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Bihar Teacher Transfer: शिक्षकों के ट्रांसफर पर आ गया ताजा अपडेट, सरकार 2 महीने में देगी खुशखबरी
राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में यह जानकारी दी कि अगले दो महीने के अंदर शिक्षकों का तबादला (Bihar Teacher Transfer) उनके मन के हिसाब से उनके गृह जिले में कर दिया जाएगा। शिक्षकों से इस बारे में शिक्षा विभाग ने विकल्प के साथ आवेदन मांगे थे।
उन्होंने कहा कि आवेदनों की स्क्रीनिंग कर दो माह में उनका तबादला कर दिया जाएगा। इस बाबत आए एक प्रश्न के जवाब मेें उन्होंने यह सूचना पढ़ी।
विधायक सूर्यकांत पासवान ने उठाया था सवालविधायक सूर्यकांत पासवान ने इस सवाल को उठाया था। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों के एक लाख से अधिक शिक्षकों ने अपने तबादले के लिए आवेदन किया है। शिक्षकों का पदस्थापन गृह जिले से 200 किमी की दूरी पर होने तथा पति-पत्नी के भिन्न-भिन्न स्थानों पर पदस्थापित होने के कारण गंभीर पारिवारिक संकट हो गया है।
शिक्षा मंत्री ने दिया ये जवाबशिक्षा मंत्री ने कहा कि गंभीर रूप से बीमार शिक्षकों का पदस्थापन (Bihar Teacher Posting) उनके मन के हिसाब से कर दिया गया है। पति-पत्नी दोनों अगर शिक्षक हैं तो उनका तबादला भी उनकी इच्छा के हिसाब से कर दिया जाएगा। तबादले को लेकर सॉफ्टवेयर को तैयार कर लिया गया है।
मंत्री ने कहा कि मन के हिसाब से तबादले का आवेदन देने वाले शिक्षकों अगर तबादले से असंतुष्ट होंगे तो जिले में डीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी गई है, जहां वे अपना आवेदन दे सकेंगे। इसी तरह मुख्यालय में भी एक कमेटी बनायी गयी है जहां असंतुष्ट शिक्षक आवेदन कर सकेंगे।
मदरसा शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक नहीं, पोर्टल लाइव : शिक्षा मंत्रीशिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में आए एक प्रश्न के जवाब में बताया कि मदरसा शिक्षकों की नियुक्ति पर कोई रोक नहीं है। इसके लिए पोर्टल भी लाइव है। बहादुरगंज के विधायक मो. अंजार नईमी ने इस प्रश्न को उठाया था।
उन्होंने कहा कि काफी लंबे समय से मदरसा शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगी हुई है। इस कारण सैकड़ो मदरसे में या तो एक शिक्षक की या फिर शिक्षक विहीन होने की स्थिति है। इस कारण पठन-पाठन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि विधानमंडल के बजट सत्र के बाद वह नियुक्ति की प्रक्रिया को आरंभ कराएंगे।
विधानसभा परिसर में विपक्ष का प्रदर्शन, आरक्षण समाप्त करने का लगाया आरोपबिहार विधानसभा के बजट कालीन सत्र के तीसरे दिन मंगलवार की सदन की कार्यवाही शुरू होने के पूर्व विधानसभा परिसर में विपक्ष के नेताओं ने आरक्षण समाप्त करने, दलितों पिछड़ों को दो सौ यूनिट बिजली देने जैसी मांगों के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन किया।
राजद-कांग्रेस और वामपंथी सदस्यों ने बजट में गरीबों की अनदेखी किए जाने क्या आरोप लगाते हुए अपनी प्रदर्शन किया और दलितों पिछड़ों के लिए 200 यूनिट फ्री बिजली की मांग की। इसके अलावा, रिक्त पदों को अविलंब भरने और दो लाख के पोर्टल को 31 मार्च तक चालू रखने की मांग उठाई।
दूसरी ओर, राजद और कांग्रेस सदस्यों ने सरकार पर आरक्षण को समाप्त करने के आरोप लगाए। प्रदर्शन कर रहे विधायकों ने कहा कि जाति आधारित गणना के बाद राज्य सरकार ने आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया मगर उसे समाप्त करने की साजिश की गई।
राजद के बार-बार के आग्रह और प्रस्ताव देने के बाद भी संशोधित आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया। इन सदस्यों ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति को आवश्यक रूप से 65 प्रतिशम आरक्षण देने की मांग उठाई और कहा कि सरकार विपक्ष को सुने और संशोधित आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करे।
