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Manipur Violence: मणिपुर दौरे पर जाएंगे सुप्रीम कोर्ट के छह जज, राहत शिविरों का लेंगे जायजा
पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई और पांच अन्य न्यायाधीशों का एक प्रतिनिधिमंडल 22 मार्च को जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में राहत शिविरों का दौरा करेगा।
राहत शिविरों का दौरा करेंगेनालसा ने कहा कि जस्टिस गवई, जो नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, शीर्ष कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत, विक्रम नाथ, एमएम सुंद्रेश, केवी विश्वनाथन और एन. कोटिस्वर सिंह के साथ मणिपुर हाई कोर्ट के द्विवार्षिक समारोह के अवसर पर राहत शिविरों का दौरा करेंगे।
50,000 से अधिक लोग विस्थापितनालसा ने 17 मार्च को जारी बयान में कहा, ''तीन मई, 2023 की विनाशकारी सांप्रदायिक ¨हसा के लगभग दो वर्ष बाद, जिसके कारण सैकड़ों लोगों की जान चली गई और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए, कई लोग पूरे मणिपुर में राहत शिविरों में शरण लिए हुए हुए हैं।''
आवश्यक राहत सामग्री वितरित की जाएगीबयान में कहा गया है कि शीर्ष अदालत के जजों का दौरा इन प्रभावित समुदायों को कानूनी और मानवीय सहायता की निरंतर आवश्यकता को रेखांकित करता है। नालसा ने कहा कि इस दौरे के दौरान जस्टिस गवई इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम और उखरुल जिलों में नए कानूनी सहायता क्लीनिकों के अलावा राज्यभर में कानूनी सेवा शिविरों और चिकित्सा शिविरों का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। इस दौरान आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आइडीपी) को आवश्यक राहत सामग्री वितरित की जाएगी।
कांग्रेस ने किया स्वागतकांग्रेस ने मणिपुर के राहत शिविरों का दौरा करने के सुप्रीम कोर्ट के जजों के फैसले का स्वागत किया है। कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट के अगस्त, 2023 के फैसले को याद किया जिसमें उसने कहा था कि पूर्वोत्तर राज्य में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है।
जयराम रमेश ने सरकार की आलोचना कीसरकार की आलोचना करते हुए जयराम रमेश ने मणिपुर पर मोदी की ''चुप्पी'' पर सवाल उठाया। कहा, ''वह दुनियाभर में जाते हैं, असम जाते हैं, अन्य जगहों पर जाते हैं, लेकिन मणिपुर नहीं जाते हैं, जबकि राज्य के लोग उनके दौरे का इंतजार करते रहते हैं।''
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'डच कंपनियां पाकिस्तान को हथियार देना बंद करें', नीदरलैंड के रक्षा मंत्री रुबेन से राजनाथ सिंह की दो टूक
पीटीआई, नई दिल्ली। सीमा पार आतंकवाद पर चिंता जताते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नीदरलैंड के रक्षा मंत्री रुबेन ब्रेकेलमैन्स से आग्रह किया कि डच कंपनियां पाकिस्तान को हथियार, मंच और तकनीकें देना बंद करें। सिंह ने यह भी कहा कि इन मंचों या तकनीकों से पाकिस्तान ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को भारी नुकसान पहुंचाया है।
सूत्रों का कहना है कि भारत दौरे पर आए नीदरलैंड के रक्षा मंत्री रुबेन ब्रेकेलमैन्स से मंगलवार को मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-प्रशांत क्षेत्र, एआइ समेत विभिन्न तकनीकों और रक्षा सहयोग पर बातचीत की। उन्होंने इसके बाद एक्स पर पोस्ट में कहा कि वह दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत हैं।
डच कंपनियां पाकिस्तान को हथियार देना बंद करें : राजनाथराजनाथ सिंह ने नीदरलैंड के रक्षा मंत्री रुबेन से कहा कि पिछले कई दशकों में सीमा पार पाकिस्तान से किए जा रहे आतंकवाद के कारण भारत ने बहुत मुसीबतें उठाई हैं। इसलिए वह आग्रह करते हैं कि नीदरलैंड के रक्षा मंत्री डच कंपनियों को पाकिस्तान को हथियार और अन्य संसाधन मुहैया कराने से रोकें। जबकि नीदरलैंड के रक्षा मंत्री रुबेन ब्रेकेलमैन्स ने कड़े लहजे में यूक्रेन पर रूस के हमले का विरोध किया है।
उन्होंने इसकी निंदा करते हुए कहा कि वह अस्वीकार है और यह हर तरह से अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस और यूरोप से बहुत अच्छे संबंध रखने वाला भारत एक शांतिपूर्ण प्रस्ताव में अपनी अहम भूमिका निभा सकता है।
यूक्रेन के सबसे बड़े समर्थकों में से एक नीदरलैंडनीदरलैंड के रक्षा मंत्री ब्रेकेलमैन्स ने यूक्रेन का भरपूर समर्थन करते हुए उसे युद्ध में सैन्य समर्थन देते हुए उन्होंने कहा कि वह यूक्रेन के सबसे बड़े समर्थकों में से एक हैं। भविष्य में रूस के किसी हमले से बचने के लिए यूक्रेन की सैन्य सहायता बढ़ाने के साथ ही एक शांति समझौते के प्रस्ताव के लिए भी भारत का समर्थन जुटाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत और नीदरलैंड मुक्त व खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र में व्यापार के साझा हितों पर जोर देंगे। जबकि अंतरराष्ट्रीय कानून का आदर नहीं करने वाले चीन जैसे देशों से भी सावधान रहेंगे।
रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर हुई द्विपक्षीय बातचीतरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिन में नीदरलैंड के रक्षा मंत्री रुबेन ब्रेकेलमैन्स के साथ नई दिल्ली में रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर द्विपक्षीय बातचीत की। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि दोनों रक्षा मंत्रियों ने रक्षा, सुरक्षा, सूचनाओं के आदान-प्रदान, भारत-प्रशांत महासागर क्षेत्र और उभरती तकनीकों के क्षेत्र में गहन विचार-विमर्श किया।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार नई दिल्ली में 17-19 मार्च को रायसीना डायलाग शामिल होने आए डच रक्षा मंत्री रुबेन ब्रेकेलमैन्स ने राजनाथ सिंह से रक्षा संबंधों पर गहन बातचीत की है।
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हरीश साल्वे ने 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' विधेयक का किया समर्थन , पूर्व जज ने इसे संविधान का उल्लंघन बताया
पीटीआई, नई दिल्ली। विधि क्षेत्र की दो प्रमुख हस्तियों हरीश साल्वे और एपी शाह ने संसद की एक समिति के समक्ष एक राष्ट्र- एक चुनाव को लेकर अलग-अलग विचार व्यक्त किए।
वरिष्ठ अधिवक्ता साल्वे ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि प्रस्तावित कानून संवैधानिक आवश्यकताओं को पूरा करता है जबकि विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष एपी शाह ने इसे संविधान का उल्लंघन बताया और कहा कि इस विधेयक को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
शाह ने कई बिंदुओं पर विधेयक को गलत ठहरायासूत्रों ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश शाह ने कई बिंदुओं पर विधेयक को गलत ठहराया, जिसमें राज्य विधानसभा चुनावों को स्थगित करने की सिफारिश करने के लिए चुनाव आयोग को दी गई शक्ति भी शामिल है।
