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कर्नाटक में दरिंदगी! हैवानों ने मांगे 100 रुपये, नहीं देने पर इजरायली पर्यटक और होमस्टे मालिक के साथ गैंगरेप; साथी की हत्या

Dainik Jagran - National - March 8, 2025 - 8:19pm

पीटीआई, कोप्पल। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) के अवसर पर कर्नाटक के हम्पी में मावनता को शर्मसार करने वाली दरिंदगी की विभत्स घटना सामने आई है। कुछ लोगों ने इजरायली टूरिस्ट समेत दो महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म किया, फिर उनके एक पुरुष साथी की हत्या कर दी।

हम्पी में नहर किनारे तीन पुरुष पर्यटकों के साथ महिलाएं संगीत सुन रही थीं, तभी यह वारदात हुई। बाइक से आए तीन लोगों ने पुरुष पर्यटकों को नहर में ढकेल दिया, फिर सामूहिक दुष्कर्म किया।

तीनों अभियुक्त को किया गया गिरफ्तार

पुलिस ने शनिवार को बताया कि हम्पी के पास तारों को निहारने (Star Gazing) और संगीत सुनने के दौरान 27 वर्षीय इजरायली पर्यटक समेत दो महिलाओं के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया और उन पर हमला किया गया। महिलाओं के साथ मौजूद तीन पुरुष पर्यटकों पर भी हमला किया गया और उन्हें नहर में ढकेल दिया गया। उनमें से एक की मौत हो गई।

कोप्पल के पुलिस अधीक्षक राम एल. अरासिद्दी ने बताया, ''तीनों आरोपितों में से हमने दो को गिरफ्तार कर लिया है और मामले में तीसरे संदिग्ध को पकड़ने की कोशिश जारी है।''

  • गिरफ्तार आरोपितों की पहचान मल्लेश और चेतन साई के रूप में हुई है।
  • दोनों की उम्र 21 साल है और वे गंगावती इलाके के साई नगर के रहने वाले हैं और राजमिस्त्री का काम करते हैं।
  • घटना गुरुवार रात करीब 11 बजे हुई।

पुलिस ने बताया कि डिनर के बाद 29-वर्षीय होमस्टे ऑपरेटर, इजरायली पर्यटक और तीन पुरुष पर्यटकों के साथ सनापुर झील के पास तुंगभद्र नहर के बाएं किनारे पर बैठ गिटार बजा रही थी। वे सभी संगीत का आनंद ले रहे थे और तारों को निहार रहे थे।

100 रुपये मांगे, नहीं देने पर किया दुष्कर्म

पुलिस ने बताया कि पुरुष पर्यटकों में से एक अमेरिका से था, जबकि अन्य ओडिशा और महाराष्ट्र से थे। पुलिस के अनुसार, अपनी शिकायत में होमस्टे ऑपरेटर ने आरोप लगाया कि जब वे नहर किनारे अपने मनोरंजन में मशगुल थे तो मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोग उनके पास आए और पूछा कि उन्हें पेट्रोल कहां मिलेगा। जब उसने उन्हें बताया कि आस-पास कोई पेट्रोल पंप नहीं है और सुझाव दिया कि वे सनापुर से पेट्रोल ले लें तो आरोपितों ने उससे 100 रुपये मांगे।

एफआईआर के मुताबिक, ''चूंकि होमस्टे ऑपरेटर उन्हें नहीं जानती थी, इसलिए उसने उनसे कहा कि उनके पास पैसे नहीं हैं। जब मोटरसाइकिल सवार तीन लोगों ने बार-बार जोर दिया तो ओडिशा के पुरुष पर्यटकों में से एक ने उन्हें 20 रुपये दे दिए। इसके बाद तीनों ने कथित तौर पर उनसे बहस करना शुरू कर दिया और पत्थरों से उनके सिर फोड़ने की धमकी दी।''

गाली दिया, नहर में ढकेला और दुष्कर्म किया

जब उन लोगों ने उन्हें और पैसे देने से मना कर दिया तो कन्नड़ और तेलुगु बोलने वाले आरोपितों ने उन्हें गाली देना शुरू कर दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसके बाद उन्होंने होमस्टे ऑपरेटर और इजरायली पर्यटक के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया और तीन पुरुष पर्यटकों को नहर में ढकेल दिया।

एफआईआर में कहा गया है, ''दो आरोपितों ने होमस्टे ऑपरेटर को बुरी तरह से पीटा जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई, जबकि तीसरे आरोपित ने आक्रामक तरीके से तीन पुरुष पर्यटकों को नहर में ढकेल दिया।''

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Tejashwi Yadav: चुनाव से पहले तेजस्वी ने कर दिया एक और वादा, बोले- सत्ता आई तो जन्म से लेकर कमाने तक...

