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Pahalgam Attack: आज श्रीनगर से दिल्ली और मुंबई दो विशेष उड़ानें चलाएगी एयर इंडिया, एयरलाइन का बड़ा फैसला
पीटीआई, नई दिल्ली। एयर इंडिया बुधवार को श्रीनगर से दो अतिरिक्त उड़ानें चलाएगी। एयर इंडिया ने एक्स पर पोस्ट किया, मौजूदा स्थिति के मद्देनजर एयर इंडिया बुधवार को श्रीनगर से दिल्ली और मुंबई के लिए दो अतिरिक्त उड़ानें संचालित करेगी।
एकनाथ शिंदे ने नागरिक उड्डयन मंत्री ने की बातइस बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पहलगाम आतंकी हमले के संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू से बात की। इस हमले में महाराष्ट्र के पर्यटकों की भी मौत हुई है।
शवों को शीघ्र वापस लाने के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगेउन्होंने नायडू से अनुरोध किया है कि वे मृतकों के पार्थिव शरीर को श्रीनगर से मुंबई तत्काल ले जाने के लिए विशेष व्यवस्था करें। इसके जवाब में नायडू ने आश्वासन दिया है कि सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे तथा शवों को शीघ्र वापस लाने के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे।
ये होगी टाइमिंगबुधवार को एयर इंडिया सुबह 11.30 बजे श्रीनगर से दिल्ली और दोपहर 12 बजे श्रीनगर से मुंबई के लिए उड़ान संचालित करेगी। एयरलाइन ने कहा, श्रीनगर से आने-जाने वाली हमारी सभी अन्य उड़ानें निर्धारित समय के अनुसार संचालित होती रहेंगी।
टीआरएफ ने ली आतंकी हमले की जिम्मेदारीफरार आतंकियों को मार गिराने के लिए सुरक्षा बल ने भी बड़ा अभियान छेड़ दिया है। कश्मीर में यह हमला उस समय हुआ, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर आए हैं। इस बीच, हमले की जिम्मेदारी कश्मीर में आतंक का नया पर्याय बने लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन द रजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) ने ली है।
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भारतीय विरासत स्थलों पर पर्यटकों की संख्या पांच साल में 19 प्रतिशत बढ़ी, लेकिन राजस्व में आई कमी
पीटीआई, नई दिल्ली। देश के लोकप्रिय विरासत स्थलों पर 2023-24 में पर्यटकों की संख्या में कोरोना-पूर्व काल के मुकाबले 19 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गई। लेकिन टिकट ब्रिकी से अधिक राजस्व हासिल करने में मदद नहीं मिली।
पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरीराज्यसभा में 143 विरासत स्थलों के संबंध में पेश भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि इन स्थलों पर पर्यटकों की संख्या 2019-20 में लगभग 4.60 करोड़ से 19.35 प्रतिशत बढ़कर 2023-24 में लगभग 5.49 करोड़ हो गई।
पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के बावजूद इन विरासत स्थलों पर टिकट की बिक्री से होने वाले राजस्व में 2.83 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह 2019-20 में लगभग 312.54 करोड़ रुपये से घटकर 2023-24 में करीब 303.70 करोड़ रुपये हो गया।
टिकट बिक्री से होने वाले राजस्व में गिरावटविश्लेषण के अनुसार, टिकट बिक्री से होने वाले राजस्व में गिरावट घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या में आए बदलाव की ओर इशारा करती है।
आंकड़ों पर ध्यान दें तो इन विरासत स्थलों पर घरेलू पर्यटकों की संख्या 2019-20 में लगभग 4.36 करोड़ से 21.75 प्रतिशत बढ़कर 2023-24 में लगभग 5.31 करोड़ हो गई, जबकि विदेशी पर्यटकों की आमद में 16.03 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। यह 2019-20 में करीब 27.56 लाख से घटकर 2023-24 में लगभग 23.15 लाख हो गई।
घरेलू पर्यटकों की संख्या में वृद्धि लेकिन विदेशी आगंतुकों संख्या में कमीघरेलू पर्यटकों की संख्या में वृद्धि और विदेशी आगंतुकों की तादाद में कमी कोरोना-पूर्व काल की तुलना में कुल पर्यटक संख्या में इजाफे के बावजूद टिकट ब्रिकी से राजस्व में गिरावट की मुख्य वजह है, क्योंकि विदेशी आगंतुकों से अधिक टिकट शुल्क वसूला जाता है। यह रुझान राष्ट्रीय तस्वीर को बयां करता है।
आंकड़ों के अनुसार, देश में 2023-24 में राष्ट्रीय स्तर पर विदेशी पर्यटकों का आगमन (एफटीए) 2019-20 के स्तर के मुकाबले लगभग 87 प्रतिशत (95.2 लाख) रहा।
एक समस्या ये भी हैआंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन से होने वाली कुल विदेशी मुद्रा आय (एफईई) 2023-24 में 28.08 अरब अमेरिकी डॉलर रही, जो 2019 में रिकार्ड 30.72 अरब अमेरिकी डॉलर एफईई से कम है।
संयुक्त राष्ट्र की ओर से विकसित लेखांकन ढांचे टूरिज्म सैटेलाइट अकाउंट के आंकड़ों के अनुसार, पर्यटन क्षेत्र अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बना हुआ है। इसकी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कुल (प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष) हिस्सेदारी पांच प्रतिशत होने का अनुमान है।
ताज महल में पर्यटकों की संख्या में 31.27 प्रतिशत की वृद्धिएएसआइ के आंकड़ों के अनुसार, ताज महल में पर्यटकों की संख्या में 31.27 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि टिकट बिक्री से राजस्व महज 1.48 प्रतिशत बढ़ा।
कुतुब मीनार में पर्यटकों की संख्या में 45.1 प्रतिशतवहीं, कुतुब मीनार में पर्यटकों की संख्या में 45.1 प्रतिशत, जबकि टिकट बिक्री से राजस्व में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इसके विपरीत हुमायूं के मकबरे पर पर्यटकों की संख्या में 16.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि राजस्व में 29.8 प्रतिशत की गिरावट आई।
रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में कोणार्क सूर्य मंदिर (32 लाख) और कुतुब मीनार (31.2 लाख) घरेलू पर्यटकों के बीच दूसरे और तीसरे सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल रहे, जबकि विदेशी पर्यटकों की बात करें तो कुतुब मीनार (2.2 लाख) और आगरा किला (2.18 लाख) घूमने-फिरने के लिए उनके बीच दूसरे और तीसरे सबसे पसंदीदा स्थल साबित हुए।
ताज महल से सबसे अधिक कमाती है सरकारएएसआई के आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में इन स्थलों में सबसे अधिक राजस्व अर्जित करने वालों में ताज महल (98.55 करोड़ रुपये), कुतुब मीनार (23.80 करोड़ रुपये), लाल किला (18.09 करोड़ रुपये), आगरा किला (15.27 करोड़ रुपये) और कोणार्क सूर्य मंदिर (12.66 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
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सोना तस्करी मामले में क्या रान्या राव को मिल जाएगी जमानत? कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने सोना तस्करी मामले में कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव और सह आरोपित तरुण कोंडुरु राजू की जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला मंगलवार को सुरक्षित रख लिया।
दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखाजस्टिस एस विश्वजीत शेट्टी ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। यह मामला तीन मार्च को केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर डीआरआइ की उस कार्रवाई से उत्पन्न हुआ है, जिसके तहत रान्या राव से 12.56 करोड़ रुपये मूल्य की सोने की छड़ें जब्त की गई थीं।
रान्या राव के आवास पर ली गई तलाशी मिला कैशरान्या राव के आवास पर ली गई तलाशी में 2.06 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और 2.67 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे। राव और राजू दोनों पर सीमा शुल्क अधिनियम की कई धाराओं के तहत गंभीर आरोप हैं, जिनमें सोने के अवैध आयात और तस्करी से संबंधित धाराएं भी शामिल हैं।
