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Weather News: तेज आंधी-बारिश से यूपी में फसलें बर्बाद, खेतों में जलभराव, कई राज्यों में बढ़ेगा पारा

Dainik Jagran - National - April 14, 2025 - 7:07am

जागरण टीम, नई दिल्ली। मौसम ने बीते 24 घंटे में फिर करवट ली। आंधी-बारिश ने एक बार फिर किसानों की मुसीबत बढ़ा दी, खासकर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में ऐसा हुआ है। प्रदेश में वज्रपात से एक व्यक्ति की जान चली गई है।

मौसम विभाग के अनुसार 14 और 15 अप्रैल को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों में वज्रपात होने के साथ ही 40-50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इसके साथ ही बारिश होने की भी संभावना है। गुरुवार और शुक्रवार को भी आंधी के साथ बारिश से उत्तर भारत के कई राज्यों में फसलों को नुकसान पहुंचा था।

कुछ राज्यों में बढ़ेगा पारा

उधर, पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के असर से मिल रही राहत अब खत्म हो गई है। सोमवार से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा व राजस्थान सहित उत्तर भारत के कुछ राज्यों में तापमान और गर्मी दोनों में वृद्धि होगी। उत्तर प्रदेश में वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज समेत पूर्वांचल के कई जिलों में रविवार सुबह तेज आंधी के बाद जोरदार बारिश हुई। कुछ जगहों पर ओले भी पड़े हैं।

तेज हवा, ओले गिरने और बारिश से खेतों में तैयार गेहूं की फसल और आम के टिकोरों के टूटने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। गेहूं के दाने काले होने की आशंका से किसान चिंतित हैं। आंधी से कई जगह बिजली के खंभे उखड़ गए, जिससे आपूर्ति प्रभावित रही। जलभराव से भी लोग परेशान रहे। मीरजापुर में वज्रपात से एक व्यक्ति की मौत हो गई। सिंधोरा घाट पर निर्माणाधीन पीपा पुल का एक हिस्सा टूटकर तीन किलोमीटर दूर तक बह गया। रविवार को प्रदेश के कई जिलों में अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया।

बिहार में यलो अलर्ट जारी

बिहार में 19 अप्रैल तक कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा व तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान है। अगले 24 घंटों के दौरान पटना सहित 26 जिलों में मेघ गर्जन, वज्रपात व 40-50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। झारखंड के कई जिलों में भी 14 अप्रैल को 40-50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और हल्की वर्षा के साथ-साथ वज्रपात की भी संभावना जताई गई है।

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Ambedkar Jayanti: अब डॉ अंबेडकर नगर से दिल्ली के लिए चलेगी ट्रेन, अश्विनी वैष्णव ने किया उद्घाटन

Dainik Jagran - National - April 14, 2025 - 6:15am

एएनआई, नई दिल्ली। डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती से एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को डॉ. अंबेडकर नगर से नई दिल्ली के लिए एक नई ट्रेन सेवा को वर्चुअली हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

#WATCH | Delhi | Union Minister Ashwini Vaishnaw says, "Tomorrow is Ambedkar Jayanti...Today, we have flagged off a train from his birthplace to Delhi. It will make the connectivity between Ambedkar Nagar and Delhi easier. This train will travel via Ujjain. In 2028, Mahakumbh… https://t.co/mBXG60XKFs pic.twitter.com/UtewTUKM65

— ANI (@ANI) April 13, 2025

अंबेडकर नगर से दिल्ली के बीच बेहतर कनेक्टिविटी

मंत्री वैष्णव ने मीडिया से बात करते हुए बताया, "कल (14 अप्रैल 2025) डॉ. अंबेडकर जयंती है और आज हमने उनके जन्मस्थान से दिल्ली के लिए ट्रेन रवाना की है। इससे अंबेडकर नगर और दिल्ली के बीच संपर्क बेहतर होगा। यह ट्रेन उज्जैन के रास्ते चलेगी। साल 2028 में उज्जैन में महाकुंभ का आयोजन होना है, ऐसे में इसे महाकुंभ की तैयारियों की शुरुआत के रूप में भी देखा जा सकता है।"

इसी दिन राजस्थान के कोटा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कोटा रेलवे स्टेशन से नई दिल्ली के लिए एक विशेष ट्रेन को रवाना किया। यह ट्रेन कोटा और दिल्ली के बीच सीधी कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी।

