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Bihar Police: बिहार के 4 जिलों में पुलिस टीम पर हमला, हथियार छीनने का भी प्रयास; दारोगा सहित कई सिपाही घायल

Dainik Jagran - March 17, 2025 - 6:25pm

संवाद सहयोगी, दलसिंहसराय। बिहार के चार जिलों में पुलिस टीम पर हमले की खबर सामने आई है। औरंगाबाद और समस्तीपुर में पुलिस टीम पर हमला किया गया है। समस्तीपुर के दलसिंहसराय थाना क्षेत्र के लोकनाथपुर गंज मोहल्ले में रविवार शाम जांच को पहुंची पुलिस टीम पर कुछ लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया।

इस घटना में सहायक अवर निरीक्षक राहुल कश्यप और दो जवान जख्मी हो गए। जिन्हें इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने आरोपी पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है।

थानाध्यक्ष मो. इरशाद आलम ने बताया कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय से प्राप्त एक यौन शोषण मामले की जांच प्रतिवेदन मिला था।

जांच प्रतिवेदन को लेकर संध्या गश्ती कर रहे सहायक अवर निरीक्षक राहुल कश्यप को लोकनाथपुर गंज वार्ड 15 में भेजा गया। राहुल कश्यप के साथ रिजर्व गार्ड के सिपाही उमेश प्रसाद सिन्हा और सोनू कुमार पासवान भी थे।

करीब 8.45 बजे जब वे जांच के लिए पहुंचे, तभी उमेश गारा और अन्य अज्ञात लोगों ने पुलिस टीम को घेर लिया। उमेश गारा ने पुलिसकर्मियों को घर में कैद करने की कोशिश की।

उमेश के बेटे गौतम कुमार ने पुलिस बल पर हमला कर दिया और शिकायत से जुड़े दस्तावेज छीनने का प्रयास किया। इस हमले में पुलिसकर्मी घायल हो गए।

घायलावस्था में जब वे अनुमंडलीय अस्पताल जाने लगे, तो उमेश गारा और गौतम कुमार ने फिर से लाठी-डंडे से हमला कर दिया। हथियार छीनने की भी कोशिश की।

घायलों को पहुंचाया गया अस्पताल
  • इस बीच थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने उमेश गारा और गौतम कुमार के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने और जानलेवा हमले का मामला दर्ज किया है।
  • स्थानीय लोगों के अनुसार, ये दोनों अक्सर त्योहारों और आयोजनों के दौरान भी कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करते हैं।
  • पुलिस मामले की जांच कर रही है। दोनों को आवश्यक कार्रवाई करते हुए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
पुलिस से धक्कामुक्की मामले में एक गिरफ्तार

उधर, सुपौल जिले के निर्मली थाना क्षेत्र में सूचना पर शराब मामले में कार्रवाई को पहुंची पुलिस के साथ धक्कामुक्की व दुर्व्यवहार के आरोप में एक आरोपित की गिरफ्तारी हुई है।

जबकि मनोज शर्मा सहित अन्य अभियुक्त की धरपकड़ के लिए पुलिस छापेमारी में जुटी हुई है। निर्मली थानाध्यक्ष सियावर मंडल ने बताया कि पुलिस कार्रवाई में बाधा डालने और एक शराबी को जबरन छुड़ाने के प्रयास में शामिल एक आरोपित को रविवार शाम गिरफ्तार कर लिया गया। 

इसे सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। गिरफ्तार आरोपित निर्मली नगर के वार्ड 10 निवासी संतोष शर्मा को जेल भेज दिया गया है।

बता दें कि 27 फरवरी की रात करीब 11 बजे सुभाष चौक पर शराब के नशे में हंगामा कर रहे मनोज शर्मा को पुलिस ने हिरासत में लिया था।

थाने ले जाने के दौरान स्वजन सहित 5-7 लोग वहां पहुंच गए और पुलिस के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए धक्कामुक्की की थी।

इस घटना के बाद निर्मली थाना के एएसआइ अशोक कुमार सिंह की लिखित शिकायत पर मामला दर्ज हुआ था।

छेड़खानी की सूचना पर पहुंची पुलिसकर्मियों पर हमला

इसके अलावा, औरंगाबाद के हसपुरा थाना क्षेत्र के चनहट गांव में रविवार शाम महिलाओं से छेड़खानी एवं मोबाइल छीनने की शिकायत पर पहुंची पुलिसकर्मियों पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया।

