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BPSC 70th Exam: बीपीएससी मुख्य परीक्षा को लेकर आया बड़ा अपडेट, सुप्रीम कोर्ट ने एग्जाम पर रोक लगाने से किया इनकार
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली/पटना। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक होने का आरोप लगाने वाली याचिकाएं खारिज कर दीं। बीपीएससी की मुख्य परीक्षा शुक्रवार 25 अप्रैल को होनी है।
ये आदेश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और मनमोहन की पीठ ने 70वीं बीपीएससी कंबाइंड कंपटिटिव प्रिलिमिनरी परीक्षा रद करने की मांग वाली याचिकाएं खारिज करते हुए दिये।
इससे पहले पटना हाई कोर्ट भी याचिका खारिज कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पेपर लीक होने के आधार पर सभी परीक्षार्थियों के लिए दोबारा परीक्षा कराने के बारे में कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर सके।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हर परीक्षा को अदालत में चुनौती देने की प्रवृत्ति पर भी नाराजगी जताई और कहा कि इन वजहों से अक्सर भर्ती में देरी होती है क्योंकि प्रक्रिया अदालत में उलझ जाती है।
इससे पहले याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश देसाई ने दलील दी कि वाट्सअप मैसेज और अन्य डिजिटल सबूत से पता चलता है कि परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लीक हो गए थे।
उन्होंने कहा कि ऐसे ही एक वीडियो में कथित तौर पर एक परीक्षा केंद्र पर लाउडस्पीकर के जरिए उत्तर घोषित किए जाते हुए दिखाया गया है। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि क्या मोबाइल की अनुमति थी।
वकील ने कहा कि आधिकारिक तौर पर नहीं थी। जिस पर कोर्ट ने कहा कि तब तो हमें मानना पड़ेगा कि मोबाइल की अनुमति नहीं थी।
ठोस आधार नहीं दे पा रहे- कोर्टकोर्ट ने कहा कि आप गंभीर आरोप लगा रहे हैं लेकिन ठोस आधार नहीं दे पा रहे। दूसरी तरफ बिहार सरकार और बीपीएससी की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने परीक्षा प्रक्रिया की शुचिता की तरफदारी करते हुए कहा कि हमेशा प्रश्नपत्र के चार सेट तैयार किये जाते हैं जिसमें प्रश्न ऊपर नीचे होते हैं ताकि सभी में समानता न रहे।
इस तरह लाउडस्पीकर के जरिए प्रश्नपत्र बताना संभव नहीं है। मेहता ने को¨चग सेंटर की सामग्री से प्रश्नपत्र में समानता पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि 150 प्रश्नों में सिर्फ दो प्रश्न ऐसे थे जो पूरी तरह समान मिले।
पीठ ने पेपर लीक के बारे में पेश किये गए डिजिटल साक्ष्यों की सत्यता और दायरे पर सवाल उठाते हुए कहा कि पेपर लीक के आरोप एक परीक्षा केंद्र बापू परीक्षा परिसर तक ही सीमित हैं, जहां प्रभावित 10000 उम्मीदवारों की दोबारा परीक्षा हो चुकी है।
कोर्ट ने क्या कहा?कोर्ट ने ये भी कहा कि ऐसा लगता है कि कथित पेपर लीक, छात्रों के परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने के बाद हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला पटना हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर दिया है।
जिसमें से एक याचिकाकर्ता आनंद लीगल एड फोरम भी था। हाई कोर्ट ने भी यह कहते हुए याचिकाएं खारिज कर दीं थीं कि विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर गड़बडि़यों के कोई सटीक साक्ष्य नहीं हैं।
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Bihar Police Salary: 1632 दारोगा-इंस्पेक्टर को मिलेगा एसीपी का लाभ, सैलरी में होगा इजाफा
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के इंस्पेक्टर-दारोगा से लेकर लिपिक श्रेणी में कुल 1,632 पुलिस कर्मचारियों को एसीपी (सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना) और एमएसीपी (रूपांतरित सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना) का लाभ मिलेगा।