राव की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संदेश चौटा ने दलील दी कि डीआरआइ ने तलाशी और जब्ती के दौरान उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। उन्होंने इस आधार पर नरमी बरतने का अनुरोध किया कि राव एक महिला हैं और पहले ही 49 दिनों से अधिक समय से हिरासत में हैं।
'संसद से पारित कानून को लागू होने से कोई राज्य रोक नहीं सकता', किरेन रिजिजू ने सीएम ममता पर साधा निशाना
पीटीआई, मुंबई। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन अधिनियम लागू करने से इन्कार के लिए मंगलवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा और कहा कि संघीय ढांचे के तहत कोई राज्य संसद से पारित कानून को लागू होने से रोक नहीं सकता।
रिजिजू ने सीएम ममता को लेकर कही ये बातरिजिजू ने कहा कि कुछ गुमराह मुसलमान और वोट बैंक के तुष्टीकरण में लगे राजनेता वक्फ संशोधन अधिनियम का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही ऐसे लोगों को बेनकाब करेगी। उन्होंने ये टिप्पणियां मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कीं।
बंगाल में वक्फ अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा- सीएम ममताममता बनर्जी ने पहले कहा था कि बंगाल में वक्फ अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा और वह अल्पसंख्यकों तथा उनकी संपत्तियों की रक्षा करेंगी। बनर्जी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्ति करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा, 'हम संघीय ढांचे के तहत काम करते हैं। वह सैद्धांतिक रूप से अधिनियम का विरोध कर सकती हैं, लेकिन यह नहीं कह सकतीं कि वह संसद से पारित कानून को राज्य में लागू नहीं करेंगी।'
उन्होंने कहा, 'हम जल्द ही गरीब मुसलमानों को लूटने और कानून के प्रविधानों के बारे में उन्हें गुमराह करने वालों को बेनकाब कर देंगे। ऐसे लोग और वोटबैंक की राजनीति कर रहे कुछ राजनेताओं ने यह झूठ फैलाया है कि मुसलमान अपने कब्रिस्तान और मस्जिदें खो देंगे और उनकी भूमि जब्त कर ली जाएगी। यह झूठ बोलना पाप है।'
वक्फ संपत्तियों को लेकर क्या बोले केंद्रीय मंत्रीउन्होंने वक्फ अधिनियम को लेकर मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के लिए भी तृणमूल कांग्रेस प्रमुख की आलोचना की। कहा कि मुस्लिम समुदाय के कई सदस्य वक्फ अधिनियम लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देने आगे आए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए नियम बनाए जाएंगे कि वक्फ संपत्तियों का इस्तेमाल गरीब मुसलमानों के कल्याण के लिए किया जाए।
Pahalgam Attack: कश्मीर घूमने आए IB अधिकारी की आतंकी हमले में हत्या, पत्नी-बच्चों के सामने मारी गोली
पीटीआई, हैदराबाद। जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में पत्नी और बच्चों के सामने इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी। बिहार के रहने वाले मनीष रंजन की उनकी पत्नी और बच्चों के सामने गोली मारी। हैदराबाद में तैनात आईबी अधिकारी अपने परिवार के साथ लीव ट्रैवल कंसेशन (एलटीसी) यात्रा पर थे।
रेवंत रेड्डी ने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले पर दुख जतायाजब आतंकवादियों ने उन पर हमला किया, तब परिवार कई अन्य पर्यटकों के साथ पहलगाम की बैसरन घाटी में था। मनीष रंजन आईबी के हैदराबाद कार्यालय के मंत्री अनुभाग में तैनात थे। इस बीच, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले पर दुख जताया है।
इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा कि इस तरह के कायरतापूर्ण हमले भारतीय लोगों की भावना और लचीलेपन को नहीं हिला सकते। उन्होंने केंद्र सरकार से इसमें शामिल आतंकवादी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया।
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने हमले की निंदा कीसीएम रेवंत रेड्डी ने जान गंवाने वालों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी आतंकी हमले की निंदा की।
पीएम मोदी ने सऊदी क्राउन प्रिंस से बातचीत की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की निंदा की। इस दौरान उन्होंने रणनीतिक साझेदारी परिषद की सह-अध्यक्षता की, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच दोस्ती को और मजबूत करना है।
मुसलमान नहीं बोलते ही मार दी गोलीआंखों के सामने पति को गोली मारे जाने के बाद से एशान्या के आंसू नहीं थम रहे दैनिक जागरण से उसने सिसकते हुए बात की। बताया कि वह पूरे परिवार के साथ मंगलवार को ही पहलगाम पहुंचे थे। पहलगाम के ऊंचाई वाले मैदान में घुड़सवारी करके गेट तक पहुंचे थे।
वहां से करीब 50 मीटर दूरी पर वह, शुभम और बहन शांभवी एक साथ बैठे थे। मम्मी-पापा गेट के पास थे। उसी दौरान एक आतंकी ने आकर पूछा कि मुसलमान हो या हिंदू। वह उसकी बातें समझ नहीं पाईं। फिर दोबारा पूछा कि मुसलमान हो तो कलमा पढ़ो।
आंखों के सामने पति की जान चली गईउसकी बातों को मजाक समझा और हम लोगों ने कहा कि नहीं भइया हम मुसलमान नहीं हैं। इतना कहते ही उसने पति को गोली मार दी। आंखों के सामने पति की जान चली गई और वह कुछ नहीं कर सकी। आतंकी उसको भी मार देते, लेकिन बहन और मम्मी-पापा मुझे खींचते हुए नीचे ले गए।
Pahalgam Terror Attack: सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़ भारत लौट रहे PM मोदी, दिल्ली पहुंचते ही होगी CCS की बैठक
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले को भारत ने किस गंभीरता से लिया है इसका पता इस बात से चलता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपना सऊदी अरब का दौरा बीच में ही रद करके भारत लौटने का फैसला किया है। वह तुरंत भारत लौट रहे हैं। स्वदेश लौटते ही वह सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक बुलाएंगे और उसमें आतंकी हमले से उपजी स्थिति पर मंत्रणा की जाएगी।
पीएम मोदी लगातार अधिकारियों से ले रहे जानकारीप्रधानमंत्री दो दिवसीय यात्रा पर मंगलवार दोपहर सऊदी अरब के शहर जेद्दा पहुंचे थे। उनके वहां पहुंचने के कुछ ही घंटे बाद पहलगाम आतंकी हमला की सूचना आई। प्रधानमंत्री मोदी लगातार हमले से जुड़े एक-एक घटनाक्रम पर नजर रख रहे थे। प्रधानमंत्री के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी हैं। इनके बीच भी लगातार विमर्श होता रहा।
इसके बाद सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान तक भी सूचना भेजी गई और स्थिति को देखते हुए दौरे को मंगलवार रात में ही समाप्त करने के बारे में बात की गई।
विदेश मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने रात्रि के 11 बजे बताया, 'सऊदी अरब और भारत के बीच अभी उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता का दौर चल रहा है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी भारत के लिए रवाना हो जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी और उनके दल के सदस्यों का विमान बुधवार सुबह भारत पहुंचेगा।'-
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'हम भारत के साथ', पहलगाम आतंकी हमले पर ट्रंप ने क्या-क्या कहा? इजरायल समेत कई देशों ने जताया दुख
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में मंगलवार को पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की कई देशों ने न सिर्फ निंदा की है बल्कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द ट्रूथ पर लिखा, "कश्मीर से बहुत परेशान करने वाली खबर आई है। आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ अमेरिका मजबूती से खड़ा है। हम मारे गए लोगों की आत्मा की शांति और घायलों के स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और भारत के लोगों को हमारा पूरा समर्थन और गहरी सहानुभूति है। हमारी संवेदनाएं आप सभी के साथ हैं!"