Dainik Jagran - March 8, 2025 - 8:09pm

राज्य ब्यूरो, पटना। इस बार के विधानसभा चुनाव को ''अभी नहीं तो कभी नहीं'' जैसे मान कर राजद लगातार वादे कर रहा।

इस क्रम में शनिवार को बापू सभागार में आयोजित माई-बहिन महासम्मेलन में तेजस्वी यादव ने वादा किया कि अगर वे सत्ता में आए तो महिला लाभार्थी योजना लाएंगे।

इस योजना के अंतर्गत जन्म लेने से लेकर स्वावलंबी बनने तक बेटियों को सरकार आर्थिक और दूसरी सहायता देगी। उसमें शिक्षण-प्रशिक्षण से लेकर नौकरी-रोजगार तक की व्यवस्था होगी।

इसी के साथ उन्होंने माई-बहिन मान योजना सहित अपने वे दूसरे वादे गिनाए, जो वे समय-समय पर करते रहे हैं। महिलाओं से आग्रह किया कि वे गांव-जवार के लोगों को इन वादों से अवगत कराएं।

राबड़ी देवी के बारे में क्या बोले तेजस्वी?
  • पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बारे में सदन में हुई टिप्पणी पर तेजस्वी क्षुब्ध रहे। कहा कि सरकार बनवाने के लिए भाभी का रिश्ता बना लेते हैं और विधान परिषद में अशोभनीय व्यवहार करते हैं।
  • राबड़ी देवी बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री पद की एक गरिमा होती है। उन्होंने (नीतीश कुमार) राबड़ी देवी के लिए जिस भाषा का उपयोग किया, वह अच्छी नहीं है।
  • राबड़ी देवी उनसे बड़ी हैं। वह अविभाजित बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। रितु जायसवाल ने चुनावी संघर्ष में महिला प्रकोष्ठ की सक्रिय सहभागिता के लिए आश्वस्त किया।
  • महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष कांति सिंह, पूर्व मंत्री अनिता देवी, मुख्यालय प्रभारी मुकुंद सिंह आदि उपस्थित रहीं।
लालू की बीमारी का हवाला दे तेजस्वी के लिए राबड़ी ने जोड़े हाथ

पति लालू प्रसाद के गिरते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए राबड़ी देवी ने महिलाओं से एकजुट हो तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की अपील की।

उन्होंने कहा कि तेजस्वी जो कहते हैं, वह करते हैं। लालू ने गरीबों को आवाज दिया। पिछड़े, अनुसूचित जाति व गरीबों के उत्थान का काम किया। महिलाओं के हित में राजद सदैव प्रतिबद्ध रहा है।

उन्होंने कहा कि आज न तो रोजगार मिल रहा और न ही नौकरी। पलायन बढ़ गया है। जितनी महंगाई है, उसमें एक आदमी की कमाई से बच्चे को नहीं पढ़ा सकते।

सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती, क्योंकि बिना पढ़े-लिखे शिक्षक नियुक्त हो रहे हैं। गरीबी कम नहीं हो रही। इसलिए मैं अनुरोध करती हूं कि तेजस्वी की सरकार बनाएं। लालूजी बीमार रहते हैं।

उनका तीन-चार ऑपरेशन हुआ है। सभी लोग राजद को वोट देते हैं, लेकिन सारा वोट कहां चला जाता है! ये लोग वोट में गड़बड़ी करते हैं! झूठे केस में फंसा देते हैं। बार-बार नोटिस भेजते हैं।

एक ही बात को हजार बार पूछा जाता है। हमें बहुत परेशान किया जाता है। न हम लोग चोरी करते हैं, न चोरी किए हैं। मैं गरीबों का झंडा नहीं झुकने दूंगी।

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महिला RPF के पास होगा मिर्च स्प्रे, रेलवे महानिदेशक ने बताई इस फैसले की वजह

Dainik Jagran - National - March 8, 2025 - 7:55pm

जेएनएन, भोपाल। महिला यात्रियों की सुरक्षा को और प्रभावी बनाने के लिए भारतीय रेलवे ने एक अहम कदम उठाया है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की महिला कर्मियों को अब मिर्च स्प्रे कैन से लैस किया जाएगा, जिससे वे आपातकालीन परिस्थितियों में अधिक सशक्त और प्रभावी ढंग से कार्रवाई कर सकेंगी।

