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होली पर बदलेगा मौसम, यूपी-हरियाणा और पंजाब समेत इन 11 राज्यों में दो दिन बारिश का अनुमान; पढ़िए वेदर अपडेट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में आज बादल छाए रहने और रात में बूंदाबांदी होने की संभावना जताई है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद समेत पूरे एनसीआर में आज रात से फिर मौसम करवट लेगा। मौसम विभाग ने मौसम को लेकर लेटेस्ट अपडेट जारी किया है।
देश के कई राज्यों में बारिश के आसार जताए जा रहे हैं। दक्षिणी तमिलनाडु के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। दक्षिणी तमिलनाडु में भारी बारिश के आसार हैं।
राजस्थान में बारिश की संभावनाआगामी दो दिनों में बीकानेर, जयपुर व भरतपुर संभाग के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश होने की संभावना है और तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक गिरावट होने के आसार हैं। वहीं संगरिया में सबसे कम न्यूनतम तापमान बुधवार सुबह 13.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
कहां कैसा रहेगा मौसम?- आज यानी 13 मार्च से उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकतर इलाकों में बारिश का दौर शुरू होने वाला है। इससे लू वाले इलाकों को राहत मिलेगी।
- वहीं, दिल्ली को भी दिनभर की गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है। लेकिन पहाड़ों पर बर्फबारी अभी जारी रहने वाली है। वहीं कुछ राज्यों में हीटवेव का दौर चल रहा है।
- अब से 16 मार्च तक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में गरज और बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है।
- 14 मार्च को लद्दाख, गिलगित बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश जम्मू कश्मीर में अलग-अलग स्थानों पर बारिश की संभावना है।
13 और 14 मार्च को और दिल्ली एनसीआर के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश और गरज के साथ बारिश हो सकती है। 14 मार्च तक सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
नागालैंड, मणिपुर में बारिश के आसार16 मार्च तक असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में छिटपुट बारिश और गरज के साथ बारिश संभव है। 13 से 14 मार्च को पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर में हल्की बारिश और गरज के साथ बारिश हो सकती है।
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भारत ने म्यांमार-थाईलैंड सीमा से 549 भारतीयों को बचाया, साइबर क्राइम सेंटरों से छुड़ाकर हुई वतन वापसी
पीटीआई, नई दिल्ली। म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर स्थित साइबर क्राइम सेंटरों से छुड़ाकर भारत अपने 549 नागरिकों को दो सैन्य विमानों से वापस लेकर आया है। ये भारतीय नागरिक नौकरी के फर्जी प्रस्तावों के शिकार हुए थे।
सोमवार को 283 भारतीयों को भी वापस लाया गया थाविदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'भारत सरकार ने मंगलवार को भारतीय वायुसेना के विमान से 266 भारतीयों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की। इसी तरह सोमवार को 283 भारतीयों को भी वापस लाया गया था।'
उन्होंने बताया कि अधिकांश भारतीय नागरिक महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के थे और उन्हें थाईलैंड अथवा म्यांमार में नौकरी का फर्जी प्रस्ताव दिया गया था। बाद में उन्हें म्यांमार के म्यावाड्डी क्षेत्र में साइबर क्राइम सेंटरों में ले जाया गया था।
म्यांमार और थाईलैंड के साथ काम कर रहा भारतजायसवाल ने बताया कि म्यांमार और थाईलैंड में स्थित भारतीय दूतावासों ने भारतीयों की रिहाई और स्वदेश वापसी के लिए दोनों देशों की सरकारों के साथ मिलकर काम किया।
बांग्लादेश सीमा पर भारत ने पकड़े 2601 बांग्लादेशीगृह मंत्रालय ने राज्यसभा को सूचित किया है कि पिछले 13 महीनों में भारत-बांग्लादेश सीमा पर 2,601 बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करते समय पकड़ा गया है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित उत्तर में बताया कि ये गिरफ्तारियां एक जनवरी 2024 से 31 जनवरी 2025 के बीच हुईं।
अक्टूबर में पकड़े गए 300 बांग्लादेशीजनवरी 2025 में 176 बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ा गया, जो कि बीएसएफ की सतर्कता का परिणाम है। 2024 के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में 253, नवंबर में 310, अक्टूबर में 331 और सितंबर में 300 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए। मई 2024 में सबसे कम 32 लोग पकड़े गए।
बढ़ाई गई बांग्लादेश सीमा की सुरक्षासरकार ने सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एडवांस्ड सर्विलांस, मैन पावर बढ़ाने और तकनीकी एकीकरण का सहारा लिया है। इन उपायों में हैंड-हेल्ड थर्मल इमेजर्स, नाइट विजन डिवाइस, यूएवी, सीसीटीवी/पीटीजेड कैमरे, आईआर सेंसर और असम के धुबरी में कंप्रीहेंसिव इंटिग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (सीआईबीएमएस) शामिल हैं।
सीमा पर लगातार पेट्रोलिंग, नाके, अवलोकन पोस्ट और स्थानीय पुलिस व सीमा गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ संयुक्त अभियान चलाए जाते हैं।
Starlink की एंट्री पर IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया पोस्ट, फिर बाद में कर दिया डिलीट
आइएएनएस, नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एलन मस्क के स्टारलिंक के लिए एक स्वागत संदेश पोस्ट किया और फिर करीब एक घंटे बाद इसे हटा दिया। केंद्रीय मंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि स्टारलिंक का भारत में स्वागत है। दूरदराज के क्षेत्रों की रेलवे परियोजनाओं के लिए यह उपयोगी होगा।
एयरटेल और जियो एकसाथ आएभारत की प्रमुख दूरसंचार दिग्गज, एयरटेल और जियो प्लेटफार्म्स ने देश में स्टारलिंक इंटरनेट सेवाएं लाने के लिए स्पेसएक्स के साथ साझेदारी की है। भारत में स्टारलिंक इंटरनेट सेवा लाने के लिए स्पेसएक्स के साथ साझेदारी करने की एयरटेल की घोषणा के एक दिन बाद जियो ने अमेरिकी कंपनी के साथ इसी तरह के समझौते की घोषणा की।
भारती मित्तल बोले- एक नया युग आ रहा हैएयरटेल और स्पेसएक्स एयरटेल के खुदरा स्टोरों में स्टारलिंक उपकरण, एयरटेल के माध्यम से व्यावसायिक ग्राहकों को स्टारलिंक सेवाएं, समुदायों, स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों को जोड़ने के अवसर, यहां तक कि भारत के सबसे ग्रामीण हिस्सों में भी उपलब्ध कराने की संभावनाएं तलाशेंगे। भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक और अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने कहा कि ग्राहकों के लिए निर्बाध वैश्विक कनेक्टिविटी का एक नया युग आ रहा है।
भारती एयरटेल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और उपाध्यक्ष गोपाल विट्टल ने कहा कि भारत में एयरटेल ग्राहकों को स्टारलिंक की पेशकश करने के लिए स्पेसएक्स के साथ काम करना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और यह अगली पीढ़ी की उपग्रह कनेक्टिविटी के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सुनील भारती मित्तल ने कही ये बातभारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक और अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने कहा कि भविष्य में 4जी, 5जी और 6जी की तरह ही अब हमारे पास एक और तकनीक होगी, वह है सैट-जी। रिलायंस समूह की डिजिटल सेवा कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड ने बुधवार को स्टारलिंक के साथ अपने सौदे की घोषणा की।
स्टारलिंक सर्विसेज और इक्विपमेंट ऑफर करेंगेएयरटेल और जियो, दोनों SpaceX के साथ मिलकर स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को भारत में ला रहे हैं, जिससे वे देश के सबसे दूरदराज इलाकों में अपनी सर्विसेज दे सकेंगे। खास बात ये है कि एयरटेल और जियो दोनों की डील स्पेसएक्स को भारत में स्टारलिंक बेचने की जरूरी मंजूरी मिलने पर निर्भर है। अगर यह मंजूरी मिल जाती है, तो जियो और एयरटेल अपने स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के जरिए स्टारलिंक सर्विसेज और इक्विपमेंट ऑफर करेंगे।
क्या है स्टारलिंक?Starlink एक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस है, जिसे एलन मस्क की स्वामित्व वाली कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) कंपनी ने डेवलप किया है। ये सर्विस लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में मौजूद हजारों सैटेलाइट्स के एक नेटवर्क यानी कॉन्स्टलेशन के जरिए हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराती है। इसका मकसद उन रिमोट और ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट पहुंचाना है, जहां ट्रेडिशनल केबल या फाइबर इंटरनेट नहीं पहुंच पाता।