इजरायल ने भी आतंकी हमले पर जताई चिंताविदेश से सबसे पहली प्रतिक्रिया इजरायल से आई है। पहले इजरायली दूतावास और फिर इजरायल के विदेश मंत्री गिडोन सार ने इस घटना को विभत्स बताते हुए अपना क्षोभ व्यक्त किया।
सार ने हमले में मारे गए लोगों के प्रति दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इजरायल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है। यूक्रेन के दूतावास ने कहा कि वे पहलगाम आतंकी हमले से बेहद दुखी हैं। हम रोजाना आतंकी हमले का शिकार होते हैं और किसी भी तरह के आतंकवाद की निंदा करते हैं।
जब निर्दोष लोगों की मौत होती है तो इससे असहनीय पीड़ा होती है। हमला करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। जबकि भारत में अर्जेंटीना के राजदूत मारियानो कैसियानो ने कहा कि उनका देश इस समय भारत के साथ है। हर तरह के आतंकवाद, अतिवाद और कट्टरता की निंदा करते हैं। सिंगापुर के दूतावास ने भी हमले की निंदा की है।
पीएम मोलेनी ने भी जताई चिंताइटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने कहा कि आज भारत में हुए आतंकवादी हमले से बहुत दुःख हुआ, जिसमें अनेक लोग हताहत हुए। इटली प्रभावित परिवारों, घायलों, सरकार और सभी भारतीय लोगों के प्रति अपनी निकटता व्यक्त करता है।
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पूर्व डीजीपी मर्डर: पत्नी-बेटी ने एक हफ्ते पहले रची थी हत्या की साजिश, फिर पेट-छाती को चाकू से कर दिया छलनी
आईएएनएस, बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश गुप्ता की हत्या के मामले में प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उनकी पत्नी पल्लवी और बेटी कृति ने एक सप्ताह पहले हत्या की साजिश रची थी। घर में ओमप्रकाश पर दोपहर के भोजन के दौरान हमला किया गया।
पहले ओम प्रकाश की आंखों में मिर्च पाउडर फेंकाआरोपितों ने पहले खाने की मेज पर बैठे ओम प्रकाश की आंखों में मिर्च पाउडर फेंका और फिर उन पर चाकू और बीयर की बोतल से हमला किया। पूर्व डीजीपी का शव खाने की मेज पर ही खून से लथपथ मिला था।
इस बीच डीसीपी सारा फातिमा ने बताया कि आरोपित पल्लवी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है जबकि कृति को मानसिक जांच के लिए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (एनआइएमएचएएनएस) में भर्ती कराया गया है।
पत्नी और बेटी के खिलाफ एफआइआर दर्जपुलिस ने पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की हत्या के मामले में उनकी पत्नी और बेटी के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। उनके बेटे कार्तिकेश ने शिकायत दर्ज कराई थी। पल्लवी और कृति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
कार्तिकेश ने लगाया यह आरोपकार्तिकेश ने आरोप लगाया है कि उनके पिता को उनकी मां से जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वारदात से पहले मां-बेटी ने उनके साथ झगड़ा किया। उसके बाद जब ओम प्रकाश खाने की टेबल पर बैठे मछली खा रहे थे तब आरोपितों ने उन पर जानलेवा हमला किया। आरोपितों ने पहले ओम प्रकाश की आंखों में मिर्च पाउडर फेंका इस लिए फेंका ताकि वह अपनी बंदूक का इस्तेमाल न कर सकें।
पूर्व डीजीपी ने दोनों से करीब 10 मिनट तक संघर्ष भी कियापुलिस के सूत्रों के अनुसार, आरोपितों ने मिर्च पाउडर फेंकने के बाद उन पर तेल डाल दिया। इसके बाद उनकी गर्दन, पेट, छाती और सिर में 12 से अधिक बार चाकू मारा गया। सुबूत बताते हैं कि पूर्व डीजीपी ने दोनों से करीब 10 मिनट तक संघर्ष भी किया। पुलिस ने यह भी कहा कि पल्लवी ने प्रारंभिक पूछताछ के दौरान अपराध स्वीकार कर लिया है।
Supreme Court: 'सजा पूरी होने के बाद दोषी को जेल में रखना अवैध', सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई कि 2002 के नितीश कटारा हत्याकांड में बिना किसी छूट के 20 साल जेल की सजा काट चुके दोषी सुखदेव यादव उर्फ पहलवान को सजा पूरी करने के बाद बी रिहा नहीं किया जाना चाहिए।
व्यक्ति की स्वतंत्रता पर कही ये बातजस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने दिल्ली सरकार की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अर्चना पाठक दवे की दलील पर हैरानी जताई कि पहलवान को स्वत: ही रिहा नहीं किया जा सकता। पीठ ने कहा, हम एक व्यक्ति की स्वतंत्रता पर सुनवाई कर रहे हैं।
एक-एक दिन का कारावास अवैध होगाउसकी सजा को हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा। उसे निर्धारित वक्त की सजा सुना दी गई। अगर हमें पता चलता है कि उसे दी गई सजा से ज्यादा वक्त तक जेल में रखा गया, तो वह कारावास अवैध होगा। एक-एक दिन का कारावास अवैध होगा।
यादव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ मृदुल ने दलील दी कि उनके मुव्वकिल की सजा नौ मार्च 2025 को पूरी हो गई है। इस तारीख के बाद यादव को जेल में रखने की कोई भी वैधानिक दलील मायने नहीं रखती और दिल्ली सरकार इस सजा का अर्थ निकालने में गलत है।
आजीवन कारावास को लेकर कही ये बातइस पर दव ने कहा कि आजीवन कारावास का मतलब पूरी जिंदगी जेल में बिताना होता है और 20 साल बाद स्वत: जेल से रिहाई नहीं हो सकती। याचिकाकर्ता ने भी अपनी रिहाई के लिए अपील नहीं की थी, बल्कि फर्लो मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था।
अगली सुनवाई सात मई को होगीपीठ ने कहा पिछली दो तारीखों और अब तक हुई सुनवाई व दोनों पक्षों की दलीलों को लेकर कहा कि रिहाई के मुद्दे पर विचार होगा। यादव अपनी याचिका में तीन दिन के भीतर संशोधन कर दाखिल करे। अगली सुनवाई सात मई को होगी।
किसी जाति को शिक्षा और नौकरियों में कोटे के लिए अलग-अलग वर्ग में नहीं रख सकते, हाईकोर्ट ने समुदायों को लेकर कही ये बात
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने फैसला दिया है कि एक ही समुदाय को शिक्षा और रोजगार के लिए दो अलग-अलग आरक्षण श्रेणियों के अंतर्गत नहीं रखा जा सकता। एक महिला वी. सुमित्रा की याचिका पर हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। महिला ने राज्य में बालाजिगा/बनाजिगा समुदाय के वर्गीकरण को चुनौती दी थी, वर्गीकरण को विरोधाभासी बताया है।
जस्टिस सूरज गोविंदराज ने सुनाया था पहले फैसलाजस्टिस सूरज गोविंदराज ने हाल ही में सुनाए गए फैसले में कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया कि वह बालाजिगा/बनाजिगा समुदाय को शिक्षा और रोजगार उद्देश्यों के लिए समान रूप से समूह 'बी' के अंतर्गत वर्गीकृत करे।
अदालत ने कहा कि समुदाय को शिक्षा के लिए समूह 'बी' (अनुच्छेद 15(4) के तहत) और रोजगार के लिए समूह 'डी' (अनुच्छेद 16(4) के तहत) के अंतर्गत रखने वाला राज्य का मौजूदा वर्गीकरण भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है।
सुमित्रा को 1993 में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के तहत प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका नियुक्त किया गया था, क्योंकि उनका दावा था कि उनकी जाति समूह 'बी' से संबंधित है। हालांकि, उन्हें 1996 में नोटिस मिला जिसमें कहा गया था कि उनके समुदाय को रोजगार के लिए समूह 'डी' के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, जिससे नौकरी से संबंधित आरक्षण के लिए उनका जाति प्रमाण पत्र अमान्य हो गया। इस बीच सुमित्रा को 1986 की सरकारी अधिसूचना मिली, जिसमें यह दोहरा वर्गीकरण किया गया था।