यह निर्णय विशेष रूप से महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और महिला आरपीएफ कर्मियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। भारतीय रेलवे ने यह कदम उन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए उठाया है, जहां महिला यात्री असुरक्षित महसूस कर सकती हैं। सुनसान रेलवे स्टेशन, चलती ट्रेनें और दूरस्थ स्थानों पर तैनात महिला आरपीएफ कर्मियों को मिर्च स्प्रे से लैस करना उन्हें संभावित खतरों से निपटने में मदद करेगा।

रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के महानिदेशक मनोज यादव ने इस पहल को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा,"यह निर्णय महिला सशक्तिकरण और सार्वजनिक स्थलों को अधिक सुरक्षित बनाने के हमारे मिशन के अनुरूप है। महिला आरपीएफ कर्मियों को मिर्च स्प्रे देकर हम न केवल उनकी सुरक्षा बढ़ा रहे हैं, बल्कि उनकी कार्यक्षमता और आत्मविश्वास को भी मजबूत कर रहे हैं।"

भोपाल रेल मंडल में 45 महिला RPF कर्मी तैनात

भोपाल रेल मंडल में कुल 500 से अधिक आरपीएफ जवान हैं, जिनमें करीब 45 महिला जवान कार्यरत हैं। इन महिला कर्मियों को न केवल मिर्च स्प्रे कैन से लैस किया जाएगा, बल्कि उन्हें आत्मरक्षा और संकट प्रबंधन की विशेष ट्रेनिंग भी दी जाएगी, जिससे वे किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में प्रभावी ढंग से कार्रवाई कर सकें।

'मेरी सहेली' टीम का अहम योगदान

भारतीय रेलवे महिला सुरक्षा को लेकर विशेष रूप से सतर्क है। वर्तमान में आरपीएफ में 9% महिलाएं कार्यरत हैं, जो कि किसी भी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) में महिलाओं का सबसे अधिक अनुपात है। इनमें से कई महिला आरपीएफ कर्मी 'मेरी सहेली' टीम का हिस्सा हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य ट्रेनों में सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

देशभर में 250 से अधिक 'मेरी सहेली' टीमें प्रतिदिन लगभग 12,900 महिला यात्रियों से संपर्क स्थापित कर उनकी सहायता करती हैं। संकट की स्थिति में महिला आरपीएफ कर्मी तुरंत सहायता के लिए आगे आती हैं, जिससे यात्रियों को अधिक सुरक्षित यात्रा अनुभव मिलता है।

महिला सुरक्षा पर रेलवे की विशेष योजना

भोपाल रेल मंडल के कमांडेंट प्रशांत यादव ने बताया कि हाल ही में कुछ जोनों में महिला आरपीएफ कर्मियों पर हमले की घटनाएं सामने आई हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मिर्च स्प्रे उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा,"हमारी महिला कर्मी न केवल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी, बल्कि अन्य महिला यात्रियों में भी जागरूकता बढ़ाने का कार्य करेंगी।"

इस पहल से न केवल महिला आरपीएफ कर्मियों की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि महिला यात्रियों को भी अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद माहौल मिलेगा।

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Bihar News: सभी राजस्व कर्मियों और अधिकारियों तक पहुंचा मंत्री का नया ऑर्डर, सख्त कार्रवाई करने की मिली चेतावनी

Dainik Jagran - March 8, 2025 - 7:04pm

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों से कहा है कि अगर उनकी कोई गड़बडी सामने आई तो सख्त कार्रवाई होगी।

उन्होंने जमुई के खैरा में निगरानी विभाग द्वारा जमीन के परिमार्जन के लिए 60 हजार रुपये घूस लेते पकड़े गए राजस्व कर्मचारी आशीष कुमार पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

उन्होंने आमजन से अपील की कि विभाग की सभी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं। अपने मोबाइल या पास के वसुधा केंद्र से निर्धारित राशि का भुगतान कर ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।

आमलोगों को किसी अधिकारी-कर्मचारी से मिलने की जरूरत नहीं है। सभी ऑनलाइन सेवाओं में काम के लिए समय निर्धारित है। मुख्यालय में टीम बनाकर उसकी मॉनीटरिंग हो रही है।

दानापुर व खगौल नगर परिषद से जुड़ेंगे चार-चार पंचायत के नौ-नौ राजस्व ग्राम के क्षेत्र

इसके अलावा, बिहार में नीतीश सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। दानापुर प्रखंड के अंर्तगत आने वाले चांर पंचायत के नौ राजस्व ग्राम दानापुर नगर परिषद में शामिल होंगे।