#WATCH | Kota, Rajasthan | Lok Sabha Speaker Om Birla said, "Under the leadership of PM Modi, the Railway Minister has given a new direction to rail connectivity...We can say that along with these railway lines and new railway stations, many new trains like Namo and Vande Bharat… https://t.co/sD72VR7n3Y pic.twitter.com/x5aYzBHuAD

— ANI (@ANI) April 13, 2025

अंबेडकर जयंती के मौके पर 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। ये परियोजनाएं सामाजिक और बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी होंगी।

देशभर में मनाई जाती है बाबासाहेब की जयंती

14 अप्रैल 1891 को जन्मे डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती हर साल पूरे देश में मनाई जाती है। इस दिन स्कूल, बैंक और कई सार्वजनिक संस्थान बंद रहते हैं। लोग बाबासाहेब को श्रद्धांजलि देने के लिए फूल चढ़ाते हैं, दीप जलाते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

डॉ. अंबेडकर को भारतीय संविधान का शिल्पकार और 'फादर ऑफ इंडियन कॉन्स्टीट्यूशन' कहा जाता है। वह आज़ाद भारत के पहले कानून मंत्री भी रहे। उनका जन्म मध्य प्रदेश के एक दलित महार परिवार में हुआ था। उन्होंने समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष किया और 1927 से अस्पृश्यता के खिलाफ सक्रिय आंदोलनों का नेतृत्व किया। बाद में वे दलितों के प्रतीक और नेता के रूप में पूरे देश में सम्मानित किए गए।

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म्यांमार में भूकंप राहत के दौरान भारतीय वायुसेना का GPS सिस्टम हुआ था फेल, इस तरकीब से की थी लैंडिंग

Dainik Jagran - National - April 14, 2025 - 6:00am

पीटीआई, नई दिल्ली। भूकंप के बाद म्यांमार में पिछले महीने राहत सामग्री लेकर गए भारतीय वायुसेना के अधिकतर परिवहन विमान जीपीएस स्पूफिंग के शिकार बने थे। इससे विमानों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई थी, लिहाजा पायलटों को बैकअप सिस्टम का सहारा लेना पड़ा था।

जीपीएस स्पूफिंग दरअसल एक तरह का साइबर अटैक होता है जिसमें भ्रामक जीपीएस सिग्नल जनरेट किए जाते हैं। ये भ्रामक सिग्नल नेविगेशन उपकरणों को गुमराह करते हैं और विमान के लिए खतरा उत्पन्न कर देते हैं। जीपीएस स्पूफिंग की वजह से विमान की प्रणालियां यह मानने लगती हैं कि विमान किसी अन्य स्थान पर है क्योंकि उसे लोकेशन के गलत डाटा मिल रहे होते हैं।

जीपीएस सिग्नलों के साथ छेड़छाड़ की शिकायत

भारत ने छह विमानों से भूकंप पीड़ितों के लिए राहत सामग्री भेजी थी। इनमें सी-130जे सुपर हरक्यूलिस और सी-17 ग्लोबमास्टर शामिल थे।

सूत्रों ने बताया कि 29 मार्च को जब पहली खेप लेकर सी-130जे विमान गया था तो उसके पायलट ने म्यांमार की वायुसीमा में जीपीएस सिग्नलों के साथ छेड़छाड़ की शिकायत की थी। लिहाजा पायलट ने तत्काल बैकअप सिस्टम को सक्रिय कर दिया था, जिसे इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम कहा जाता है।

'भारत के दुश्मनों ने की होंगी ऐसी हरकतें'

वायुसेना ने इन घटनाओं पर कोई टिप्पणी नहीं की है। सूत्रों का कहना है कि अगर विदेशी वायुसीमा में ऐसी घटनाएं होती है तो इसकी जांच कर पाना लगभग नामुमकिन होता है।

निश्चित रूप से म्यामांर में मौजूद भारत के दुश्मनों ने ऐसी हरकतें की होंगी। छह विमानों में से पांच ने 29-30 मार्च को यंगून एवं नेपीता में लैंडिंग की थी और एक विमान ने एक अप्रैल को मांडाले में लैंड किया था। जब पहले विमान के पायलट ने जीपीएस स्पूफिंग की रिपोर्ट दी तो अन्य विमानों के पायलटों को सतर्क कर दिया गया था। लिहाजा वे म्यांमार में इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार थे।

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