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रेलवे का नए नियम, ट्रेन में खाने की कीमतें और मेन्यू प्रदर्शित करना अनिवार्य, लोकसभा में रेल मंत्री ने दी जानकारी
पीटीआई, नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि ट्रेनों में यात्रियों को परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों का मेनू और मूल्य लिस्ट प्रदर्शित करना अनिवार्य है। उन्होंने एक लिखित उत्तर में कहा कि यात्रियों की जानकारी के लिए आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर सभी खाद्य पदार्थों का मेनू और दरें उपलब्ध हैं। सभी विवरणों के साथ मुद्रित मेनू कार्ड वेटरों के पास उपलब्ध कराए जाते हैं और यात्रियों को मांगने पर दिए जाते हैं।
यात्रियों को एसएमएस भेजना शुरूउन्होंने कहा कि पेन्ट्री कारों में भी रेट लिस्ट प्रदर्शित की गई है। इसके अलावा, भारतीय रेलवे में खानपान सेवाओं के मेनू और शुल्क के बारे में यात्रियों को जागरूक करने के लिए, मेनू और शुल्क के लिंक के साथ यात्रियों को एसएमएस भेजना शुरू किया गया है।
बिलासपुर-मनाली-लेह नई रेलवे लाइन की रिपोर्ट तैयारएक अन्य प्रश्न के जवाब में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बिलासपुर-मनाली-लेह नई रेलवे लाइन की अनुमानित लागत 1,31,000 करोड़ रुपये है, जो कारगिल को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। बिलासपुर-मनाली-लेह लाइन की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर-मनाली-लेह नई लाइन, जो आंशिक रूप से केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आती है, को रक्षा मंत्रालय द्वारा रणनीतिक लाइन के रूप में पहचाना गया है।
नई दिल्ली स्टेशन भगदड़ मामले में 2.01 करोड़ रुपये मुआवजा दिया गयाअश्विनी वैष्णव ने एक अन्य प्रश्न के जवाब में कहा कि 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में मारे गए या घायल हुए 33 परिवारों को कुल 2.01 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है।
इस मामले में प्रत्येक मृतक के परिजन को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.50 लाख रुपये और सामान्य रूप से घायलों को एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी गई है। यह भगदड़ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उस समय हुई जब प्रयागराज में महाकुंभ मेले के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही थी।
तीन तलाक के मामलों का डाटा केंद्र के पास नहीं रखा जाता: सरकारसरकार ने लोकसभा को बताया कि तीन तलाक विरोधी कानून के तहत दर्ज होने वाले मामलों का कोई डाटा केंद्र के स्तर पर नहीं रखा जाता क्योंकि कानून-व्यवस्था राज्य से जुड़ा विषय है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा सदस्य दीपक अधिकारी के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। सदस्य ने देश में तीन तलाक कानून पारित होने के बाद से दर्ज मामलों की संख्या का विवरण मांगा था।
इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई डाटा केंद्र के स्तर पर नहीं रखा जाता है। इसके अलावा, पुलिस और विधि व्यवस्था राज्य के विषय हैं। उनके अनुसार, 'मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम' के तहत अपराधों के मामलों में निपटारा राज्य सरकारों के स्तर पर किया जाता है।
बीएसएनएल, एमटीएनएल ने परिसंपत्ति मुद्रीकरण से 12,984 करोड़ रुपये जुटाएसार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल ने 2019 से भूमि, भवन, टावर और फाइबर के मुद्रीकरण से कुल 12,984.86 करोड़ रुपये कमाए हैं।
संचार राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर द्वारा लोकसभा में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, बीएसएनएल ने जनवरी 2025 तक भूमि और भवनों के मुद्रीकरण से 2,387.82 करोड़ रुपये और एमटीएनएल ने 2,134.61 करोड़ रुपये कमाए हैं। शेखर ने एक लिखित उत्तर में कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल केवल उन भूमि और भवन परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण कर रहे हैं जिनकी निकट भविष्य में उनके अपने उपयोग के लिए आवश्यकता नहीं है।
प्राकृतिक भंडार के कारण तुम्मलापल्ले के पानी में यूरेनियम की मात्रा अधिकसरकार ने लोकसभा में बताया कि आंध्र प्रदेश के तुम्मलापल्ले में पानी में यूरेनियम की उपस्थिति क्षेत्र में रेडियोधर्मी खनिज के प्राकृतिक भंडार के कारण है। एक प्रश्न के लिखित जवाब में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आइआइटी-चेन्नई और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र जैसी विभिन्न एजेंसियों ने क्षेत्र में पानी में यूरेनियम संदूषण के दावों की जांच करने के लिए व्यापक और गहन जल-भूवैज्ञानिक जांच की। एजेंसियों ने यह भी जांच की कि क्या यूरेनियम कारपोरेशन आफ इंडिया (यूसीआइएल) की खनन परियोजना ने इस तरह के संदूषण में कोई भूमिका निभाई है।
अल्पसंख्यकों को तीन वर्षों में 2,347 करोड़ रुपये के रियायती ऋण दिए गएराष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम (एनएमडीएफसी) ने पिछले तीन वर्षों के दौरान 2,347.15 करोड़ रुपये का रियायती ऋण वितरित किया है, जिससे अल्पसंख्यक समुदायों के 5.50 लाख से अधिक पात्र लोगों को इसका लाभ मिला।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। रिजिजू ने कहा कि रियायती ऋण के लिए एनएमडीएफसी पात्रता मानदंड में कहा गया है कि व्यक्तियों को एक अधिसूचित राष्ट्रीय अल्पसंख्यक, विशेष रूप से बौद्ध, ईसाई, जैन, मुस्लिम, पारसी और सिख से संबंधित होना चाहिए।
सीवेज ढांचे का सही ढंग से नहीं हो रहा इस्तेमाल, जलशक्ति मंत्रालय बोला- प्रोजेक्टों में देरी से नदियां हो रहीं प्रदूषित
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि नदियों के प्रदूषण के मामले में स्थिति में सुधार आया है, लेकिन सीवेज इन्फ्रास्ट्रक्चर का पूरा इस्तेमाल न होने के कारण अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं।
घरों में सीवेज कनेक्शन की कमीजलशक्ति मंत्रालय की ओर से विगत दिवस राज्यसभा में बताया गया कि नदियों के प्रदूषण पर अपेक्षा के अनुरूप अंकुश न लग पाने के लिए घरों में सीवेज कनेक्शन की कमी और परियोजनाओं को पूरा करने में हुई देरी भी जिम्मेदार है।
नदियों के प्रदूषण से जुड़े सवालों के जवाब में जलशक्ति राज्य मंत्री राजभूषण चौधरी ने सदन को बताया कि विभागों की ओर से रखरखराव और मरम्मत के कार्यों में दिखाया जाने वाला लचर रवैया भी इसके लिए उत्तरदायी है।
प्रदूषण वाले हिस्सों में कमी आईहालांकि प्रदूषित नदियों पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषण वाले हिस्सों में कमी आई है। 2018 में ऐसे खंडों की संख्या 351 थी, जो अब घटकर 311 रह गए हैं। इन 351 खंडों में 106 को स्थिति दुरुस्त हो जाने के बाद सूची से हटा दिया गया है। जबकि 74 में सुधार के प्रमाण मिले हैं।
मंत्रालय के अनुसार नदियों की सफाई और उन्हें पुनर्जीवन देना एक सतत प्रक्रिया है। मुख्य रूप से यह राज्यों, केंद्र शासित क्षेत्रों और स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी है। उन्हें ही घरेलू सीवेज और औद्योगिक कचरे को नदियों में जाने से पहले साफ करना है।
नदियों को प्रदूषित करने वाले उद्योंगो को बंद करने के आदेशएक अन्य सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा कि सीपीसीबी ने 73 ऐसे उद्योगों को बंद करने का आदेश दिया है जो नदियों को बहुत अधिक प्रदूषित कर रहे थे। ये सभी उद्योग कचरे के निस्तारण को लेकर मानकों का लगातार उल्लंघन कर रहे थे।
SC ने APFP कांस्टेबल भर्ती सूची को निरस्त करने को सही ठहराया, जानें पूरा मामला
माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में सरकारी नौकरियों में भर्ती में नियम कानून पर आधारित पारदर्शी प्रक्रिया अपनाए जाने पर जोर देते हुए फिर दोहराया है कि चयन सूची में शामिल होने से उम्मीदवार नियुक्ति का दावा नहीं कर सकता। लेकिन भर्ती करने वाली अथारिटी चयन सूची में शामिल व्यक्ति को नियुक्ति न देने के लिए मनमाने ढंग से इनकार या अनदेखी भी नहीं कर सकती।
कोर्ट ने कहा कि अगर रिक्ति है और उसकी मेरिट को देखते हुए उसे पद पर नियुक्ति दी जा सकती है तो ऐसे में साधारणत: उसकी अनदेखी करने का कोई न्यायोचित आधार नहीं होता। चयन सूची में शामिल व्यक्ति को नियुक्ति से इन्कार करने का कोई न्यायोचित आधार होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने पूर्व फैसलों को उद्धत करते हुए यह बात असम में 2014 की फारेस्ट प्रोटेक्शन फोर्स (एफपीएफ) कांस्टेबल भर्ती निरस्त करने के राज्य सरकार के निर्णय को सही ठहराने वाले फैसले में कही है।