वर्गीकरण को विरोधाभासी बतायाउन्होंने तर्क दिया कि अनुच्छेद 15(4) और 16(4) का उद्देश्य वंचित समूहों के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना है। उन्होंने राज्य के वर्गीकरण को चुनौती दी और इसे विरोधाभासी बताया।
विभाजन स्वाभाविक रूप से भेदभावपूर्ण- कोर्टजस्टिस गोविंदराज ने उनकी दलील सही बताते हुए कहा, अनुच्छेद 14 के तहत समानता का सिद्धांत आरक्षण के मामले में भी लागू होगा। एक ही समुदाय को अलग-अलग समूहों में नहीं रखा जा सकता। ऐसा विभाजन स्वाभाविक रूप से भेदभावपूर्ण है। कोर्ट ने आरक्षण समूह 'बी' के तहत उसकी पात्रता को स्वीकार करते हुए प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका के रूप में उनकी नौकरी जारी रखने का भी निर्देश दिया।
हाई कोर्ट ने आदेश को किया रदजस्टिस गोविंदराज ने कहा, यदि किसी समुदाय को शिक्षा के मामले में पिछड़ा माना जाता है, तो रोजगार के मामले में उसके साथ अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता। दोहरे वर्गीकरण को अमान्य घोषित करते हुए हाई कोर्ट ने उन आदेशों को रद कर दिया, जिनमें रोजगार में समूह 'बी' के तहत आरक्षण के लिए सुमित्रा के दावे को खारिज कर दिया गया था।
Pahalgam Terror Attack: 'आप तुरंत कश्मीर जाएं...' पहलगाम आतंकी हमले पर PM मोदी का अमित शाह को निर्देश
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Pahalgam Terror Attack। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आज आतंकी हमले को अंजाम दिया गया। इस हमले में एक पर्यटक की मौत हो गई है। वहीं, हमले के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में गृह सचिव और IB के अधिकारी शामिल हैं।
पीएम मोदी ने शाह से की बातपीएम मोदी ने अमित शाह से फोन पर बातचीत की। उन्होंने इस घटना पर कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए। वहीं, पीएम ने अमित शाह को घटनास्थल पर जाने का आदेश भी दिया है।
PM Modi had a telephonic conversation with Union Home Minister Amit Shah on the Pahalgam terror attack and asked him to take all suitable measures. PM also asked the Union Home Minister to visit the site. pic.twitter.com/K3g2b9aa5w
— ANI (@ANI) April 22, 2025इस खबर को लगातार अपडेट किया जा रहा है। हम अपने सभी पाठकों को पल-पल की खबरों से अपडेट करते हैं। हम लेटेस्ट और ब्रेकिंग न्यूज को तुरंत ही आप तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रारंभिक रूप से प्राप्त जानकारी के माध्यम से हम इस समाचार को निरंतर अपडेट कर रहे हैं। ताजा ब्रेकिंग न्यूज़ और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए जागरण के साथ।
'न संसद-न सुप्रीम कोर्ट, सर्वोच्च तो केवल...' उपराष्ट्रपति धनखड़ के बयान पर कपिल सिब्बल का पलटवार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की न्यायापलिका और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्रों को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है। मंगलवार को जगदीप धनखड़ ने कहा कि संविधान की मूल भावना के ‘अंतिम स्वामी’ चुने हुए जनप्रतिनिधि होते हैं और संसद से ऊपर कोई भी नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कोई भी संवैधानिक पदाधिकारी जब कुछ कहता है, तो वह बात देश के सर्वोच्च हित को ध्यान में रखकर कही जाती है।
धनखड़ के बयान पर सिब्बल का पलटवारधनखड़ के बयान पर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा, "कानून: न तो संसद सर्वोच्च है और न ही कार्यपालिका। संविधान सर्वोच्च है। संविधान के प्रावधानों की व्याख्या सुप्रीम कोर्ट द्वारा की जाती है। इस देश ने अब तक कानून को इसी तरह समझा है।" हालांकि, कपिल सिब्बल ने अपने पोस्ट में उपराष्ट्रपति का नाम नहीं लिया।
कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि शीर्ष अदालत के हालिया फैसले, जिनकी कुछ भाजपा नेताओं और उपराष्ट्रपति ने आलोचना की है, हमारे संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप हैं और राष्ट्रीय हित से प्रेरित हैं।
वरिष्ठ वकील ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय: संसद के पास कानून पारित करने का पूर्ण अधिकार है। सर्वोच्च न्यायालय का दायित्व संविधान की व्याख्या करना और पूर्ण न्याय करना है (अनुच्छेद 142)। न्यायालय ने जो कुछ कहा है, वह: 1) हमारे संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप है 2) राष्ट्रीय हित से प्रेरित है।"
Supreme Court :
Parliament has the plenary power to pass laws
Supreme Court has the obligation to interpret the Constitution and do complete justice (Article 142)
Everything the Court said is :
1) Consistent with our constitutional values
2) Guided by national interest
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने हाल में कहा था कि राज्यपाल अगर कोई विधेयक राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजते हैं, तो राष्ट्रपति को उस पर तीन महीने के भीतर फैसला लेना होगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने टिप्पणी की थी।
धनखड़ ने कहा था कि हम ऐसी स्थिति नहीं ला सकते, जहां राष्ट्रपति को निर्देश दिया जाए। संविधान के तहत सुप्रीम कोर्ट का अधिकार केवल अनुच्छेद 145(3) के तहत संविधान की व्याख्या करना है।
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'मेरे बच्चे उन्हें बहुत पसंद करते हैं', JD Vance ने जमकर की पीएम मोदी की तारीफ, जानिए क्यों कहा मुझे 'जलन' होगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के उपराष्ट्रपति इस समय भारत की चार दिनों की आधिकारिक यात्रा पर हैं। वह सोमवार सुबह नई दिल्ली पहुंचे। अपने भारत दौरे के दूसरे दिन (मंगलवार) को वह जयपुर पहुंचे, जहां पर उन्होंने शिला देवी मंदिर में बाहर से ही दर्शन किया।
सोमवार को जेडी वेंस अपने परिवार के सास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। आज राजस्थान में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने बताया कि पीएम मोदी ने उन्होंने किन मुद्दों पर चर्चा की। वहीं, जेडी वेंस ने यह भी कहा कि पीएम मोदी लोकतांत्रिक दुनिया में सबसे लोकप्रिय है।
वेंस ने क्यों कहा मुझे उनसे ईर्ष्या होगी?अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने जयपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अब मेरा मानना है कि हमारे देशों के पास एक-दूसरे को देने के लिए बहुत कुछ है, और इसीलिए हम आपके पास साझेदार के रूप में आते हैं, ताकि अपने संबंधों को मजबूत कर सकें।
उन्होंने कहा कि अब हम यहां यह उपदेश देने के लिए नहीं हैं कि आप किसी एक खास तरीके से काम करें। अतीत में अक्सर, वाशिंगटन ने प्रधानमंत्री मोदी से उपदेश देने के दृष्टिकोण से संपर्क किया। पूर्ववर्ती प्रशासनों ने भारत को कम लागत वाले श्रम के स्रोत के रूप में देखा। एक ओर, भले ही उन्होंने प्रधानमंत्री की सरकार की आलोचना की, जो यकीनन लोकतांत्रिक दुनिया में सबसे लोकप्रिय है, और जैसा कि मैंने कल रात प्रधानमंत्री मोदी से कहा, उन्हें ऐसी रेटिंग मिली है जिससे मुझे ईर्ष्या होगी।
#WATCH | At an event in Rajasthan's Jaipur, US Vice President JD Vance says, "...Now I believe that our nations have much to offer to one another, and that's why we come to you as partners, looking to strengthen our relationship."