ग्रामीणों ने पुलिस पर रोड़े बरसाए। डंडा से हमला कर दिया जिसमें दो पुलिसकर्मी एवं दो महिला समेत पांच ग्रामीण घायल हो गए।

ग्रामीणों के हमला में पुलिसकर्मी चांदी लाल सिंह, अजय सिंह, ग्रामीण रामस्वरूप, चंदीप पाल, सुरेश भगत घायल हुए हैं। दो महिलाएं भी घायल हुईं हैं। पांच घायलों की स्थिति गंभीर है।

रेफरल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने दो पुलिसकर्मी एवं तीन ग्रामीणों को बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया है।

सोमवार को पुलिस ने सियाराम पासवान, नन्हेश्वर पासवान, कौशल कुमार, प्रमोद कुमार, सोनू कुमार एवं छोटन पासवान को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है।

बताया गया कि कुछ महिलाएं बधार की तरफ शौच के लिए गईं थी। वहीं गांव के कुछ युवकों ने उनसे छेड़खानी कर मोबाइल छीन लिया। घटना की जानकारी महिलाओं ने घर आकर स्वजनों को दिया।

स्वजनों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस की गश्ती टीम जब आरोपियों के घर पहुंची तो उनपर रोड़े एवं डंडे से हमला कर दिया।

ग्रामीणों के साथ मारपीट की गई। घटना के बाद हमलावर फरार हो गए। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

खड़गपुर में पुलिस पर हमला

मुंगेर में मुफस्सिल थाना के जमादार संतोष कुमार सिंह की हत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि एक बार फिर रविवार की रात हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के फसियाबाद में ग्रामीणों ने पुलिस (डायल 112 की टीम) पर पथराव कर दिया।

इसमें सिपाही बबलू रजक का सिर फट गया। घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने 250 लोगों को नामजद किया है। चार महिलाओं सहित 24 लोगों को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।

एसपी सैयद इमरान मसूद ने सोमवार को बताया कि फसियाबाद गांव में दो छिनतई के दो आरोपितों को ग्रामीणों ने पकड़कर पंचायत भवन में बंद कर दिया था। इसके बाद डायल 112 की टीम को सूचना दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस टीम जब आरोपितों को ले जाने लगी तो ग्रामीणों ने विरोध कर दिया।

इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच लंबी बहस हुई। इस बीच भीड़ से किसी ने पत्थर फेंककर सिपाही बबलू रजक का सिर फाड़ दिया। इसके बाद लगातार पथराव शुरू हो गया। इसमें दो महिला आरक्षी सहित एक अन्य पुलिस कर्मी को चोट लगी है।

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CSBC Bihar Police Bharti: 12वीं पास युवाओं के लिए सुनहरा मौका, सिपाही के 19838 पदों के लिए करें आवेदन

Dainik Jagran - March 17, 2025 - 6:16pm

जागरण संवाददाता, पटना। केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) बिहार पुलिस में सिपाही के 19 हजार 838 पदों पर नियुक्ति (CSBC Bihar Police Recruitment 2025) के लिए मंगलवार से ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करेगा। 18 अप्रैल तक आवेदन के लिए पर्षद की वेबसाइट https://csbc.bihar.gov.in/ पर लिंक व विस्तृत जानकारी उपलब्ध होगी।

विभिन्न बोर्ड से इंटरमीडिएट (12वीं) परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। अध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने बताया कि शैक्षणिक अर्हता 18 अप्रैल, 2025 तक मान्य होगा। मदरसा बोर्ड से जारी मौलवी तथा बिहार राज्य संस्कृत बोर्ड के शास्त्री या आचार्य में उत्तीर्ण भी आवेदन कर सकते हैं।

महिला अभ्यर्थियों को मिलेगा क्षैतिज आरक्षण का लाभ

शास्त्री व आचार्य में अंग्रेजी विषय भी शामिल होना चाहिए। 19 हजार 838 रिक्तियों में छह हजार 717 महिला अभ्यर्थियों के लिए चिह्नित है। महिला अभ्यर्थियों को क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा।

किस वर्ग के लिए कितनी सीटें आरक्षित?
  • सामान्य श्रेणी के लिए सात हजार 935
  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए एक हजार 983
  • अनुसूचित जाति के लिए तीन हजार 174
  • अनुसूचित जनजाति के लिए 199
  • अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए तीन हजार 571
  • ट्रांसजेंडर के 53 सहित पिछड़ा वर्ग के लिए दो हजार 381
  • पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए 595 सीटें
  • स्वतंत्रता सेनानी के आश्रित के लिए 397 सीटें आरक्षित हैं
दो चरणों में पूरी होगी चयन प्रक्रिया