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Bihar Politics: 'तुम्हारे पिता को हम ही बनाए थे...', सदन में जमकर हुई नोकझोंक; CM नीतीश ने तेजस्वी को खूब सुनाया
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा में नेताओं के बीच जमकर नोकझोंक हुई। सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तीखी बहस भी देखने को मिली।
नीतीश कुमार ने कहा कि पहले बिहार में क्या था? बिहार में छह सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल थे। उसे हमने बढ़ाया। तुम्हारे (तेजस्वी यादव) पिता को मैंने ही बनाया है। तुम्हारी जाति के लोग भी मुझसे पूछ रहे थे कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं, लेकिन मैंने फिर भी उनका समर्थन किया।
नीतीश कुमार ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि ये लोग (राजद) उस समय (लालू राज) गड़बड़ कर रहे थे। ये लोग पिछड़ा-अति पिछड़ा को बंद करके केवल पिछड़ा करना चाहते थे, जिसका हमने विरोध किया। हमने कहा कि यह सब फालतू बात है। इस वजह 1994 में हम अलग हो गए।
#WATCH पटना (बिहार): सदन में आरजेडी विधायक तेजस्वी यादव के साथ बहस के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "पहले बिहार में क्या था? तुम्हारे (तेजस्वी यादव) पिता को मैंने ही बनाया है। तुम्हारी जाति के लोग भी मुझसे पूछ रहे थे कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं, लेकिन मैंने फिर भी उन्हीं… pic.twitter.com/6UKY6EcTq6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 4, 2025सीएम नीतीश ने यह भी कहा कि बिहार में पहले शाम के बाद कोई घर से नहीं निकलता था। अब रात के 11 बजे तक चाहे लड़का हो या लड़की या महिला ही क्यों न हो सब बाहर निकलते हैं। हमने हर क्षेत्र में काम किया है।
दूसरी तरफ, तेजस्वी यादव ने भी सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार लगातार संविधान और लोकतंत्र को खत्म करने में जुटी है।
कंफ्यूजड रहा राज्यपाल का अभिभाषण- तेजस्वी ने आगे कहा कि ये बात किसी से छुपी नहीं है कि इस बार राज्यपाल का अभिभाषण बहुत ही कंफ्यूजड रहा। 2015 से 2025 यानी कि 10 साल में देखा जाए तो बिहार में 5-5 राज्यपाल बने हैं।
- उन्होंने कहा कि 2020-2025 तक तीन बार बिहर में सरकार बदली है। अब तक सभी राज्यपाल का अभिभाषण एक जैसा था।
- अब राज्यपाल 2005 या 2010 या वह हमारा 2015 में जो हमारी उपलब्धियां वो अभिभाषण में पढ़ रहे थे या 2017 या 2024 का अभिभाषण पढ़ रहे थे।
- इस बार के अभिभाषण में हमारे भी उपलब्धियों को पढ़ा गया तो इस बार का अभिभाषण बड़ा ही कंफ्यूजड रहा। बजट अलग था लेकिन इस बार के अभिभाषण में हमारी कई उपलब्धियों को गिनवाया गया।
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राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics: बिहार सरकार मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना में अनियमितता की जांच कराएगी। राजद के एमएलसी सौरभ कुमार के तारांकित प्रश्न पर पंचायतीराज मंत्री केदार गुप्ता ने सदन को यह भरोसा दिया। विपक्ष के प्रश्न पर सत्तापक्ष के साथ ही निर्दलीय विधान पार्षदों ने भी मंत्री के उत्तर पर असंतोष प्रकट करते हुए पूरक प्रश्न के माध्यम से आपत्ति जताई।
कई सदस्यों की आपत्ति पर सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सिर्फ प्रश्नकर्ता को बोलने की अनुमति दी। विपक्ष के मांग पर सोलर स्ट्रीट लाइट गुणवत्ता को लेकर मंत्री ने कहा कि सामग्री आपूर्ति के पूर्व गुणवत्ता की जांच एनआइएसई एवं एनएबीएल लैब परीक्षण प्रतिवेदन द्वारा प्राप्त की जाती है। इसके साथ ही लगे हुए सोलर स्ट्रीट लाइट को रैंडम आधार पर चिह्नित कर जांच किए जाने का प्रविधान है।