जानकारी के अनुसार, महानिदेशक पर्षद की बैठक में 2,150 से अधिक पुलिसकर्मियों के एसीपी-एमएसीपी संबंधित प्रस्ताव आये थे। इनमें करीब 250 इंस्पेक्टर, 1310 दारोगा और 72 लिपिक को एसीपी-एमएसीपी की मंजूरी दी गई है।
वहीं, 74 इंस्पेक्टर, 350 दारोगा और 100 से अधिक लिपिकों को अब भी इसके लिए इंतजार करना पड़ेगा। कई पुलिसकर्मियों की वार्षिक गोपनीय व चरित्र अभियुक्ति लंबित होने की वजह से इसका लाभ नहीं मिल सका।
वेतनवृद्धि का मिलेगा लाभसूत्रों के अनुसार, एसीपी के तहत कर्मियों को नियमित पदोन्नति नहीं होने पर भी निश्चित समय सीमा के बाद वित्तीय उन्नयन यानी वेतनवृद्धि (Bihar Police Salary Hike) का लाभ मिलता है।
वहीं, एमएसीपी के तहत, वित्तीय उन्नयन प्राप्त करने के लिए कुछ विशिष्ट प्रदर्शन बेंचमार्क निर्धारित किए गए हैं, जिन्हें कर्मचारी को वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में प्रदर्शित करना होता है।
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PM Modi: पहलगाम हमले के बाद पहली बार मंच पर आएंगे पीएम मोदी, मिथिलांचल से देंगे दूरगामी संदेश
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को दो महीने के अंतराल पर बिहार आ रहे हैं। इस दौरान मोदी मिथिलांचल की धरती से दूरगामी संदेश देंगे। साथ ही कई समीकरण साधेंगे। इससे पहले मोदी 24 फरवरी को भागलपुर आए थे। अब राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर मधुबनी जिले झंझारपुर प्रखंड के विदेश्वर स्थान आ रहे हैं। ऐसे में संभव है की मिथिलांचल की धरती से मोदी स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के विषय को अपने संबोधन में समाहित कर सकते हैं।
कारण यह है कि पहलगाम में आतंकी हमले के उपरांत मोदी पहली बार सार्वजनिक मंच पर होंगे। ऐसे में आंतकियों को ठौर देने वाले एवं राष्ट्र विरोधियों के विरुद्ध सख्ती दिखाएंगे। वैसे कार्यक्रम का उद्देश्य सीधे तौर पर विधानसभा चुनाव को लेकर मिथिलांचल में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के लिए माहौल बनाना है।
डबल इंजन सरकार की उपलब्धियां गिनानी है। भविष्य की योजनाओं की ओर ध्यान आकृष्ट करना है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, उपमुख्यमंत्री द्वय सम्राट चौधरी एवं विजय सिन्हा मंच साझा करेंगे।
राजग कार्यकर्ताओं में भरेंगे जोशप्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर भाजपा के साथ ही राजग के अन्य घटक दलों के कार्यकर्ताओं में जोरदार उत्साह है।भाजपा की ओर से पार्टी के दस जिलों के बूथ से लेकर जिला स्तर तक के संगठन पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। इसमें पार्टी के फ्रंटल संगठन (मोर्चा, मंच, प्रकोष्ठ एवं विभागों) के कार्यकर्ताओं को सभा स्थल पर लाने एवं पहुंचाने का संपूर्ण प्रबंध राजग के जनप्रतिनिधियों की ओर की गई है।
सीधे तौर पर मिथिलांचल के 10 जिले के 12 सांसद, 70 विधायक, दस विधान पार्षद के अतिरिक्त पूर्व विधायकों को दायित्व दिया गया है। इसके अतिरिक्त नगर निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को कार्यक्रम से सीधे तौर पर जोड़ा गया है। सीधे तौर राजग के विधायक एवं सांसदों को न्यूनतम पांच से दस हजार लोगों को सभा स्थल जुटाने का दायित्व राजग के शीर्ष नेतृत्व की ओर से दी है।
