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हरीश साल्वे ने 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' विधेयक का किया समर्थन , पूर्व जज ने इसे संविधान का उल्लंघन बताया
पीटीआई, नई दिल्ली। विधि क्षेत्र की दो प्रमुख हस्तियों हरीश साल्वे और एपी शाह ने संसद की एक समिति के समक्ष एक राष्ट्र- एक चुनाव को लेकर अलग-अलग विचार व्यक्त किए।
वरिष्ठ अधिवक्ता साल्वे ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि प्रस्तावित कानून संवैधानिक आवश्यकताओं को पूरा करता है जबकि विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष एपी शाह ने इसे संविधान का उल्लंघन बताया और कहा कि इस विधेयक को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
शाह ने कई बिंदुओं पर विधेयक को गलत ठहरायासूत्रों ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश शाह ने कई बिंदुओं पर विधेयक को गलत ठहराया, जिसमें राज्य विधानसभा चुनावों को स्थगित करने की सिफारिश करने के लिए चुनाव आयोग को दी गई शक्ति भी शामिल है।
कुछ सांसदों ने कहा कि शाह ने दावा किया कि यह विधेयक संविधान, लोकतांत्रिक सिद्धांतों और संघीय ढांचे का उल्लंघन करता है। हालांकि, साल्वे ने उन तर्कों को खारिज कर दिया कि एक राष्ट्र-एक चुनाव संबंधी विधेयक संविधान की बुनियादी संरचना और संघीय सिद्धांतों के खिलाफ है।
चौधरी ने बैठक को सकारात्मक बतायाउन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव विधि और संविधान सम्मत है। विधेयक लोगों के मतदान के अधिकार पर अंकुश नहीं लगाता है। साल्वे और शाह दोनों से लगभग पांच घंटे की बैठक में भाजपा सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति के सदस्यों ने अलग-अलग सवाल पूछे। चौधरी ने बैठक को सकारात्मक बताया। उन्होंने बताया कि जहां साल्वे को करीब तीन घंटे लगे वहीं शाह का सत्र दो घंटे में समाप्त हुआ।
साल्वे पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति के सदस्य भी थे, जिसने लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की सिफारिश की थी।
एक साथ चुनावों से बड़ी मात्रा में सार्वजनिक धन की बचत होगीशाह उन कानूनी विशेषज्ञों में शामिल थे जिनके विचार समिति द्वारा मांगे गए थे और माना जाता है कि उन्होंने एक राष्ट्र-एच चुनाव के प्रस्ताव पर अपनी असहमति व्यक्त की जबकि अधिकांश विशेषज्ञ इसके पक्ष में थे। शाह ने इस विचार का भी समर्थन नहीं किया कि एक साथ चुनावों से बड़ी मात्रा में सार्वजनिक धन की बचत होगी।
विधानसभा चुनाव पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए होने चाहिएसूत्रों के अनुसार, शाह ने समिति को बताया कि विधानसभा चुनाव पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए होने चाहिए। विधेयक में प्रस्ताव है कि एक साथ चुनाव कराने संबंधी कानून के अधिसूचित हो जाने पर सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव अगले संसदीय चुनाव के साथ ही कराए जाएंगे, भले ही उनके कार्यकाल की अवधि कितनी भी शेष क्यों न हो।
'बीमा कंपनियों को दावे की राशि दावेदार के खाते में भेजने का निर्देश दें', जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दिया ये आदेश
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अदालतों और न्यायाधिकरणों से कहा कि वे बीमा कंपनियों को निर्देश दें कि वे अनावश्यक देरी से बचने के लिए दावे की राशि सीधे दावेदारों के बैंक खातों में स्थानांतरित करें। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने मोटर दुर्घटना दावा मामले में यह निर्देश दिए।