यही नहीं, सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए वेयर हाउस में सामग्री आपूर्ति के उपरांत ब्रेडा एवं जिला स्तर के पदाधिकारी द्वारा आपूर्ति की गई सामग्री का निरीक्षण किया जाता है। आपूर्ति की गई सामग्री के मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं रहने की स्थिति में कार्यान्वयन एजेंसी के विरूद्ध डिबार एवं ब्लैकलिस्टेड करने की कार्रवाई का प्रविधान है।
एमआरपी पर घिरे मंत्री, सदस्यों ने ली चुटकीपंचायतीराज मंत्री के उत्तर पर कटाक्ष करते हुए पूरक प्रश्न के माध्यम से सौरभ कुमार ने कहा कि 16 दिसंबर-2024 को मंत्री ने स्वयं अपने बयान में कहा- हां, जो भी सोलर लाइट की खरीदारी हुई है, यह उनके संज्ञान में आया है और कहीं न कहीं इसमें गड़बड़ी हुई है। इसकी जांच होगी।
इसमें यह स्पष्ट लिखा गया है कि 17 हजार की जो सोलर लाइट है, वह 30 हजार पांच सौ रुपये में खरीदी गई है। इसमें सरकार की तरफ से न्यूनतम दर 30 हजार 500 रुपया लिखा हुआ है। आसन का ध्यान आकृष्ट करते हुए सदस्यों ने चुटकी ली। सौरभ ने कहा कि आज तक हमलोग अधिकतम दर जानते हैं, एमआरपी (मैक्सिमम रिटेल प्राइस)।
इस सरकार की यह पहली खरीद है, जिसमें एनआरपी आया है यानी न्यूनतम रिटेल प्राइस। किसी भी चीज की जो प्राइस होगी खरीदने की, वह न्यूनतम कैसे हो सकती है। अधिकतम हो सकती है कि इस दाम तक हम खरीदेंगे। इस दौरान अब्दुलबारी सिद्दीकी, महेश्वर सिंह, तरूण कुमार एवं प्रोफेसर संजय कुमार सिंह ने भी पूरक प्रश्न के माध्यम से गड़बड़ी की ओर सदन का ध्यान आकृष्ट किया।
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Bihar Budget 2025: बिहार में बजट का एक बड़ा हिस्सा चला जा रहा वेतन-पेंशन में, नई नियुक्तियों ने बढ़ाई परेशानी
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: सरकारी सेवकों को प्राय: अपने वेतन को लेकर शिकायत रहती है। वेतन आयोग की रिपोर्ट और सरकार के साथ समझौते। फिर समझौते को लागू कराने के लिए समझौते। हालांकि, एक सच्चाई यह भी है कि सरकार के बजट का एक बड़ा हिस्सा सरकारी सेवकों के वेतन-पेंशन भुगतान पर खर्च हो जाता है।
चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) में यह खर्च 72355 करोड़ रुपये था, जो नए वित्तीय वर्ष (2025-26) में बढ़कर 114862.88 करोड़ रुपये हो गया है। इनमें से 81473.45 करोड़ रुपये समग्रता में वेतन शीर्ष के हैं।
वेतन पर सिर्फ 40559 करोड़ रुपये खर्चशिक्षा, पुलिस और इंजीनियरिंग सेवा में नई नियुक्तियों के कारण वेतन पर व्यय अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है। चालू वित्तीय वर्ष में वेतन मद में 40559 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित रहा है। हालांकि, यह केवल नियमित नियुक्तियों के लिए दिया जाने वाला वेतन है।
वेतन और पेंशन के बीच का अंतर कम होता जा रहावित्तीय वर्ष 2014-15 से वेतन और पेंशन के बीच का अंतर निरंतर कम होता जा रहा था। इस बार वह अंतर कुछ अधिक हुआ है। नए वित्तीय वर्ष में संविदा पर नियोजित सरकारी कर्मियों के मानदेय में 4985.99 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वेतन मदन में यह राशि भी समाहित है।
इसके अलावा इस मद में 21790.22 सहायक अनुदान वेतन है। स्थापना व प्रतिबद्ध मद में वेतन की राशि 51690.34 करोड़ रुपये है, जो नियमित सरकारी सेवकों को दी जाती है। पेंशन पर व्यय की स्थिति तो यह है कि कुल बजटीय आवंटन का 10.54 प्रतिशत राशि इसी मद में जा रही।
उल्लेखनीय है कि आज से 20 वर्ष पहले यानी 2005-06 मेंं वेतन मद में कुल व्यय 5152.79 करोड़ रुपये रहा था। पेंशन पर यह खर्च 2456 करोड़ रुपये था।
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