ग्राम सभाओं को करेंगे संबोधितराष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल को मोदी ग्राम सभाओं को संबोधित करेंगे और विशेष श्रेणी के राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार-2025 भी प्रदान करेंगे। पहली बार पंचायती राज दिवस को संपूर्ण-सरकार दृष्टिकोण के साथ एक प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में मनाया जा रहा है। इसमें छह केंद्रीय मंत्रालय- ग्रामीण विकास, आवास एवं शहरी कार्य, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, ऊर्जा, रेल और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की सहभागिता सम्मिलित हैं।
मोदी इस अवसर पर इन मंत्रालयों से जुड़ी कई प्रमुख परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करेंगे एवं शिलान्यास करेंगे। इनमें एलपीजी बाटलिंग प्लांट, विद्युतीकरण परियोजनाएं, आवास योजनाएं, रेलवे अवसंरचना और सड़क विकास आदि प्रमुख हैं, जिनकी लागत लगभग 13,500 करोड़ रुपये है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी) एवं डीएवाई-एनआरएलएम के तहत वित्तीय सहायता भी वितरित की जाएगी। जलवायु सुदृढ़ीकरण, वित्तीय आत्मनिर्भरता और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में कई पंचायतों ने अनुकरणीय प्रदर्शन किया है। पुरस्कार विजेताओं का चयन बिहार, महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और असम से किया गया है।
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Bihar News: सावधान हो जाएं अकाउंट होल्डर! इन बैंक खातों पर आयकर विभाग और केंद्रीय एजेंसियों की नजर
जागरण संवाददाता, पटना। बिना पैन नंबर दिए खोले गए बैंक खातों की सख्ती निगरानी होगी। इन बैंक खातों पर आयकर विभाग और केंद्रीय एजेंसियों की नजर है।
साइबर अपराध और आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए आयकर विभाग और केंद्रीय एजेंसियों ने बैंक को इस संबंध में निर्देश दिया है।
साथ ही आयकर विभाग ने ऐसे बैंक खातों को लेकर निगरानी बढ़ाने की कवायद आरंभ की है। उन खातों पर विशेष नजर रखने के लिए कहा गया है, जिनमें बड़ी राशि की लेनदेन हो रही है।
राज्य के सीमावर्ती क्षेत्राें में फर्जी खाते खोलकर बड़ी राशि की लेनदेन की जानकारी केंद्रीय एजेंसी को प्राप्त हुई है। भारतीय बैंक संघ ने अवैध लेनदेन में शामिल खातों को जब्त करने का अधिकार की मांग की है।
सख्त होंगे बैंक खातों की सत्यापन प्रक्रियाबैंकों में खोले जाने वाले खाता की सत्यापन प्रक्रिया अब सख्त होगी। बताया जाता है कि आमतौर पर पैन नहीं रहने पर मतदाता पहचान पत्र और फार्म 60 का उपयोग करके बैंक में खाते खोले जाते हैं।
केंद्रीय एजेंसियों ने बैंकों को फार्म 60 का उपयोग कर खोले गए बैंक खातों की सत्यापन प्रक्रिया के मानक सख्त करने के लिए कहा गया है।
ऐसे खातों के सत्यापन के लिए निर्वाचन आयोग के आंकड़ों का उपयोग किया जाए। साथ ही ऐसे खातों पर लेनदेन की संख्या भी सीमित की करने के लिए कहा है।
पैन कार्ड नहीं होने पर प्रयोग में आते है फार्म 60फार्म 60 एक ऐसा दस्तावेज़ है जिसका उपयोग ऐसे व्यक्ति करते हैं जो अभी तक पैन कार्डधारक नहीं हैं। यह विभिन्न वित्तीय लेन-देन के लिए आवश्यक है, जैसे बैंक खाता खोलना, निवेश करना या संपत्ति खरीदना।
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Bihar High Alert: पहलगाम आतंकी हमले के बाद बिहार में हाई अलर्ट, सीमावर्ती जिलों में विशेष चौकसी
राज्य ब्यूरो, पटना। कश्मीर के पहलगाम की आतंकी घटना (Pahalgam Terror Attack) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिहार दौरे को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने बिहार के सभी जिलों को हाई अलर्ट करते हुए विशेष चौकसी बरतने के निर्देश दिए हैं। खासकर नेपाल और बांग्लादेश से सटे सीमावर्ती जिलों में निगरानी बढ़ाने और 24 घंटे पेट्रोलिंग करने का आदेश जारी किया गया है।
