं। इनके साथ हमारे हजारों वर्ष के सांस्कृतिक और सभ्यता आधारित संबंध हैं। अन्य पड़ोसी मित्रों की तरह हम उन्हें सर्वाधिक प्राथमिकता देते हैं। तेहरान इस कठिन समय में इस्लामाबाद और नई दिल्ली स्थित अपने कार्यालयों के जरिये इनके बीच बेहतर समझबूझ बनाने को तैयार है।"

 इस क्रम में उन्होंने फारसी शायर सादी की दो पंक्तियां लिखीं जिसका मतलब है,"सारे मानव एक हैं, एक ही गंध व आत्मा से निर्मित हैं, अगर एक व्यक्ति पीड़ा में होगा तो दूसरा भी परेशानी में रहेगा। 

पहलगाम हमले पर ईरान पहले ही दुख जता चुका है। अगरची अगले कुछ दिनों में भारत आने की तैयारी में हैं।सऊदी अरब और ईरान पूर्व में भी भारत व पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करते रहे हैं। पहलगाम हमले के कुछ ही घंटे बाद सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस व प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बैठक हुई थी। इसमें सऊदी अरब ने भारत को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था।

सऊदी अरब अमेरिका का भी अहम सहयोगी है और कई बार वह अमेरिका के इशारे पर भी दो देशों के बीच मध्यस्थता की कोशिश करता है। अभी रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता भी सऊदी अरब में ही कराई जा रही है। यह काम भी सऊदी अरब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए कर रहा है।

जयशंकर ने शुक्रवार देर शाम बताया कि उनकी सऊदी अरब के विदेश मंत्री से बात हुई है जिसमें पहलगाम आतंकी हमले व सीमापार आतंकवाद पर बात हुई है। जबकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बताया कि उपप्रधानमंत्री व विदेश मंत्री डार ने एक दिन पहले नेशनल सिक्यूरिटी कमेटी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताया। पाकिस्तान ने सऊदी अरब को यह भी बताया है कि वह अपनी आत्मरक्षा में कड़े कदम उठाएगा। वैसे भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव पर अमेरिका भी नजर रखे हुए है।

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बदलते वैश्विक माहौल में भारतीय कारोबारियों को लुभाने में जुटा चीन, भारतीय इंजीनियरों को बुला रहा अपने देश

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 11:30pm

 राजीव कुमार, नई दिल्ली। अमेरिका की शुल्क नीति से बदले वैश्विक कारोबारी माहौल में चीन अब भारतीय कारोबारियों को पूरी तरह से लुभाने में जुट गया है। भारतीयों को अपने उत्पादन की जानकारी से दूर रखने वाला चीन अब अपनी मशीन बेचने के लिए भारतीय कंपनियों के इंजीनियर्स को मशीन की पूरी जानकारी दे रहा है।

चीन इंजीनियर्स को मशीन असेंबल करने का प्रशिक्षण दे रहा

उन इंजीनियर्स को मशीन को खोलकर फिर से उसे असेंबल करने का प्रशिक्षण दे रहा है। भारतीय इंजीनियर्स उनके मेहमान बनकर इस प्रकार का प्रशिक्षण ले रहे हैं।

अभी हाल में चीन के शेनजेन और गोंजो में लगे व्यापारिक मेले में चीन की कंपनियों के साथ कई भारतीय कंपनियों ने इस प्रकार के समझौते किए है। असल में चीन की मशीन के खराब होने पर उसे ठीक कराने में होने वाली दिक्कत को देखते हुए भारतीय उद्यमी चीन की मशीन खरीदने से कतराने लगे थे।

चीन की मशीन खराब होने पर पहले करना होता था यह काम

चीन की मशीन खराब होने पर चीन के इंजीनियर्स को भारत बुलाना पड़ता था, लेकिन चीन के इंजीनियर्स को आसानी से वीजा नहीं मिलने के कारण कई बार चीन की मशीन ठीक कराने में महीनों लग जाते थे और उद्यमियों को इसका नुकसान उठाना पड़ता था।

अमेरिका की तरफ से चीन के सभी उत्पाद पर 145 प्रतिशत का शुल्क लगाने के बाद चीन को भारत अपने माल की खपत के लिए बड़ा बाजार दिख रहा है। इसलिए चीन भारतीय कारोबारियों को कच्चे माल पर भी पहले की तुलना में अधिक छूट दे रहा है।