वहीं, खगौल नगर परिषद में चार पंचायत के नौ राजस्व ग्राम शामिल होंगे। इसको लेकर कार्रवाई शुरू हो गयी। इसकी सूची नगर परिषद को भेजी जा चुकी है।

ये होगा फायदा
  • विश्वस्त सूत्रों की मानें तो कार्रवाई तेज हो गयी है। जिससे दोनों नगर परिषद क्षेत्र का विस्तार हो जाएगा। वार्ड की संख्या भी बढेगी।
  • पंचायतो के कुछ पंचायत के गांव का नगर परिषद में शामिल किये जाने को लेकर चर्चा होने लगी है। नगर परिषद से लेकर इलाके में भी इसको लेकर चर्चा जोरो पर है। सभी इसे पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।
  • पंचायतों के इन गांवो को नगर परिषद में शामिल होने से उन्हे नगर परिषद वाली सुविधा मिलने लगेगी। जिससे लोगों को बहुत फायदा होगा।
ये क्षेत्र होंगे शामिल

दानापुर नगर परिषद में मोबारकपुर-रघुरामपुर पंचायत के राजस्व ग्राम फरीदनपुर व मैनपुरा, जमसौत पंचायत के जमसौत का आंशिक एवं ढिबरा, कोथवां पंचायत के कोथवां व मुस्तफापुर का आंशिक तथा लखनीबिगहा पंचायत के बबक्करपुर नसरीपुर एवं आशोपुर का आंशिक क्षेत्र शामिल होगा।

जबकि खगौल नगर परिषद में सरारी पंचायत के सरारी राजस्व ग्राम का आंशिक व खेदलपुरा, लखनीबिगहा पंचायत के आशोपुर आंशिक, आदमपुर, लखनीबिगहा व संदलपुर जमालुद्दीनचक पंचायत के बड़ी खगौल व सैदपुरा एवं कोथवां पंचायत के मुस्तफापुर के आंशिक क्षेत्र शामिल होगा। जिससे इन राजस्व ग्राम के लोगो को नगर परिषद वाली सुविधा का लाभ मिलेगा।

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Bihar Politics: चुनाव से पहले JDU ने दे दिया बड़ा संकेत! नए दावे से बिहार में तेज हुई राजनीति

Dainik Jagran - March 8, 2025 - 6:37pm

राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू प्रदेश कार्यालय में शनिवार को नारी शक्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि महिलाओं को न्याय और गरिमा दिलाने में नीतीश कुमार का कोई मुकाबला नहीं है।

जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार ने महिलाओं को न्याय और गरिमा दिलाने और उनकी उम्मीदों को पंख देने के लिए जिस वैचारिक शुद्धता और प्रतिबद्धता के साथ काम किया है, वैसा पूरे देश में दूसरा उदाहरण नहीं मिलेगा।

2025 में 225 का संकल्प होगा पूरा

JDU प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एनडीए जिला सम्मेलनों में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के मुकाबले अधिक थी। आने वाले विधानसभा चुनाव में महिलाएं एक बार फिर से एनडीए गठबंधन की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

उन्होंने कहा कि जिला सम्मेलनों में महिलाओं की भागीदारी यह दर्शाता है कि 2025 में 225 और फिर से नीतीश का संकल्प निश्चित रूप से साकार होगा।

नीतीश कुमार के शासनकाल में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई ऐतिहासिक काम किए गए। अब महिलाओं को सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया जा रहा है। महिलाओं की मांग पर बिहार में शराबबंदी लागू की गई।

सभी क्षेत्र में सशक्त हो रही महिला

इस मौके पर परिवहन मंत्री शीला मंडल ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर और जननायक कर्पूरी ठाकुर के सपनों को नीतीश कुमार पूरा कर रहे हैं। महिलाएं सभी क्षेत्र में सशक्त हो रही हैं।

जदयू महिला प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉ. भारती मेहता ने कहा कि नीतीश कुमार ने महिलाओं को ताकत देकर विकास की मुख्यधारा में शामिल किया है। बिहार लैंगिक समानता का अगुआ बना है।

पूर्व मंत्री डॉ. रंजू गीता ने कहा कि बिहार की आम अवाम की सेवा के लिए हमें फिर नीतीश कुमार के हाथों में बिहार की बागडोर सौंपने का संकल्प लेना है। विधायक शालिनी मिश्रा ने कहा कि महिलाओं को असली आजादी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी।

वाल्मीकिनगर पहुंचे सीएम, वाल्मीकि महोत्सव का किया उद्घाटन

वहीं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को शाम 4.07 बजे बगहा के वाल्मीकिनगर पहुंचे। वे नदी घाटी परियोजना प्लस टू स्कूल में वाल्मीकि महोत्सव का उद्घाटन किया। सीएम यहां 40 मिनट तक रूके, फिर पटना के लिए रवाना हो गए।