'पक्षपात की मौजूदगी का अनुमान लगाना उचित'
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने सात मार्च को दिये फैसले में असम सरकार के भर्ती चयन सूची रद करने के निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि जब चयन पूरी तरह से साक्षात्कार के अंकों पर आधारित हो तो मनमानी और पक्षपात की मौजूदगी का अनुमान लगाना उचित हो सकता है। असम की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 2014 में फारेस्ट प्रोटेक्शन फोर्स (एफपीएफ) कांस्टेबल भर्ती निकाली और 104 उम्मीदवारों का चयन करके चयन सूची तैयार की गई। लेकिन 2016 में असम में आयी भाजपा सरकार ने भर्ती में गंभीर अनियमितताओं का मुद्दा उठाए जाने पर भर्ती चयन सूची रद कर दी।
आरक्षण नीति का पालन न करना और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को न मानने को इसे रद करने का आधार बनाया। लेकिन हाईकोर्ट की एकल पीठ और खंडपीठ ने असम सरकार के चयन सूची रद करने के निर्णय को खारिज कर दिया था।
असम सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जिसकी शुरुआती सुनवाई में अगस्त 2022 ने सर्वोच्च अदालत ने आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। अंतरिम रोक का आदेश इसलिए दिया क्योंकि कोर्ट को बताया गया था कि चयन सिर्फ साक्षात्कार के आधार पर हुआ था और उसके बाद शारीरिक परीक्षण अर्हता परीक्षा हुई थी। यह भी बताया गया कि 104 चयनित उम्मीदवारों में 64 उम्मीदवार सिर्फ कामरूप मैट्रो और कामरूप ग्रामीण जिलों के थे और 16 जिलों से एक भी उम्मीदवार का चयन नहीं हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम फैसले में चयन सूची रद करने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया में विसंगतियों को देखते हुए चयन सूची रद करना न तो मनमाना था और न ही असंगत। इसमें जिला स्तर प्रतिनिधित्व में असमानता और आरक्षण नीति का उल्लंघन शामिल है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि भर्ती बिना किसी लिखित परीक्षा के सिर्फ साक्षात्कार पर आधारित थी और किसी भी नियम द्वारा शासित नहीं थी। कोर्ट ने कहा कि वर्तमान समय को ध्यान में रखते हुए जब देश के कुछ जिम्मेदार नागरिकों द्वारा भ्रष्टाचार को जीवन का हिस्सा माना जाता है, ये जरूरी होता है कि 104 कांस्टेबलों की भर्ती की प्रक्रिया भर्ती नियमों को तैयार करने के बाद की जाती और प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी बनाए रखने के लिए लिखित परीक्षा भी निर्धारित की जाती।
सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को नये सिरे से 104 कांस्टेबलों की भर्ती की छूट देते हुए चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट भर्ती नियम बनाने का निर्देश दिया है और कहा है कि नियम नहीं बनते तक चयन प्रक्रिया सार्वजनिक रूप से उपलब्ध प्रशासनिक निर्देशों के आधार पर संचालित की जानी चाहिए।
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वोटर लिस्ट मामले में राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा, नया प्रस्ताव दिया; नियम 176 पर चर्चा कराने की मांग
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता फोटो पहचान पत्र (इपिक) और वोटर लिस्ट में कथित हेर-फेर के मुद्दे पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दलों ने बुधवार को फिर राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया।
बाद में बात बनते न देख विपक्षी दलों ने उपसभापति से नियम 176 के तहत ही इस मुद्दे पर चर्चा कराने का प्रस्ताव दिया। हालांकि इसके बाद भी उपसभापति की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला तो तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने नाराजगी जताते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए। बाद में वह सभी एक-एक कर सदन में लौट आए।
नोटिस खारिज होने पर हुआ हंगामाराज्यसभा में बुधवार को हंगामा उस समय शुरू हुआ, जब इपिक पर नियम 267 के तहत चर्चा कराने के लिए नौ विपक्षी सदस्यों की ओर से दिए गए नोटिस को फिर खारिज कर दिया गया। उपसभापति हरिवंश ने कहा कि इस मुद्दे पर वह पहले ही स्थिति स्पष्ट कर चुके है, ऐसे में विपक्ष सदन की कार्यवाही में अवरोध न डाले।
सदन में चर्चा जरूरी: डेरेक ओ-ब्रायनइस पर तृणमूल सांसद डेरेक ओ-ब्रायन ने कहा कि सदन की कार्यवाही को वह भी बाधित नहीं करना चाहते है लेकिन इपिक का मुद्दा इतना गंभीर है कि सदन में इस पर चर्चा जरूरी है। ऐसे में अगले सप्ताह नियम 176 के तहत ही इस मुद्दे पर चर्चा की मौका दिया जाए।
क्या है नियम 176?कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र की भावना केवल चुनाव कराने में ही नहीं है, बल्कि चुनाव निष्पक्ष भी रहे इनमें भी है। गौरतलब है कि नियम 176 के तहत कोई भी सांसद सार्वजनिक अपने मुद्दे सदन में उठा सकता है। इसके बाद अन्य सांसद इस मुद्दे पर चर्चा करते हैं। इसके बाद संबंधित मंत्री की ओर से इस पर जवाब दिया जाता है।
इन सांसदों ने दिया नोटिसइपिक पर चर्चा के लिए नोटिस देने वालों में कांग्रेस के प्रमोद तिवारी व तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष, डोला सेन, साकेत गोखले और सुष्मिता देव और आप के संजय सिंह शामिल थे। इस दौरान एमडीएमके सांसद वाइको और डीएमके सासंद पी विल्सन ने दक्षिणी राज्यों की परिसीमन से जुड़ी चिंताओं पर चर्चा कराने के लिए नोटिस दिया था।
तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में एक ही नंबर के इपिक के मामलों को सामने लाते हुए चुनाव आयोग पर लगातार निशाना साध रही है तो कांग्रेस महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में बड़ी संख्या में नाम जोड़े जाने को लेकर सवाल उठा रही है।
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Telangana: दो महिला पत्रकारों को सीएम रेड्डी की आलोचना करना पड़ा भारी, पुलिस ने किया गिरफ्तार; BRS ने किया प्रदर्शन
डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलंगाना में सीएम रेवंत रेड्डी की आलोचना करने पर दो महिला पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों पत्रकारों पर यूट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक किसान का “विवादास्पद” वीडियो पोस्ट करने के आरोप में लगाया गया है। क्लिप में किसान ने कांग्रेस शासन में अपनी कठिनाइयों के बारे में बताया।
दो पत्रकारों को किया गया गिरफ्तारतेलंगाना की दो पत्रकारों पल्स न्यूज के प्रबंध निदेशक पोगदादंडा रेवती और उसी चैनल की रिपोर्टर थानवी यादव को हैदराबाद पुलिस के साइबर अपराध प्रभाग ने बुधवार को मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने और उसे बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार किया। इसके साथ एक तीसरे व्यक्ति - 'निप्पूकोडी' नामक एक्स अकाउंट के उपयोगकर्ता को भी हिरासत में लिया गया है।
शांति भंग करने जैसे गंभीर आरोपकांग्रेस की राज्य सोशल मीडिया इकाई के प्रमुख की शिकायत के बाद तीनों को हिरासत में लिया गया और उन पर अपमानजनक सामग्री प्रकाशित करने से लेकर संगठित अपराध और आपराधिक साजिश, नफरत फैलाने के लिए अफवाह फैलाने और शांति भंग करने जैसे गंभीर आरोप हैं।
शिकायत एक्स अकाउंट पर एक वीडियो के बारे में है जिसमें पल्स न्यूज के एक रिपोर्टर ने एक व्यक्ति का साक्षात्कार लिया है, जो कथित तौर पर मुख्यमंत्री के बारे में "अपमानजनक" और "अपमानजनक" टिप्पणी करता है।
सीएम के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का आरोपयह तर्क दिया गया कि यह एक "अत्यधिक भड़काऊ" पोस्ट है, जिसमें हिंसा भड़काने की क्षमता है और यह "पल्स टीवी द्वारा बदनाम करने और दुष्प्रचार फैलाने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास" है।
पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद बीआरएस ने कड़ा विरोध दर्ज किया और पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया। रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ पत्रकार रेवती और उनकी सहकर्मी तन्वी यादव को सुबह करीब पांच बजे गिरफ्तार किया गया। तड़के हुई इस गिरफ्तारी से लोगों में आक्रोश फैल गया है, बीआरएस और भाजपा नेताओं ने रेवंत रेड्डी सरकार की निंदा की है।
केटीआर कही ये बातकेटीआर ने एक्स पर पोस्ट कर कांग्रेस से सवाल किया... क्या यही हैं आप की “मोहब्बत की दुकान”? राहुलगांधी जी? सुबह-सुबह दो महिला पत्रकारों को गिरफ्तार करना!! उनका अपराध क्या है?