मुआवजे पर कोई विवाद नहींइसमें कहा गया है कि जहां मुआवजे पर कोई विवाद नहीं है, वहां बीमा कंपनियों द्वारा अपनाई जाने वाली सामान्य प्रक्रिया यह है कि वे इसे न्यायाधिकरण के समक्ष जमा करा देते हैं। उस प्रक्रिया का पालन करने के बजाय न्यायाधिकरण को सूचित करते हुए हमेशा दावेदार के बैंक खाते में राशि हस्तांतरित करने का निर्देश जारी किया जा सकता है।
एक बार जब राशि न्यायाधिकरण के समक्ष जमा हो जाती है, तो दावेदार को वापसी के लिए आवेदन करना पड़ता है। आम तौर पर दावेदारों को अपना पैसा 15-20 दिनों से पहले नहीं मिलता।
मामले पर फैसला सुनाते हुए पीठ ने न्यायाधिकरणों के समक्ष लंबित दावों की मांग करने वाले मोटर दुर्घटना मामलों की बढ़ती संख्या का भी उल्लेख किया। पीठ ने कहा कि 2022-23 के अंत तक न्यायाधिकरणों के समक्ष पूरे देश में 10,46,163 दावा मामले लंबित थे। 2019-20 के अंत तक यह संख्या 9,09,166 से बढ़ गई। तीन वर्षों के भीतर 1,36,997 मामलों की वृद्धि हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने 1986 में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में सजा बरकरार रखीसुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 1986 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के लिए ट्रायल कोर्ट द्वारा एक व्यक्ति को दी गई सजा को बरकरार रखा तथा पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों के जीवन के भयावह अध्याय के समापन के लिए चार दशक के लंबे इंतजार पर अफसोस जताया।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने राजस्थान राज्य द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया तथा हाई कोर्ट के जुलाई 2013 के उस फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें व्यक्ति को बरी कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से निपटने के हाई कोर्ट के तरीके पर आश्चर्य व्यक्त किया और अपने फैसले में पीड़िता का नाम आने पर नाराजगी जताई।
21 वर्षीय व्यक्ति को दोषी ठहराया और सात साल की जेल की सजा सुनाईनवंबर 1987 में एक ट्रायल कोर्ट ने तत्कालीन 21 वर्षीय व्यक्ति को दोषी ठहराया और सात साल की जेल की सजा सुनाई। पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के पीछे मुख्य तर्क नाबालिग पीड़िता सहित अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान थे।
पीठ ने कहा कि यह सच है कि पीड़िता ने अपने खिलाफ अपराध के बारे में कुछ भी नहीं बताया है। घटना के बारे में पूछे जाने पर ट्रायल कोर्ट के जज ने दर्ज किया कि पीड़िता चुप थी और आगे पूछे जाने पर उसने केवल आंसू बहाए और इससे ज्यादा कुछ नहीं।
यह चुप्पी प्रतिवादी के लाभ के लिए नहीं हो सकती- कोर्टसुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हमारे विचार में इसे प्रतिवादी के पक्ष में एक कारक के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। पीड़िता के आंसुओं को उनके महत्व के अनुसार समझना होगा। यह चुप्पी प्रतिवादी के लाभ के लिए नहीं हो सकती है।
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EC: 'चुनाव आयोग वेबसाइट पर बूथ वार मतदान आंकड़ा प्रकाशित करने पर चर्चा को तैयार', ईसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग के उस रुख पर विचार किया, जिसमें उसने अपनी वेबसाइट पर बूथवार मतदान का आंकड़ा अपलोड करने की मांग पर चर्चा करने की बात कही है। अदालत ने याचिकाकर्ताओं को 10 दिनों के भीतर चुनाव आयोग के समक्ष अपनी प्रस्तुति देने के लिए कहा है।
पीठ ने इस याचिका पर की सुनवाईचीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स द्वारा 2019 में दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।
इन याचिकाओं में चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदान समाप्ति के 48 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइट पर बूथवार मतदान का डाटा अपलोड करे।चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इस मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं।
