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KK Pathak: पटना हाईकोर्ट से शिक्षा विभाग को लगा बड़ा झटका, शिक्षकों और कर्मियों को दी बड़ी राहत
दीनानाथ साहनी, पटना। पटना हाईकोर्ट ने राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों एवंकर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। चार माह से वेतन और पेंशन का भुगतान नहीं होने से शिक्षकों, कर्मचारियों एवं पेंशनधारियों का हाल बेहाल हो चुका है।
देखा जाए तो, हाईकोर्ट ने वेतन और पेंशन की राशि तत्काल जारी करने का आदेश देकर शिक्षा विभाग के आला अफसरों को करारा झटका दिया है।
दरअसल, अफसरों ने विश्वविद्यालयों के बजट (2024-25) की समीक्षा करने के नाम पर राशि रोक रखी है। 29 मई तक प्रत्येक विश्वविद्यालय के बजट की समीक्षा किया जाना है। ऐसे में वेतन और पेंशन के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों को और लंबा इंतजार करना पड़ता।
विभाग की इस मंशा को पटना हाईकोर्ट ने बखूबी समझा और विश्वविद्यालयों को तत्काल राशि जारी करने को कहा। साथ ही हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अफसरों को आगाह किया कि यदि राशि जारी नहीं किया तो अफसरों के वेतन पर तत्काल रोक लगायी जाएगी।
विश्वविद्यालयों के अफसरों ने जतायी खुशीपटना हाईकोर्ट के आदेश से राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों, कर्मचारियों और पेंशनधारियों में यह उम्मीद जगी है कि अब उन सब को वेतन और पेंशन जल्द मिलेगा।
वहीं, कुलपतियों और कुलसचिवों ने हाईकोर्ट के आदेश पर खुशी जताते हुए कहा कि पिछले चार माह से सरकार द्वारा पैसे उपलब्ध नहीं कराए जाने और तमाम खातों पर रोक लगाने से विश्वविद्यालयों में शिक्षकों व कर्मियों के परिवारों की माली हालत खराब है। वहीं, पेंशन धारक पैसे के अभाव में इलाज नहीं करा पा रहे हैं।
कॉपियों का मूल्याकंन हुआ प्रभावितविश्वविद्यालयों में पैसे की तंगी से कॉपियों का मूल्यांकन प्रभावित हो रहा है तो वहीं आगामी परीक्षाओं को लेकर प्रश्न पत्र समेत उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद हेतु निविदा प्रक्रिया को टालनी पड़ रही है।
मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. समीर शर्मा ने कहा कि पटना हाईकोर्ट ने शिक्षकों और कर्मचारियों के हित में बड़ा आदेश शिक्षा विभाग को दिया है। राशि उपलब्ध होते ही सबसे पहले वेतन और पेंशन भुगतान करें।
विभागीय आदेश तर्क संगत नहीं3 मई को पटना हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों के सभी प्रकार के खातों के संचालन पर लगायी रोक को हटाने का आदेश दिया था।
इसके बाद शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन तथा पेंशन भुगतान अब तक हो जाना चाहिए था, लेकिन शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में खातों पर लगायी गयी रोक संबंधी विभागीय आदेश को 4 मई को निरस्त कर दिया, लेकिन विश्वविद्यालयों के खातों में राशि नहीं जारी की गई।
विभाग ने विवि अधिकारियों के साथ की थी बैठक, लेकिन...न्यायालय आदेश के आलोक में 6 मई को होटल मौर्या में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कुलसचिवों और अन्य अफसरों के साथ शिक्षा विभाग ने बैठक भी की, जिसमें अपर मुख्य सचिव केके पाठक नहीं पहुंचे थे। तब कुछ कुलपतियों ने इसे न्यायालय की अवमानना कहा था।
इससे पहले न्यायालय में सुनवाई के क्रम में शिक्षा विभाग की ओर से बैंक खातों के संचालन पर लगायी गयी रोक के बारे में कहा गया था कि विभागीय बैठकों में कुलपति नहीं आते हैं, इसलिए उनके वेतन भुगतान के साथ-साथ बैंक खातों पर रोक लगायी गयी है। इस तर्क के मद्देनजर हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को कुलपतियों के साथ बैठक करने को कहा था।
बता दें कि 28 फरवरी एवं 15 मार्च को अपने दो आदेश से शिक्षा विभाग ने कुलपतियों, कुलसचिवों एवं परीक्षा नियंत्रकों का वेतन बंद करते हुए सभी प्रकार के खातों के संचालन पर रोक लगायी थी।
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स्कूलों की टाइमिंग बदलने से शिक्षक ही नहीं अभिभावक भी परेशान, चिलचिलाती गर्मी में झुलसने को मजबूर हैं बच्चे
नीरज कुमार, पटना। शिक्षा विभाग के नये आदेश ने शिक्षकों से लेकर बच्चों एवं अभिभावकों तक की नींद उठा दी है। विभाग के नये आदेश के अनुसार, अब बच्चों एवं शिक्षकों को सुबह छह बजे से पहले स्कूल आना होगा।
ऐसे में बच्चों एवं शिक्षकों को छह बजे स्कूल आने के लिए सुबह तीन से चार बजे जगना होगा, ताकि तैयार होकर प्रात: पांच बजे घर से निकल सकें। सुबह तीन से चार बजे प्रतिदिन जगना बच्चों एवं शिक्षकों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
पहली बार इस तरह का आदेश शिक्षा विभाग की ओर से जारी किया गया, जिसको लेकर शिक्षकों का आक्रोश काफी बढ़ गया है। साथ ही अभिभावक भी इससे काफी नाराज हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ भी विभाग के नये आदेश को बच्चों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक बता रहे हैं।
अव्यवहारिक है शिक्षा विभाग का आदेशराजधानी के शास्त्रीनगर बालक हाईस्कूल के पूर्व प्राचार्य श्रीकांत शर्मा का कहना है कि पिछले 40 वर्षों में शिक्षा विभाग का ऐसा कोई आदेश नहीं जारी किया गया, जिसमें सुबह छह बजे बच्चों एवं शिक्षकों को स्कूल आना हो। यह आदेश अव्यवहारिक है।
पूर्व के वर्षों में स्कूल सुबह 6.30 बजे शुरू होते थे और 11.30 बजे बंद हो जाते थे, ताकि धूप तेज होने से पहले बच्चे घर लौट जाएं।
आजकल सुबह आठ बजे ही वातावरण इतना गर्म हो जा रहा है कि घर से निकलने में लोगों को परेशानी हो रही है। ऐसे में 12 बजे स्कूलों की छुट्टी करने का कोई मतलब नहीं है। पहले बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