इस कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के मंत्री जनक, विजय चौधरी समेत एक दर्जन जनप्रतिनिधि, मंत्री और गणमान्य उपस्थित थे।

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Bihar News: केंद्र को बिहार से लिखा गया नया पत्र, 2 राज्यों के एयरपोर्ट का नाम लेकर उठी बड़ी मांग

Dainik Jagran - March 8, 2025 - 6:37pm

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार चैम्बर आफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ने केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू को पत्र लिखकर हवाई यात्री की सुविधा के लिए पटना, गया और दरभंगा एयरपोर्टस पर किफायती उड़ान यात्री कैफे खोलने की मांग की है।

चैम्बर अध्यक्ष सुभाष पटवारी ने बताया कि भारत सरकार एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के पहल पर देश के दो एयरपोर्टस चेन्नई एवं कोलकाता में किफायती उड़ान यात्री कैफे का प्रारंभ किया गया है।

यहां पर यात्रियों को पानी का बोतल 10 रुपये, चाय 10 रुपये, काफी 20 रुपये एवं स्नैक्स 20 रुपये रुपये में दिया जा रहा है, लेकिन जहां पर उड़ान यात्री कैफे नहीं हैं।

वहां पर पानी, चाय, काफी या स्नैक्स के लिए यात्रियों को 100-250 रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है, जो आम यात्रियों के लिए असुविधाजनक है।

पटवारी ने कहा कि बिहार एक आर्थिक रूप से पिछड़ा राज्य है और लोगों की भुगतान क्षमता कम है। बिहार से काफी संख्या में खाड़ी देशों में काम करने वाले मजदूरों का आना-जाना रहता है।

उन्होंने कहा कि यदि पटना के साथ-साथ गया एवं दरभंगा एयरपोर्टस पर ‘उड़ान यात्री कैफे’ का प्रारंभ हो जाए तो राज्य के आम यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।

इन नेताओं को भी लिखा गया पत्र
  • पटवारी ने कहा कि इस आशय का एक-एक पत्र केंद्र में बिहार के मंत्री जीतन राम मांझी, गिरीराज सिंह, राजीव रंजन सिंह के साथ-साथ सांसद रविशंकर प्रसाद, विवेक ठाकुर, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, गोपाल जी ठाकुर को भी पत्र लिखा है।
  • इसमें आग्रह किया है कि राज्य के हवाई यात्रियों के व्यापक हीत में वे भी इस संबंध में अपने-अपने स्तर से नागर विमानन मंत्रालय, भारत सरकार को लिखे। इससे कि चैम्बर के पहल को और बल मिल सके और शीघ्रातिशीघ्र यहां पर भी उड़ान यात्री कैफे खुल सके।
तीसरे दिन भी पानी संकट, जलापूर्ति केंद्र नहीं हो सका चालू

अनीसाबाद पुलिस कॉलोनी जलापूर्ति केंद्र तीसरे दिन भी चालू नहीं हो सका। लोग दिन भर जलापूर्ति केंद्र के चालू होने का इंतजार करते रहे।

पटना नगर निगम के जलापूर्ति प्रमंडल के अभियंताओं का कहना है कि शुक्रवार को देर रात तक जलापूर्ति केंद्र को चालू कर दिया जाएगा। मोटर को बदलने का कार्य चल रहा है।

बता दें कि बुधवार को दोपहर में जलापूर्ति केंद्र का मोटर जला था, गुरुवार को एक मोटर लगाया गया, उसमें भी तकनीकी खराबियां आ गई। वह भी नहीं चल पाया। इस क्षेत्र के निवासी जलापूर्ति का इंतजार करते रह गए।

शुक्रवार को शाम से ही मोटर बदलने का कार्य चल रहा है। जलापूर्ति बंद होने के कारण पुलिस कॉलोनी, अनीसाबाद, पहाड़पुर, बालमीचक, ब्राम्हपुर के आसपास पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है।

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Vernal Equinox 2025: जब दिन और रात होते हैं बराबर, क्या है वैज्ञानिक महत्व?