याचिकाकर्ता चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुति दे सकते हैंउन्होंने कहा- ''अब एक नए मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। याचिकाकर्ता उनसे मिल सकते हैं और इस मुद्दे को सुलझाया जा सकता है।'' चीफ जस्टिस ने कहा कि याचिकाकर्ता चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुति दे सकते हैं और आयोग उन्हें सुनवाई का अवसर देगा। प्रस्तुति 10 दिनों के भीतर दी जाए।
सुनवाई के दौरान, एनजीओ की ओर से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि ईवीएम की गिनती और मतदान केंद्रों पर आने वाले व्यक्तियों की संख्या में भारी विसंगतियां थीं।
महुआ मोइत्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने तर्क दिया कि दिन के अंत में 10 का मतदान अगले सुबह 50 कैसे हो गया, इसे समझाने की जरूरत है। मामले में अगली सुनवाई अब 28 जुलाई को होगी।
चुनाव आयोग अपने सॉफ्टवेयर में फर्जी वोटरों का पता लगाने को पेश करेगा नया विकल्पतृणमूल कांग्रेस द्वारा फर्जी मतदाताओं का मुद्दा उठाए जाने के बीच चुनाव आयोग ने फर्जी मतदाताओं का पता लगाने के लिए अपने सॉफ्टवेयर में एक नया विकल्प पेश करने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि नए विकल्प से निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि किसी विशेष वोटर आईकार्ड संख्या (ईपीआइसी नंबर) से कई नाम जुड़े हैं या नहीं। सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इस फैसले के बारे में सूचित कर दिया गया है।
अधिकारी ने कहा कि सोमवार को राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें उन्हें डुप्लीकेट ईपीआइसी नंबर को सही करने के लिए एक नए माड्यूल के बारे में बताया गया है।
मतदाता सूची में सुधार 21 मार्च तक पूरा करने का आदेशबंगाल के कार्यवाहक मुख्य निर्वाचन अधिकारी दिव्येंदु दास ने सोमवार को जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की और फैसले के बारे में जानकारी दी। कहा कि बंगाल की मतदाता सूची में सुधार 21 मार्च तक पूरा करने का आदेश दिया गया है।
कोरोना में अधिक फीस लेने वाले यूपी के निजी स्कूलों की जांच के लिए बनी समिति, कोर्ट के आदेश को चुनौती दी
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के 17 निजी स्कूलों की वित्तीय स्थिति की जांच के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति गठित की। इन स्कूलों ने कोविड-19 महामारी के दौरान ली गई 15 प्रतिशत अतिरिक्त फीस को समायोजित करने या वापस करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।
तथ्यों और खातों की जांच की आवश्यकताचीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। आदेश में कहा गया है, इस मुद्दे पर प्रत्येक मामले में तथ्यों और खातों की जांच की आवश्यकता है।
इन परिस्थितियों में हम दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस जीपी मित्तल और चार्टर्ड अकाउंटेंट आदिश मेहरा की सदस्यता वाली एक समिति गठित करते हैं जो खातों की जांच करेगी और निर्दिष्ट अवधि के दौरान संबंधित स्कूलों की वित्तीय स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
17 निजी स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थीगौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों को निर्देश दिया था कि वर्ष 2020-2021 के दौरान जब महामारी अपने चरम पर थी तो अभिभावकों द्वारा भुगतान की गई फीस का 15 प्रतिशत समायोजित करें या इसे वापस करें। इस आदेश को चुनौती देते हुए 17 निजी स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