प्लास्टिक उत्पाद बनाने की मशीन चीन से खरीद रहे हैं

एचएस ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक नितिन अग्रवाल ने बताया कि वे अपनी कंपनियों के लिए प्लास्टिक उत्पाद बनाने की मशीन चीन से खरीद रहे हैं और उनके इंजीनियर को चीन की कंपनी मशीन को खोलकर उसे फिर से फिट करने व अन्य तकनीकी जानकारी देगी ताकि भारत आने के बाद मशीन में खराबी आने पर उन्हें चीन के इंजीनियर का इंतजार नहीं करना पड़े।

इस संबंध में चीन की कंपनी के साथ उन्होंने समझौता भी किया है। चीन की कंपनियां मशीन की सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग को छोड़ सभी कुछ बताने व सिखाने के लिए तैयार है। इसका फायदा यह होगा कि कुछ सालों में ऐसी मशीन भारत में भी बनने लगेंगी।

चीन के लिए भारतीय कारोबारी इन दिनों काफी अहम हो गए हैं

चीन में लगे व्यापारिक मेले में जाने वाले एक अन्य कारोबारी सचिन गुप्ता ने बताया कि चीन के लिए भारतीय कारोबारी इन दिनों काफी अहम हो गए हैं। वे भारतीय कारोबारियों को सभी कच्चे माल पर पहले की तुलना में अधिक छूट देने की पेशकश कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि भारत में फुटवियर पर क्वालिटी कंट्रोल नियम लगने के बाद अब छोटे-छोटे उद्यमी चीन से मशीन व कच्चे माल लाकर देश में ही फुटवियर का उत्पादन कर रहे हैं। पहले चीन से तैयार फुटवियर का वे आयात करते थे।

चीन के कारोबारी भारत के कारोबारियों की हर शर्त मानने के लिए तैयार

चीन का माल खरीदने वाले कारोबारियों ने बताया कि अभी चीन के कारोबारी भारत के कारोबारियों की हर शर्त मानने के लिए तैयार दिख रहे हैं। विभिन्न वस्तुओं के निर्माण से जुड़े कच्चे माल के लिए भारत चीन पर काफी हद तक निर्भर करता है। गत वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने चीन से 113 अरब डालर का आयात किया तो चीन को सिर्फ 14 अरब डालर का भारत ने निर्यात किया।

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Clean Yamuna: यमुना की सफाई में सहायक हो सकता है कोल्हापुर का पंचगंगा मॉडल, जानें कैसे करेगा काम

Dainik Jagran - National - April 25, 2025 - 11:30pm

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। करीब 35 वर्ष पहले देश की सर्वाधिक प्रदूषित नदियों पर हुए एक सर्वेक्षण में महाराष्ट्र के कोल्हापुर की पंचगंगा नदी का नाम भी शामिल था। लेकिन आज शहर के लगभग बीच से बहनेवाली पंचगंगा नदी में लोग नहाते और तैरते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं।

इन 35 वर्षों में कुछ स्थानीय संस्थाओं का अथक परिश्रम एवं कोल्हापुरवासियों की इच्छाशक्ति ने जो स्वरूप पंचगंगा को प्रदान किया है, वह दिल्ली की यमुना नदी सहित देश की कई अन्य नदियों के लिए एक मॉडल सिद्ध होता है।

पर्यावरणविद् उदय गायकवाड़ ने रखी अपनी बात

हाल ही में कोल्हापुर में आयोजित ‘अर्थ जर्नलिस्ट नेटवर्क’ के एक कार्यक्रम में बोलते हुए पर्यावरणविद् उदय गायकवाड़ ने बताया कि जब 1989-90 में हुए एक सर्वेक्षण में कोल्हापुर की पंचगंगा नदी को देश की सर्वाधिक प्रदूषित नदियों में से एक बताया गया, उस समय कोल्हापुर शहर के नलों से आपूर्ति होनेवाला पानी भी पीना मुमकिन नहीं था।

कोल्हापुर पीलिया जैसे खतरनाक रोगों से जूझ रहा था

पूरा शहर पीलिया जैसे खतरनाक रोगों से जूझ रहा था। तब कोल्हापुरवासियों को अहसास हुआ कि जिंदगी को बेहतर बनाना है, तो अपनी पंचगंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करना होगा। तभी से शुरू हुए कई तरह के प्रयासों का परिणाम है कि जब पिछले साल राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने महाराष्ट्र की 56 नदियों को प्रदूषित घोषित किया, तो उसमें पंचगंगा नदी का नाम शामिल नहीं था।