Dainik Jagran - National - March 8, 2025 - 6:27pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 20 मार्च 2025 को वसंत विषुव (Vernal Equinox 2025) होगा। इसे Spring Equinox भी कहा जाता है। यह एक प्राकृतिक घटना है। ये साल भर में दो बार होता है। इस दिन दिन और रात लगभग बराबर होते हैं। इस दिन सूर्य सीधे भूमध्य रेखा के ऊपर होता है। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में वसंत ऋतु की शुरूआत होती है जबकि दक्षिणी गोलार्ध शरद ऋतु में प्रवेश करता है।

यह खगोलीय घटना वर्ष में दो बार होती है, जब दुनिया भर में दिन और रात की लंबाई लगभग बराबर होती है। ये घटना पृथ्वी के अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुके रहने की वजह से होती है, इसी के जरिए सूर्य की रोशनी का वितरण लगभग बराबर होता है।

साल में दो बार होती है ये घटना

विषुव साल में दो बार लगभग 20 या 21 मार्च और 22 या 23 सितंबर को होता है, जब सूर्य सीधे भूमध्य रेखा के ऊपर होता है। विषुव के दौरान उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध दोनों में दिन एवं रात बराबर होते हैं। वसंत विषुव उत्तरी गोलार्द्ध में 20 या 21 मार्च को होता है, जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में यह 22 या 23 सितंबर को होता है।

Vernal Equinox का सांस्कृतिक महत्व

वसंत विषुव वसंत को दुनिया भर की कई सभ्याताओं में एक सौर त्योहार के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन से ही मौसम में बदलाव की शुरूआत होती है। सदियों से साइप्रस से एफ़्रोडाइट, मिस्र से हैथोर और स्कैंडिनेविया के ओस्टारा और सेल्ट्स ने साल के इस समय उत्सव मनाकर परंपरा को जारी रखा है।

दुनिया भर के बूतपरस्त लोग आज भी इसे त्योहार के तौर पर मनाते हैं। दरअसल इन लोगों को मानना होता है कि मौसम में हो रहे इस बदलाव में ईश्वर की इच्छा है और वह इसके लिए उनका शुक्रिया अदा करते हैं। 

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'सरकारी नौकरी के पद कम, कैंडिडेट ज्यादा', सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी; इस मामले में हाईकोर्ट का आदेश पलटा

Dainik Jagran - National - March 8, 2025 - 5:50pm

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि देश में सरकारी नौकरियों की चाह रखने वालों की संख्या उपलब्ध नौकरियों से कहीं अधिक है। कोर्ट ने सिविल भर्ती परीक्षा की 'पवित्रता से खिलवाड़' करने के आरोपी दो व्यक्तियों को जमानत देने के राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को रद कर दिया है।

इसने कहा कि इस कृत्य से संभवत: कई अन्य लोग भी प्रभावित हुए, जिन्होंने नौकरी पाने की उम्मीद में ईमानदारी से प्रयास किया था। जस्टिस संजय करोल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि इस तरह के कृत्य से लोक प्रशासन और कार्यपालिका में लोगों का विश्वास संभवत: कम होता है।

अदालत ने की अहम टिप्पणी

पीठ ने कहा, 'वास्तविकता यह है कि भारत में सरकारी नौकरियों की चाह रखने वालों की संख्या उपलब्ध नौकरियों से कहीं अधिक है। चाहे जो भी हो, प्रत्येक नौकरी जिसमें निर्धारित परीक्षा और/या साक्षात्कार प्रक्रिया के साथ स्पष्ट रूप से परिभाषित प्रवेश प्रक्रिया है, उसे केवल उसी के अनुसार भरा जाना चाहिए।'

पीठ ने यह भी कहा कि भर्ती प्रक्रिया में पूर्ण ईमानदारी लोगों में इस तथ्य के प्रति विश्वास पैदा करती है कि कतिपय पदों के वास्तविक हकदार ही ऐसे पदों पर नियुक्त किए गए हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश के हाईकोर्ट के पिछले साल मई के आदेश को चुनौती देने वाली अपीलों पर अपना फैसला सुनाया।

हाईकोर्ट ने दी थी जमानत
  • हाईकोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और राजस्थान लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2022 के प्रविधानों के तहत कथित अपराधों के लिए दर्ज एफआईआर के संबंध में दो आरोपियों को जमानत दे दी थी।
  • एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने सहायक अभियंता सिविल (स्वायत्त शासन विभाग) प्रतियोगी परीक्षा-2022 की 'पवित्रता' के साथ खिलवाड़ किया था। एफआईआर में दावा किया गया है कि उनमें से एक अभ्यर्थी की जगह एक अन्य व्यक्ति कथित तौर पर डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा में उपस्थित हुआ था।
  • इसमें यह भी आरोप लगाया गया कि अटेंडेंस शीट के साथ छेड़छाड़ की गई थी और मूल प्रवेश पत्र पर किसी अन्य व्यक्ति की फोटो चिपका दी गई थी। सात मार्च को दिए गए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने उल्लेख किया कि दोनों आरोपियों ने पहले ट्रायल कोर्ट का रुख किया था, जिसने उनकी संबंधित जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