वहीं राजधानी के देवीपद चौधरी शहीद स्मारक मिलर हाईस्कूल के पूर्व प्राचार्य राजाराम का कहना है कि सुबह छह बजे आजतक कभी स्कूल शुरू नहीं हुआ है। पहले स्कूल साढ़े छह बजे शुरू होते हैं और आधा घंटा प्रार्थना और पीटी होती थी।
सात बजे से नियमित क्लास होते थे, जो 11.30 बजे तक चलते थे। दोपहर में तीखी धूप होने से पहले बच्चे घर पहुंच जाते थे। सामान्यत: बिहार के वातावरण में गर्मी के दिनों में दोपहर 12 बजे धूप काफी तीखी हो जाती है। ऐसे में मासूमों को बचाने के लिए 11.30 बजे छुट्टी का समय सही था।
बच्चों के स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है आदेशपीएमसीएच के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डा.राकेश कुमार शर्मा का कहना है कि हमारे वातावरण में प्रतिदिन सुबह तीन से चार बजे उठना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं है।
शहर से लेकर गांव तक की जीवनशैली में काफी बदलाव आया है। अब देर रात तक लोग सोते हैं। ऐसे में सुबह चार बजे जगना और तैयार होकर पांच बजे तक घर से निकल जाना अत्यंत कठिन है।
ऐसे में बच्चों की नींद ही पूरी नहीं हो पाएगी। जब बच्चों को नींद पूरी नहीं होगी, तो वे स्कूल में तनाव में रहेंगे और उनका स्वाभाव चिड़चिड़ा हो जाएगा।
इसके अलावा, हमारे वातावरण में सुबह पांच बजे बच्चे ठीक से भोजन भी नहीं कर पायेंगे। ऐसे में वे भूखे ही स्कूल जाएंगे। जब बच्चा भूखा स्कूल जाएगा तो उसका मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा। लंबे समय तक इस तरह की जीवन शैली बच्चे को बीमार बना सकती है।
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Patna Five Star Hotel: नेचुरल्स डेयरी पटना में करेगी 150 करोड़ का निवेश, आएगा अंतरराष्ट्रीय होटल ब्रांड
जागरण संवाददाता, पटना। अब अंतरराष्ट्रीय होटल ब्रांड रेडिसन ब्लू भी अब राजधानी में अपना फाइव स्टार होटल खोलेगी। इस प्रोजेक्ट पर 150 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
इसके लिए नेचुरल्स डेयरी प्राइवेट लिमिटेड ने होटल प्रोजेक्ट के लिए रेडिसन ब्लू होटल के साथ कॉर्पोरेट कार्यालय में एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
होटल में होंगे 120 कमरे, 3 बैंक्वेट हॉलइस एमओयू पर रेडिसन ब्लू के साउथ एशिया चेयरमैन केबी कचरू एवं नेचुरल्स डेयरी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से सीईओ और संस्थापक हेमंत कुमार दास ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। यह होटल 2026 में तैयार होगा। शिलान्यास जून में होगा। 120 कमरों के साथ 500 सौ लोगों की क्षमता वाली तीन बैंक्वेट हॉल रहेंगे।
एमओयू पर साइन करते रेडिसन ब्लू के केबी कचरू व नेचुरल डेयरी के हेमंत कुमार दास।
सीईओ हेमंत कुमार दास ने बताया कि पटना को एक फाइव स्टार होटल का सौगात देने जा रहे हैं। यहां बेहतर व गुणवत्तापूर्ण वाले होटले की कमी को देखते हुए रेडिशन ब्लू जैसी अंतरराष्ट्रीय ब्रांड को बिहार में लाने की सौगात मिलेगा।
श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में मुफ्त करें प्रवेशश्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में शनिवार को प्रवेश करने के लिए कोई शुल्क नहीं अदा करना होगा। संग्रहालय दिवस के अवसर पर दर्शकों को यह सुविधा दी जाएगी।
इसके साथ ही विज्ञान केंद्र के म्यूजियम का भ्रमण करने के लिए शनिवार और रविवार एक घंटे का अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
छह बजे की बजाए सात बजे तक दर्शक विज्ञान से जुड़ी विभिन्न जानकारी हासिल कर सकेंगे। डिजिटल प्लेनेटेरियम, थ्रीडी शो, साइंस आन ए स्पेयर शो और पीडीएल शो के लिए पैसे देने होंगे।
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बिहार में 300 संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट किए गए चिह्नित, अबतक 3 दर्जन यूजर्स पर एक्शन ले चुकी है EOU
राज्य ब्यूरो, पटना। लोकसभा चुनाव को देखते हुए फेसबुक, एक्स (ट्वीटर), इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म की निगरानी बढ़ा दी गई है। पुलिस मुख्यालय के साथ आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की विशेष मॉनीटरिंग यूनिट फर्जी व संदिग्ध अकाउंट और पोस्ट पर कार्रवाई कर रही है।
पिछले दो महीने में बिहार पुलिस की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग यूनिट ने विभिन्न प्लेटफार्म पर 300 से अधिक संदिग्ध व फर्जी खातों को चिन्हित कर ईओयू को भेजा है।
तीन दर्जन से ज्यादा फर्जी अकाउंट बंदईओयू की ओर से तीन दर्जन से ज्यादा फर्जी अकाउंट बंद भी करवाए गए हैं। इनमें से कुछ के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। इन फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने व भ्रामक सूचनाएं प्रसारित करने की कोशिश की जा रही थीं।
कुछ इस तरह एक्शन लेती है पुलिसइसके अलावा, बिहार पुलिस के सोशल मीडिया के जरिए मिल रही शिकायतों पर भी त्वरित कार्रवाई कर रही है। इसमें आमलोग ही वीडियो, तस्वीरें या वेब लिंक भेजकर शिकायत करते हैं। इसके बाद बिहार पुलिस फर्स्ट रिस्पांडर की भूमिका निभाते हुए संबंधित जिला पुलिस को कार्रवाई के लिए निर्देश देती है।
सिवान में पिस्टल लहराने पर एक्शनइसी माह पांच मई को सिवान जिले के मैरवा में एक युवक के द्वारा आर्केस्ट्रा में पिस्टल लहराने से जुड़ी शिकायत बिहार पुलिस के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्राप्त हुई। इसके बाद संबंधित जिला पुलिस को मामले की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। अगले ही दिन अवैध हथियार का प्रदर्शन करने वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया गया।