चयन प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहले चरण में अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में शामिल होना होगा। इसमें 100 अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे। सही उत्तर के लिए एक अंक दिया जाएगा।

इसमें प्राप्त अंक के आधार पर कुल रिक्ति के पांच गुणा अभ्यर्थियों को आरक्षण श्रेणीवार दूसरे चरण की शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिलेगा।

अंतिम मेधा सूची शारीरिक दक्षता परीक्षा में प्राप्त अंक के आधार पर तैयार की जाएगी। शारीरिक दक्षता परीक्षा में अभ्यर्थियों को दौड़, गोला फेंक व ऊंची कूद में अनिवार्य रूप से क्वालीफाई करना होगा।

आवेदन की प्रक्रिया
  • ऑनलाइन आवेदन 18 अप्रैल तक होंगे।
  • विभिन्न बोर्डों से 12वीं पास अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं।
  • शैक्षणिक योग्यता 18 अप्रैल 2025 तक मान्य रहेगी।
आरक्षण और सीटें
  • महिला अभ्यर्थियों के लिए 6,717 सीटें आरक्षित।
  • विभिन्न वर्गों के लिए आरक्षित सीटें: सामान्य, OBC, SC, ST, EWS, ट्रांसजेंडर।
  • स्वतंत्रता सेनानी के आश्रितों के लिए 397 सीटें आरक्षित हैं।
चयन प्रक्रिया
  • दो चरणों में चयन: लिखित परीक्षा और शारीरिक दक्षता परीक्षा।
  • लिखित परीक्षा में 100 अंकों के प्रश्न होंगे।
  • शारीरिक दक्षता परीक्षा में दौड़, गोला फेंक, ऊंची कूद में क्वालीफाई करना जरूरी।

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बिहार की महिला वकीलों के लिए खुशखबरी, बार काउंसिल में मिलेगा 33 प्रतिशत रिजर्वेशन; जल्द जारी होगा नोटिफिकेशन

Dainik Jagran - March 17, 2025 - 4:51pm

विधि संवाददाता, पटना। बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने बार काउंसिल में महिला वकीलों को 33 प्रतिशत आरक्षण का आश्वासन दिया है।

रविवार को अपने सम्मान में आयोजित समारोह में उन्होंने बताया कि जल्द ही बीसीआई द्वारा इससे संबंधित अधिसूचना जारी की जाएगी।

बिहार स्टेट बार काउंसिल से होगी शुरुआत

उन्होंने बताया कि सभी राज्य बार काउंसिल के चुनावों में महिला वकीलों को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए नियम बनाया जाएगा। इस पहल की शुरुआत बिहार स्टेट बार काउंसिल से होगी।

मनन भाजपा से राज्यसभा के सदस्य भी हैं। उनके लगातार सातवीं बार बीसीआई का अध्यक्ष चुने जाने पर बिहार बार काउंसिल के सदस्य प्रेमनाथ ओझा द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन हुआ था।

वकीलों के हित में करेंगे काम

मनन को शॉल, पुष्पगुच्छ और एक क्विंटल फूलों की माला भेंट की गई। कार्यक्रम में बिहार बार काउंसिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा, उपाध्यक्ष दीनानाथ यादव तथा सदस्य योगेश चंद्र वर्मा, नम्रता मिश्रा, नीतू झा आदि अधिवक्ताओं की सहभागिता रही।

मनन ने सभी अधिवक्ताओं के प्रति आभार प्रकट करते हुए आश्वासन दिया कि वे वकीलों के हितों और उनकी बेहतरी के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।

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CAG नियुक्ति की प्रक्रिया पर उठे सवाल, तो सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

Dainik Jagran - National - March 17, 2025 - 3:55pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की नियुक्ति के नियमों में संशोधन की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है।  

याचिका में राष्ट्रीय लेखा परीक्षक चुनने के लिए प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश से मिलकर एक पैनल बनाने की मांग की है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मामले की सुनवाई की।