बहरहाल, पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने प्रत्येक निजी स्कूल के तथ्यों और वित्तीय परिस्थितियों पर विचार किए बिना ''व्यापक ²ष्टिकोण'' अपनाया है और इसे लागू रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
आपको प्रत्येक मामले पर गौर करना होगाहाईकोर्ट के आदेश के बाबत चीफ जस्टिस ने कहा, ''आपको प्रत्येक मामले पर गौर करना होगा।'' निजी स्कूलों ने दलील दी कि महामारी के दौरान कुछ स्कूलों में कर्मचारियों और शिक्षकों के वेतन में कटौती के अलावा मानव संसाधन का नुकसान भी हुआ।
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Kerala: लड़की ने चार महीने की चचेरी बहन की कर दी हत्या, जानें क्यों उठाया जानलेवा कदम
आईएएनएस, कन्नूर। केरल के कन्नूर के पास 12 साल की एक लड़की ने एक कुएं में फेंककर अपनी चार महीने की चचेरी बहन की हत्या कर दी, यह बात उसने पुलिस के सामने कबूल कर ली है। सोमवार की रात को, तमिलनाडु के मूल निवासी मुथु और अक्कमल की चार महीने की बेटी यासिका लापता हो गई, जिसके बाद उसकी तलाश की गई।
मुथु के भाई की बेटी ने अपराध कबूल कर लियाकुछ घंटों के बाद, यासिका का शव उसके घर के एक कुएं से निकाला गया। कई दौर की पूछताछ के बाद, नाबालिग आरोपी, मुथु के भाई की बेटी ने अपराध कबूल कर लिया। पिछले साल मुथु के भाई की मौत के बाद, 12 साल की लड़की उसके परिवार के साथ रह रही है। सुबह से ही पुलिस मुथु, उसकी भतीजी और अक्कमल से पूछताछ कर रही है, बाद में 12 साल की लड़की टूट गई।
पूछताछ के दौरान नाबालिग आरोपी ने खुलासा कियामुथु और उसकी पत्नी कूड़ा बीनकर अपना गुजारा करते थे और जब दंपत्ति काम पर जाते थे तो मुथु की भतीजी यासिका की देखभाल करती थी। पूछताछ के दौरान नाबालिग आरोपी ने खुलासा किया कि यासिका के जन्म के बाद उसे लगा कि मुथु और अकम्मल का प्यार और स्नेह उनके नवजात शिशु पर आ गया है।
मुथु के पड़ोसी अजयकुमार ने कहा कि आरोपी हमेशा अपनी बहन के साथ यहां दिखाई देती थी और सामान खरीदने के लिए दुकान पर जाती थी। हम इस खबर को सुनकर स्तब्ध हैं।
एक अन्य पड़ोसी यूसुफ ने कहा, "मैं उसके चेहरे से समझ सकता था कि 12 वर्षीय बच्ची ने अपराध किया है। इसके अलावा, सोमवार को नाबालिग आरोपी ने कहा कि जब यासिका लापता हुई, तो वह शौच के लिए बाहर गई थी। जब लड़की से पूछा गया कि उसे वापस आने में कितना समय लगा, तो उसने कहा कि 10 मिनट। जब उसने इतना समय बताया, तो मुझे यकीन हो गया कि उसने अपराध किया है।"
Karan Johar BREAKS Silence Over Harsh Criticism On Khushi Kapoor, Ibrahim Ali Khan: 'Attacking Someone...' - News18
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- Karan Johar Reacts To Nadaaniyan Criticism: "People They Are Targeting Are Also Someone's Son, Daughter" NDTV Movies
- Hansal Mehta says people are harsh towards star-kids like Ibrahim, Khushi: 'They are trained to perform f TOI Etimes
‘The blood and treasure’: Donald Trump, Putin agree to work towards 30-day limited ceasefire in Ukraine - Hindustan Times
- ‘The blood and treasure’: Donald Trump, Putin agree to work towards 30-day limited ceasefire in Ukraine Hindustan Times
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- Trump’s call with Putin signals long road ahead to Russia-Ukraine deal Mint
- Putin ‘humiliates’ Trump, keeps US president waiting for over an hour. Internet says ‘brutal’ Hindustan Times
- Did Putin keep Trump waiting for an hour to discuss ceasefire? Video sparks buzz India Today
Mirchi, Gaana ink pact with RR for IPL
60 दिनों में हो जाएगा भारत के साथ FTA, न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने जताई उम्मीद