सीतामढ़ी और गोपालगंज में भी कार्रवाईइसी तरह सीतामढ़ी के प्रशांत यादव नामक युवक का स्टंट करता वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। बिहार पुलिस की सोशल मीडिया सेंटर की टीम ने उसे ट्रैक कर संबंधित थाने को भेजा, जिसके बाद सीतामढ़ी पुलिस ने युवक के घर जाकर उसकी बुलेट बाइक जब्त कर ली। गोपालगंज में भी हथियार दिखाते हुए रील्स बनाने वाले युवक को देसी कट्टा के साथ गिरफ्तार किया गया है।
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'मोदी सरकार की गाड़ी उल्टी दिशा में...', प्रधानमंत्री के कामकाज पर शिवानंद तिवारी ने कसा तंज
राज्य ब्यूरो, पटना। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने मोदी सरकार के कामकाज को लेकर सवाल किया है। उन्होंने आरोप लगाए कि आजादी के बाद यह पहला चुनाव है, जिसमें 10 वर्ष तक शासन करने वाली पार्टी काम नहीं; बल्कि लोगों को डराकर सत्ता प्राप्त करना चाहती है। इसकी वजह है कि इन वर्षों में मोदी सरकार की गाड़ी उल्टी दिशा में चल रही।
मोदी सरकार के काम से देश को नुकसानशिवानंद ने कहा कि मोदी जी के शासन में लोगों की परेशानी बढ़ी है। गरीब की हालत सुधरने की बजाय बिगड़ी है। इस सरकार ने कई ऐसे काम किए हैं, जिससे देश को गंभीर नुकसान पहुंचे हैं। नोटबंदी, जीएसटी ऐसी ही परेशानियां हैं। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में पांच किलो राशन बांट कर लाभार्थियों का एक समूह तैयार किया है। यह कैसी उपलब्धि है।
पीएम मोदी सिर्फ हिंदू-मुस्लिम करते हैंउन्होंने कहा कि उपलब्धि तब होती, जब 80 करोड़ में 10-20 करोड़ को ऐसा बना देते कि उन्हें मुफ्त राशन की जरूरत नहीं होती। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अपने चुनावी अभियान में सिर्फ सांप्रदायिक बातों, हिंदू और मुसलमान के बीच नफरत फैलाते दिखे। उनका भाषण आचार संहिता का उल्लंघन है। चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए।
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KK Pathak Salary: क्या केके पाठक को नहीं मिलेगी सैलरी? पटना हाई कोर्ट ने दे दिया ये आदेश
राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाई कोर्ट ने राज्य के विश्वविद्यालयों के खातों के संचालन पर रोक लगाने एवं कुलपतियों द्वारा बैठक में भाग नहीं लेने के मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग स्वीकृत बजट राशि का भुगतान करे अन्यथा विभाग के सभी आला अधिकारियों वेतन पर रोक लगा दी जाएगी। न्यायाधीश अंजनी कुमार शरण की एकलपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई की 25 जून को तय की है।
विश्वविद्यालयों की ओर अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद, विंध्याचल राय, रितेश कुमार, राणा विक्रम सिंह, मो. असहर मुस्तफा, राजेश प्रसाद चौधरी ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने 16 मई को पत्र जारी कर विश्वविद्यालयों के बजट की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में भाग नहीं लिए जाने पर विश्वविद्यालय के सभी खातों के संचालन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
इसमें मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय एवं मुंगेर विश्वविद्यालय शामिल हैं। शिक्षा विभाग ने तीनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से स्पष्टीकरण मांगते हुए यह पूछा है कि क्यों नहीं उन्हें पदच्युत करने की कार्रवाई प्रारंभ की जाए।
'यह आपकी उदासीनता को इंगित करता है'विभाग ने तीन विश्वविद्यालयों के सभी खातों रोक लगाते हए उनके कुलपतियों से पूछा है कि आपके बैठक में नहीं आने से विभागीय एवं विश्वविद्यालय के अधिकारियों का समय भी व्यर्थ हुआ। कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर इसलिए चर्चा नहीं हुई कि आप अनुपस्थित थे। बजट संबंधी मामला अतिगंभीर होता है। इसमें कुलपति का स्वयं रहना अति आवश्यक होता है।
यह विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 11 (1) एवं (11) के तहत आपकी उदासीनता को इंगित करता है और यह दर्शाता है कि आप विश्वविद्यालय के अति महत्वपूर्ण कार्यों के प्रति उदासीन हैं। यह विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 48 एवं 50 का उल्लंघन है।
उनका कहना था कि विश्वविद्यालय कानून के तहत शिक्षा विभाग को विश्वविद्यालय के किसी भी कर्मी को पदच्युत करने का अधिकार नहीं है। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि विभाग के बैठक में जब तक वीसी भाग नहीं लेंगे तब तक शिक्षा विभाग एक पैसा नहीं देगा।
उनका कहना था कि सिर्फ वेतन लेने के लिए विश्वविद्यालय को खोले हुये हैं। यही नहीं उनका कहना था कि वीसी की नियुक्ति कैसे होती हैं यह सभी को पता है। उनका कहना था कि 15 मई से 29 मई के बीच सूबे के 13 विश्वविद्यालयों को बैठक में भाग लेने के लिए समय तय किया गया था। इस पर कोर्ट ने कहा कि वीसी और अधिकारी अहम का मुद्दा नहीं बना काम की बात करें। इस मामले की अगली सुनवाई 25 जून को होगी।
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KVS Admission: केंद्रीय विद्यालय ने कक्षा 11वीं में नामांकन के लिए बदला नियम, एक सेक्शन में रहेंगे सिर्फ इतने बच्चे
जागरण संवाददाता, पटना। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने 11 वीं कक्षा में नामांकन के लिए नियम में बदलाव किया है। नये नियत के तहत केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा 11 में एक सेक्शन में 40 बच्चों का ही नामांकन लिया जाएगा। यह नामांकन नियमावली कक्षा 11वीं के विज्ञान, वाणिज्य और मानविकी संकाय सहित अन्य संकाय में भी लागू होगा।