कुछ सांसदों ने कहा कि शाह ने दावा किया कि यह विधेयक संविधान, लोकतांत्रिक सिद्धांतों और संघीय ढांचे का उल्लंघन करता है। हालांकि, साल्वे ने उन तर्कों को खारिज कर दिया कि एक राष्ट्र-एक चुनाव संबंधी विधेयक संविधान की बुनियादी संरचना और संघीय सिद्धांतों के खिलाफ है।
चौधरी ने बैठक को सकारात्मक बतायाउन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव विधि और संविधान सम्मत है। विधेयक लोगों के मतदान के अधिकार पर अंकुश नहीं लगाता है। साल्वे और शाह दोनों से लगभग पांच घंटे की बैठक में भाजपा सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति के सदस्यों ने अलग-अलग सवाल पूछे। चौधरी ने बैठक को सकारात्मक बताया। उन्होंने बताया कि जहां साल्वे को करीब तीन घंटे लगे वहीं शाह का सत्र दो घंटे में समाप्त हुआ।
साल्वे पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति के सदस्य भी थे, जिसने लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की सिफारिश की थी।
एक साथ चुनावों से बड़ी मात्रा में सार्वजनिक धन की बचत होगीशाह उन कानूनी विशेषज्ञों में शामिल थे जिनके विचार समिति द्वारा मांगे गए थे और माना जाता है कि उन्होंने एक राष्ट्र-एच चुनाव के प्रस्ताव पर अपनी असहमति व्यक्त की जबकि अधिकांश विशेषज्ञ इसके पक्ष में थे। शाह ने इस विचार का भी समर्थन नहीं किया कि एक साथ चुनावों से बड़ी मात्रा में सार्वजनिक धन की बचत होगी।
विधानसभा चुनाव पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए होने चाहिएसूत्रों के अनुसार, शाह ने समिति को बताया कि विधानसभा चुनाव पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए होने चाहिए। विधेयक में प्रस्ताव है कि एक साथ चुनाव कराने संबंधी कानून के अधिसूचित हो जाने पर सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव अगले संसदीय चुनाव के साथ ही कराए जाएंगे, भले ही उनके कार्यकाल की अवधि कितनी भी शेष क्यों न हो।
'बीमा कंपनियों को दावे की राशि दावेदार के खाते में भेजने का निर्देश दें', जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दिया ये आदेश
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अदालतों और न्यायाधिकरणों से कहा कि वे बीमा कंपनियों को निर्देश दें कि वे अनावश्यक देरी से बचने के लिए दावे की राशि सीधे दावेदारों के बैंक खातों में स्थानांतरित करें। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने मोटर दुर्घटना दावा मामले में यह निर्देश दिए।
मुआवजे पर कोई विवाद नहींइसमें कहा गया है कि जहां मुआवजे पर कोई विवाद नहीं है, वहां बीमा कंपनियों द्वारा अपनाई जाने वाली सामान्य प्रक्रिया यह है कि वे इसे न्यायाधिकरण के समक्ष जमा करा देते हैं। उस प्रक्रिया का पालन करने के बजाय न्यायाधिकरण को सूचित करते हुए हमेशा दावेदार के बैंक खाते में राशि हस्तांतरित करने का निर्देश जारी किया जा सकता है।
एक बार जब राशि न्यायाधिकरण के समक्ष जमा हो जाती है, तो दावेदार को वापसी के लिए आवेदन करना पड़ता है। आम तौर पर दावेदारों को अपना पैसा 15-20 दिनों से पहले नहीं मिलता।
मामले पर फैसला सुनाते हुए पीठ ने न्यायाधिकरणों के समक्ष लंबित दावों की मांग करने वाले मोटर दुर्घटना मामलों की बढ़ती संख्या का भी उल्लेख किया। पीठ ने कहा कि 2022-23 के अंत तक न्यायाधिकरणों के समक्ष पूरे देश में 10,46,163 दावा मामले लंबित थे। 2019-20 के अंत तक यह संख्या 9,09,166 से बढ़ गई। तीन वर्षों के भीतर 1,36,997 मामलों की वृद्धि हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने 1986 में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में सजा बरकरार रखीसुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 1986 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के लिए ट्रायल कोर्ट द्वारा एक व्यक्ति को दी गई सजा को बरकरार रखा तथा पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों के जीवन के भयावह अध्याय के समापन के लिए चार दशक के लंबे इंतजार पर अफसोस जताया।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने राजस्थान राज्य द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया तथा हाई कोर्ट के जुलाई 2013 के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें व्यक्ति को बरी कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से निपटने के हाई कोर्ट के तरीके पर आश्चर्य व्यक्त किया और अपने फैसले में पीड़िता का नाम आने पर नाराजगी जताई।
21 वर्षीय व्यक्ति को दोषी ठहराया और सात साल की जेल की सजा सुनाईनवंबर 1987 में एक ट्रायल कोर्ट ने तत्कालीन 21 वर्षीय व्यक्ति को दोषी ठहराया और सात साल की जेल की सजा सुनाई। पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के पीछे मुख्य तर्क नाबालिग पीड़िता सहित अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान थे।
पीठ ने कहा कि यह सच है कि पीड़िता ने अपने खिलाफ अपराध के बारे में कुछ भी नहीं बताया है। घटना के बारे में पूछे जाने पर ट्रायल कोर्ट के जज ने दर्ज किया कि पीड़िता चुप थी और आगे पूछे जाने पर उसने केवल आंसू बहाए और इससे ज्यादा कुछ नहीं।
यह चुप्पी प्रतिवादी के लाभ के लिए नहीं हो सकती- कोर्टसुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हमारे विचार में इसे प्रतिवादी के पक्ष में एक कारक के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। पीड़िता के आंसुओं को उनके महत्व के अनुसार समझना होगा। यह चुप्पी प्रतिवादी के लाभ के लिए नहीं हो सकती है।
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EC: 'चुनाव आयोग वेबसाइट पर बूथ वार मतदान आंकड़ा प्रकाशित करने पर चर्चा को तैयार', ईसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग के उस रुख पर विचार किया, जिसमें उसने अपनी वेबसाइट पर बूथवार मतदान का आंकड़ा अपलोड करने की मांग पर चर्चा करने की बात कही है। अदालत ने याचिकाकर्ताओं को 10 दिनों के भीतर चुनाव आयोग के समक्ष अपनी प्रस्तुति देने के लिए कहा है।
पीठ ने इस याचिका पर की सुनवाईचीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स द्वारा 2019 में दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।
इन याचिकाओं में चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदान समाप्ति के 48 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइट पर बूथवार मतदान का डाटा अपलोड करे।चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इस मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं।
याचिकाकर्ता चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुति दे सकते हैंउन्होंने कहा- ''अब एक नए मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। याचिकाकर्ता उनसे मिल सकते हैं और इस मुद्दे को सुलझाया जा सकता है।'' चीफ जस्टिस ने कहा कि याचिकाकर्ता चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुति दे सकते हैं और आयोग उन्हें सुनवाई का अवसर देगा। प्रस्तुति 10 दिनों के भीतर दी जाए।