"Now we're not here to preach that you do things… pic.twitter.com/csaIfCPnYt
जयपुर में जेडी वेंस ने कहा कि आपकी तरह, हम भी अपने इतिहास, अपनी संस्कृति, अपने धर्म की सराहना करना चाहते हैं, हम व्यापार करना चाहते हैं और अपने दोस्तों के साथ अच्छे सौदे करना चाहते हैं। हम भविष्य के लिए अपनी दृष्टि को अपनी विरासत की गौरवपूर्ण पहचान पर आधारित करना चाहते हैं, न कि आत्म-घृणा और भय पर।
उन्होंने कहा कि मैं एक ऐसे राष्ट्रपति के लिए काम करता हूं, जिसने इन सभी बातों को बहुत पहले ही समझ लिया है, चाहे वह अमेरिकी इतिहास को मिटाने की कोशिश करने वालों से लड़ने के माध्यम से हो या विदेशों में निष्पक्ष और व्यापार सौदों के समर्थन के माध्यम से। वह दशकों से इन मुद्दों पर लगातार बने हुए हैं, और अमेरिका में अब एक ऐसी सरकार है, जिसने पिछली गलतियों से सीखा है।
जेडी वेंस ने पीएम मोदी की जमकर की तारीफअमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में बात करते हुए कहा कि हमारे बच्चे उन्हें पसंद करते हैं। और मुझे लगता है कि, क्योंकि बच्चे बहुत अच्छे और मजबूत चरित्र के होते हैं, इसलिए मुझे भी प्रधानमंत्री मोदी पसंद हैं। और मुझे लगता है कि यह भविष्य के रिश्ते के लिए एक बेहतरीन आधार है।
भारतीय संस्कृति देख हैरान हुए अमेरिकी उपराष्ट्रपतिराजस्थान के जयपुर में एक कार्यक्रम में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि मैं भारत के इतिहास की वास्तुकला की प्राचीन सुंदरता, भारत के इतिहास और परंपरा की समृद्धि, तथा भविष्य पर भारत की लेजर जैसी फोकस से आश्चर्यचकित हूं।
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विश्व पृथ्वी दिवस: गायब हो रहे जंगल, दरक रहे गलेशियर.. प्रजातियों पर भी मंडरा रहा खतरा; इन 5 तरीकों से बचाएं धरती
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज यानी 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस है। पृथ्वी दिवस यानी धरती को बचाने के प्रति लोगों को जागरूक करने का दिन। दरअसल औद्योगिक काल से पहले धरती पर सभी प्राकृतिक संसाधन (जल, जंगल, जमीन, हवा, ग्लेशियर आदि..आदि) उपयुक्त और संतुलित रूप में विद्यमान थे। बढ़ती आबादी के साथ लोगों की जरूरतें बढ़ीं तो इन संसाधनों का दोहन शुरू हुआ।
जीवाश्म ईंधनों के अति इस्तेमाल ने ग्लोबल वार्मिंग का संकट खड़ा किया। इसके बाद ऐसे उपायों पर जोर दिया जाने लगा, जिससे दुनिया विकास भी कर सके और धरती भी सुरक्षित रहे। स्वच्छ ऊर्जा इन्हीं में से एक है।
इस बार के पृथ्वी दिवस की थीम ऊर्जा के इसी रूप को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। ऐसे में इस बात की पड़ताल अहम मुद्दा है कि स्वच्छ ऊर्जा से धरती के सामने सबसे बड़े संकट को कैसे टाला जा सकता है।
आप भी कर सकते हैं ये पांच कामहम धरती को माता कहते हैं। कारण है कि इंसान को जन्म भले ही एक महिला देती है, लेकिन उसका पालन-पोषण इस पृथ्वी पर होता है। पृथ्वी प्रदत्त प्राकृतिक चीजों से वह जीवित रहता है। इंसान जन्म के बाद अपनी माता के बिना रह सकता है, लेकिन पृथ्वी और प्राकृतिक चीजों के बिना वह क्षण भर भी जीवित नहीं रह सकता।
हम अपनी जरूरतों के लिए प्राकृतिक संसाधनों का बहुत तेजी से दोहन कर रहे हैं। अगर इनका संरक्षण नहीं किया गया तो आने वाली पीढ़ी को पृथ्वी जीवित रहने के लिए कुछ न दे पाएगी। धरती बचाने के लिए जारी प्रयासों में आप अहम योगदान दे सकते हैं। आपको बस ये पांच काम करने होंगे।
1. जल संरक्षण‘जल ही जीवन है’, ये मात्र कहने भर की बात नहीं। पृथ्वी पर जल का होना वरदान है। ऐसे में पृथ्वी को बचाने के लिए जल संरक्षण करना बहुत जरूरी है। पानी की बर्बादी के कारण ही भूमण्डल के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इसलिए सभी को ज्यादा से ज्यादा पानी बचाना चाहिए। इसके लिए पानी के अन्य स्रोतों पर ध्यान दें। नल को ठीक से बंद करें। पानी बेवजह खर्च न करें। बारिश के पानी को स्टोर करके उसका इस्तेमाल करें।
2. कचरा प्रबंधनधरती पर कचरा भी बढ़ता जा रहा है। उसका उचित प्रबंधन और रीसाइक्लिंग न होने के कारण जगह जगह कचरे के ढेर लगे रहते हैं, जो वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण का कारण बनते हैं।
ऐसे में हमारा काम है कि यह प्रयास करें कि घरों से निकलने वाला कचरा गलने वाला हो। गीले और सूखे कचरे को अलग अलग फेकें। सबसे जरूरी है कि पॉलीथिन बैग के इस्तेमाल में कमी लाएं।
3. वायु प्रदूषण कम करेंवर्तमान में वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ गया है। लोगों के लिए खुली हवा में सांस लेना जहर को अपने अंदर लेने जैसा है। वाहनों की बढ़ती संख्या और हवाई जहाजों से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण फैलता है।
ऐसे में गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करके दूर न जाना हो तो साइकिल का इस्तेमाल कर सकते हैं। चाहें तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें।
4. केमिकल के इस्तेमाल में कमीआधुनिक भारत में लगभग हर काम के लिए वैज्ञानिक पद्धति का इस्तेमाल होता है। ऐसे में केमिकल युक्त चीजों का इस्तेमाल भी बढ़ गया है। जैसे खेती के लिए केमिकल पदार्थों का इस्तेमाल, नहाने से लेकर कपड़े और बर्तन धोने के लिए भी केमिकल युक्त चीजों का इस्तेमाल हो रहा है।
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ये केमिकल नाली के रास्ते बड़े नालों से होते हुए नदियों में जाते हैं और उसे प्रदूषित करते हैं। नदियों के इसी पानी का इस्तेमाल कई कार्यों में किया जाता है, जो पृथ्वी और इंसान दोनों के लिए घातक है।
5. बिजली के इस्तेमाल में कमीबिजली की जरूरत बढ़ रही है लेकिन बिजली बर्बाद करने से भी प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हो रहा है। दरअसल, बिजली बनाने के लिए कोयले का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा कई प्राकृतिक गैसों से भी बिजली बनती है। ऐसे में पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है।
प्रदूषण पृथ्वी को धीरे धीरे नष्ट कर रहा है। ऐसे में जरूरत होने पर ही बिजली का इस्तेमाल करें। बेवजह लाइट, फैन चलाकर न छोड़ें।
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'इस संस्था पर तो हर दिन हमला हो रहा, लेकिन...', SC को लेकर टिप्पणी पर क्या बोले जस्टिस सूर्यकांत?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को लेकर हाल ही में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने टिप्पणी की थी। इसी बीच आज (मंगलवार) उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि संसद ही सुप्रीम है। उसके ऊपर कोई अथॉरिटी नहीं है।