केंद्रीय विद्यालय बेली रोड के प्राचार्य पीके सिंह ने बताया कि कक्षा 11 में नामांकन के लिए मेधा सूची कक्षा 10 वीं के सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में प्राप्त अंकों पर आधारित होगा।
यदि किसी एक संकाय में सीट भर जाती है, तो ऐसी परिस्थिति में रिक्त स्थान उपलब्ध रहने पर छात्र चाहे तो दूसरे संकाय में नामांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इस आधार पर तैयार होगी मेधा सूचीकेंद्रीय विद्यालय संगठन, पटना संभाग की उपायुक्त सोमा घोष ने बताया कि नामांकन के लिए संयुक्त मेधा सूची का निर्माण किया जाएगा।
अपने विद्यालय के पंजीकृत छात्र और केंद्रीय विद्यालय संगठन पटना संभाग द्वारा आवंटित केंद्रीय विद्यालय के लिए प्राप्त आवेदन के आधार पर मेधा सूची तैयार की जाएगी। इसमें वही छात्र शामिल होंगे, जिन्होंने सीबीएसई बोर्ड 10 वीं कक्षा पास की हो।
अपने छात्रों तथा आवंटित केंद्रीय विद्यालय के छात्रों को नामांकन देने के उपरांत हीं यदि सीट रिक्त रहता है तो गैर-केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों से आवेदन आमंत्रित किये जाएंगे।
पटना संभाग के स्कूलों की मेरिट लिस्टपटना संभाग के सभी केंद्रीय विद्यालयों में संयुक्त मेधा सूची का प्रकाशन 27 मई को होगा। यदि कोई छात्र अंतिम तिथि तक आवेदन करने में विफल रहता है, तो ऐसे छात्र के किसी भी प्रार्थना पत्र पर विचार नहीं किया जाएगा।
पहले नहीं निर्धारित थी संख्यापहले केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा 11 वीं में सीटों की संख्या पहले निर्धारित नहीं थी। अगर विज्ञान, कला व कामर्स में अलग-अलग 100-100 छात्र होते थे तो उनका नामांकन हो जाता था, लेकिन नये नियम के तहत तीनों संकाय मिला कर 120 सीटों पर ही नामांकन होगा।
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Bihar Teachers: शिक्षकों को अब 12 के बाद भी नहीं मिलेगी छुट्टी, इतने बजे तक स्कूल में रहकर करने होंगे ये काम
जागरण संवाददाता, पटना। सरकारी स्कूल में दोपहर 12 बजे छुट्टी के बाद शिक्षकों को छुट्टी नहीं मिलेगी। वे प्रतिदिन 12 बजे से 1.30 बजे तक स्कूल में रहकर पाठ टीका तैयार करेंगे। इसके अलावा, शिक्षक स्कूल में छुट्टी के बाद कॉपियों की जांच, साप्ताहिक मूल्यांकन की कॉपियों जांच, मासिक मूल्यांकन की कॉपियों की जांच करेंगे।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक दोपहर 12 बजे से 1.30 बजे तक अतिरिक्त कार्य जैसे नामांकन एवं अन्य प्रशासनिक कार्य करेंगे। सारे कार्य पूरी करने के बाद शिक्षक प्रतिदिन 1.30 बजे घर के लिए प्रस्थान करेंगे।
पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि शिक्षकों की आठ घंटे की नौकरी है। फिर भी शिक्षकों को आधे घंटे पहले यानी 1.30 बजे छुट्टी दी जा रही है। स्कूलों में सुबह छह बजे से दोपहर 12 बजे तक पढ़ाई करनी है।
पाठ टीका का क्या है मतलब?शिक्षकों को स्कूल में छुट्टी के बाद पाठ टीका तैयार करने के लिए कहा गया है। पाठ टीका में शिक्षकों को कक्षा में पढ़ाए जाने वाले चैप्टर के बारे में लिखना होता है। इसकी आधार पर शिक्षकों को अगले दिन पढ़ाना होता है। इसमें यह लिखना होता है कि कौन शिक्षक कितनी घंटी लिया।
पाठ टीका स्पष्ट अर्थ कि शिक्षक प्रतिदिन कौन से कार्य किए और अगले दिन क्या करना है इन सब की जानकारी अंकित करते हैं। ताकि ये सब बातें उन्हें याद रहे कि आगे क्या करना है। इस तरह से महीने भर का पाठ टीका तैयार किया जा सकता है।
मिशन दक्ष व विशेष कक्षा में शिक्षकों को शामिल होना अनिवार्यजिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि गर्मी की छुट्टी खत्म होने के बाद स्कूल सुबह छह से 12 बजे तक संचालित हो रहे हैं। 12 बजे से 1:30 बजे तक मिशन दक्ष व विशेष कक्षा संचालित होगी।
इन दोनों कक्षाओं में शिक्षकों को शामिल होना अनिवार्य है। यदि यदि शिक्षकों की संख्या अधिक से वे स्कूल में 1.30 बजे तक स्कूल से संबंधित प्रशासनिक कार्य करेंगे। प्रधानाध्यापक यह तय करेंगे किस शिक्षक से क्या काम लेना है।
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Bihar Politics: 'लालू यादव ने मंगरू यादव को भी...', RJD सुप्रीमो पर JDU का 'विस्फोटक' खुलासा!
राज्य ब्यूरो, पटना। JDU On Lalu Yadav जदयू के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार, राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन प्रसाद व प्रदेश उपाध्यक्ष निहोरा प्रसाद यादव ने शुक्रवार क जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नौकरी के बदले जमीन लेने में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी ने अपने स्वजनों को भी नहीं बख्शा।
उन्होंने कहा, लालू प्रसाद के बड़े भाई मंगरू यादव के बेटे रमाशंकर यादव व पोते को रेलवे में नौकरी के बदले अपनी जमीन देनी पड़ी। इसी तरह राबड़ी देवी के चाचा नाटा चौधरी के बेटे रामाधार चौधरी को पशुपालन विभाग में तथा अशोक यादव को रेलवे में नौकरी के लिए अपना जमीन लिखनी पड़ी।
'नीतीश कुमार के शासन काल में...'जदयू नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन काल मे लालू यादव के बड़े भाई मंगरू यादव की पुत्रवधू गुंजन यादव को कार्यालय सहायक की नौकरी मिली पर इसके लिए उन्हें जमीन नहीं लिखनी पड़ी।
जदयू का तेजस्वी से सवालजदयू नेताओं ने तेजस्वी यादव से यह सवाल किया कि क्या यह सही नहीं है कि उनके माता-पिता ने अपने घरवालों से भी नौकरी के बदले जमीन लिखवायी? क्या यह सही नहीं है कि लालू प्रसाद ने फुलवरिया में चार कट्ठा आठ धुर जमीन नौकरी के बदले लिखवा ली?
जदयू नेताओं ने तेजस्वी यादव द्वारा एक करोड़ सरकारी नौकरी के वादे पर तंज करते हुए कहा कि राहुल गांधी तो 30 लाख नौकरी की बात कह रहे? आईएनडीआईए यह तय कर ले कि उनके नेता कौन हैं?