सुनवाई के दौरान, एनजीओ की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि ईवीएम की गिनती और मतदान केंद्रों पर आने वाले व्यक्तियों की संख्या में भारी विसंगतियां थीं।
महुआ मोइत्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने तर्क दिया कि दिन के अंत में 10 का मतदान अगले सुबह 50 कैसे हो गया, इसे समझाने की जरूरत है। मामले में अगली सुनवाई अब 28 जुलाई को होगी।
चुनाव आयोग अपने सॉफ्टवेयर में फर्जी वोटरों का पता लगाने को पेश करेगा नया विकल्पतृणमूल कांग्रेस द्वारा फर्जी मतदाताओं का मुद्दा उठाए जाने के बीच चुनाव आयोग ने फर्जी मतदाताओं का पता लगाने के लिए अपने सॉफ्टवेयर में एक नया विकल्प पेश करने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि नए विकल्प से निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि किसी विशेष वोटर आईकार्ड संख्या (ईपीआइसी नंबर) से कई नाम जुड़े हैं या नहीं। सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इस फैसले के बारे में सूचित कर दिया गया है।
अधिकारी ने कहा कि सोमवार को राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें उन्हें डुप्लीकेट ईपीआइसी नंबर को सही करने के लिए एक नए माड्यूल के बारे में बताया गया है।
मतदाता सूची में सुधार 21 मार्च तक पूरा करने का आदेशबंगाल के कार्यवाहक मुख्य निर्वाचन अधिकारी दिव्येंदु दास ने सोमवार को जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की और फैसले के बारे में जानकारी दी। कहा कि बंगाल की मतदाता सूची में सुधार 21 मार्च तक पूरा करने का आदेश दिया गया है।
कोरोना में अधिक फीस लेने वाले यूपी के निजी स्कूलों की जांच के लिए बनी समिति, कोर्ट के आदेश को चुनौती दी
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के 17 निजी स्कूलों की वित्तीय स्थिति की जांच के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति गठित की। इन स्कूलों ने कोविड-19 महामारी के दौरान ली गई 15 प्रतिशत अतिरिक्त फीस को समायोजित करने या वापस करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।
तथ्यों और खातों की जांच की आवश्यकताचीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। आदेश में कहा गया है, इस मुद्दे पर प्रत्येक मामले में तथ्यों और खातों की जांच की आवश्यकता है।
इन परिस्थितियों में हम दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस जीपी मित्तल और चार्टर्ड अकाउंटेंट आदिश मेहरा की सदस्यता वाली एक समिति गठित करते हैं जो खातों की जांच करेगी और निर्दिष्ट अवधि के दौरान संबंधित स्कूलों की वित्तीय स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
17 निजी स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थीगौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को निर्देश दिया था कि वर्ष 2020-2021 के दौरान जब महामारी अपने चरम पर थी तो अभिभावकों द्वारा भुगतान की गई फीस का 15 प्रतिशत समायोजित करें या इसे वापस करें। इस आदेश को चुनौती देते हुए 17 निजी स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
बहरहाल, पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने प्रत्येक निजी स्कूल के तथ्यों और वित्तीय परिस्थितियों पर विचार किए बिना ''व्यापक ²ष्टिकोण'' अपनाया है और इसे लागू रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
आपको प्रत्येक मामले पर गौर करना होगाहाईकोर्ट के आदेश के बाबत चीफ जस्टिस ने कहा, ''आपको प्रत्येक मामले पर गौर करना होगा।'' निजी स्कूलों ने दलील दी कि महामारी के दौरान कुछ स्कूलों में कर्मचारियों और शिक्षकों के वेतन में कटौती के अलावा मानव संसाधन का नुकसान भी हुआ।
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Kerala: लड़की ने चार महीने की चचेरी बहन की कर दी हत्या, जानें क्यों उठाया जानलेवा कदम
आईएएनएस, कन्नूर। केरल के कन्नूर के पास 12 साल की एक लड़की ने एक कुएं में फेंककर अपनी चार महीने की चचेरी बहन की हत्या कर दी, यह बात उसने पुलिस के सामने कबूल कर ली है। सोमवार की रात को, तमिलनाडु के मूल निवासी मुथु और अक्कमल की चार महीने की बेटी यासिका लापता हो गई, जिसके बाद उसकी तलाश की गई।
मुथु के भाई की बेटी ने अपराध कबूल कर लियाकुछ घंटों के बाद, यासिका का शव उसके घर के एक कुएं से निकाला गया। कई दौर की पूछताछ के बाद, नाबालिग आरोपी, मुथु के भाई की बेटी ने अपराध कबूल कर लिया। पिछले साल मुथु के भाई की मौत के बाद, 12 साल की लड़की उसके परिवार के साथ रह रही है। सुबह से ही पुलिस मुथु, उसकी भतीजी और अक्कमल से पूछताछ कर रही है, बाद में 12 साल की लड़की टूट गई।
पूछताछ के दौरान नाबालिग आरोपी ने खुलासा कियामुथु और उसकी पत्नी कूड़ा बीनकर अपना गुजारा करते थे और जब दंपत्ति काम पर जाते थे तो मुथु की भतीजी यासिका की देखभाल करती थी। पूछताछ के दौरान नाबालिग आरोपी ने खुलासा किया कि यासिका के जन्म के बाद उसे लगा कि मुथु और अकम्मल का प्यार और स्नेह उनके नवजात शिशु पर आ गया है।
मुथु के पड़ोसी अजयकुमार ने कहा कि आरोपी हमेशा अपनी बहन के साथ यहां दिखाई देती थी और सामान खरीदने के लिए दुकान पर जाती थी। हम इस खबर को सुनकर स्तब्ध हैं।
एक अन्य पड़ोसी यूसुफ ने कहा, "मैं उसके चेहरे से समझ सकता था कि 12 वर्षीय बच्ची ने अपराध किया है। इसके अलावा, सोमवार को नाबालिग आरोपी ने कहा कि जब यासिका लापता हुई, तो वह शौच के लिए बाहर गई थी। जब लड़की से पूछा गया कि उसे वापस आने में कितना समय लगा, तो उसने कहा कि 10 मिनट। जब उसने इतना समय बताया, तो मुझे यकीन हो गया कि उसने अपराध किया है।"
60 दिनों में हो जाएगा भारत के साथ FTA, न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने जताई उम्मीद
पीटीआई, नई दिल्ली। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने मंगलवार को कहा कि वह 60 दिनों में भारत के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए उत्सुक हैं और इस कदम से दस सालों में द्विपक्षीय व्यापार में 10 गुना वृद्धि होने की उम्मीद है। लगभग 10 वर्षों के अंतराल के बाद भारत और न्यूजीलैंड ने रविवार को आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत फिर से शुरू करने का एलान किया है।
आइए रिश्ते को आगे बढ़ाएं: लक्सनन्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री 16 मार्च से चार दिवसीय यात्रा पर यहां आए हुए हैं। उद्योग संगठन फिक्की द्वारा आयोजित भारत-न्यूजीलैंड आर्थिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए लक्सन ने कहा, ''आइए इस रिश्ते को आगे बढ़ाएं और मैं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 60 दिनों के भीतर उस समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रतीक्षा कर रहा हूं।'' व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार, वार्ता में मुश्किल बिंदु सेब, कीवी, डेयरी और वाइन जैसे कृषि उत्पादों पर शुल्क रियायतें होंगी।