पीटीआई, नई दिल्ली। न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने मंगलवार को कहा कि वह 60 दिनों में भारत के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए उत्सुक हैं और इस कदम से दस सालों में द्विपक्षीय व्यापार में 10 गुना वृद्धि होने की उम्मीद है। लगभग 10 वर्षों के अंतराल के बाद भारत और न्यूजीलैंड ने रविवार को आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत फिर से शुरू करने का एलान किया है।
आइए रिश्ते को आगे बढ़ाएं: लक्सनन्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री 16 मार्च से चार दिवसीय यात्रा पर यहां आए हुए हैं। उद्योग संगठन फिक्की द्वारा आयोजित भारत-न्यूजीलैंड आर्थिक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए लक्सन ने कहा, ''आइए इस रिश्ते को आगे बढ़ाएं और मैं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 60 दिनों के भीतर उस समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रतीक्षा कर रहा हूं।'' व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार, वार्ता में मुश्किल बिंदु सेब, कीवी, डेयरी और वाइन जैसे कृषि उत्पादों पर शुल्क रियायतें होंगी।
10 साल में 10 गुना वृद्धि की संभावनावाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमें अगले 10 सालों में 10 गुना वृद्धि हासिल करने की पूरी संभावना है। गोयल ने कहा, ''अगर हम पूरक अर्थव्यवस्था की भावना से काम करते हैं तो शायद ही कोई ऐसी चीज हो जिस पर हम एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करें। कुछ संवेदनशील बिंदुओं पर हम बहुत आसानी से आगे बढ़ सकते हैं, क्योंकि आज दोनों देशों में विकास के अलग-अलग स्तर और समृद्धि है।''
बंदूक रखकर नहीं किया जा सकता समझौताअमेरिका सहित विभिन्न देशों के साथ चल रही व्यापार वार्ता के बारे में गोयल ने कहा, 'मैंने हमेशा कहा है कि कोई भी मुक्त व्यापार समझौता कभी भी किसी के सिर पर बंदूक रखकर नहीं किया जाता है। इस संबंध में कोई भी समयसीमा या अंतिम तिथि नहीं हो सकती है, लेकिन आकांक्षी होना अच्छा है।'
2010 में शुरू हुई थी बातचीतभारत और न्यूजीलैंड ने वस्तुओं, सेवाओं और निवेश में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अप्रैल, 2010 में व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर बातचीत शुरू की। हालांकि, नौ दौर की चर्चाओं के बाद 2015 में वार्ता ठप हो गई थी।
थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआइ) के अनुसार, न्यूजीलैंड के साथ भारत के प्रस्तावित एफटीए से घरेलू कंपनियों को सीमित लाभ होगा, क्योंकि वे पहले से ही बड़ी संख्या में वस्तुओं के लिए उस बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच का आनंद ले रहे हैं।
न्यूजीलैंड का औसत आयात शुल्क भारत के 17.8 प्रतिशत की तुलना में सिर्फ 2.3 प्रतिशत है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में 87.3 करोड़ डॉलर, जबकि 2022-23 में यह 1.02 अरब डॉलर था।
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Domestic gas consumption slows down
Donald Trump, Vladimir Putin agree to seek limited ceasefire on energy, infrastructure - The Hindu
- Donald Trump, Vladimir Putin agree to seek limited ceasefire on energy, infrastructure The Hindu
- During Trump Call, Putin's "Key Condition" To Prevent Ukraine War Escalation NDTV
- Inside Donald Trump's critical call with Vladimir Putin: White House releases details on ceasefire talks The Times of India
- Russia-Ukraine war live: Putin agrees to 30-day pause on attacking energy Al Jazeera English
- Trump says discussed elements of Ukraine peace deal in 'productive call' with Putin Deccan Herald