Kya Yahi Hain Aap Ki “Mohabbat Ki Dukaan” ? @RahulGandhi Ji?
Arresting two women journalists in the wee hours of the morning!! What is their crime?
Giving voice to the public opinion on incompetent & corrupt Congress Govt
Last I checked, the Constitution of India that you… https://t.co/DW1EP0JYCU
'4 करोड़ दो... आपको CM बनाया जा सकता है', गृह मंत्री अमित शाह के बेटे के नाम पर ठगी की कोशिश; कौन हैं ये 3 शातिर?
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर पुलिस ने तीन युवकों को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया है। इन तीनों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे बनकर मणिपुर के कई विधायकों को फोन करने का आरोप है। आरोपितों ने विधायकों को मुख्यमंत्री बनाने के बदले चार करोड़ रुपये की मांग की थी। मणिपुर में बीते महीने एन बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।
4 करोड़ रुपये की मांग कीएन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य के कई विधायकों को फोन आए। फोन करने वाले ने खुद को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह बताया और कहा कि अगर वे चार करोड़ रुपये दे दें तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। जब पुलिस को इसकी शिकायत मिली तो जांच शुरू की गई।
तीनों आरोपितों को इंफाल लाया गयापुलिस ने बताया कि जांच के बाद तीन आरोपितों को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया है और तीनों को इंफाल लाया गया। आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश के निधौरी कलां निवासी उवैश अहमद, दिल्ली के गाजीपुर निवासी गौरव नाथ और प्रियांशु पंत के रूप में हुई है।
मणिपुर हिंसा में 250 से अधिक की मौतगौरतलब है कि मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद केंद्र ने 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है। विधानसभा को निलंबित रखा गया है।
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'यह शिक्षा नहीं... भगवा नीति है', नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मामले पर केंद्र पर बरसे एमके स्टालिन
एएनआई, नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को भगवाकरण नीति कहा। स्टालिन ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य भारत के विकास के बजाय हिंदी को बढ़ावा देना है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नीति तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने की धमकी देती है।
तिरुवल्लूर में स्टालिन ने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा नीति नहीं है। यह भगवाकरण की नीति है। इस नीति को भारत के विकास के लिए नहीं बल्कि हिंदी के विकास की खातिर बनाया गया है। यह नीति तमिलनाडु की शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से तबाह कर देगी। इस वजह से नीति का विरोध कर रहे हैं।"
अगर सभी को शिक्षा के दायरे में लाती है तो नीति का स्वागतसीएम स्टालिन ने कहा, "हम आपसे टैक्स में हिस्सा मांग रहे हैं। इसे हमने चुकाया है। इसमें क्या समस्या है? क्या 43 लाख स्कूलों के कल्याण के लिए धन जारी किए बिना धमकी देना उचित है? चूंकि हमने एनईपी को स्वीकार नहीं किया, इसलिए वे तमिलनाडु के लिए धन जारी करने से इनकार कर रहे हैं।
अगर यह सभी को शिक्षा के दायरे में लाता तो हम इस योजना का स्वागत करते। मगर क्या एनईपी ऐसी ही है? एनईपी में वे सभी कारक हैं... जो लोगों को शिक्षा से दूर रखते हैं। इस वजह से नीति का विरोध कर रहा हूं।
हिंदी थोपने का लगाया आरोपतमिलनाडु राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के त्रिभाषा फॉर्मूले का विरोध कर रहा है। प्रदेश सरकार ने इसके बहाने हिंदी थोपने का आरोप लगाया है। सीएम स्टालिन का तर्क है कि नीति क्षेत्रीय भाषाओं पर हिंदी को प्राथमिकता देती है। इससे राज्य की स्वायत्तता और भाषाई विविधता कम होगी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने दो-भाषा नीति अपनाई है। इसमें तमिल और अंग्रेजी प्राथमिक भाषाएं हैं।
केंद्र को चिढ़ होती हैस्टालिन ने आगे कहा कि अगर कोई राज्य सरकार अच्छा काम कर रही है तो केंद्र सरकार को उसका समर्थन करना चाहिए। मगर क्या यह केंद्र सरकार ऐसा कर रही है? उन्हें जलन हो रही है कि तमिलनाडु अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उन्हें चिढ़ है कि डीएमके तमिलनाडु की रक्षा कर रही है। यही वजह है कि वे बाधाएं पैदा करने और हमें हर तरह से नीचा दिखाने में लगे हैं। क्या हम यह देखकर चुप रह सकते हैं?...
स्टालिन ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक बदला लेने और तमिलनाडु के विकास को कमजोर करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि राज्य विभिन्न योजनाओं को लागू करने में अग्रणी रहा है और पिछले तीन वर्षों में इसने महत्वपूर्ण प्रगति की है।
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पोर्ट लुई, आईएएनएस। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने बुधवार को द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर अपनी व्यापक बातचीत पर संतोष व्यक्त किया और इस बात पर सहमति जताई कि दोनों देशों के बीच विशेष एवं करीबी द्विपक्षीय साझेदारी ने महत्वपूर्ण रणनीतिक गहराई हासिल कर ली है और यह अब यह उन्नत रणनीतिक साझेदारी हो गई है।
प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस की दो दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन 'उन्नत रणनीतिक साझेदारी के लिए भारत-मॉरीशस का संयुक्त दृष्टिकोण' जारी किया गया जो दोनों देशों के बीच विशेष एवं अनूठे संबंधों को रेखांकित करता है। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बुनियादी ढांचा, आवास, डिजिटल प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, एआइ समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित वार्ता के जरिये द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए मॉरीशस के नेतृत्व के साथ व्यापक बातचीत की।
समुद्री चुनौतियों का सामना करने का लिया संकल्प
रक्षा एवं समुद्री सुरक्षा सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए दोनों नेताओं ने जोर देकर कहा कि यह द्विपक्षीय संबंधों का महत्वपूर्ण स्तंभ है और इस क्षेत्र में नजदीकी सहयोग ने रणनीतिक आयाम हासिल किए हैं जिससे दोनों देशों को अत्याधिक लाभ हुआ है। उन्होंने इस बात पर भी सहमति जताई कि मुक्त, खुला एवं सुरक्षित हिंद महासागर क्षेत्र सुनिश्चित करने में साझा प्रतिबद्धता वाले भारत और मॉरीशस क्षेत्र में स्वाभाविक साझीदार हैं। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में समुद्री चुनौतियों का सामना करने और व्यापक रणनीतिक हितों की सुरक्षा के लिए मिलकर काम करने का अपना संकल्प दोहराया।
Honoured to be conferred the Grand Commander of the Order of the Star and Key of the Indian Ocean, and that too on Mauritius’ National Day. pic.twitter.com/LaaurcKbzx
— Narendra Modi (@narendramodi) March 12, 2025मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने उनके देश के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) की सुरक्षा में सहायता के लिए भारत की सराहना की। इनमें रक्षा एवं समुद्री उपकरणों का प्रविधान, पोतों एवं विमानों की नियमित तैनाती, संयुक्त समुद्री निगरानी, हाइड्रोग्राफिक सर्वे और गश्त, द्विपक्षीय अभ्यास व सूचनाएं साझा करना और प्रशिक्षण में सहायता शामिल हैं। संयुक्त बयान के अनुसार, मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने तटरक्षक जहाजों विक्ट्री, वैलिएंट व बाराकुडा की मरम्मत के लिए अनुदान के आधार पर लगातार सहायता के लिए भारत को धन्यवाद दिया।
मॉरीशस विशेष समुद्री साझीदार: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि मॉरीशस भारत के लिए विशेष समुद्री साझीदार और भारत के सागर विजन के तहत अहम साझीदार हैं। क्षेत्र में साझा उद्देश्यों के मद्देनजर भारतीय प्रधानमंत्री ने मॉरीशस को उसकी रक्षा एवं सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने में भारत की ओर से लगातार मदद के संकल्प को दोहराया।