10 साल में 10 गुना वृद्धि की संभावनावाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमें अगले 10 सालों में 10 गुना वृद्धि हासिल करने की पूरी संभावना है। गोयल ने कहा, ''अगर हम पूरक अर्थव्यवस्था की भावना से काम करते हैं तो शायद ही कोई ऐसी चीज हो जिस पर हम एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करें। कुछ संवेदनशील बिंदुओं पर हम बहुत आसानी से आगे बढ़ सकते हैं, क्योंकि आज दोनों देशों में विकास के अलग-अलग स्तर और समृद्धि है।''
बंदूक रखकर नहीं किया जा सकता समझौताअमेरिका सहित विभिन्न देशों के साथ चल रही व्यापार वार्ता के बारे में गोयल ने कहा, 'मैंने हमेशा कहा है कि कोई भी मुक्त व्यापार समझौता कभी भी किसी के सिर पर बंदूक रखकर नहीं किया जाता है। इस संबंध में कोई भी समयसीमा या अंतिम तिथि नहीं हो सकती है, लेकिन आकांक्षी होना अच्छा है।'
2010 में शुरू हुई थी बातचीतभारत और न्यूजीलैंड ने वस्तुओं, सेवाओं और निवेश में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अप्रैल, 2010 में व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर बातचीत शुरू की। हालांकि, नौ दौर की चर्चाओं के बाद 2015 में वार्ता ठप हो गई थी।
थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआइ) के अनुसार, न्यूजीलैंड के साथ भारत के प्रस्तावित एफटीए से घरेलू कंपनियों को सीमित लाभ होगा, क्योंकि वे पहले से ही बड़ी संख्या में वस्तुओं के लिए उस बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच का आनंद ले रहे हैं।
न्यूजीलैंड का औसत आयात शुल्क भारत के 17.8 प्रतिशत की तुलना में सिर्फ 2.3 प्रतिशत है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में 87.3 करोड़ डॉलर, जबकि 2022-23 में यह 1.02 अरब डॉलर था।
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SC: जजों के खिलाफ लोकपाल की सुनवाई मामले में रंजीत कुमार न्यायमित्र नियुक्त, हाईकोर्ट जज पर भ्रष्टाचार का आरोप
पीटीआई, नई दिल्ली। हाई कोर्ट के जज के खिलाफ शिकायत पर लोकपाल के सुनवाई करने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट 15 अप्रैल को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर इस मामले पर सुनवाई कर रहा है।
जज के खिलाफ शिकायत सुनने पर नाराजगी जताईसुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार को इस मामले में न्यायमित्र नियुक्त किया है। इससे पहले सुनवाई में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अभय ओक की पीठ ने सुनवाई के दौरान लोकपाल के हाई कोर्ट के जज के खिलाफ शिकायत सुनने पर नाराजगी जताई।
सुप्रीम कोर्ट ने 20 फरवरी को लोकपाल के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा था कि यह बहुत ही परेशान करने वाला है और न्यायपालिका की स्वतंत्रता से संबंधित है। पीठ ने उन न्यायाधीश के नाम का खुलासा करने पर भी रोक लगा दी है, जिनके खिलाफ लोकपाल ने शिकायत सुनी।
शिकायतकर्ता भी मंगलवार को पीठ के समक्ष पेश हुआलोकपाल से जज की शिकायत करने वाला शिकायतकर्ता भी मंगलवार को पीठ के समक्ष पेश हुआ और अपना लिखित बयान सौंपा। सालिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और बीएच मार्लापल्ले लोकपाल के अधिकार क्षेत्र के खिलाफ सुनवाई के दौरान दलीलें पेश की।
तुषार मेहता ने कहा कि हाई कोर्ट के जज के खिलाफ शिकायत पर सुनवाई करना लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है और सिर्फ लोकपाल कानून के एक सेक्शन की जांच करने की जरूरत है। पीठ का कहना है कि हाई कोर्ट के जज संवैधानिक शक्ति हैं और लोकपाल उनके खिलाफ शिकायत नहीं सुन सकते।
क्या है पूरा मामलादरअसल बीती 27 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाले लोकपाल ने अपने आदेश में कहा कि लोकपाल एक्ट के तहत हाई कोर्ट के न्यायाधीश भी लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। लोकपाल ने यह टिप्पणी एक शिकायत पर सुनवाई करते हुए की।
शिकायत में आरोप लगाया गया कि एक निजी कंपनी से जुड़े मामले में हाई कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश ने अतिरिक्त जिला जज और एक अन्य हाई कोर्ट के जज को प्रभावित करने की कोशिश की। लोकपाल ने देश के मुख्य न्यायाधीश से इसे स्पष्ट करने की मांग की थी।
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शहरी सुधार की जमीन बनाएगा अर्बन चैलेंज फंड, हुडको ने किया आंध्र प्रदेश सरकार से हुआ समझौता
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली शहरी विकास के लिए इस साल बजट में घोषित की गई अर्बन चैलेंज फंड योजना के प्रति राज्यों ने उत्साह दिखाया है और इसके लिए फंडिंग की जिम्मेदारी संभालने वाले हुडको को भरोसा है कि यह कार्यक्रम शहरों को बुनियादी रूप से मजबूत करेगा।
केंद्र सरकार 25 प्रतिशत की सहायता देगीअर्बन चैलेंज फंड योजना के तहत शहरों में विकास के प्रोजेक्टों के लिए केंद्र सरकार 25 प्रतिशत की सहायता देगी और इतना ही पैसा राज्यों को देना है, जबकि बाकी 50 प्रतिशत राशि शहरी निकाय बैंक कर्ज, बांड अथवा पीपीपी मॉडल के जरिये खुद जुटाएंगे।
हुडको के सीएमडी संजय कुलश्रेष्ठ ने मंगलवार को कहा कि यह योजना राज्यों को सुधार के लिए प्रोत्साहित करने वाली है। कई राज्यों ने शुरुआती स्तर पर इसके प्रति रुचि प्रदर्शित की है और वे पानी-बिजली की ऑडिटिंग और मीटरिंग जैसे जरूरी सुधार भी कर रहे हैं।
नतीजे कई वर्षों में दिखेंगेकुलश्रेष्ठ के मुताबिक यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है और इसके नतीजे कई वर्षों में दिखेंगे। हुडको के जरिये इस योजना का वित्त पोषण किया जाएगा। पीएम आवास योजना (शहरी और ग्रामीण), स्मार्ट सिटी, अमृत, स्वच्छ भारत मिशन तथा जल जीवन मिशन जैसे कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कार्यक्रमों में शामिल हुडको को इस साल बजट में घोषित की गई औद्योगिक श्रमिकों के लिए आवासीय योजना की भी जिम्मेदारी दी गई है।
पूरी परियोजना दो चरणों की हैकुलश्रेष्ठ ने बताया कि उनका संगठन आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के विकास के लिए 11,000 करोड़ रुपये का कर्ज देगा। 8352 वर्ग किमी क्षेत्र में बसाए जा रहे शहर के लिए कुल 67000 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। पूरी परियोजना दो चरणों की है।
एडीबी से 13500 करोड़ रुपये का कर्ज लियापहले चरण में निर्माण लागत 29194 करोड़ रुपये है, जबकि दूसरे में 37,806 करोड़ खर्च होंगे। पहले चरण के लिए आंध्र प्रदेश ने कैपिटल रीजन डेवलपमेंट ऑथारिटी ने हुडको से 11,000 और विश्व बैंक तथा एडीबी से 13500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है।