इसी बीच सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि संस्थान (सुप्रीम कोर्ट) पर हर दिन हमले होते रहते हैं। हमें इसकी चिंता नहीं है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने राष्ट्रपति और राज्यपालों के लिए विधेयकों को मंजूरी देने की समयसीमा तय करने के सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद शुरू हुए कटाक्षों के मामले पर कहा है। कर्नाटक में न्यायालय की अवमानना के एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने ऐसा कहा।
उपराष्ट्रपति ने SC को लेकर क्या कहा था?हाल ही में धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट को संविधान के अनुच्छेद 142 से मिली शक्ति को 'न्यूक्लियर मिसाइल' करार दिया था। धनखड़ ने कोर्ट को लेकर कहा था, हम ऐसी स्थिति नहीं ला सकते, जहां राष्ट्रपति को निर्देश दिया जाए। संविधान के तहत सुप्रीम कोर्ट का अधिकार केवल अनुच्छेद 145(3) के तहत संविधान की व्याख्या करना है।
भाजपा सांसद ने की थी CJI पर टिप्पणीवहीं, सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के ख़िलाफ़ चल रही सुनवाई के दौरान, कानून के कई अहम प्रावधानों पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी थी, जिस पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने चिंता जाहिर करते हुए टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है।
सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमा से बाहर जा रहा है। अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना है, तो संसद और विधानसभा का कोई मतलब नहीं है- इन्हें बंद कर देना चाहिए।"
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असम: 'बम से उड़ा देंगे', गुवाहाटी हाईकोर्ट को आया धमकी भरा ईमेल; मची अफरा-तफरी
एएनआई, गुवाहाटी। असम के गुवाहाटी हाई कोर्ट को ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली। अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट को ई-मेल के जरिए बम की धमकी मिली थी, लेकिन बाद में पता चला कि यह एक अफवाह थी। गुवाहाटी शहर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह धमकी एक गुमनाम अकाउंट से ई-मेल के जरिए मिली थी।
धमकी के बाद सुरक्षाकर्मी हाई कोर्ट पहुंचे और तलाशी अभियान चलाया। पुलिस अधिकारियों ने घटना की जानकारी देते हुए आगे कहा, यह बम की अफवाह है। धमकी ई-मेल के जरिए मिली थी।
इस शहर के एयरपोर्ट को उड़ाने की धमकीअधिक जानकारी का इंतजार किया जा रहा है। इससे पहले 18 अप्रैल को कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट पर दोपहर में बम की धमकी वाली कॉल आई थी, जो फर्जी निकली और कॉल करने वाले को कुछ ही घंटों में पकड़ लिया गया, पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की।
कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के एसीपी सुमित सुधाकर रामटेके ने बताया, दोपहर करीब 12:30 बजे सीआईएसएफ से एक अज्ञात कॉलर ने संपर्क किया और बताया कि 72 सीटों वाले विमान (चकेरी एयरपोर्ट पर) में बम रखा गया है। सीआईएसएफ ने चकेरी पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना दी।
पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपीअलर्ट के बाद चकेरी पुलिस स्टेशन और निगरानी टीम ने तुरंत जांच शुरू कर दी। एसीपी ने बताया, चकेरी पुलिस स्टेशन और निगरानी टीम ने तुरंत इस मामले पर काम करना शुरू कर दिया और कॉल करने वाले को दोपहर करीब 3 बजे पकड़ लिया।
जांच में पता चला है कि कॉल एक शरारत के तौर पर की गई झूठी चेतावनी थी।
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'मां अक्सर धमकी देती थी... बहन को है अवसाद', कर्नाटक के पूर्व डीजीपी हत्याकांड में बेटे ने किए कई खुलासे
एजेंसी, बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश की हत्या मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। इस मर्डर केस में पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश गुप्ता की पत्नी पल्लवी ने चाकू मारने से पहले उनके चेहरे पर लाल मिर्ची पाउडर फेंका था।
जलन से बेचैन होने पर पल्लवी ने उन पर धारदार चाकू से कई वार किए।
पूर्व डीजीपी की मौके पर ही मौत हो गई थीइससे लहूलुहान पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के आरोप में उनकी 64 वर्षीय पत्नी पल्लवी ओम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया है। उसे मजिस्ट्रेटी अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले में आगे की जांच अब बेंगलुरु के सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) को सौंप दी गई है।
बेटे कार्तिकेश ने की शिकायतपुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई उनके बेटे कार्तिकेश द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद की गई है।
ओम प्रकाश के बेटे कार्तिकेश ने बताया कि रविवार की घटना के बाद उन्होंने पुलिस में अपनी मां और बहन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने कहा कि मेरी मां पल्लवी और मेरी बहन कृति अक्सर मेरे पिता के साथ झगड़ती थीं।
मां के बारे में खोले राज- बेटे कार्तिकेश ने आगे कहा कि मां पल्लवी पिता को कुछ समय से जान से मारने की धमकी दे रही थी। इसकी वजह से उनके पिता अपनी बहन सरिता कुमारी यानी मेरी बुआ के घर रहने चले गए थे।
- बहन कृति दो दिन पहले ही पिता पर दबाव बनाकर उन्हें वापस घर ले आई थी।
- बेटे ने ये भी बताया कि मां सीजोफ्रेनिया की मरीज हैं और दवाएं लेती है जबकि बहन कृति अवसाद की शिकार है।
- कार्तिकेश ने बताया कि उन्हें उनके पिता की हत्या के बारे में 20 अप्रैल को शाम पांच बजे पड़ोसी श्रीधरन के फोन काल से पता चला जब वह डोमलुर क्षेत्र में स्थित कर्नाटक गोल्फ एसोसिएशन में थे।
- जब वह शाम पौने छह बजे घर पहुंचे तो उनके पिता का शव जमीन पर खून में सना पड़ा था। उनके पास एक चाकू और टूटी हुई बोतल भी पड़े हुए थे। तब तक पुलिस और दूसरे लोग भी वहां आ गए थे।
कर्नाटक के गृह मंत्री परमेश्वरा ने कहा कि उनके कार्यकाल में ही ओमप्रकाश डीजीपी रहे और वह बहुत अच्छे व्यक्ति व अफसर थे।
ओम प्रकाश के शव का पोस्टमार्टम सोमवार को होने के बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ बेंगलुरु के विल्सन गार्डन क्रिमिनेशन ग्राउंड में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके बेटे कार्तिकेश ने उन्हें मुखाग्नि दी।
न बिजली कटौती का डर और न ज्यादा बिल की टेंशन, पढ़ें उन तीन गांव की कहानी जो सौर ऊर्जा से ला रहे बदलाव
टीम जागरण, नई दिल्ली। पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों ने पूरा परिदृश्य ही बदल दिया। कभी बिजली कटौती बड़ी समस्या रहती थी, लेकिन सौर ऊर्जा ने इससे भी मुक्ति दिला दी। इससे ऊर्जा की आवश्यकता तो पूरी हो ही रही है, आय का जरिया भी बना है। छोटे बड़े हर स्तर पर भी लोग सौर ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं। शहर के साथ ही सुदूर गांवों में भी इससे घर रोशन हो रहे हैं। विश्व पृथ्वी दिवस पर आइए पढ़ें सौर ऊर्जा से आ रहे सकारात्मक बदलावों की कहानी...