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Nitish Kumar: 'बेटा नहीं हो रहा था, इसलिए...'; Lalu Yadav पर नीतीश का पर्सनल अटैक!
जागरण टीम, मोतिहारी/सीतामढ़ी। Nitish Kumar On Lalu Yadav Family बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पूर्वी चंपारण से एनडीए प्रत्याशी राधामोहन सिंह के पक्ष में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान नीतीश कुमार काफी आक्रामक अंदाज में नजर आए। एक तरफ अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। वहीं, दूसरी तरफ लालू फैमिली पर पर्सनल अटैक तक कर दिया।
नीतीश कुमार ने भरी जनसभा में लालू यादव और उनके परिवार (Nitish Kumar On Lalu Yadav) बड़ा हमला बोला। नीतीश कुमार ने कहा कि भला कोई नौ-नौ गो बच्चा पैदा करता है क्या? उनको बेटा नहीं हो रहा था सिर्फ बेटी हो रही थी, इसलिए नौ-नौ गो बच्चा पैदा कर दिया। नीतीश कुमार ने एक दिन पहले रक्सौल में भी यही बयान दिया था।
'2005 से मैं लगातार...'बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीतामढ़ी में भी जनसभा को संबोधित किया। यहां उन्होंने कहा कि 2005 से मैं लगातार पूरे बिहार का विकास कर रहा हूं। 2005 के पहले पूरे बिहार में 'जंगलराज' कायम था। लूट, अपहरण, फिरौती सहित आपराधिक घटनाएं दिनदहाड़े होती थी। हमने शांति बहाल की है और अमन-चैन स्थापित किया है।
'पीएम मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाएं'यहां उन्होंने कहा कि लवली आनंद को चुनाव में भारी मतों से जीत दिलाएं और नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाएं। चुनावी जनसभा की अध्यक्षता जदयू के पूर्व जिला अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद सिंह व मंच संचालन रीगा विधानसभा क्षेत्र के विधायक मोतीलाल प्रसाद ने की।
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Patna Metro: पटना मेट्रो निर्माण में आई सबसे बड़ी बाधा, फिर अधिकारियों को हुआ गलती का एहसास; उठाया ये कदम
संवाद सहयोगी, दानापुर। Bihar News: पटना में मेट्रो निर्माण के दौरान एक ऐसी समस्या सामने आई जिसके बारे में अधिकारियों को ध्यान ही नहीं रहा। दरअसल, मेट्रो निर्माण के क्रम में नेहरूपथ के मुख्य मार्ग के किनारे के बने नाला का कई जगह भर दिये गये हैं, जिसका भविष्य में खामियाजा भुगतना पड़ सकता था।
इसके बाद अधिकारियों ने नेहरूपथ के अभियंतानगर से रूपसपुर तक जलनिकासी को लेकर होने वाली समस्या की संभावना को ध्यान में रखते हुए नगर परिषद व मेट्रो के अधिकारियों ने जायजा लिया।
गुरुवार को कार्यपालक पदाधिकारी विमल कुमार, नगर प्रबंधक अमरेन्द्र कुमार, सहायक अभियंता विजय कुमार व मेट्रो के महाप्रबंधक विकास रंजन, प्रोजेक्ट प्रबंधक रवि पुनिया नेहरूपथ में चल रहे मेट्रो निर्माण का जायजा लिया। कार्य के लेकर भरे गये नाला आदि का संयुक्त रूप से जायजा लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए।
मेट्रो निर्माण के सामने आई जल निकासी की समस्याPatna Metro News: कार्यपालक पदाधिकारी विमल कुमार ने बताया कि मेट्रो निर्माण के दौरान नेहरूपथ के मुख्य मार्ग के किनारे के बने नाला का कई जगह भर दिये गये हैं, जिससे जलनिकासी की समस्या होने की संभावना बन गई है। इसका निरीक्षण करते हुए मेट्रो के महाप्रबंधक ने आवश्यकतानुसार हयूम पाइप, पंप व जरूरत पड़ने पर रास्ता काट कर जलनिकासी करने की बात कही है।
पंप लगाकर पानी निकासी की जाएगीउन्होंने वैसे स्थलों पर पाइप डालने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही पंप लगा कर पानी निकासी करने की बात कही है। श्री कुमार ने कहा कि मानसून के दौरान आने वाली जलजमाव के संकट का दूर करने को लेकर लगातार कार्य किया जा रहा है। इसी के तहत मेट्रो के अधिकारियों के साथ स्थलों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान नगर परिषद के कर्मी उपस्थित थे।
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KK Pathak की शिकायत करने सीएम नीतीश कुमार के पास पहुंचा शिक्षक संघ, कहा- खतरे में शिक्षकों और मासूम बच्चों की जान
जारगण संवाददाता, पटना। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने भीषण गर्मी में स्कूल खोलने और बच्चों व शिक्षकों की 90 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य करने का विरोध किया है।
शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा कि शिक्षा विभाग के अलोकतांत्रिक, अमानवीय तथा तानाशाही रवैये से शिक्षक और बच्चों की जान खतरे में है। इस भीषण गर्मी में 16 मई से स्कूल खोल दिया गया है। साथ ही बच्चों एवं शिक्षकों को 90 प्रतिशत उपस्थिति का आदेश गलत है।
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि शिक्षकों को बीच दोपहर में 1.30 बजे स्कूल छोड़ने के लिए कहा गया है। दोपहर में बच्चों एवं शिक्षकों को घर लौटने में खतरा है। मुजफ्फरपुर के शिक्षक अविनाश कुमार का लू लगने से निधन हो गया।
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री से कहा कि शिक्षामंत्री द्वारा संभवत: छह बजे से विद्यालय संचालन की अनुमति नहीं दी गई होगी। छह बजे बच्चों के माता-पिता को जागना और उनके लिए नाश्ता तैयार करना और जो शिक्षक कोसों दूर विद्यालय जाएंगे उन्हें भी बिना नाश्ता किए ही विद्यालय पहुंचना होगा।
पूर्व सांसद ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग के मौसम वैज्ञानिकों ने बिहार में ‘येलो अलर्ट’ की चेतावनी दी है। इसके बावजूद बच्चों को दोपहर 12 बजे दोपहर और शिक्षकों को 1.30 बजे घर वापस जाने का आदेश अमानवीय है। उन्होंने मामले पर मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