भाजपा ने विपक्ष को बताया 'औरंगजेब फैन क्लब', सुधांशु त्रिवेदी बोले- 'ये मुगल सम्राटों की करते हैं तारीफ'
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाकुंभ पर दिए गए बयान के बाद लोकसभा में विपक्ष की आलोचना के जवाब में मंगलवार को भाजपा ने विपक्ष पर तीखा हमला किया। भाजपा ने विपक्ष को 'औरंगजेब फैन क्लब' कहकर तंज कसा, क्योंकि उन्होंने इस विशाल धार्मिक आयोजन में भाग नहीं लिया।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ये वही लोग हैं जो मुगल सम्राट की महानता की प्रशंसा करते हैं। वे मोदी की महाकुंभ की प्रशंसा को सहन नहीं कर सके, जिसने भारतीयों को इस ऐतिहासिक और अभूतपूर्व क्षण में गर्व से भर दिया।
त्रिवेदी ने कहा कि कुछ नेता हर चीज में नकारात्मकता खोजते हैं, चाहे वह महाकुंभ जैसा भव्य और ऐतिहासिक आयोजन ही क्यों न हो। उन्होंने दावा किया कि 'औरंगजेब फैन क्लब' को छोड़कर सभी ने इस विशाल धार्मिक आयोजन में भाग लिया।
भाषा के नाम पर बांट रहा विपक्षराज्यसभा सदस्य ने कहा कि जो लोग सनातन धर्म को मिटाने के लिए समर्पित हैं, उन्हें इसमें कुछ भी अच्छा नहीं लगा और उन्होंने राम मंदिर के उद्घाटन के बाद भी वहां का दौरा नहीं किया। विपक्षी नेताओं पर तंज कसते हुए उन्होंने दावा किया कि वे क्षेत्र, भाषा और जाति के नाम पर समाज को विभाजित करने का काम करते हैं, लेकिन उनके प्रयास संगम में करोड़ों भक्तों के पवित्र स्नान के साथ धुल गए।
विकास की सराहना नहीं कर सकता विपक्षपार्टी के एक अन्य प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित अन्य विपक्षी नेताओं पर आरोप लगाया कि वे भारत की प्रतिष्ठा और समाज में एकता को बढ़ाने वाले किसी भी विकास की सराहना नहीं कर सकते। पुरी के सांसद पात्रा ने कहा कि चाहे वह जी20 का आयोजन हो या भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था, इन नेताओं ने हमेशा आलोचना की।
उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद की भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा पर की गई टिप्पणी का भी हवाला दिया, जबकि टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही थी और भारत ने चैंपियंस ट्राफी तक जीती। पात्रा त्रा ने कहा कि मोदी ने सदन में महाकुंभ के भव्य आयोजन और भारत की आध्यात्मिकता के बारे में बात की। सभी ने उन्हें सुना और उनकी प्रशंसा की।
नए भारत में विपक्ष के नेता को भी बोलने नहीं दिया जा रहाराहुल नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि लोकतांत्रिक ढांचे के अनुसार विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति मिलनी चाहिए, लेकिन नए भारत में ऐसा नहीं हो रहा है। राहुल ने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा कि वह भी महाकुंभ के मुद्दे पर सदन में बोलना चाहते थे। उन्होंने जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी को प्रयागराज में 29 जनवरी को महाकुंभ में हुई भगदड़ में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए थी।
पीएम की बातों का समर्थन करना चाहता था: राहुलराहुल ने कहा कि मैं उनके कहे का समर्थन करना चाहता था। कुंभ हमारी परंपरा, इतिहास और संस्कृति है। मगर शिकायत यह भी थी कि उन्होंने उन लोगों को श्रद्धांजलि नहीं दी जिन्होंने महाकुंभ में भगदड़ में अपनी जान गंवाई।
उन्होंने यह भी कहा कि कुंभ में गए युवाओं को रोजगार की आवश्यकता है और प्रधानमंत्री को इस पर भी बोलना चाहिए। कांग्रेस की वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वॉड्रा ने भी कहा कि विपक्ष को सदन में बोलने की अनुमति मिलनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि विपक्ष की भी इस पर अपनी भावनाएं हैं और उसे अपनी राय व्यक्त करने देने में किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
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तेलंगाना को राहुल गांधी ने बनाया मॉडल, कहा- अब देश में जाति जनगणना कोई नहीं रोक सकता; केंद्र से की बड़ी मांग
संजय मिश्र, जागरण, नई दिल्ली। कांग्रेस के सामाजिक आधार के दायरे को विस्तार देने की रणनीति के पिछले कुछ अर्से से देश में जातीय जनगणना की आवाज बुलंद कर रहे लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी को तेलंगाना सरकार के ओबीसी आरक्षण बढ़ाने के विधानसभा में पारित बिल का साथ मिल गया है।
तेलंगाना की कांग्रेस सरकार के राज्य में जातीय जनगणना कराने के बाद ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने के पारित प्रस्ताव को राहुल गांधी ने देश में सामाजिक न्याय के मॉडल के रूप में अपनाए जाने की पैरोकारी की है।
जाति जनगणना से ही उचित हक मिलेगाकांग्रेस नेता ने तेलंगाना की इस पहल के सहारे केंद्र सरकार पर भी जातीय जनगणना कराए जाने का दबाव डालने की सियासत तेज करने के अपने इरादे साफ करते हुए कहा कि अब इसे कोई रोक नहीं सकता।
राहुल गांधी ने तेलंगाना में ओबीसी आरक्षण की सीमा बढ़ाने के पारित विधेयक का हवाला देते हुए जाति जनगणना के लिए केंद्र पर दबाव बनाने की अपनी रणनीति के तहत यह कहने से भी गुरेज नहीं किया कि जातिगत जनगणना से ही पिछड़े और वंचित समुदायों को उनका उचित हक मिल सकता है।
कांग्रेस का वादा पूरा: राहुल गांधीतेलंगाना की रेवंत रेडडी सरकार द्वारा सोमवार को विधानसभा में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने संबंधी बिल पारित किए जाने के बाद मंगलवार को नेता विपक्ष ने एक्स पर पोस्ट में इसे ओबीसी आरक्षण का कांग्रेस का वादा पूरा करने के रूप में पेश किया।
राहुल गांधी ने कहा ''राज्य में वैज्ञानिक तरीके से हुई जातिगत गिनती से मिली ओबीसी समुदाय की वास्तविक संख्या स्वीकार की गई और शिक्षा, रोजगार और राजनीति में उनकी समान भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विधानसभा में 42 प्रतिशत आरक्षण का बिल पारित किया गया है। सामाजिक न्याय की दिशा में यह वाकई एक क्रांतिकारी कदम है जिसके द्वारा राज्य में आरक्षण पर से 50 प्रतिशत की दीवार भी गिरा दी गई है।"
आरक्षण की 50 फीसदी सीमा हटाने की मांगराहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा और मणिपुर से मुंबई की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समय से ही कांग्रेस की राजनीति को सामाजिक न्याय के सियासी ट्रैक की ओर मोड़ चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान जातीय जनगणना पार्टी का एक बड़ा मुद्दा रहा।
नेता विपक्ष ने इसके बाद भी जातीय जनगणना को कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक विमर्श के प्रमुख एजेंड़े में रखा है। इसीलिए तेलंगाना की ताजा पहल को तत्काल लपकते हुए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से एक बार फिर आरक्षण की वर्तमान 50 फीसद की अधिकतम सीमा की पाबंदी हटाने की मांग की।