कहानी नंबर-1
रूफटॉप सोलर प्लांट से बन रही बिजली, परिसर भी हो रहा ठंडाअमृतसर: पर्यावरण संरक्षण के लिए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए अमृतसर जिले में राधा स्वामी सत्संग ब्यास परिसर में लगाया गया विशाल रूफटॉप सोलर पावर प्लांट एक मिसाल बन गया है।
इस संयंत्र की क्षमता 11.5 मेगावाट है और यह हर साल लगभग 1.50 करोड़ यूनिट जीरो कार्बन से बनी बिजली का उत्पादन कर रहा है। 42 एकड़ के परिसर में आठ अलग-अलग स्थानों पर यह संयंत्र फैला हुआ है। करीब 46,000 से अधिक सोलर मॉड्यूल इसकी छत पर लगे हैं।
इस विशाल परियोजना को टाटा पावर सोलर ने डिजाइन और निर्माण किया है। इसमें टियर-1 मल्टी- क्रिस्टलाइन मॉड्यूल्स का उपयोग किया गया है, जो 25 वर्षों तक उच्च दक्षता के साथ काम करने की गारंटी देते हैं।
छत की ऊंचाई लगभग सात मीटर है। छतों की संरचना, तापमान के उतार- चढ़ाव, तेज हवा और रखरखाव को ध्यान में रखते हुए विशेष वेंटिलेशन गैप तैयार किया गया है, जिससे तापमान में 12 डिग्री की कमी आती है।
इसके अतिरिक्त अंडर डेक इंसुलेटेड जे-शीट रूफिंग का उपयोग करके गर्मी को रोका गया है, जिससे सत्संग भवन का भीतरी वातावरण ठंडा रहता है। इस प्लांट से पूरे परिसर के लिए पर्याप्त बिजली का उत्पादन होता है।
अमृतसर में राधा स्वामी सत्संग परिसर में बना सोलर रूफटॉप प्लांट। जागरण
इस पहल से क्या बदला?सालाना 1.50 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन का सीधा अर्थ है कि यह संयंत्र प्रतिवर्ष हजारो टन कार्बन उत्सर्जन को रोकता है। साथ ही यह नजदीकी क्षेत्रों को हरित ऊर्जा की आपूर्ति में भी मदद करता है। साल 2016 में बने इस संयंत्र की लागत 1983 करोड़ रुपये है।
कहानी नंबर-2
बिजली का खर्च नहीं, गांव के सभी घर सौर ऊर्जा से रोशनमुरादाबाद: बिजली का खर्च कम करने के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए सोलर गांव के रूप में मुरादाबाद के हिमायूंपुर गांव की अपनी अलग पहचान बन गई है।
युवा प्रधान अभिषेक चौधरी की पहल से गांव के सभी 270 घर सौर ऊर्जा से रोशन हो रहे हैं। 50 सोलर पंप के साथ तीन आटा चक्की भी सौर ऊर्जा से संचालित की जा रही हैं।
हिमायूंपुर गांव के पंचायत घर में 30 किलोवाट का सोलर पैनल लगा रखा है, जिससे पंचायत घर के साथ 26 घरों को भी बिजली की सप्लाई दी जा रही है सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन करके ग्राम पंचायत करीब सवा लाख रुपये प्रति वर्ष आय भी कर रही है। सोलर गांव के रूप से चयन के लिए प्रदेश सरकार ने गांव केंद्र सरकार के लिए नामित किया है।
जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित हिमायूंपुर ग्राम पंचायत की आबादी करीब 2200 है। यह पंचायत ऊर्जा आत्मनिर्भरता का एक प्रेरणादायक उदाहरण बन चुकी हैं। गांव में 83 प्रतिशत घर और सभी सार्वजनिक व निजी संस्थान सौर ऊर्जा से संचालित हैं।
मुरादाबाद के हिमायूपुर गांव के पंचायत भवन पर लगा सोलर सिस्टम। जागरण
कैसे हुई शुरुआत?ग्राम प्रधान अभिषेक चौधरी के मुताबिक, गांव में ज्यादातर लोगों का बिजली का बिल अधिक आता था। वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊर्जा संरक्षण अभियान से प्रेरित होकर गांव को सोलर गांव बनाने के लिए लोगों को जागरूक किया। ग्रामीणों ने खुद भी सोलर पैनल लगवाए।
कहानी नंबर- 3
सीतापुर की वृंदावन कॉलोनी का हर घर बनाता है अपनी बिजलीसीतापुर: सीतापुर पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने में सरकार की प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना कारगर साबित हो रही है। सीतापुर की वृंदावन कॉलोनी इसकी नजीर बनी हुई है, जहां सभी 46 घरों में सोलर प्लांट लगा है।
यह कॉलोनी विद्युत ऊर्जा के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर है। पूरी कॉलोनी का बिजली का बिल शून्य है, कुछ घर तो बड़े प्लांट लगाकर कमाई भी कर रहे हैं।
करीब पांच वर्ष पहले कॉलोनी में अभय मिश्र ने नेडा के सहयोग से अपने घर पर पहला सोलर प्लांट लगवाया था। अब कॉलोनी के कुछ लोगों ने घर की जरूरत से ज्यादा क्षमता के सौर ऊर्जा प्लांट लगा रखे हैं। वह इससे आमदनी भी कर रहे हैं।
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राजीव मेहरोत्रा ने बताया कि उनके घर में तीन किलोवाट से ही काम चल जाता है, जबकि सोलर प्लांट पांच किलोवाट का लगा है। ऐसे में उन्हें बिजली विभाग से पैसा मिलता ही है।
आशुतोष बाजपेयी ने बताया कि जब से प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना का लाभ लिया है, तबसे बिजली बिल का झंझट ही खत्म हो गया है। नेडा के परियोजना अधिकारी कमलेश मिश्रा बताते हैं कि वृंदावन कॉलोनी में शिविर लगाकर लोगों को जागरूक किया था। इसके बाद छह महीने में ही पूरी कॉलोनी योजना से संतृप्त हो गई है।
सीतापुर की वृंदावन कॉलोनी में लगाए गए सौर ऊर्जा प्लांट। जागरण
बिजली बचाने के भी पूरे इंतजामवृंदावन कॉलोनी के लोग विद्युत उत्पादन के साथ उसकी बचत करने में भी आगे है। सभी घरों में कम ऊर्जा की खपत वाले विद्युत उपकरण लगे है। रोशनी के लिए लोगो ने एलईडी बल्ब लगे हैं। वहीं, टीवी, फ्रिज, एसी आदि उपकरण भी अच्छी रेटिंग के लगे हैं।
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(इनपुट- राजिंदर रिखी/मोहसिन पाशा/दुर्गेश द्विवेदी)
'संसद ही सर्वोच्च, इससे ऊपर कोई नहीं...', निशिकांत दुबे विवाद के बीच जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान
एजेंसी, नई दिल्ली। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट पर विवादित टिप्पणी के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान सामने आया है। उपराष्ट्रपति ने संविधान में निर्धारित भारतीय सरकार के ढांचे के भीतर न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र पर एक बार फिर सवाल उठाया है।
