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कौन हैं PM मोदी की नई पर्सनल सेक्रेटरी निधि तिवारी, पहले भी प्रधानमंत्री के साथ किया काम; विदेश नीति में निभाया अहम रोल

Dainik Jagran - National - March 31, 2025 - 4:35pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईएफएस अधिकारी निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निजी सचिव नियुक्त किया गया है। इस बात की जानकारी कार्मिक मंत्रालय ने एक आदेश जारी करते हुए दिया है। 

29 मार्च को जारी आदेश में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने निधि तिवारी की निजी सचिव के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।

निधि पहले भी कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं, जिसमें वो प्रधानमंत्री के साथ काम कर चुकी हैं।

आइए जानें आखिर निधि तिवारी (Nidhi Tiwari) कौन हैं और अभी क्या करती हैं....

कौन हैं निधि तिवारी (Who is Nidhi Tiwari)

निधि तिवारी 2014 बैच की भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी हैं। तिवारी वर्तमान में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में उप सचिव के रूप में कार्यरत हैं। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा नियुक्त आईएफएस निधि तिवारी जनवरी 2023 से कार्यरत हैं। 

नवंबर 2022 में आईएफएस अधिकारी निधि प्रधानमंत्री कार्यालय में अवर सचिव के रूप में शामिल हुईं और जनवरी 2023 से वह प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में डिप्टी सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत हैं। 

वाराणसी से है खास कनेक्शन

यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान निधि तिवारी वाराणसी में सहायक आयुक्त (वाणिज्य कर) के पद पर कार्यरत थीं। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में 96वीं रैंक हासिल की थी और वह उत्तर प्रदेश के वाराणसी के महमूरगंज की रहने वाली हैं। 

अजीत डोभाल को करती थीं रिपोर्ट

आईएफएस निधि तिवारी ने विदेश मंत्रालय (एमईए) में निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के प्रभाग में भी काम किया है। विदेश मंत्रालय का यह प्रभाग राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल को रिपोर्ट करता है। 

आईएफएस निधि तिवारी प्रधानमंत्री मोदी की निजी सचिव बनने से पहले तीन साल से अधिक समय तक प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्यरत रहीं। निधि तिवारी से पहले पीएम मोदी के पास दो निजी सचिव थे, जिनके नाम हार्दिक सतीशचंद्र शाह और विवेक कुमार थे।

क्या काम करेंगी निधि, कितना होगा वेतन 

निधि तिवारी पीएम मोदी के कार्यक्रमों का समन्वयन, बैठकों का आयोजन और सरकारी विभागों के कामकाज में तालमेल बिठाएंगी। मंत्रालय के अनुसार, निधि को मैट्रिक्स स्तर 12 के मुताबिक वेतन मिलेगा।

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राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, इस टेंडर को रद करने की कर दी मांग; जानिए पूरा मामला

Dainik Jagran - National - March 31, 2025 - 4:32pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर केरल, गुजरात और अंडामान एवं निकोबार द्वीप समूह के तटों पर अपतटीय खनन की अनुमति देने वाले टेंडरों को रद करन की मांग की है।

राहुल गांधी ने अपने पत्र के माध्यम से कहा कि ये टेंडर समुद्री जीवन के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि बिना किसी कठोर आकलन के निजी क्षेत्रों को टेंडर देना चिंताजनक हो सकता है। इससे तट पर रहने वाले और अपना पारंपरिक व्यवसाय करने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

राहुल गांधी ने पत्र में क्या लिखा?

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा कि मैं केरल, गजरात और अंडामान निकोबार के तटों पर अपतटीय खनन की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले की कड़ी निंदा करता हूं।

बता दें कि राहुल गांधी ने कहा कि वह उस तरीके का विरोध कर रहे हैं, जिसमें पर्यावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन किए बिना अपतटीय खनन के लिए टेंडर जारी किए गए। राहुल गांधी ने लिखा कि लाखों मछुआरों ने अपनी आजीविका और जीवन शैली पर पड़ने वाले इसके प्रभाव के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है।

रविवार को सार्वजनिक किए गए पत्र में लोकसभा के नेता पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि मैं केरल, गुजरात और अंडामान निकोबार द्वीप समूह में अपतटीय खनन की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले की निंदा करता हूं। राहुल गांधी ने आगे कहा कि यह अपतटीय खनन लाखों मछुआरों की आजीविका को प्रभावित करेगा और हमारे विविध समुद्री जीवन को अपूरणीय क्षति पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को अपने फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए।

'तटीय समुदाय के लोग कर रहे प्रदर्शन'

राहुल गांधी ने कहा कि खनन के लिए केंद्र सरकार ने परमिशन दे दी है। इसके विरोध में तटीय समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इसकी अनुमति बिना किसी पर्यावरणीय प्रभाव को ध्यान को रखते हुए दी गई है, जो काफी गलत है। राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा है कि उन क्षेत्रों में रहने वाले मछुआरों ने अपनी आजीविका और जीवन शैली पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की है।

ध्यान देने वाली बात है कि राहुल गांधी ने दावा किया कि केरल विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार इस अपतटीय खनन से विशेष रूप से कोल्लम में मछलियों के प्रजनन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है। वहीं, इसके अलावा केरल में करीब 11 लाख लोग मछली पकड़ने के व्यवसाय पर ही निर्भर हैं। यब उनका पारंपरिक व्यवसाय है।

'सरकार रद करे जारी किए सभी टेंडर'

राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा कि इस खनन के कारण होने वाला कोई भी नुकसान हमें अपूरणीय क्षति पहुंचा सकता है। हमारे तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के क्षरण ने चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को और बढ़ा दिया है। जो चिंताजनक है। सरकार जानबूझकर ऐसी गतिविधियों को हरी झंडी दे रही है। राहुल ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूं कि अपतटीय खनन को ब्लॉक करने के लिए सभी प्रकार के टेंडरों को रद करने का काम करे।

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