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टायर जलाए, सड़कें खोदी... मणिपुर में फ्री मूवमेंट के पहले ही दिन सुरक्षाबलों और उग्रवादियों में झड़प

Dainik Jagran - National - March 8, 2025 - 5:18pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मणिपुर में 8 मार्च यानी आज से सुरक्षित यातायात के लिए Manipur Free Movement का आदेश दिया था। इसके तहत राज्यभर में बस सेवाएं शुरू की गई, जिसमें इंफाल से सेनापति जिले के रास्ते कांगपोकपी और इंफाल से विष्णुपुर तक की बस सेवाएं शामिल हैं। लेकिन इस आदेश के पहले ही रोज कुछ जगहों पर हिंसा भड़क गई।

कुकी जनजातियां अलग प्रशासन की कर रही मांग

बता दें कुकी जनजातियां तब तक स्वतंत्र आवागमन नहीं चाहतीं, जब तक कि राज्य से अलग प्रशासन बनाने की उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती। कई बसें राज्य की राजधानी इंफाल से 45 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में अवरोधकों को तोड़ते हुए आगे बढ़ते हुए दिखाई दी।

राजमार्ग को अवरुद्ध करने का प्रयास कर रही कुकी जनजाति की कई महिलाएं सुरक्षा बलों के लाठीचार्ज में घायल हो गईं। केंद्र ने घोषणा की है कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति शासन के अधीन आए राज्य में आज से कहीं भी सड़क अवरोध नहीं होगा।

Last week, Home Minster Amit Shah declared that free movement should be allowed across all roads in Manipur from March 8. In a state where so many issues remain unresolved, attempts to move a Manipur transport bus was met with opposition. Women blocked the road pic.twitter.com/Hr7Kp8FEo8

— Greeshma Kuthar (@jeegujja) March 8, 2025

कई इलाके में पत्थरबाजी और टायर जलाए गए

मणिपुर में कुकी बहुल कई इलाकों से झड़पों की खबरें आई हैं। स्थानीय लोगों द्वारा शेयर किए गए वीडियो में प्रदर्शनकारियों को वाहनों पर पत्थर फेंकते, सड़कें खोदते, टायर जलाते और बैरिकेड लगाते हुए देखा जा सकता है। कुछ लोगों ने सुरक्षा बलों पर अपशब्दों का इस्तेमाल किया और उन्हें वापस जाने के लिए कहा।

कुकी नेताओं और लगभग दो दर्जन उग्रवादी समूहों, जिन्होंने कार्रवाई स्थगन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और उनके अग्रणी नागरिक संगठनों ने मांग की है कि केंद्र सरकार समुदायों को मणिपुर में खुलेआम घूमने की इजाजत देने से पहले एक अलग प्रशासन दे।

पहले भी की गई थी आवागमन शुरू करने की कोशिश

दिसंबर 2024 में मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी राज्य में आवागमन को फिर से शुरू रखने की लिए कदम उठाए थे लेकिन कोई यात्री ही स्टेशन पर नहीं आया था। उन्होंने इम्फाल से कांगपोकपी और चुराचांदपुर तक सरकारी बसों की सुविधा शुरू की थी. लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली।

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1.3 करोड़ रुपये देकर ललित मोदी ने खरीदी Vanuatu की नागरिकता, यह छोटा देश क्यों है भगोड़ों की पनाहगाह

Dainik Jagran - National - March 8, 2025 - 5:08pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष और IPL के संस्थापक ललित मोदी को लेकर विदेश मंत्रालय ने एक नया खुलासा किया है।

विदेश मंत्रालय ने बताया है कि ललित मोदी ने अपना भारतीय पासपोर्ट जमा कर दिया है। इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने बताया कि भगोड़े ललित मोदी ने वनातु (Vanuatu, Oceania) की नागरिकता हासिल कर ली है। यानी अब उन्हें भारत लाना और भी मुश्किल होगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए आवेदन किया है. मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं के तहत इसकी जांच की जाएगी. हमें यह भी बताया गया है कि उन्होंने वनातु की नागरिकता हासिल कर ली है. हम कानून के तहत उनके खिलाफ मामले को आगे बढ़ा रहे हैं."

ललित मोदी पर क्या हैं आरोप?