दोनों नेताओं ने संयुक्त समुद्री निगरानी और हाइड्रोग्राफी सर्वे के लिए पोतों और विमानों की तैनाती बढ़ाकर समुद्री सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। इसके अलावा उन्होंने ईईजेड की सुरक्षा के लिए सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता भी जताई। इसमें अगालेगा में नवनिर्मित रनवे और जेटी का बेहतर उपयोग और समुद्री क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने के लिए नेशनल मेरीटाइम इंफारमेशन शेयरिंग सेंटर की स्थापना शामिल है। दोनों नेताओं ने चागोस द्वीप समूह पर मॉरीशस और ब्रिटेन के बीच चल रही बातचीत का भी स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने चागोस के मुद्दे पर मॉरीशस के प्रति दृढ़ समर्थन दोहराया। मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर वैश्विक नेताओं के साथ व्यक्तिगत सहयोग एवं संवाद के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। वहीं, मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री को जल्द से जल्द भारत की यात्रा पर आने का निमंत्रण दिया।
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सीएम सिद्धारमैया की दहलीज तक पहुंचा रान्या राव गोल्ड स्मलिंग का मामला! बीजेपी ने तस्वीर जारी कर सरकार पर लगाए आरोप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव की सोने की तस्करी का मामला अब कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की दहलीज तक पहुंच गया है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कर्नाटक सीएम और रान्या राव की एक तस्वीर शेयर की है और इस घटना को जोड़ने की कोशिश की है।
अभिनेत्री रान्या राव को डीआरआई ने बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 14 किलोग्राम से ज़्यादा सोना तस्करी करते हुए पकड़ा था। उसने कथित तौर पर सोने की छड़ें अपनी कमर और जांघों पर बांध रखी थीं और कीमती धातु के टुकड़े अपने जूतों में छिपा रखे थे। रान्या राव को 7 मार्च को न्यायिक हिरासत में भेजा गया गया था। 10 मार्च को उनकी हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गई।
भाजपा ने कर्नाटक सरकार पर लगाए आरोप
अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, "कर्नाटक में रान्या राव सोना तस्करी मामला अब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के दरवाजे तक पहुंच गया है। इस पुरानी तस्वीर में वर्तमान गृह मंत्री जी परमेश्वर भी हैं। विडंबना यह है कि किसी भी राजनीतिक संबंध को खारिज करने वाला व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस के सीएम-इन-वेटिंग डीके शिवकुमार हैं।"
कर्नाटक सरकार ने रान्या राव की कथित सोना तस्करी गतिविधि में डीजीपी रैंक के अधिकारी के रामचंद्र राव की भूमिका की जांच के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गौरव गुप्ता को नियुक्त किया है।
The Ranya Rao gold smuggling case in Karnataka has now reached the doorstep of Chief Minister Siddaramaiah. This dated photo also features the current Home Minister, G. Parmeshwara.
Ironically, the man dismissing any political links is none other than Congress’s CM-in-waiting,… pic.twitter.com/Wkn1n2Nnc3
मेटल डिटेक्टर से हुआ खुलासा ?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रीन चैनल से गुजरने की कोशिश करते समय, अभिनेत्री ने किसी भी तरह के टैक्स योग्य सामान, सोना या प्रतिबंधित सामान ले जाने से इनकार किया, लेकिन मेटल डिटेक्टर से डीआरआई अधिकारियों को सोने की जानकारी मिली।
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तेलंगाना का चटोरा कातिल: पत्नी ने मटन बनाने से किया इनकार, पति ने बेरहमी से मार डाला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तेलंगाना के महबूबाबाद में एक शख्स ने अपनी पत्नी की बेरहमी से पिटाई की और मार डाला। दरअसल पत्नी ने मटन करी बनाने से इनकार कर दिया था जिसके बाद दोनों के बीच अनबन हुई है और महिला को उसके पति ने मौत के घाट उतार दिया।
महिला की पहचान 35 वर्षीय मलोथ कलावती के रूप में हुई है। उसकी मां ने दावा किया कि देर रात जब कोई नहीं था, तब मलोथ कलावति के पति उसपर हमला किया और उसे मार डाला।
मौके पर पहुंची पुलिस
घटना की सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने साक्ष्य जुटाने और अपराध के विवरण की पुष्टि करने के लिए जांच शुरू कर दी है। इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों को विश्वास ही नहीं हो रहा कि इतनी छोटी सी बात के लिए कोई किसी की हत्या कर सकता है।
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'मौत से पहले दिए संदिग्ध बयान पर दोषी ठहराना असुरक्षित', SC ने पत्नी की हत्या के आरोपी पति को किया बरी
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रमाणित साक्ष्य के अभाव में मृत्युपूर्व संदिग्ध बयान के आधार पर किसी को दोषी ठहराना सुरक्षित नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय ने इसके साथ अपनी पत्नी की हत्या के मामले में एक व्यक्ति को बरी कर दिया है।
मौत से पहले दिया गया बयान अहमजस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि मृत्यु पूर्व दिया गया बयान महत्वपूर्ण साक्ष्य होता है और केवल इसी के आधार पर दोषसिद्धि की जा सकती है, क्योंकि आपराधिक कानून में इसका अत्यधिक महत्व है। पीठ ने कहा, 'हालांकि, इस बात का विश्वास मृत्युपूर्व बयान की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और मामले में संपूर्ण तथ्यों पर विचार करने के बाद ही किया जाना चाहिए।'
पति को अदालत ने किया बरीशीर्ष अदालत ने सितंबर 2008 में पत्नी को जलाकर हत्या करने के मामले में दोषी ठहराए गए व्यक्ति को बरी कर दिया। पीठ ने कहा कि निचली अदालत ने उसकी पत्नी के मृत्युपूर्व बयान के आधार पर उसे दोषी ठहराया था। पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में सावधानीपूर्वक कार्य करने की आवश्यकता है। जांच में दहेज उत्पीड़न के पहलू को भी खारिज कर दिया गया था।
महिला ने दिए थे अलग-अलग बयानअभियोजन पक्ष के अनुसार, पति द्वारा आग लगाने के तीन सप्ताह बाद महिला की अस्पताल में मौत हो गई थी। यह दंपती अपने नाबालिग बेटे के साथ तमिलनाडु के तूतीकोरिन में रहता था।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अस्पताल में महिला ने पुलिस को बताया था कि किचन में दुर्घटनावश आग लग गई थी। हालांकि तीन दिन बाद पुलिस ने महिला का एक और बयान दर्ज किया था। इसमें उसने दावा किया था कि उसके पति ने मिट्टी का तेल डालकर आग लगाई थी।
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मार्च में ही हीटवेव का रेड अलर्ट, इस साल लम्बा रह सकता है गर्मी का मौसम
नई दिल्ली, विवेक तिवारी। मौसम विभाग के मुताबिक मार्च के दूसरे सप्ताह में ही देश के कुछ हिस्सों में हीटवेव जैसी स्थिति बन गई है। गुजरात और राजस्थान के कुछ इलाकों में अधिकतम तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। वहीं ओडिशा, विदर्भ, कोंकण और गोवा के अलग-अलग इलाकों में भी गर्म हवाएं चल रही हैं। 13 और 14 तारीख को विदर्भ में और 13-15 मार्च को ओडिशा में हीटवेव चलने की आशंका है। गुजरात के कुछ हिस्सों में हीटवेव को लेकर रेड अलर्ट भी घोषित किया गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक पिछली गर्मियों में भारत में (सभी राज्यों में अलग अलग दिनों को जोड़ कर) 536 हीटवेव के दिन दर्ज किए गए थे, जो 14 वर्षों में सबसे अधिक थे। वहीं हाल में देश के दस बड़े शहरों में किए गए अध्ययन में दावा किया गया है कि एक दशक में हर साल हीटवेव से औसतन 1116 मौतें हुईं। वैज्ञानिकों के मुताबिक हर साल बढ़ती गर्मी से आने वाले दिनों में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात पैदा होंगे। इसके लिए हमें अभी से तैयारी करनी होगी। मौसम वैज्ञानिक इस साल गर्मी का मौसम लम्बा रहने की संभावना भी जता रहे हैं। देश के कई इलाकों में लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।