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Patna Metro Update: पटना मेट्रो को लेकर आया बड़ा अपडेट, Monsoon से पहले ही DMRC को करना होगा ये काम
राज्य ब्यूरो, पटना। Patna Metro Update पटना मेट्रो के निर्माण कार्य में तेजी आएगी। खासकर, मानसून से पहले मेट्रो डिपो और पाटलिपुत्र रैंप समेत अन्य कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। पटना मेट्रो का निर्माण कर रही दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के सलाहकार (विशेष कार्य) दलजीत सिंह ने अधिकारियों के दल के साथ गुरुवार को पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के निर्माण स्थलों का जायजा लिया।
इस दौरान आईएसबीटी डिपो, सगुना मोड़, दानापुर, पाटलिपुत्र आदि निर्माण स्थलों पर चल रहे सिविल, इलेक्ट्रिकल और ट्रैक संबंधी कार्यों का निरीक्षण किया गया। दलजीत सिंह ने डीएमआरसी अधिकारियों को निर्माण स्थलों पर मानसून पूर्व प्रबंधन कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया, ताकि निर्माण कार्य में बाधा न आए।
ठेकेदार को मिला ये निर्देशठेकेदार को पाटलिपुत्र नाला व ड्रेन क्षेत्र में पाइलिंग और पाइल कैप का काम युद्धस्तर पर पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि ड्रेन डायवर्जन की योजना सावधानीपूर्वक बनाई जाए और इसकी निगरानी चौबीस घंटे की जाए। इस बात पर भी जोर दिया कि मेट्रो निर्माण कार्य से स्थानीय लोगों को कोई असुविधा न हो।
पाटलिपुत्र रैंप के काम में भी लाएं तेजीउन्होंने ठेकेदार को पाटलिपुत्र रैंप के काम में तेजी लाने और मानसून सीजन शुरू होने से पहले पाइलिंग और पाइल कैप का काम पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने सगुना मोड़ स्टेशन से दानापुर तक वाई डक्ट का निरीक्षण किया और कार्यस्थल को साफ-सुथरा रखने एवं पर्यावरण के मुद्दों पर ध्यान देने का निर्देश दिया।
आईएसबीटी डिपो साइट का निरीक्षण करते समय डीएमआरसी के अधिकारियों को डिपो की बाहरी निकासी व्यवस्था को मानसून आने से पहले दुरुस्त करने का निर्देश दिया जिससे डिपो परिसर के अंदर जलजमाव को रोका जा सके। अधिकारियों एवं ठेकेदारों द्वारा उन्हें डिपो के प्रशासनिक भवन, शेड, वर्कशाप, कार्यालय भवन आदि की प्रगति की अद्यतन जानकारी दी।
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बिहार के इन फर्जी नियोजित शिक्षकों पर भी चलेगा शिक्षा विभाग का डंडा, FIR दर्ज कर कार्रवाई का दिया गया आदेश
राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा विभाग ने 27 और फर्जी शिक्षकों को चिन्हित करते हुए उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। चिन्हित शिक्षकों में से पांच नियोजित शिक्षक महिलाएं शामिल हैं। इन शिक्षकों के पात्रता परीक्षा (टीईटी) के सर्टिफिकेट फर्जी पाये गये हैं।
खास बात यह है कि फर्जी नियोजित शिक्षक के रूप में जिन पांच महिलाओं की शिनाख्त हुई है, उनमें दो एक ही नाम की हैं। लेकिन, दोनों अलग-अलग जिले की हैं।
किस जिले के कितने शिक्षकों का कटा वेतनशिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, फर्जी पाए गए शिक्षकों में किशनगंज के तीन, अररिया के चार, पूर्णिया के तीन, सीतामढ़ी के तीन, कैमूर के तीन, बांका के दो, मधुबनी के एक, मधेपुरा के दो, बेगूसराय के दो, नवादा के एक, बेगूसराय के एक, अरवल के एक तथा समस्तीपुर के एक नियोजित शिक्षक शामिल हैं। वहीं संदेह के दायरे में आयी नियोजित शिक्षिका नवादा जिले की है।
क्या है पूरा मामला?बता दें कि राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा हुई थी। उसमें बैठने वाले नियोजित शिक्षकों में से एक हजार 151 नियोजित शिक्षक टीईटी, सीटीईटी, एसटीईटी के रौल नंबर के अनुसार डुप्लिकेट के रूप में चिन्हित किए गए थे।
उसके बाद शिक्षा विभाग ने ऐसे नियोजित शिक्षकों का भौतिक सत्यापन कराने का फैसला किया। इसके लिए कमेटी बनायी गयी। फिर, भौतिक सत्यापन का शेड्यूल बना।
शिड्यूल के हिसाब से डुप्लिकेट के रूप में चिन्हित ऐसे सभी 1,151 नियोजित शिक्षक भौतिक सत्यापन के लिए शिक्षा विभाग में तलब किया गया। उसमें 420 नियोजित शिक्षक ऐसे निकले, जो जांच कमेटी के समक्ष हाजिर ही नहीं हुए।
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KK Pathak : एक्शन में केके पाठक का शिक्षा विभाग, तीन विश्वविद्यालयों के खातों पर लगा दी रोक
बिहार के चुनावी रण में महिलाओं के लिए कठिन डगर, ये आंकड़े दे रहे गवाही, इन दो सीटों का और बुरा हाल
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Lok Sabha Election : आजादी के बाद अबतक हुए 17 लोकसभा चुनावों में पटना जिले से तारकेश्वरी देवी और रामदुलारी सिन्हा संसद पहुंच चुकी हैं।
वहीं, परिसीमन के बाद एक भी महिला उम्मीदवार, पटना से दिल्ली का सफर तय नहीं कर सकी है। यद्यपि राज्यभर का आंकड़ा भी संतोषजनक नहीं है।
बिहार से अबतक केवल 25 महिला सांसद हुईं हैं उनमें से एक को तीन बार और सात को दो-दो बार सांसद बनने का मौका मिल सका। 15 महज एकबार ही चुनाव जीत सकीं।
इस बार भी बड़ी संख्या में महिलाएं किस्मत आजमा रहीं हैं जिनमें कुछ नामचीन चेहरे हैं तो कुछ सामान्य। प्रतिनिधित्व का आंकड़ा कैसा रहेगा यह तो चुनाव परिणाम से ही पता चलेगा, लेकिन 2009 में बदले भौगोलिक परिदृश्य में दूसरी बार ऐसा है कि पटना साहिब से एक भी महिला मैदान में नहीं हैं।
एक नामांकन हुआ भी तो वह संवीक्षा में रद हो गया। वहीं पाटलिपुत्र सीट से चार महिलाएं चुनाव में उतर चुकी हैं।
2014 में पाटलिपुत्र और पटना साहिब में दिखी सशक्त उपस्थिति2009 के आम चुनाव में बिहार में कुल 46 महिलाएं किस्मत आजमाने उतरी थीं। उनमें चार को जीत मिली, 37 की जमानत जब्त हो गई।