तेलंगाना ने रास्ता दिखा दियाकांग्रेस नेता ने अपने बयान में कहा कि जातिगत सर्वेक्षण के डेटा से हर समुदाय के सामाजिक और आर्थिक हालात का विश्लेषण कर ऐसी नीतियां बनाई जाएंगी जिनसे सबकी बेहतरी सुनिश्चित हो। तेलंगाना सरकार ने इसके लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह भी बनाया है। उन्होंने कहा कि लगातार वे कह रहे कि एक्सरे यानि जातिगत जनगणना से ही पिछड़े और वंचित समुदायों को उनका उचित हक मिल सकता है।
तेलंगाना ने रास्ता दिखा दिया है। यही पूरे देश की जरूरत है और हम भारत में जाति जनगणना करवाकर रहेंगे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी एक्स पोस्ट में कहा कि विधानसभा चुनाव में किया वादा हमने पूरा कर दिया है। सामाजिक न्याय के लिए उठाया गया बेहद जरूरी कदम है, जो आपको सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा।
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भारत से कम या ज्यादा, पाकिस्तान-श्रीलंका में कितना है रेल किराया? अश्विनी वैष्णव ने संसद में दी जानकारी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष को रेलवे और रक्षा पर राजनीति से परहेज करने और भ्रामक बयान से बचने की नसीहत देते हुए दावा किया कि रेलवे में पिछले एक दशक के दौरान पांच लाख से अधिक लोगों को नौकरियां दी गई हैं। साथ ही वर्तमान में एक लाख नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही है।
उन्होंने कहा कि रक्षा एवं रेलवे मंत्रालय देश की जीवनरेखा और रीढ़ की हड्डी हैं। रेल मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में सोमवार को चर्चा का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि विपक्ष का आरोप है कि रेलवे में भर्तियां नहीं हुई हैं जो 'भ्रामक' है।
भारत में रेल किराया कमउन्होंने दावा किया कि पड़ोसी देशों की तुलना में भारत में रेल किराया कम है। प्रथम 350 किलोमीटर की यात्रा के हिसाब से देखें तो भारत में सामान्य श्रेणी का किराया सिर्फ 121 रुपये है। पाकिस्तान में 400 रुपये और श्रीलंका में 413 रुपये है। पश्चिमी देशों में रेल किराया तो भारत की अपेक्षा 10-20 गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से रेल किराए में वृद्धि नहीं हुई है।
रेल मंत्री ने गिनाईं कई उपलब्धियांवैष्णव ने रेलवे की उपलब्धियां भी गिनाई। कहा कि माल ढुलाई की क्षमता में अभी रेलवे सिर्फ चीन और अमेरिका से पीछे है। जल्द ही 1.6 अरब टन माल ढुलाई की क्षमता के साथ तीन शीर्ष देशों में शामिल हो जाएगा। रेलमंत्री ने विपक्ष के उस आरोप को नकार दिया, जिसमें जनरल डिब्बों की संख्या घटाने और रेल किराया बढ़ाने की बात थी। उन्होंने कहा कि रेलवे माल ढुलाई से कमाता है और यात्रियों को सब्सिडी देता है।
उन्होंने दावा किया कि प्रति यात्री लागत प्रति किलोमीटर 1.38 रुपये है जबकि यात्रियों से सिर्फ 72 पैसे ही लिए जाते हैं। वर्ष लगभग 2023-24 में 57 हजार करोड़ रुपए यात्री सब्सिडी के रूप में दिए गए। आम लोगों का ख्याल करते हुए अनारक्षित एवं गैर-वातानुकूलित डिब्बे बढ़ाए जा रहे हैं। अभी गैर-वातानुकूलित एवं वातानुकूलित डिब्बों की संख्या 70:30 के अनुपात में है।
रेलवे तैयार कर रहा 17 हजार डिब्बेरेलवे 17 हजार से अधिक गैर-वातानुकूलित डिब्बे तैयार कर रहा है, जिन्हें विभिन्न ट्रेनों में लगाया जाएगा।रेलमंत्री ने विपक्ष शासित राज्यों में विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से मदद मांगी। रेलवे भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया और भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बताते हुए कहा कि रेलवे की 40 प्रतिशत कार्य क्षमता युवा है। उन्होंने कहा कि अभी रेलवे में 12 लाख कर्मचारी हैं, जिनमें पांच लाख ऐसे हैं, जिनकी नियुक्ति पिछले दस वर्षों में की गई है।
भारत कर रहा लोकोमोटिव का निर्यातरेलमंत्री ने बताया कि बिहार के मढौरा कारखाने में बने लोकोमोटिव का निर्यात जल्द शुरू होगा। इस वर्ष 1,400 लोकोमोटिव का निर्माण हुआ है, जो अमेरिका और यूरोप के संयुक्त उत्पादन से अधिक है। पैसेंजर कोच बांग्लादेश और श्रीलंका निर्यात किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया किलोकोमोटिव भी श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश को जा रहे हैं। बोगी के अंडर-फ्रेम यूनाइटेड किंगडम, सऊदी अरब, फ्रांस और आस्ट्रेलिया को और प्रपल्शन पार्ट्स फ्रांस, मैक्सिको, जर्मनी, स्पेन, रोमानिया और इटली को निर्यात किए जा रहे हैं।
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'भले ही आप हजारों मील दूर हों, लेकिन...', PM मोदी ने सुनीता विलियम्स को लिखी चिट्ठी; भारत आने का दिया न्योता
एएनआई, नई दिल्ली। नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स धरती पर वापसी करने को तैयार हैं। अंतरिक्ष में फंसी सुनिता अपने साथी बुच विलमोर के साथ वापसी के लिए अंतरिक्ष यान में सवार हो चुकी हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को चिट्ठी लिखी है।
पीएम मोदी ने लिखी चिट्ठीपीएम मोदी ने पत्र लिख कहा कि भले ही आप हजारों मील दूर हों, लेकिन आप हमारे दिलों के करीब हैं। पीएम के इस पत्र को केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने साझा किया है। जितेंद्र सिंह ने ट्वीट किया, "जबकि पूरी दुनिया सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी के लिए बेसब्री से इंतजार कर रही है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की इस बेटी के लिए अपनी चिंता अलग तरह से व्यक्त की।"
पीएम ने क्या लिखा?पीएम मोदी ने अपने पत्र में सुनीता विलियम्स की खूब तारीफ की। पीएम ने कहा,
मैं आपको भारत के लोगों की ओर से शुभकामनाएं देता हूं। आज एक कार्यक्रम में मैं प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री माइक मैसिमिनो से मिला। हमारी बातचीत के दौरान, आपका नाम आया और हमने चर्चा की कि हमें आप और आपके काम पर कितना गर्व है। इस बातचीत के बाद, मैं खुद को आपको पत्र लिखने से नहीं रोक पाया। जब मैं अमेरिका की अपनी यात्राओं के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप या पूर्व राष्ट्रपति बाइडन से मिला, तो मैंने आपके बारे में पूछा। 140 करोड़ भारतीयों ने हमेशा आपकी उपलब्धियों पर बहुत गर्व किया है। हाल के घटनाक्रमों ने एक बार फिर आपके प्रेरणादायक धैर्य और दृढ़ता को प्रदर्शित किया है।
PM Narendra Modi writes to NASA Astronaut Sunita Williams
Sharing the letter, Union Minister Dr Jitendra Singh tweets, "As the whole world waits, with abated breath, for the safe return of Sunita Williams, this is how PM Narendra Modi expressed his concern for this daughter of… pic.twitter.com/xaiY88Fdpk
पीएम ने आगे कहा कि मुझे 2016 में अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान आपके साथ मुलाकात की याद आती है। पीएम ने इसी के साथ कहा कि मैं आपकी वापसी के बाद आपको भारत में देखने के लिए उत्सुक हूं। भारत की बेहतरीन बेटियों में से एक की मेजबानी करना खुशी की बात होगी।