महाराष्ट्र में सीएजी के ऑडिट रोके जा रहे: याचिकाकर्ता

सुनवाई के दौरान एनजीओ का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील प्रशांत भूषण ने पीठ के समक्ष दलील दी कि 'संस्था की स्वतंत्रता' का सवाल है। प्रशांत भूषण ने दावा किया कि महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सीएजी द्वारा ऑडिट रोके जा रहे हैं, जहां भाजपा की सरकार है। हाल के दिनों में सीएजी ने अपनी स्वतंत्रता खो दी है। पीठ ने उनसे हाल के वर्षों में सीएजी की स्वतंत्रता पर संदेह करने के कारण को रिकॉर्ड पर लाने के लिए कहा।

प्रशांत भूषण ने आगे कहा कि सीएजी की रिपोर्ट कम हो रही है। कर्मचारियों की संख्या घट रही है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई निदेशक और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों के संबंध में हस्तक्षेप किया था, ताकि उनकी स्वतंत्रता सुनिश्चित हो सके। प्रशांत भूषण ने जोरदार ढंग से तर्क दिया कि सीएजी के लिए भी इसी तरह के निर्देश आवश्यक हैं।

याचिकाकर्ता ने क्या की मांग?

याचिका में कहा गया कि न्यायालय यह निर्देश दे कि सीएजी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश वाली एक स्वतंत्र और तटस्थ चयन समिति के परामर्श से और पारदर्शी तरीके से की जाए। वहीं, सीएजी की नियुक्ति का निर्देश सूचना आयोगों और केंद्रीय सतर्कता आयोग सहित अन्य निकायों की नियुक्ति के समान होना चाहिए।

क्या काम करता है सीएजी?

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से संबंधित है जो केंद्र और राज्य स्तर पर पूरे देश की वित्तीय व्यवस्था प्रणाली को नियंत्रित/समीक्षा करता है।

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डिप्रेशन और कैंसर... वापसी के बाद भी आसान नहीं होगी सुनीता विलियम्स की जिंदगी; किन समस्‍याओं से जूझना पड़ सकता है?

Dainik Jagran - National - March 17, 2025 - 3:50pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Sunita Williams News नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की वापसी का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इसके लिए स्पेसएक्स का क्रू-10 मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सफलतापूर्वक पहुंच गया है। वहां पहुंचने पर नए सदस्यों का स्वागत किया गया। 

अब अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसे बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स की वापसी की उम्मीद जगी है।

सुनीता विलियम्स (Sunita Williams News) व बुच विलमोर जून 2024 से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर फंसे हैं। दोनों 8 दिनों के लिए ही स्पेस में गए थे, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के चलते दोनों 284 दिनों तक वहां फंसे रहे। 

स्पेस में इतने लंबे समय तक रहने के कई खराब असर भी होते हैं, आइए जानते हैं आखिर इससे शरीर पर क्या असर होता है....

शरीर पर क्या पड़ता है प्रभाव ?
  • अंतरिक्ष में ग्रैविटी न होने और तेज विकिरण (रेडिएशन) अंतरिक्ष यात्रियों के लिए चुनौतीपूर्ण होते हैं।
  • लंबे समय तक स्पेस में रहने के चलते हड्डियों में कमजोरी, मांसपेशियों में सिकुड़ना, आंखों की रौशनी कम होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
क्या इंसान के वजन पर पड़ता है असर? 
  • स्पेस में जाकर अक्सर वजन कम नहीं होता, लेकिन ग्रैविटी की कमी की वजह से शरीर में बदलाव आते हैं। माइक्रोप्रैविटी से शरीर के तरल पदार्थ ऊपर की ओर खिसकते हैं, जिससे चेहरा सूजा हुआ लग सकता है। इससे अंतरिक्ष यात्री पतले दिख सकते हैं।
  • सुनीता ने बताया कि उनका वजन अंतरिक्ष में पहले जितना ही है।
स्पेस में रेडिएशन का क्या असर होता है? 

धरती पर वायुमंडल व चुंबकीय क्षेत्र (मैग्नेटिक फिल्ड) हमें रेडिएशन से बचाते हैं। लेकिन अंतरिक्ष में रेडिएशन का ज्यादा असर होता है। इससे डीएनए को नुकसान होता है, जिससे कैंसर व तंत्रिका तंत्र की समस्याएं हो सकती हैं। इससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है।

मेंटल हेल्थ पर कितना असर? 

अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहना मेंटल हेल्थ पर गहरा असर डालता है। डिप्रेशन, तनाव और चिंता का खतरा बढ़ना आम है। अंतरिक्ष यात्रियों को अक्सर धरती पर वापस आने पर साइकेट्रिस्ट की सलाह लेनी पड़ती है।

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