पाटलिपुत्र से किरण देवी और पंचा देवी ने चुनाव लड़ा था। लेकिन वे दोनों मिलकर पांच हजार वोट भी हासिल नहीं कर सकीं थीं। पटना साहिब से एक भी महिला मैदान में नहीं थीं।
2014 में पटना साहिब और पाटलिपुत्र सीट पर एक-एक महिला लेकिन सशक्त उम्मीदवार थीं। पटना साहिब से परवीन अमानुल्लाह और पाटलिपुत्र से डा. मीसा भारती ने चुनाव लड़ा। दोनों प्रत्याशी चुनाव हार गईं।
मीसा भारती को करीब साढ़े तीन लाख वोट मिले। राज्यभर में भी इस बार चुनाव लड़नेवाली महिलाओं की संख्या बढ़ी। कुल 47 ने चुनाव लड़ा लेकिन जीत महज तीन को मिली, 36 की जमानत जब्त हो गई।
सात महिलाएं उतरी थीं चुनाव के मैदान में2019 में 46 महिलाओं ने चुनाव लड़ा। तीन को जीत मिली, 41 की जमानत जब्त हो गई। इस बार पटना साहिब और पाटलिपुत्र में महिलाओं की अच्छी उपस्थिति रही, एक बार फिर वोट के मामले में वे सशक्त नहीं दिख सकीं।
पटना साहिब से तीन जबकि पाटलिपुत्र से चार मुकाबले में उतरीं। पाटलिपुत्र से मीसा को छोड़ कोई 10 हजार वोट भी नहीं ला सकीं।
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KK Pathak: केके पाठक का एक्शन मोड ऑन! स्कूलों के निरीक्षण में बढ़ी सख्ती, सैकड़ों शिक्षकों का वेतन कटा
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Teacher News राज्य के सरकारी विद्यालयों के संचालन अवधि में बदलाव के साथ निरीक्षण अभियान में भी सख्ती बढ़ा दी गई है। निरीक्षी अधिकारियों द्वारा सुबह छह बजे से ही विद्यालयों में निरीक्षण किया जा रहा है। इस क्रम में विभिन्न विद्यालनों में गैरहाजिर पाए गये 532 शिक्षकों के वेतन काटने का आदेश दिया गया है।
ये सभी शिक्षक विशेष कक्षाओं से गायब पाये गये थे। उसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग के मॉनिटरिंग सेल ने पोर्टल पर जारी की है। संबंधित शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटा गया है। शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में निरीक्षण के दौरान छात्र-छात्राओं की उपस्थिति की भी जांच करने का निर्देश निरीक्षी अधिकारियों को दिया है।
छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने का निर्देशवहीं, विभाग ने प्रधानाध्यापकों को आदेश दिया है कि कक्षाओं में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति 90 प्रतिशत तक सुनिश्चित करें। साथ हीविद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति बनाए रखने को कहा है। विभाग ने यह निर्देश गायब पाये जा रहे शिक्षकों की वजह से दिया है। शिक्षकों की उपस्थिति रिपोर्ट प्रत्येक दिन शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराने का कहा गया है।
इन जिलों के शिक्षकों का वेतन कटाविभाग ने जिन शिक्षकों के वेतन काटने का आदेश दिया है उनमें अररिया के 16, अरवल के 2, औरंगाबाद के 17, बांका के 13, बेगूसराय के 5, भागलपुर के 17, भोजपुर के 20, बक्सर के 14, दरभंगा के 10, पूर्वी चंपारण के 15, गया के 13, गोपालगंज के 9, जमुई के 6, जहानाबाद के 12 शिक्षक हैं।
इस लिस्ट में खगड़िया के 11, किशनगंज के 7, कैमूर 20, कटिहार के 12, लखीसराय के 2, मधुबनी के 9, मुंगेर के 5, मधेपुरा के 14, मुजफ्फरपुर के 22, नालंदा के 45, नवादा के 15, पटना के 37 शिक्षक हैं।
वहीं, पूर्णिया के 4, रोहतास के 38, सहरसा के 12, समस्तीपुर के 18, शिवहर के 4, शेखपुरा के 8, सारण के 11, सीतामढ़ी के 9, सुपौल के 23, सीवान के 16, वैशाली के 9 एवं पश्चिमी चंपारण के 18 शिक्षक शामिल हैं।
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बिहार में पर्यटकों की संख्या में 50 फीसदी तक इजाफा, पहली तिमाही में ही आंकड़ा एक करोड़ के पार
कुमार रजत, पटना। Bihar Tourism : बिहार में पर्यटकों की संख्या में बड़ा उछाल आया है। इस बार पहली तिमाही में पर्यटकों की संख्या में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। जनवरी से मार्च तक बिहार में एक करोड़ 19 लाख पर्यटक आए इसमें करीब सवा दो लाख विदेशी पर्यटक रहे।
पिछले साल इसी दौरान महज 79 लाख पर्यटक आए थे। इसमें विदेशी पर्यटकों की संख्या 1.62 लाख थी। सर्वाधिक विदेशी पर्यटक गया-बोधगया, जबकि देसी पर्यटक पटना आए हैं।
बिहार में पर्यटकों की संख्या में हो रहा सुधारपर्यटन विभाग के अनुसार, इस साल सबसे अधिक 42.93 लाख पर्यटक जनवरी में आए। इसमें देसी पर्यटकों की संख्या 42 लाख जबकि विदेशी पर्यटकों की संख्या 86 हजार से अधिक रही। इसके बाद मार्च में 42.59 लाख पर्यटक आए इसमें विदेशी पर्यटकों की संख्या 58 हजार से अधिक रही।
फरवरी में 32.76 लाख पर्यटक आए मगर विदेशी पर्यटकों की संख्या 77 हजार से अधिक रही। पिछले साल पहली तिमाही में सर्वाधिक 32 लाख 46 हजार पर्यटक मार्च में आए थे वहीं सर्वाधिक 72 हजार 238 पर्यटक फरवरी माह में बिहार पहुंचे थे।
कोरोना के प्रभाव के कारण 2020 और 2021 में पर्यटकों की संख्या में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी। वर्ष 2022 और 23 से इसमें सुधार शुरू हुआ है, जिससे पर्यटकों की संख्या में उछाल आया है।
इसके अलावा पर्यटन केंद्रों की ब्रांडिंग और प्रचार के कारण भी देसी-विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में घूमने पहुंचे रहे हैं। खासकर राजगीर में नेचर व जंगल सफारी, ग्लास ब्रिज जैसे आकर्षण पसंद किए जा रहे।
देसी पर्यटकों को पटना, विदेशियों को गया पसंदपर्यटन विभाग की तिमाही रिपोर्ट का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक 21 लाख 17 हजार देसी पर्यटक राजधानी पटना आए। वहीं विदेशी पर्यटक सबसे अधिक गया और बोधगया घूमने पहुंचे।