जॉर्ज सोरोस से जुड़ी संस्थाओं पर ED का एक्शन, बेंगलुरु में 8 जगहों पर छापामारी; क्या हैं आरोप?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस से जुड़े NGO पर रेड हुई है। बेंगलुरु स्थित जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन, ओपन सोरोस फाउंडेशन (OSF) और एमनेस्टी इंटरनेशनल के दफ्तरों पर ED ने छापा मारा।
ओएसएफ ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। सूत्रों ने बताया कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत लाभार्थियों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है, जिनमें कुछ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार निकायों से जुड़े लोग भी शामिल हैं। एजेंसी ने एमनेस्टी और ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) के पूर्व-वर्तमान कर्मचारियों के घरों की भी तालाशी ली।
कहां-कहां पर चल रही ED की छापेमारी?- ईडी की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि सोरोस ओएसएफ को 2016 में गृह मंत्रालय द्वारा प्रायर रेफरेंस कैटेगरी" (पूर्व संदर्भ श्रेणी) में रखा गया था। जिससे इसे भारत में एनजीओ को बिना नियमन के दान देने से रोका गया था।
- इस प्रतिबंध से बचने के लिए, ओएसएफ ने भारत में अपनी सहायक कंपनियों के जरिए एफडीआई और कंसल्टेंसी फीस के नाम पर पैसे लाए और इन फंड्स का उपयोग एनजीओ की गतिविधियों को फंडिंग करने के लिए किया गया जो कि फेमा का उल्लंघन है।
- ईडी अन्य एफडीआई फंड्स के उपयोग की भी जांच कर रहा है।
ईडी सोरोस इकोनॉमिक डेवलपमेंट फंड (एसईडीएफ) और ओएसएफ द्वारा लाए गए अन्य एफडीआई फंडों के अंतिम इस्तेमाल की भी जांच कर रहा है। ईडी की तलाशी में मेसर्स एस्पाडा इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड पर भी तलाशी शामिल थी, जो भारत में एसईडीएफ का निवेश सलाहकार/फंड मैनेजर है और मॉरीशस इकाई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
संस्थानों पर FEMA उल्लंघन का आरोपरिपोर्ट्स के मुताबिक ED की कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (FEMA) के उल्लंघन को लेकर हुई।एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दिसंबर 2020 में ही भारत में अपनी एक्टिविटी बंद कर दी थी। संस्था के बैंक खाते अवैध विदेशी फंडिंग के आरोप के चलते फ्रीज भी किए गए थे।
'जनरेशन Z रील बनाना जानती है पर गणित नहीं..', बेंगलुरु के एक CEO ने कंपनी में हायरिंग को लेकर जताई चिंता; पूछा था ये सवाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। GEN Z को लेकर इन दिनों चर्चा जोरों पर हैं। इस बीच बेंगलुरु स्थित CEO आशीष गुप्ता ने लिंक्डइन पर GEN Z को लेकर टिप्पणी की है। जिसमें उनके रील लाइफ के कारण रियल लाइल ज्ञान को कम आंका जा रहा है। CEO आशीष गुप्ता ने कहा, GEN Z रील्स बनाता हैं, लेकिन उसे असली गणित नहीं आता।
पोस्ट में आशीष गुप्ता ने एक असहज वास्तविकता की ओर इशारा किया, उन्होंने कहा- एक पीढ़ी जो वायरल कंटेट बनाने में तेज है। अपने हाल ही के कैंपस हायरिंग अनुभव को शेयर करते हुए, गुप्ता ने बीबीए और बीसीए जैसे स्ट्रीम से नए ग्रेजुएशन की भर्ती के लिए एक पॉपुलर इंस्टीट्यूट के सफर के बारे में बताया।
CEO आशीष गुप्ता ने पूछा सवाल50 से अधिक छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, उन्होंने कक्षा 5 का एक सीधा-सादा गणित का सवाल पूछा: 'यदि कोई कार पहले 60 किमी 30 किमी/घंटा की गति से और अगले 60 किमी 60 किमी/घंटा की गति से चलती है, तो इसकी औसत गति क्या है?'
केवल दो छात्रों ने सही उत्तर दिया, जबकि बाकी को इसे हल करने में संघर्ष करना पड़ा। फिर भी, जब उनसे पूछा गया कि वे कैसे प्रोडक्ट की मार्केटिंग करेंगे, तो गुप्ता ने पाया कि वे लोग इंस्टाग्राम रील्स, वायरल कंटेंट और डिजिटल ट्रेंड के बारे में विचारों से भरे हुए थे।
आशीष गुप्ता ने कहा
इससे एक कठोर सच्चाई सामने आती है, GEN Z सोशल मीडिया पर नेविगेट करने में बहुत तेज है, लेकिन बुनियादी समस्या-समाधान, तार्किक तर्क और वित्तीय साक्षरता का अभाव है। उन्होंने आगाह किया कि अगर यह असंतुलन जारी रहा, तो यह व्यक्तिगत वित्त, निर्णय लेने और विश्लेषणात्मक चुनौतियों से निपटने में पूरी पीढ़ी को असुरक्षित बना सकता है।
25 प्रतिशत अमेरिकी ही GEN Z को रखना चाहतेजेनरेशन Z फ्रेशर्स को नियुक्त करने के बारे में भर्तीकर्ता विभाजित हैं। केवल 25 प्रतिशत अमेरिकी भर्तीकर्ता उन्हें नियुक्त करने के लिए उत्सुक हैं, जबकि 17 प्रतिशत झिझकते हैं या खुले तौर पर अनिच्छुक रहते हैं। गुप्ता ने अप्रत्यक्ष रूप से कहा कि चुनौती पुरानी सोच से परे है और जेनरेशन Z के नजरिए और पारंपरिक कार्यस्थलों की मांगों के बीच एक बुनियादी अलगाव की ओर इशारा करती है।
कैसा है GEN Z?नियोक्ता जेनरेशन Z कर्मचारियों के बीच अधिकार की भावना सहित विभिन्न चिंताओं की रिपोर्ट करते हैं, जिसमें 65 प्रतिशत नियोक्ता इसे एक प्रमुख मुद्दे के रूप में उजागर करते हैं। 55 प्रतिशत का कहना है कि जेनरेशन Z फीडबैक को व्यक्तिगत आलोचना के रूप में लेता है, जिससे विकास में मुश्किल हो जाती है।
ट्रंप की टैरिफ नीति से भारत को कितना होगा नुकसान? सरकार कर रही कैलकुलेशन
पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार स्टील और एल्युमीनियम आयात पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत शुल्क के प्रभाव का आकलन कर रही है।
मंत्री ने लिखित उत्तर में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा के अनुसार अमेरिकी सरकार ने 12 मार्च से आयात शुल्क लगाया है। उन्होंने कहा, जैसा कि वाणिज्य विभाग द्वारा बताया गया है भारत पर उपरोक्त घोषणाओं के प्रभाव का आकलन किया जा रहा है।
भारत की रेटिंग बेहतरएक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की 40 सिफारिशों में से 37 में भारत को अनुपालन या काफी हद तक अनुपालन रेटिंग मिली है। तीन सिफारिशों में इसे आंशिक रूप से अनुपालन रेटिंग प्राप्त हुई तथा किसी को भी गैर-अनुपालन रेटिंग नहीं दी गई।
भारत को रेगुलर फॉलो अप श्रेणी में रखा गया, जो कि एफएटीएफ के तहत मूल्यांकन किए जा रहे किसी भी देश को दी जाने वाली सर्वोत्तम संभव रेटिंग है। जी- 20 के केवल तीन अन्य देश हैं जिन्हें यह रेटिंग प्राप्त है। यह भारत की मजबूत स्थिति को दर्शाता है।
अमेरिका को भी होगा नुकसान- कुछ लोगों का मानना ये भी है कि भारत के खिलाफ ट्रंप का टैरिफ अमेरिकियों के लिए गले की फांस बन सकताहै क्योंकि अमेरिका में दवाओं की कीमतें बढ़ सकती हैं। लाखों अमेरिकियों को अपनी दवा के लिए अधिक रकम चुकानी पड़ सकती है।