सांसद ही संविधान के अंतिम मालिकजगदीप धनखड़ ने कहा कि संसद सर्वोच्च है और सांसद ही संविधान के अंतिम मालिक है। उनसे ऊपर कोई प्राधिकारी नहीं हो सकता।
दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि एक प्रधानमंत्री जिसने आपातकाल लगाया था, उसे 1977 में जवाबदेह ठहराया गया था। इसलिए, इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि संविधान लोगों के लिए है और यह इसकी सुरक्षा का भंडार है।
VIDEO | Speaking at an event in Delhi University, Vice-President Jagdeep Dhankhar (@VPIndia) said, "A prime minister, who imposed Emergency, was held accountable in 1977. Therefore, let there be no doubt about it - Constitution is for the people and it's a repository of… pic.twitter.com/mjXt84tLcS
— Press Trust of India (@PTI_News) April 22, 2025 सुप्रीम कोर्ट पर उठाए थे सवालबता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहले भी सुप्रीम कोर्ट पर सवाल खड़े किए थे। दरअसल, तमिलनाडु विधानसभा से पारित कई विधेयकों के राज्यपाल के पास लंबित होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सवाल खड़े किए थे।
धनखड़ ने कहा था कि अब सुप्रीम कोर्ट देश के राष्ट्रपति को आदेश दे रहा है, इससे बुरा क्या होगा। उन्होंने कहा था कि अदालत ने फैसला सुनाया है कि अगर बिल पर राष्ट्रपति ने तय समयसीमा में फैसला नहीं लिया तो विधेयकों को अपने आप लागू माना जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि संसद को अदालत ही चलाना चाहती है।
वहीं, उपराष्ट्रपति ने संविधान के आर्टिकल 142 का जिक्र करते हुए कहा था कि इसके तहत अदालत के हाथ परमाणु लग गया है। दरअसल, इस आर्टिकल के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट जनहित में कोई भी फैसला ले सकता है, जो पूरे देश पर लागू होता है।
संसद ही सुप्रीमधनखड़ ने आगे कहा कि निर्वाचित सांसद ही संविधान को लेकर अंतिम स्वामी हैं। संविधान में संसद से ऊपर किसी प्राधिकारी की कल्पना नहीं की गई है। संसद सर्वोच्च है और ऐसी स्थिति में यह देश के प्रत्येक व्यक्ति जितना ही सुप्रीम है।
बता दें कि हाल ही में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा वक्फ कानून को लेकर टिप्पणी की आलोचना की थी और कहा था कि अगर ऐसा ही है तो संसद को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि जब सुप्रीम पावर कोर्ट के पास ही है तो संसद की क्या जरूरत है।
'मेरे बेटे को न्याय दो' IAF ऑफिसर पर हमला करने वाले शख्स की मां ने लगाई गुहार, क्यों दर्ज करवाई FIR?
बेंगलुरु, पीटीआई। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक IAF ऑफिसर का वीडियो वायरल हो रहा था। इस वीडियो में IAF अफसर ने कुछ लोगों पर गंभीर मारपीट का आरोप लगाया था। वीडियो के आधार पर पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया। हालांकि, अब उसी आरोपी ने IAF ऑफिसर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी है।
IAF ऑफिसर ने लगाया था आरोपभारतीय वायु सेना (IAF) के विंग कमांडर शिलादित्य बोस ने बेंगलुरु से सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए कहा था कि वो अपनी पत्नी के साथ एयरपोर्ट जा रहे थे। तभी बाइक पर सवार अज्ञात लोगों ने उनकी गाड़ी को जबरन रुकवाया। आरोपी कन्नड़ में बात कर रहे थे। उन्होंने शिलादित्य पर हमला किया और लगातार गालियां देते रहे। शिलादित्य के बयान पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली थी।
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विकास ने क्या कहा?मामले पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी विकास कुमार को हिरासत में ले लिया। विकास कुमार बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर कंपनी के कॉल सेंटर में टीम हेड हैं। विकास का कहना है कि दोनों ने एक-दूसरे पर हमला किया था। हालांकि, वीडियो में खुद को बेगुनाह दिखाने के लिए IAF ऑफिसर ने सिर्फ एक तरफा पक्ष रखा। विकास के अनुसार, उसकी शिलादित्य से किसी बात पर बहस हो गई थी। ऐसे में शिलादित्य ने विकास को मारना शुरू कर दिया। शिलादित्य की पत्नी ने भी उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी।
विकास की मां ने लगाई न्याय की गुहारअब विकास ने बेंगलुरु के भारतीय न्याय संहिता के तहत बैयापन्नाहल्ली पुलिस स्टेशन में शिलादित्य के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। विकास की मां ज्योति ने भी वीडियो जारी करते हुए बेटे के लिए न्याय की मांग की है। उन्होंने कहा कि सारा दोष मेरे बेटे पर डाल देना पूरी तरह से गलत है। सेना में अधिकारी होने के बावजूद उन्होंने मेरे बेटे को डराया धमकाया, मारा और उसकी बाइक भी डैमेज कर दी।
विकास की मां का बयानविकास की मां ने कहा कि इतना सबकुछ होने के बाद अगर हम पुलिस में शिकायत दर्ज करवाते तो मामला बढ़ सकता था। इसलिए हमने सोचा जाने दो। मगर अब उन्होंने ही इसे इतना बड़ा मामला बना दिया है। वो मेरे बेटे को परेशान कर रहे हैं। मैं अपने बेटे के लिए न्याय की मांग करती हूं।
क्या था पूरा मामला?विकास के अनुसार, वो रास्ते से गुजर रहा था। तभी कार में बैठी IAF ऑफिसर की पत्नी ने विकास पर टिप्पणी की। विकास उनसे पूछ बैठा कि मैडम क्या कह रही हैं? इसी बात पर दोनों की कहासुनी हुई और मामला यहां तक पहुंच गया। पुलिस का कहना है कि हम CCTV फुटेज खंगाल रहे हैं। इस मामले में पुलिस के पास कई वीडियो हैं और हम मामले की जांच कर रहे हैं।
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