जनवरी से मार्च तक गया में 52 हजार 545 जबकि बोधगया में 44 हजार 348 विदेशी पर्यटक घूमने आए। इसके अलावा राजगीर में भी 44 हजार 348 और नालंदा में 41 हजार 325 विदेशी पर्यटकों ने सैर की।
प्रमुख पर्यटन केंद्र केंद्र देसी विदेशी पटना 21.17 लाख 16,345 गया 2.75 लाख 52,545 बोधगया 6.79 लाख 44,348 राजगीर 6.99 लाख 41,325 नालंदा 4.04 लाख 31,395ये भी पढ़ें:
Patna News: जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को हटाना कितना मुश्किल? पटना हाईकोर्ट ने कर दिया सब क्लियर
राज्य ब्यूरो, पटना। Patna News: बिहार में जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को हटाना आसान है या मुश्किल, इसपर पटना हाईकोर्ट ने नियम को अच्छी तरह से समझा दिया है। पटना हाईकोर्ट ने 52 याचिकाकर्ताओं की एलपीए पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया।
पटना हाईकोर्ट ने क्या कहापटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय से यह तय किया है कि बिहार पंचायत राज अधिनियम-2006 के तहत जिला परिषद के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत की आवश्यकता है, नहीं कि जिला परिषद के कुल निर्वाचित सदस्यों के बहुमत की।
मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन, न्यायाधीश आशुतोष कुमार एवं न्यायाधीश हरीश कुमार की पूर्ण पीठ ने संगीता देवी उवं अन्य 52 याचिकाकर्ताओं की एलपीए याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया।
इस मामले में राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को तर्क दिया था कि यदि कोरम की आवश्यकता नहीं है, तो शायद बैठक का परिणाम पूरे निकाय की मंशा या इच्छा को प्रतिबिंबित नहीं करेगा। न केवल कानून पर, बल्कि लोकतंत्र के मूल सिद्धांत पर भी धोखाधड़ी की संभावना हो सकती है।
उन्होंने तर्क दिया कि ऐसी स्थिति हो सकती है, जहां अध्यक्ष या उपाध्यक्ष ने सदन का विश्वास नहीं खोया होगा और फिर भी कुछ लोगों की चालों से प्रस्ताव पारित हो जाएगा। कोर्ट ने उनके तर्कों को अस्वीकृत करते हुए कहा कि चरम सीमाओं या अपवादों को ध्यान में रखकर न तो कानून को समझा जाना चाहिए और न ही उसकी व्याख्या की जानी चाहिए।
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वहीं विभाग ने प्रधानाध्यापकों को आदेश दिया है कि कक्षाओं में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति 90 प्रतिशत तक सुनिश्चित करें।
साथ ही विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति बनाए रखने को कहा है। विभाग ने यह निर्देश गायब पाये जा रहे शिक्षकों की वजह से दिया है। शिक्षकों की उपस्थिति रिपोर्ट प्रत्येक दिन शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराने का कहा गया है।
इतने शिक्षकों का काटा गया है वेतन- अररिया के 16
- अरवल के 2
- औरंगाबाद के 17
- बांका के 13
- बेगूसराय के 5
- भागलपुर के 17
- भोजपुर के 20
- बक्सर के 14
- दरभंगा के 10
- पूर्वी चंपारण के 15
- गया के 13
- गोपालगंज के 9
- जमुई के 6
- जहानाबाद के 12
- खगड़िया के 11
- किशनगंज के 7
- कैमूर 20
- कटिहार के 12
- लखीसराय के 2
- मधुबनी के 9
- मुंगेर के 5
- मधेपुरा के 14
- मुजफ्फरपुर के 22
- नालंदा के 45
- नवादा के 15
- पटना के 37
- पूर्णिया के 4
- रोहतास के 38
- सहरसा के 12
- समस्तीपुर के 18
- शिवहर के 4
- शेखपुरा के 8
- सारण के 11
- सीतामढ़ी के 9
- सुपौल के 23
- सीवान के 16
- वैशाली के 9
- पश्चिमी चंपारण के 18 शिक्षक शामिल हैं।
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KK Pathak : एक्शन में केके पाठक का शिक्षा विभाग, तीन विश्वविद्यालयों के खातों पर लगा दी रोक
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के तीन विश्वविद्यालयों के सभी खातों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। इसमें मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय और मुंगेर विश्वविद्यालय शामिल हैं।
शिक्षा विभाग ने तीनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से स्पष्टीकरण मांगते हुए यह पूछा है कि क्यों नहीं उन्हें पदच्युत करने की कार्रवाई प्रारंभ की जाए।
अधिकारियों को समय हुआ व्यर्थविभाग ने तीन विश्वविद्यालयों के सभी खातों रोक लगाते हए उनके कुलपतियों से पूछा है कि आपके बैठक में नहीं आने से विभागीय एवं विश्वविद्यालय के अधिकारियों का समय भी व्यर्थ हुआ।
कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर इसलिए चर्चा नहीं हुई कि आप अनुपस्थित थे। बजट संबंधी मामला अतिगंभीर होता है। इसमें कुलपति का स्वयं रहना अति आवश्यक होता है।
विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा का भी दिया हवालायह विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 11 (1) एवं (11) के तहत आपकी उदासीनता को इंगित करता है और यह दर्शाता है कि आप विश्वविद्यालय के अति महत्वपूर्ण कार्यों के प्रति उदासीन हैं।
यह विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 48 एवं 50 का उल्लंघन है। बता दें कि इन तीनों विश्वविद्यालयों के कुलपति विश्वविद्यालयों के वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रस्तावित बजट की समीक्षा के लिए विभाग द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
चूंकि, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति ने व्यस्तता की वजह से बैठक में शामिल नहीं होने की सूचना दी थी, इसलिए उनकी बैठक 21 मई को होगी।
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'KK Pathak लाइमलाइट में आने के लिए दे रहे तुगलकी फरमान', शिक्षा विभाग के अटपटे आदेशों पर भड़के इंटक नेता
KK Pathak: गजब हो गया पाठक सर, बिहार के इस जिले में चोरी हो गया स्कूल, अब क्या कीजिएगा?