New Zealand Prime Minister Christopher Luxon Visits Swaminarayan Akshardham, Strengthening India-NZ Cultural Ties, Delhi, India - BAPS
- New Zealand Prime Minister Christopher Luxon Visits Swaminarayan Akshardham, Strengthening India-NZ Cultural Ties, Delhi, India BAPS
- 'Shared love of cricket': New Zealand PM Christopher Luxon joins Ross Taylor for a game in Delhi The Times of India
- New Zealand Government Announces Scholarship For Indian Students NDTV
- Look forward to ink FTA with India in 60 days: New Zealand Prime Minister Deccan Herald
- New Zealand PM Luxon's remark on India's Champions Trophy win leaves PM Modi in splits: Watch India TV News
SC: जजों के खिलाफ लोकपाल की सुनवाई मामले में रंजीत कुमार न्यायमित्र नियुक्त, हाईकोर्ट जज पर भ्रष्टाचार का आरोप
पीटीआई, नई दिल्ली। हाई कोर्ट के जज के खिलाफ शिकायत पर लोकपाल के सुनवाई करने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट 15 अप्रैल को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर इस मामले पर सुनवाई कर रहा है।
जज के खिलाफ शिकायत सुनने पर नाराजगी जताईसुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार को इस मामले में न्यायमित्र नियुक्त किया है। इससे पहले सुनवाई में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अभय ओक की पीठ ने सुनवाई के दौरान लोकपाल के हाई कोर्ट के जज के खिलाफ शिकायत सुनने पर नाराजगी जताई।
सुप्रीम कोर्ट ने 20 फरवरी को लोकपाल के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा था कि यह बहुत ही परेशान करने वाला है और न्यायपालिका की स्वतंत्रता से संबंधित है। पीठ ने उन न्यायाधीश के नाम का खुलासा करने पर भी रोक लगा दी है, जिनके खिलाफ लोकपाल ने शिकायत सुनी।
शिकायतकर्ता भी मंगलवार को पीठ के समक्ष पेश हुआलोकपाल से जज की शिकायत करने वाला शिकायतकर्ता भी मंगलवार को पीठ के समक्ष पेश हुआ और अपना लिखित बयान सौंपा। सालिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और बीएच मार्लापल्ले लोकपाल के अधिकार क्षेत्र के खिलाफ सुनवाई के दौरान दलीलें पेश की।
तुषार मेहता ने कहा कि हाई कोर्ट के जज के खिलाफ शिकायत पर सुनवाई करना लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है और सिर्फ लोकपाल कानून के एक सेक्शन की जांच करने की जरूरत है। पीठ का कहना है कि हाई कोर्ट के जज संवैधानिक शक्ति हैं और लोकपाल उनके खिलाफ शिकायत नहीं सुन सकते।
क्या है पूरा मामलादरअसल बीती 27 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाले लोकपाल ने अपने आदेश में कहा कि लोकपाल एक्ट के तहत हाई कोर्ट के न्यायाधीश भी लोकपाल के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। लोकपाल ने यह टिप्पणी एक शिकायत पर सुनवाई करते हुए की।
शिकायत में आरोप लगाया गया कि एक निजी कंपनी से जुड़े मामले में हाई कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश ने अतिरिक्त जिला जज और एक अन्य हाई कोर्ट के जज को प्रभावित करने की कोशिश की। लोकपाल ने देश के मुख्य न्यायाधीश से इसे स्पष्ट करने की मांग की थी।
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शहरी सुधार की जमीन बनाएगा अर्बन चैलेंज फंड, हुडको ने किया आंध्र प्रदेश सरकार से हुआ समझौता
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली शहरी विकास के लिए इस साल बजट में घोषित की गई अर्बन चैलेंज फंड योजना के प्रति राज्यों ने उत्साह दिखाया है और इसके लिए फंडिंग की जिम्मेदारी संभालने वाले हुडको को भरोसा है कि यह कार्यक्रम शहरों को बुनियादी रूप से मजबूत करेगा।