ललित मोदी पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के उपाध्यक्ष रहते हुए हेराफेरी, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (फेमा) का उल्लंघन करने का आरोप है। अनधिकृत फंड ट्रांसफर सहित वित्तीय कदाचार के लिए जांच के दौरान उन्होंने 2010 में भारत छोड़ दिया था।

वनातु देश कहां है और भगोड़ों के लिए क्यों खास है यहां की नागरिकता?

वनातु साउथ पैसेफिक आईलैंड में बसा के एक देश है। यह देश 80 द्वीपों को मिलाकर बना है। यह करीब 1300 किलोमीटर के स्ट्रेच पर बसा है। रिपोर्ट के मुताबिक, वनातु की आबादी महज तीन लाख है। कैपिटल इन्वेस्टमेंट इमिग्रेशन प्लान के तहत इस देश की नागरिकता ली जा सकती है। इसके लिए 1 लाख 55 हजार अमेरिकी डॉलर (1.3 करोड़ रुपये) का निवेश करना होता है।

इस देश को टैक्स हैवन देश के तौर पर माना जाता है। यहां नागरिकता लेने के लिए आपको बगैर इस देश में कदम रखे ऑनलाइन माध्यम से नागरिकता मिल जाती है। इस देश में किसी भी तरह का कैपिटल टैक्स, प्रॉपर्टी या इनकम टैक्स नहीं लगता है। यह देश भगोड़ो के लिए पसंदीदा माना जाता है।

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COVID-19 के 5 साल बाद भी उबर नहीं पाई दुनिया की इकोनॉमी, 2019 के बाद से क्या-क्या बदला?

Dainik Jagran - National - March 8, 2025 - 5:05pm

रॉयटर्स, नई दिल्ली। जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को महामारी के तौर पर घोषित किया था, तब लोगों ने नई आदतें अपनानी शुरू कीं। उस दौर को बीते 5 साल हो चुके हैं, लेकिन अभी भी ग्लोबल इकोनॉमी पर इसका असर महसूस किया जाता है।

कोविड-19 और इससे निपटने के प्रयासों के मद्देनजर सरकारों पर रिकॉर्ड मात्रा में कर्ज बढ़ा, लेबर मार्केट पर असर पड़ा, लोगों ने अपनी आदतें बदलीं, रिमोट वर्क, डिजिटल पेमेंट में बढ़ोतरी हुई और ट्रैवल पैटर्न में भी बदलाव देखने को मिला।

सरकारों पर काफी बढ़ गया कर्ज

2020 के बाद से ग्लोबल सरकारी कर्ज में 12 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है। लॉकडाउन हटने के बाद कई सरकारों ने प्रोत्साहन पैकेज दिया। इस दौरान लेबर और रॉ मैटेरियल की कमी के कारण कई देशों में मुद्रास्फीति काफी तेजी से बढ़ी।

भरपाई के लिए केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरें बढ़ा दीं। कई एजेंसियों के डेटा में भी सरकारों द्वारा ज्यादा ऋण लेने की प्रवृत्ति दिखाई देती है। इसके कारण वित्तीय चुनौतियां भी बढ़ी हैं।

रोजगार पर भी पड़ा असर
  • लॉकडाउन के वक्त लाखों लोगों ने अपनी नौकरी गंवा दी। इसका सबसे अधिक प्रभाव महिलाओं पर पड़ा। लॉकडाउन खत्म हुआ, तो पुरुष नौकरी पर वापस लौट गए। लेकिन घर-परिवार की जिम्मेदारी के कारण महिलाओं की भागीदारी कम ही रही।
  • वर्क फ्रॉम होम के चलते आज भी लंदन जैसे शहरों में यातायात पर दबाव काफी कम है। लोग पहले की तरह ही घूम-फिर रहे हैं, लेकिन फिर भी शहरों में आवागमन कम हो गया है। हालांकि फ्लाइट और होटलों की कीमतें बढ़ी हैं।
ऑनलाइन खरीदारी में आई तेजी

लॉकडाउन में जब घरों से निकलना संभव नहीं था, तब लोगों ने ऑनलाइन शॉपिंग को तरजीह दी। कोविड खत्म हो गया, लेकिन ये आदत अभी भी बरकरार है। हालांकि यूरोप जैसी जगहों पर लोग ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों जगहों से समान खरीदारी कर रहे हैं।

दिसंबर 2019 से बिटकॉइन की कीमत 1,233% बढ़ गई है। लोगों ने अब इन्वेस्टमेंट करना शुरू कर दिया है। महामारी के दौरान डिजिटल और डिलीवरी फर्म के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, साथ ही वैक्सीन बनाने वाली दवा कंपनियों के शेयरों में भी बढ़त दर्ज की गई।

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