गुजरात के कच्छ में नमक के कारोबार से जुड़े कारोबारी भरत रावल कहते हैं कि कच्छ में अचानक से तापमान 40 से 42 डिग्री तक पहुंच गया। इससे काफी मुश्किलें बढ़ गई हैं। ये असामान्य है। तापमान में आए इस बदलाव से बहुत से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गुजरात के कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। सुबह 11 बजे ही तापमान 38 से 39 डिग्री के करीब पहुंच जा रहा है। राजस्थान के कारोबारी और लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष घनश्याम जी ओझा कहते हैं कि बाड़मेर और जैसलमेर में तापमान पहले ही 40 डिग्री के करीब पहुंच चुका है। वहीं राजस्थान के ज्यादारत हिस्सों में तापमान 37 से 38 डिग्री तक पहुंच रहा है। पिछले कुछ सालों से मार्च में इतना तापमान दर्ज किया जा रहा है। ये साफ तौर पर जलवायु परिवर्तन की ओर इशारा करता है। तापमान पर लगाम लगाने के लिए बड़े पैमाने पर नीति बनाने की जरूरत है।
वैज्ञानिकों को अपने अध्ययन में हीटवेव के प्रभाव के चलते दैनिक मृत्यु दर बढ़ने के पर्याप्त सबूत मिले हैं। लम्बे समय तक हीटवेव रहने पर मृत्यु दर में तेज वृद्धि देखी जाती है। अध्ययन में शामिल एनआरडीसी इंडिया के लीड, क्लाइमेट रेजिलिएंस एंड हेल्थ, अभियंत तिवारी कहते हैं कि हमने 2008 से 2019 के बीच देश के दस बड़े शहरों में अध्ययन किया। हमने पाया कि हर साल औसतन 1116 लोगों की हीटवेव के चलते जान गई। उन्होंने कहा कि हर साल बढ़ती गर्मी आने वाले समय में बड़ी मुश्किल पैदा कर सकती है। हमें इसके लिए आज से ही तैयारी करनी होगी। हीटवेव जैसी स्थिति में आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। वहीं दीर्घकालिक योजना पर भी काम करना होगा। बढ़ती गर्मी का असर इंसानों के साथ ही पशु-पक्षियों, इंडस्ट्री, अर्थव्यवस्था सभी पर पड़ता है। ऐसे में तत्काल उठाए जाने वाले कदमों में गर्मी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करनी होंगी। बच्चे, बूढ़े और ऐसे लोग जिन्हें विशेषतौर पर देखभाल की जरूरत है, उनका ख्याल रखना होगा। दीर्घकालिक योजनाओं के तहत हमें ग्रीन कवर बढ़ाना होगा, जलाशयों की संख्या बढ़ानी होगी, कंक्रीट के इस्तेमाल को घटाना होगा। शहरों में गर्मियों में अर्बन हीटलैंड बन जाते हैं, वहां तापमान कम करने के लिए कदम उठाने होंगे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक और स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाहकार सौम्या स्वामीनाथन के मुताबिक भारत में हीटवेव से होने वाली मौतों पर पुख्ता आंकड़े नहीं हैं। ऐसे में भारत में गर्मी से संबंधित मौतों की संख्या संभवतः कम बताई जा रही है। उन्होंने कहा कि हीटवेव मृत्यु दर में बढ़ोतरी का बड़ा कारण बन रही है। भारत में व्यावहारिक रूप से हर कोई अब जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति संवेदनशील है, चाहे वह अत्यधिक गर्मी हो या वेक्टर जनित बीमारियाँ। भारत की 80 प्रतिशत से अधिक आबादी अब जलवायु-संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त है, जिनमें सांस संबंधी बीमारियों से लेकर कुपोषण तक शामिल हैं।
पांच दिन लगातार हीटवेव रहने पर 33.3 फीसदी तक बढ़ जाती हैं मौतें
भारत सहित दुनिया के कई वैज्ञानिकों की ओर से 'भारत में मृत्यु दर पर हीटवेव का प्रभाव' विषय पर 10 बड़े शहरों के डेटा पर अध्ययन किया गया। इन शहरों में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, पुणे, वाराणसी, शिमला और कोलकाता शामिल हैं। वैज्ञानिकों ने पाया कि किसी शहर में हीटवेव जैसी स्थितियां एक दिन दर्ज होती हैं तो दैनिक मृत्यु दर में 12.2% की वृद्धि होती। यदि हीटवेव की स्थिति लगातार दो दिन बनी रही तो दैनिक मृत्यु दर 14.7% तक बढ़ जाती है। तीन दिन लगातार हीटवेव रहने पर ये 17.8% तक बढ़ जाती है। लगातार पांच दिनों तक अत्यधिक गर्मी की स्थिति दर्ज की जाती है तो मृत्यु दर 33.3% तक बढ़ सकती है। भारत सरकार की ओर से संसद में 2023 में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 2023 में आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में लू या हीटवेव से मौतें हुई। सबसे ज्यादा मौतें केरल में दर्ज की गईं। 2023 में 30 जून तक लू से 120 मौतें दर्ज की गईं, जो देश में ऐसी मौतों की सबसे ज्यादा संख्या है।
भारत में आने वाले समय में बढ़ सकती है मुश्किल
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में रामित देबनाथ और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, भारत के कुल हिस्से का 90 फीसदी हीटवेव को लेकर बेहद खतरनाक जोन हैं। दिल्ली में रहने वाले सभी लोग हीटवेव के इस डेंजर जोन में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में हीटवेव की वजह से देश में लोगों की कार्यक्षमता 15 फीसदी तक घट सकती है। यह 480 मिलियन लोगों के जीवन की गुणवत्ता कम कर सकती है। वहीं 2050 तक हीटवेव से निपटने के लिए सकल घरेलू उत्पाद का 2.8 प्रतिशत खर्च करना पड़ सकता है।
बढ़ रहे हीटवेव भरे दिन
इंटीग्रेटेड रिसर्च एंड एक्शन फॉर डेवलपमेंट और कनाडा की संस्था इंटरनेशनल डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर की ओर से दिल्ली और राजकोट के लिए हीटवेव दिनों का विश्लेषण किया है। रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में दिल्ली में 49 दिनों तक हीट वेव दर्ज की गई जो 2019 में बढ़ कर 66 दिनों तक पहुंच गई जो एक साल में लगभग 35% की वृद्धि को दर्शाता है। वहीं 2001 से 2010 के आंकड़ों पर नजर डालें तो हीट वेव के दिनों में 51% की वृद्धि दर्ज हुई। राजकोट की बात करें तो 2001-10 के बीच कुल 39 दिन हीट वेव दर्ज की गई। वहीं ये संख्या 2011 से 2021 के बीच बढ़ कर 66 दिनों तक पहुंच गई।
इंटीग्रेटेड रिसर्च एंड एक्शन फॉर डेवलपमेंट के डिप्टी डायरेक्टर रोहित मगोत्रा के मुताबिक 21वीं सदी में हीट वेव की आवृत्ति और तीव्रता बढ़ने की संभावना है। हाल ही में आई 6 वीं आईपीसीसी रिपोर्ट में पृथ्वी की सतह के 2.0 डिग्री फ़ारेनहाइट (1.1 डिग्री सेल्सियस) के आसपास गर्म होने पर चेतावनी दी गई है। इससे भविष्य में वैश्विक औसत तापमान और हीटवेव में वृद्धि होगी।
जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स जर्नल में छपे शोध के मुताबिक भारत और अन्य उष्णकटिबंधीय देशों में इस साल गर्मी के मौसम में तापमान और आर्द्रता के रिकॉर्ड तोड़ने की 68 प्रतिशत संभावना है। वहीं उत्तरी भारत में इस बार रिकॉर्ड गर्मी और उमस झेलने की संभावना 50 फीसद से ज्यादा है। वैज्ञानिकों ने वेट बल्ब तापमान के डेटा पर किए गए शोध के आधार पर ये दावा किया है। वेट-बल्ब तापमान की गणना हवा के तापमान और आर्द्रता के आधार पर की जाती है। यह मापता है कि गर्म और आर्द्र परिस्थितियों में पसीने से हमारा शरीर कितनी अच्छी तरह ठंडा होता है। गर्म-आर्द्र वातावरण में 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर गीले बल्ब का तापमान अपरिवर्तनीय गर्मी के चलते तनाव का कारण बन सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक गर्मी को लेकर उन्हें जिस तरह के परिणाम मिले हैं उस आधार पर इस साल हमें ज्यादा गर्म मौसम के लिए तैयार रहना होगा। वहीं पशुधन और फसलों की रक्षा के लिए भी समय रहते उचित कदम उठाने की जरूरत है। इस अध्ययन में शामिल कैलिफोर्निया बर्कले यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विलियम बूस कहते हैं कि अल नीनो गर्मी और नम हवा को ऊपरी वायुमंडल में पंप करता है जो पृथ्वी की भूमध्य रेखा के चारों ओर फैल जाती है। वैश्विक औसत तापमान में लगातार वृद्धि अल नीनो के प्रभावों को बढ़ाती है। उन्होंने पिछले 45 साल के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र की गर्मी के आंकड़ों का भी इस्तेमाल अपने शोध में किया है। उन्होंने कहा कि 2023 के अंत में बेहद मजबूत अल नीनो' से पता चलता है कि उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में औसत दैनिक अधिकतम वेट-बल्ब तापमान लगभग 26.2 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है, जिसमें 68 प्रतिशत संभावना है कि इस क्षेत्र में 2024 की गर्मी के रिकॉर्ड टूट सकते हैं।
हीटवेव का ऐलान इन स्थितियों में होता है
आईएमडी का कहना है कि हीट वेव तब होता है, जब किसी जगह का तापमान मैदानी इलाकों में 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता है। जब किसी जगह पर किसी ख़ास दिन उस क्षेत्र के सामान्य तापमान से 4.5 से 6.4 डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान दर्ज किया जाता है, तो मौसम एजेंसी हीट वेव की घोषणा करती है। यदि तापमान सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस अधिक है, तो आईएमडी इसे 'गंभीर' हीट वेव घोषित करता है। आईएमडी हीट वेव घोषित करने के लिए एक अन्य मानदंड का भी उपयोग करता है, जो पूर्ण रूप से दर्ज तापमान पर आधारित होता है। यदि तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता है, तो विभाग हीट वेव घोषित करता है। जब यह 47 डिग्री को पार करता है, तो 'गंभीर' हीट वेव की घोषणा की जाती है।