- कंसल्टिंग फर्म 'आईक्यूवीआईए' के एक अध्ययन के अनुसार, केवल 2022 में ही भारतीय जेनेरिक दवाओं से 219 बिलियन डॉलर की बचत हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि व्यापार समझौते के बिना ट्रंप के टैरिफ कुछ भारतीय जेनेरिक दवाओं को अव्यवहारिक बना सकते हैं। इससे कंपनियों को बाजार से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है और मौजूदा दवा की कमी और बढ़ सकती है।
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खत्म होगा गर्मी का प्रकोप! इन राज्यों के लिए भयंकर बारिश की चेतावनी, तापमान में आएगी गिरावट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गोरखपुर, बस्ती समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हुई ओलावृष्टि व असम और केरल में पिछले 24 घंटे में हुई बारिश के कारण मौसम काफी बदल गया है। पूर्वी भारत के ज्यादातर हिस्सों में अब हीट वेव की स्थिति में कमी आने की संभावना है।
मौसम विभाग ने बताया कि इन क्षेत्रों के अलावा पिछले 24 घंटे में पश्चिम बंगाल और सिक्किम में ओलावृष्टि हुई। हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय समेत नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में काफी तेज हवाएं देखने को मिलीं।
हीट वेव से जूझ रहे कई राज्यमौसम विभाग के मुताबिक, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, विदर्भ और तेलंगाना जैसे राज्य हीट वेव की स्थिति से गुजर रहे हैं। हालांकि आने वाले दिनों में ओडिशा के अलावा अन्य जगहों पर इसमें कमी देखने को मिल सकती है।
पूर्वोत्तर भारत में अगले 5 दिनों के अंदर गरज के साथ मध्यम वर्षा और तेज हवा की संभावना जताई गई है। वहीं अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों पर बारिश और बर्फबारी देखने को मिल सकती है।
बारिश से सुहाना होगा मौसम- पूर्वी मध्य भारत की बात करें, तो यहां 19 से 23 मार्च के दौरान गरज, बिजली, तेज हवा और ओलावृष्टि के साथ-साथ बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, हरियाणा के ऊपर एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, लेकिन इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिलेगा।
- उत्तर पश्चिम भारत में आने वाले दिनों में तापमान में 3 से 5 डिग्री की वृद्धि हो सकती है। पूर्वी भारत की बात करें, तो अगले 3 दिन तापमान में कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन उसके बाद 2 से 4 डिग्री की गिरावट देखने को मिलेगी।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड समेत पूर्वोत्तर राज्यों और भारत के पूर्वी हिस्से में बारिश से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि 18 मार्च को पूर्वोत्तर राज्यों और ओडिशा समेत दक्षिण के कुछ राज्यों में बारिश होगी।
19 मार्च को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा समेत ज्यादातर हिस्सों में बारिश हो सकती है। वहीं 20-21 मार्च को मौसम अपने चरम पर होगा। इस दौरान यूपी, झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भयंकर बारिश हो सकती है।
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'ट्रंप की भाषा बोल रहे मोदी', कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना; कहा- मार्ग से भटक रहे हैं पीएम
पीटीआई, नई दिल्ली। अमेरिकी पॉडकास्टर के साथ संवाद में वैश्विक संगठनों की प्रासंगिकता पर टिप्पणियों के लिए कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना की है।
कांग्रेस ने दावा किया कि प्रधानमंत्री स्पष्ट रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खुश करने के लिए अपने मार्ग से भटक रहे हैं और अपने अच्छे मित्र की बातों को दोहरा रहे हैं।
जयराम रमेश ने साधा निशानाकांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 'वह (मोदी) कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय संगठन, जिनसे भारत को काफी लाभ हुआ है, अप्रांसगिक हो गए हैं। यह अमेरिकी राष्ट्रपति की भाषा है। वास्तव में राष्ट्रपति ट्रंप उन्हें अप्रासंगिक बनाने का भरकस प्रयास कर रहे हैं और अब मोदी अपने अच्छे मित्र की बातों को दोहरा रहे हैं।'
उन्होंने सवाल किया कि क्या डब्ल्यूएचओ और डब्ल्यूटीओ भारत के लिए ठीक नहीं हैं? क्या जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता भारत के लिए ठीक नहीं है? क्या अपनी सभी कमजोरियों के बावजूद यूएन ने भारतीय शांतिरक्षकों के लिए विदेश में अवसर उपलब्ध नहीं कराए?
उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय संगठनों में सुधार की जरूरत है, लेकिन उनकी वैसी व्यापक निंदा नहीं होनी चाहिए, जैसी राष्ट्रपति ट्रंप व प्रधानमंत्री मोदी कर रहे हैं।
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'संसद में दिए आश्वासनों को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी', किरेन रिजिजू बोले- अगर ऐसा नहीं हुआ तो...
पीटीआई, नई दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को राज्यसभा को आश्वस्त किया कि सरकार संसद के दोनों सदनों में मंत्रियों द्वारा दिए गए सभी आश्वासनों को गंभीरता से लेती है, क्योंकि यह लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
राज्यसभा में सवालों का जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा, हम संसदीय लोकतंत्र का महत्व समझते हैं। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि आश्वासन पूरा किया जाए। यदि आश्वासन पूरे नहीं किए गए तो यह संसदीय लोकतंत्र पर एक धब्बा होगा।
आश्वासनों को पूरा करने में ढिलाई नहींरिजिजू ने कहा कि संसद का नियम है कि सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों को तीन महीने में पूरा किया जाना चाहिए। हम संसद में सरकार द्वारा दिए गए सभी आश्वासनों को गंभीरता से लेते हैं। संसद में दिए गए आश्वासनों को पूरा करने में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है।
रिजिजू ने कहा कि उन्होंने हाल ही में सरकार के सभी मंत्रियों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि आश्वासन समयबद्ध तरीके से पूरे हों। सांसदों द्वारा लिखे गए पत्रों का जवाब भी एक महीने के भीतर दिया जाना चाहिए।
जयराम रमेश ने दिया सुझाव- संसदीय कार्य राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने सदन को बताया कि 99 प्रतिशत आश्वासनों का क्रियान्वयन किया जा चुका है। डिजिटल प्लेटफॉर्म ऑनलाइन आश्वासन निगरानी प्रणाली (ओएएमएस) का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संसद में मंत्रियों द्वारा दिए गए आश्वासनों पर नजर रखी जाए, निगरानी की जाए और उन्हें पूरा किया जाए।
- यह प्रणाली सभी हितधारकों को लंबित आश्वासनों पर कार्रवाई करने के लिए समय पर अलर्ट भेजती है, जिससे समयसीमा का पालन सुनिश्चित होता है। इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान एक सदस्य को केवल एक ही पूरक प्रश्न पूछना चाहिए। इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह इस पहलू पर गौर करेंगे।
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