इसके अलावा पटना, बोधगया, राजगीर समेत अन्य प्रमुख पर्यटन केंद्रों पर भी सुरक्षा-व्यवस्था बढ़ाई गई है। पटना और दरभंगा एयरपोर्ट भी सुरक्षा-व्यवस्था और सुदृढ़ करने को कहा गया है।
डीजीपी ने की सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षासूत्रों के अनुसार, डीजीपी विनय कुमार ने बुधवार को सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधीक्षकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करीब दो घंटे तक बैठक कर सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान पुलिस के वरीय अधिकारियों को आवश्यकतानुसार सुरक्षा एवं अतिरिक्त बलों की भी मदद लेने को कहा गया है।
सीमावर्ती जिलों की सुरक्षा को लेकर एसएसबी के शीर्ष अधिकारियों से भी फोन पर बात की गई है। सभी सीमावर्ती जिले को चौबीसों घंटे निगरानी रखने का आदेश दिया गया है। सीमा पार से आने वाले लोगों की सघन जांच करने को कहा गया है। पुलिस मुख्यालय स्तर से भी जिलों की मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया है।
बिहार नहीं आएगा मनीष रंजन का शव, बंगाल में होगा अंतिम संस्कारपहलगाम के आंतकी हमले में मारे गए रोहतास के मनीष रंजन का शव बिहार नहीं लाया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार बंगाल के पुरुलिया में होने की उम्मीद है।
डीजीपी विनय कुमार ने मीडिया के सवाल पर बताया कि मनीष सेंट्रल एक्साइज विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर थे। उनकी पोस्टिंग दक्षिण भारत में थी। उनकी ससुराल पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में है। उनका अंतिम संस्कार वही होने की उम्मीद है। रोहतास में उनके परिवार का कोई करीबी सदस्य नहीं रहता है।
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Bihar News: तलाकशुदा पिता को निभानी होगी एक और जिम्मेदारी, अविवाहित बेटी को लेकर हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
विधि संवाददाता, पटना। पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया है कि तलाकशुदा हिन्दू पिता अपनी अविवाहित बालिग बेटी की शिक्षा और विवाह के खर्च से मुंह नहीं मोड़ सकता, भले ही वह बेटी मां के साथ रह रही हो।
अदालत ने इस व्यय को बेटी का कानूनी अधिकार बताते हुए तलाकशुदा पिता को चार माह के भीतर बीस लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया है।
न्यायाधीश पी. बी. बजंथ्री की खंडपीठ ने अपीलार्थी श्वेता कुमारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला पारित किया। श्वेता ने अपने पूर्व पति से बेटी के लिए भरण-पोषण एवं विवाह की राशि की मांग की थी।
अदालत को बताया गया कि श्वेता कुमारी और उनके पति की शादी 8 जनवरी, 2003 को हुई थी और दिसंबर 2004 में एक बेटी का जन्म हुआ।
वर्ष 2011 में पति ने मानसिक उत्पीड़न और पत्नी के अलग रहने का हवाला देते हुए तलाक की याचिका पटना के फैमिली कोर्ट में दायर की। फैमिली कोर्ट के प्रिंसिपल जज ने 5 नवंबर, 2022 को तलाक की अनुमति दे दी।
इस आदेश को चुनौती देते हुए श्वेता कुमारी ने हाईकोर्ट में अपील दायर की, जिसमें उन्होंने बेटी की शिक्षा और विवाह के लिए धनराशि देने की मांग की।
तलाक के बावजूद पिता की जिम्मेदारी समाप्त नहीं होती- कोर्टउन्होंने कहा कि तलाक के बावजूद पिता की जिम्मेदारी समाप्त नहीं होती, खासकर तब जब बेटी अविवाहित और आर्थिक रूप से निर्भर हो।
सभी पक्षों की आर्थिक स्थिति और दायित्वों पर विचार करने के बाद, हाईकोर्ट ने माना कि अविवाहित बेटी का यह अधिकार हिन्दू कानून के अंतर्गत संरक्षित है।
अदालत ने तलाकशुदा पिता को निर्देश दिया कि वह चार माह की अवधि में बेटी के शिक्षा और विवाह के खर्च के मद में बीस लाख रुपये जमा करें।
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