जलवायु परिवर्तन के चलते पूरी दुनिया में गर्मी बढ़ी है। मौसम वैज्ञानिक समरजीत चौधरी कहते हैं कि पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन के चलते मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। इस साल अब तक मिले डेटा के मुताबिक गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में गर्मी समय से पहले ज्यादा हो चुकी है। वहीं इस साल गर्मी के मौसम की अवधि भी ज्यादा रहने की संभावना है। कई अध्ययन इस बात की आशंका जता रहे हैं कि आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ेगी। वहीं एक्सट्रीम वेदर कंडीशन देखने को मिलेगी। ऐसे में हालात की गंभीरता को देखते हुए कदम उठाए जाने की जरूरत है। आईआईटी गांधीनगर में सिविल इंजीनियरिंग के चेयर प्रोफेसर विमल मिश्रा के मुताबिक अल नीनो जैसी परिस्थितियां बनी हुई हैं। ऐसे में सर्दियों के तुरंत बाद गर्म वसंत या गर्म तापमान देखने को मिलेगा। यूरोप की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा के मुताबिक मार्च 2024-फरवरी 2025 के दौरान तापमान 1990-2020 के औसत से 0.71 डिग्री सेल्सियस अधिक और पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.59 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
हीट वेव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इससे आपकी जान भी जा सकती है। दिल्ली मेडिकल काउंसिल की साइंफिक कमेटी के चेयरमैन डॉक्टर नरेंद्र सैनी के मुताबिक हमारे शरीर के ज्यादातर अंग 37 डिग्री सेल्सियस पर बेहतर तरीके से काम करते हैं। जैसे जैसे तापमान बढ़ेगा इनके काम करने की क्षमता प्रभावित होगी। बेहद गर्मी में निकलने से शरीर का तापमान बढ़ जाएगा जिससे ऑर्गन फेल होने लगेंगे। शरीर जलने लगेगा। शरीर का तापमान ज्यादा बढ़ने से दिमाग, दिल सहित अन्य अंगों की काम करने की क्षमता कम हो जाएगी। यदि किसी को गर्मी लग गई है तो उसे तुरंत किसी छाया वाले स्थान पर ले जाएं। उसके पूरे शरीर पर ठंडे पानी का कपड़ा रखें। अगर व्यक्ति होश में है तो उसे पानी में इलेक्ट्रॉल या चीनी और नमक मिला कर दें। अगर आसपास अस्पताल है तो तुरंत उस व्यक्ति को अस्पताल ले जाएं।
सोने-चांदी की सजावट, इटालियन मार्बल और 500 करोड़ में बना 'साउथ का शीशमहल', क्यों जांच के घेरे में आया रुशिकोंडा पैलेस?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू से पहले वाईएसआरसीपी पार्टी के मुखिया जगन मोहन रेड्डी की सरकार थी। उस दौरान रुशिकोंडा पहाड़ी पर एक भव्य इमारत बनाया गया था, जिसे जगन रेड्डी का कार्यालय सह निवास स्थान बताया जाता था। अब ये जगह जांच के घेरे में हैं।
यह आलीशान संपत्ति, जिसकी अनुमानित कीमत 500 करोड़ रुपये है, अब पर्यावरण उल्लंघन के आरोपों का सामना कर रही है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, परिसर के अंदर सोने की सजावट, इटालियन मार्बल के फर्श और आलीशान साज-सज्जा सहित कई भव्य चीजें हैं।
यह महल सुरम्य रुशिकोंडा क्षेत्र में 10 एकड़ में फैले चार विशाल ब्लॉकों से बना हुआ है, जो एक प्रमुख तटीय पर्यटन केंद्र है। इस परिसर में व्यापक बुनियादी ढांचा जैसे की पक्की सड़कें, जल निकासी व्यवस्था, थोक जल आपूर्ति और 100 केवी बिजली सब-स्टेशन शामिल हैं।
पर्यावरण उल्लंघन का आरोप
इस भव्य इमारत का निर्माण विवादों में घिरा हुआ है, जिसमें तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) मानदंडों के घोर उल्लंघन के आरोप हैं। आलोचकों का दावा है कि एस्टेट के निर्माण के लिए सुंदर रुशिकोंडा पहाड़ी के लगभग आधे हिस्से की खुदाई की गई थी, जिससे पर्यावरण संबंधी गंभीर चिंताएं पैदा हुई हैं।
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (एमओईएफ) ने 19 मई, 2021 को पर्यटन विकास परियोजना के रूप में मंजूरी दी थी। हालांकि, टीडीपी का आरोप है कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने कानूनी दिशा-निर्देशों को दरकिनार करते हुए महल को जगन मोहन रेड्डी के निजी इस्तेमाल के लिए बनाया था।
टीडीपी सरकार ने फिर से इस्तेमाल के विकल्प तलाशे
वर्तमान तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अब इस आलीशान संपत्ति को फिर से इस्तेमाल करने की चुनौती से जूझ रही है। मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के प्रशासन ने जगन मोहन रेड्डी पर सार्वजनिक धन के घोर दुरुपयोग का आरोप लगाया है, कुछ अनुमानों के अनुसार कुल खर्च 600 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।
हालांकि, वाईएसआरसीपी के पूर्व मंत्री गुडीवाड़ा अमरनाथ ने पिछली सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह परियोजना कानूनी मापदंडों के भीतर है।
इस बीच, भारत सरकार के पूर्व सचिव ईएएस सरमा ने अवैध संरचनाओं को ध्वस्त करने का आह्वान किया है और अधिकारियों से रुशिकोंडा के पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करने का आग्रह किया है।
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आंध्र प्रदेश में भीषण सड़क हादसा, दो बसों की टक्कर में 2 लोगों की मौत; 40 घायल
एएनआई, आंध्र प्रदेश। अन्नामय्या जिले में दो बसों की टक्कर में 2 लोगों की मौत हो गई और 40 लोग घायल हो गए। इस हादसे में 5 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।
राज्य के परिवहन मंत्री मंडीपल्ली रामप्रसाद रेड्डी ने यात्रियों की मौत पर शोक व्यक्त किया है और चिकित्सा अधिकारियों को घायलों को सर्वोत्तम संभव उपचार प्रदान करने का निर्देश दिया है।
अन्नामय्या जिले के मंडल पीआरओ ने बताया, परिवहन मंत्री ने परिवहन विभाग के अधिकारियों से भविष्य में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त उपाय लागू करने का भी आग्रह किया है, खासकर निजी बसों से जुड़ी दुर्घटनाओं को रोकने पर जोर दिया है।
पॉलीथीन, शॉल, तौलिए से लेकर डायपर तक... विमान के शौचालय में मिल चुकी हैं ये चीजें, एयर इंडिया में चल क्या रहा है?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका से भारत आ रही एयर इंडिया की फ्लाइट का टॉयलेट ब्लॉक हो जाने के कारण विमान को वापस लौटना पड़ा था। प्लेन में कुल 12 टॉयलेट थे, जिनमें से 11 ब्लॉक हो गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, टॉयलेट ब्लॉक होने के कारण फ्लाइट नंबर AI126 को चार घंटे उड़ने के बाद यू-टर्न लेना पड़ा था।
एयरलाइन ने बताई हैरान करने वाली बात
मामले को लेकर एयर इंडिया की तरफ से सफाई पेश की गई थी। पहले तो एयरलाइन ने इसे तकनीकी कारणों का हवाला देकर विमान लौटने की जानकारी दी थी। लेकिन जब टॉयलेट ब्लॉक होने पर एयरलाइन की फजीहत होने लगी तो कंपनी ने ऐसी बातें बताई जिसने सभी को हैरान कर दिया।
एयर इंडिया ने बताया कि विमान के शौचालय में पॉलीथीन और कपड़े बहा दिए गए थे, जिस वजह से पाइपलाइन जाम हो गई थी और टॉयलेट इस्तेमाल करने लायक नहीं रह गया था। एयर इंडिया के मुताबिक, विमान में कुल 12 शौचालय थे, जिनमें से 8 बंद हो गए थे।
'कंबल, इनरवियर और डायपर'
कंपनी ने यात्रियों के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के मुद्दे को भी उजागर करते हुए बताया था, हमारी टीमों को शौचालय से पहले भी अन्य कचरे के अलावा कंबल, इनरवियर और डायपर जैसी वस्तुएं मिली थीं, जिन्हें उड़ानों के दौरान शौचालयों में बहा दिया गया था।"
फ्लाइट को वापस शिकागो क्यों ले जाना पड़ा
जिस वक्त विमान के शौचालय ब्लॉक हुए उस वक्त वो अटलांटिक महासागर के ऊपर उड़ान भर रहा था। हालांकि, यूरोप के कुछ शहरों की तरफ विमान को मोड़ने का विकल्प था, लेकिन रात के समय यूरोपीय हवाई अड्डों पर परिचालन प्रतिबंधों के कारण फ्लाइट को वापस शिकागो ले जाना पड़ा।
ये पहला मौके नहीं है, जब एयर इंडिया की फ्लाइट में शौचालय जाम की स्थिति उत्पन्न हुई है। इससे पहले भी ऐसा हुआ था, जिसके बाद एयरलाइन ने बकायदा नोटिस जारी कर लोगों से अपील की थी कि शौचालय में ऐसा कुछ न फेंके जिससे वो जाम हो जाए।
क्यों ब्लॉक हो रहे हैं एयर इंडिया विमान के शौचालय?