नदियों के आसपास ही बॉक्साइट खनिज की कई खदानें

गायकवाड़ बताते हैं कि देश के पश्चिमी घाट में 150 किमी. के अंदर पांच नदियां प्रवाहित होती हैं। ये नदियां नीचे आकर जहां मिलती हैं, वहीं से कोल्हापुर शहर शुरू होता है। इन नदियों के आसपास ही बॉक्साइट खनिज की कई खदानें थीं। जिनके खनन के लिए कोई अनुमति नहीं लेनी पड़ती थी। खनिज की परत मिट्टी की 10-12 फुट परत के नीचे शुरू होती थी।

खनन करनेवाले इतनी मिट्टी हटाकर किनारे रखते थे, फिर खनिज का खनन करते थे। तेज बरसात होने पर किनारे रखी यही मिट्टी बहकर इन नदियों में आ जाती थी। खनिज मिली यह मिट्टी प्रदूषण का एक बड़ा कारण बन रही थी। स्थानीय लोगों ने आंदोलन कर प्रशासन को बॉक्साइट का अवैध खनने रोकने पर बाध्य किया, तो प्रदूषण में काफी हद तक कमी आई।

पंचगंगा नदी में प्रदूषण का दूसरा माध्यम थीं, कोल्हापुर की चीनी मिलें

पंचगंगा नदी में प्रदूषण का दूसरा माध्यम थीं, कोल्हापुर की चीनी मिलें। यह पूरा क्षेत्र गन्ने के उत्पादन और चीनी मिलों के लिए जाना जाता है। स्थानीय लोगों ने इन चीनी मिलों से नदियों को होनेवाले प्रदूषण के विरुद्ध भी आवाज उठाई। जिसके फलस्वरूप ज्यादातर चीनी मिलों का प्रदूषण नदियों में आना बंद हुआ। लेकिन इसके साथ-साथ एक बड़ा और महत्त्वपूर्ण प्रयास शहर के सीवेज का ट्रीटमेंट करके उन्हें नदियों में छोड़ने का शुरू किया गया।

गायकवाड़ बताते हैं कि कोल्हापुर शहर में जल की कुल खपत 150 एमएलडी (मेगालीटर प्रति दिन) की है। इसमें से 124 एमएलडी सीवेज पैदा होता है। जिसमें से 110 एमएलडी, यानी 95 प्रतिशत सीवेज को ट्रीट कर लिया जाता है। अपने कुल सीवेज का 95 प्रतिशत ट्रीट करनेवाला शायद महाराष्ट्र ही नहीं देश में भी कोई दूसरा शहर नहीं होगा। ट्रीट किया हुआ ये पानी दिखने में सामान्य जल जैसा ही दिखाई देता है।

कोल्हापुर में चार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट

कोल्हापुर में चार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के आधार पर चल रहे हैं एवं तीन अभी तैयार हो रहे हैं। कोल्हापुर से सटे पड़ोसी शहर इचलकरंजी में भी एक एसटीपी चल रहा है, दो और बन रहे हैं। एसटीपी चलानेवाली कंपनी और कोल्हापुर नगर निगम की बराबरी की भागीदारी है।

सामान्यतः किसी एसटीपी से नदियों में छोड़े जानेवाले शोधित जल की बीओडी (बायोलाजिकल आक्सीजन डिमांड) 13 से कम होनी चाहिए। लेकिन कोल्हापुर में यह पैमाना 10 से कम ही रखा गया है। लेकिन यहां के चारों एसटीपी से निकलनेवाले जल का बीओडी 7.5 ही रहता है।

किसी भी दिन सीवेज ट्रीटमेंट से निकलनेवाला जल यदि इस निर्धारत पैमाने से कम स्वच्छ पाया जाता है, तो एसटीपी कंपनी को उस दिन का पैसा नहीं दिया जाता। इससे एसटीपी कंपनी के अपना काम ठीक से करने का अंकुश लगा हुआ है, और वह अपना काम ठीक से कर रही हैं।

पंचगंगा नदी छोड़ा जाता है एसटीपी से शोधित जल

गायकवाड़ बताते हैं कि इन सभी एसटीपी से शोधित जल का बीओडी सामान्य दिनों में पंचगंगा नदी के जल से अच्छा ही होता है, और ये जल भी नदी में ही छोड़ा जाता है। लेकिन जल्दी ही एसटीपी से शोधित सारा जल कोल्हापुर शहर की औद्योगिक जरूरतों के लिए उपयोग करने की सहमति भी बन गई है। तब इस शोधित जल को भी पंचगंगा में छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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Pahalgam attack: Over 1,700 detained

Business News - April 25, 2025 - 11:08pm
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