विमानों के रखरखाव करने वाले एक इंजीनियर ने बताया कि, एयर इंडिया के कुछ विमान काफी पुराने हो गए हैं, जिस वजह से शौचालय की पाइपों में दिक्कत आने लगी है। अगर शौचालय में शॉल, बेडशीट और तौलिए फ्लश किए जाएंगे तो ये आसानी से ब्लॉक हो सकते हैं।
एयर इंडिया के पूर्व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर जितेंद्र भार्गव ने बताया, 2007 से लेकर 2010 के बीच एयरलाइन को 23 में से 21 एयरक्राफ्ट मिल चुके थे। बाकी के दो इंडियन एयरफोर्स द्वारा वीवीआईपी लोगों को लाने-ले जाने में इस्तेमाल किया जाता है।
Air India Flight Bomb Hoax: 'फ्लाइट में बम है' कई घंटे हवा में रहने के बाद मुंबई लौटा विमान
एक साथ चुनाव कराने पर सुझाव के लिए वेबसाइट शुरू करेगी संसदीय समिति, पारदर्शिता पर हो रहा काम
पीटीआई, नई दिल्ली। एक देश-एक चुनाव संबंधी विधेयकों पर विचार कर रही संसदीय समिति जल्द ही इस मुद्दे पर देशभर से लोगों के सुझाव आमंत्रित करने के लिए वेबसाइट शुरू करेगी। संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून संशोधन विधेयक, 2024 से संबंधित संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष भाजपा नेता पीपी चौधरी ने कहा कि समिति पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रही है।
संयुक्त संसदीय समिति पारदर्शिता पर कर रही कामसमिति यह सुनिश्चित करना चाहती है कि एक साथ चुनाव के मुद्दे पर सभी को अपने विचार साझा करने का अवसर मिले। समिति ने भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एवं राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई और दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन के विचार भी सुने।
देशभर से ज्ञापन आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन भी जारी होगाचौधरी ने कहा कि समिति के सदस्यों के लिए वेबसाइट का प्रेजेंटेशन भी आयोजित किया गया। समिति एक साथ चुनाव कराने के संबंध में देशभर से ज्ञापन आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन भी जारी करेगी। उन्होंने कहा कि 1952 से 1967 तक पूरे देश में एक साथ चुनाव हुए, लेकिन इसके बाद यह क्रम टूट गया।
चुनावी प्रक्रियाओं में मजबूत करने के लिए चुनाव आयोग ने की पहल
मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने इस मामले को सुलझाने की मंगलवार को पहल की। चुनावी प्रक्रिया मजबूत करने के लिए आयोग ने राजनीतिक दलों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। चुनाव आयोग ने सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से चुनावी पंजीकरण अधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के स्तर पर 'किसी भी अनसुलझे मुद्दे' को लेकर 30 अप्रैल तक सुझाव आमंत्रित किए हैं।
आयोग ने मंगलवार को राजनीतिक दलों को अलग-अलग लिखे पत्र में पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ सदस्यों के साथ 'परस्पर सुविधाजनक समय पर बातचीत करने का सुझाव दिया है ताकि स्थापित कानून के अनुसार चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत किया जा सके।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने जारी किया था आदेशमुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पिछले सप्ताह आयोग के एक सम्मेलन में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे राजनीतिक दलों के साथ नियमित रूप से संवाद करें। ऐसी बैठकों में प्राप्त सुझावों का समाधान पहले से मौजूद कानूनी ढांचे के भीतर करें तथा 31 मार्च तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करें।
आयोग ने राजनीतिक दलों से भी संवाद की इस प्रणाली का उपयोग करने का आग्रह किया था। इस प्रणाली के लिए आयोग द्वारा चिह्नित 28 प्रमुख हितधारकों में से एक राजनीतिक दल भी हैं।
वायुसेना को मिलेंगे नए लड़ाकू विमान, टेंडर में अमेरिकी एफ-15 भी हो सकता है शामिल
एएनआई, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना अपनी ताकत बढ़ाने के लिए 114 नए मध्यम श्रेणी के लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी कर रही है। वायुसेना अगले चार से पांच वर्षों में वैश्विक टेंडर के माध्यम से इन विमानों को अपने बेड़े में शामिल करना चाहती है। इस प्रतिस्पर्धा में बोइंग, लाकहीड मार्टिन, दासौ और साब समेत कई बड़ी कंपनियां शामिल हो सकती हैं।
हल्के लड़ाकू विमान भी वायुसेना में शामिल किए जाएंगेवैश्विक निविदा का हिस्सा बनने वाले विमानों में राफेल, ग्रिपेन, यूरोफाइटर टाइफून, मिग-31 और अमेरिकी एफ-16, एफ 15 विमान शामिल हैं। इनमें से एफ 15 को छोड़कर अन्य लड़ाकू विमान पहले ही 126 बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों के लिए पिछली निविदा में भाग ले चुके हैं और उनका मूल्यांकन भी हो चुका है। इस बार दौड़ में शामिल होने वाला एकमात्र नया विमान अमेरिकी कंपनी बोइंग का एफ-15 स्ट्राइक ईगल लड़ाकू विमान है।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि 114 बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों को शामिल करने से वायुसेना को अगले 10 वर्षों में अपने स्क्वाड्रन की ताकत बनाए रखने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही मार्क 1 ए और मार्क-2 सहित हल्के लड़ाकू विमान भी वायुसेना में शामिल किए जाएंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी गई रिपोर्टरक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी और वायुसेना को अपनी लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करने के लिए 114 बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान प्राप्त करने की जरूरत जताई। सूत्रों ने बताया कि वायुसेना वर्ष 2037 तक लड़ाकू विमानों के 10 स्क्वाड्रनों को रिटारयर करेगी।
वायुसेना वर्ष 2047 तक 60 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन क्षमता हासिल करना चाहती है। उसका मानना है कि अगले पांच से 10 वर्षों में इन लड़ाकू विमानों के बेड़े में शामिल होने से दो मोर्चों पर युद्ध से निपटने की क्षमता और बढ़ेगी।
मिराज-2000 और मिग-29 बाहर हो जाएंगेउन्होंने कहा कि अगले 10-12 वर्षों में वायुसेना के बेड़े से जगुआर, मिराज-2000 और मिग-29 बाहर हो जाएंगे। मिग श्रृंखला के पुराने विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाने तथा एलसीए मार्क 1 और मार्क 1 ए जैसे नए स्वदेशी विमानों को शामिल करने में देरी के कारण वायुसेना में लड़ाकू विमानों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। वायुसेना केवल 36 राफेल विमानों को ही अपने बेड़े में शामिल कर पाई है, जो 4.5 से अधिक पीढ़ी की श्रेणी का लड़ाकू विमान है।
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