केंद्र सरकार 25 प्रतिशत की सहायता देगीअर्बन चैलेंज फंड योजना के तहत शहरों में विकास के प्रोजेक्टों के लिए केंद्र सरकार 25 प्रतिशत की सहायता देगी और इतना ही पैसा राज्यों को देना है, जबकि बाकी 50 प्रतिशत राशि शहरी निकाय बैंक कर्ज, बांड अथवा पीपीपी मॉडल के जरिये खुद जुटाएंगे।
हुडको के सीएमडी संजय कुलश्रेष्ठ ने मंगलवार को कहा कि यह योजना राज्यों को सुधार के लिए प्रोत्साहित करने वाली है। कई राज्यों ने शुरुआती स्तर पर इसके प्रति रुचि प्रदर्शित की है और वे पानी-बिजली की ऑडिटिंग और मीटरिंग जैसे जरूरी सुधार भी कर रहे हैं।
नतीजे कई वर्षों में दिखेंगेकुलश्रेष्ठ के मुताबिक यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है और इसके नतीजे कई वर्षों में दिखेंगे। हुडको के जरिये इस योजना का वित्त पोषण किया जाएगा। पीएम आवास योजना (शहरी और ग्रामीण), स्मार्ट सिटी, अमृत, स्वच्छ भारत मिशन तथा जल जीवन मिशन जैसे कई महत्वपूर्ण केंद्रीय कार्यक्रमों में शामिल हुडको को इस साल बजट में घोषित की गई औद्योगिक श्रमिकों के लिए आवासीय योजना की भी जिम्मेदारी दी गई है।
पूरी परियोजना दो चरणों की हैकुलश्रेष्ठ ने बताया कि उनका संगठन आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के विकास के लिए 11,000 करोड़ रुपये का कर्ज देगा। 8352 वर्ग किमी क्षेत्र में बसाए जा रहे शहर के लिए कुल 67000 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। पूरी परियोजना दो चरणों की है।
एडीबी से 13500 करोड़ रुपये का कर्ज लियापहले चरण में निर्माण लागत 29194 करोड़ रुपये है, जबकि दूसरे में 37,806 करोड़ खर्च होंगे। पहले चरण के लिए आंध्र प्रदेश ने कैपिटल रीजन डेवलपमेंट ऑथारिटी ने हुडको से 11,000 और विश्व बैंक तथा एडीबी से 13500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है।
भाजपा ने विपक्ष को बताया 'औरंगजेब फैन क्लब', सुधांशु त्रिवेदी बोले- 'ये मुगल सम्राटों की करते हैं तारीफ'
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाकुंभ पर दिए गए बयान के बाद लोकसभा में विपक्ष की आलोचना के जवाब में मंगलवार को भाजपा ने विपक्ष पर तीखा हमला किया। भाजपा ने विपक्ष को 'औरंगजेब फैन क्लब' कहकर तंज कसा, क्योंकि उन्होंने इस विशाल धार्मिक आयोजन में भाग नहीं लिया।
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ये वही लोग हैं जो मुगल सम्राट की महानता की प्रशंसा करते हैं। वे मोदी की महाकुंभ की प्रशंसा को सहन नहीं कर सके, जिसने भारतीयों को इस ऐतिहासिक और अभूतपूर्व क्षण में गर्व से भर दिया।
त्रिवेदी ने कहा कि कुछ नेता हर चीज में नकारात्मकता खोजते हैं, चाहे वह महाकुंभ जैसा भव्य और ऐतिहासिक आयोजन ही क्यों न हो। उन्होंने दावा किया कि 'औरंगजेब फैन क्लब' को छोड़कर सभी ने इस विशाल धार्मिक आयोजन में भाग लिया।
भाषा के नाम पर बांट रहा विपक्षराज्यसभा सदस्य ने कहा कि जो लोग सनातन धर्म को मिटाने के लिए समर्पित हैं, उन्हें इसमें कुछ भी अच्छा नहीं लगा और उन्होंने राम मंदिर के उद्घाटन के बाद भी वहां का दौरा नहीं किया। विपक्षी नेताओं पर तंज कसते हुए उन्होंने दावा किया कि वे क्षेत्र, भाषा और जाति के नाम पर समाज को विभाजित करने का काम करते हैं, लेकिन उनके प्रयास संगम में करोड़ों भक्तों के पवित्र स्नान के साथ धुल गए।
विकास की सराहना नहीं कर सकता विपक्षपार्टी के एक अन्य प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित अन्य विपक्षी नेताओं पर आरोप लगाया कि वे भारत की प्रतिष्ठा और समाज में एकता को बढ़ाने वाले किसी भी विकास की सराहना नहीं कर सकते। पुरी के सांसद पात्रा ने कहा कि चाहे वह जी20 का आयोजन हो या भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था, इन नेताओं ने हमेशा आलोचना की।
उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद की भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा पर की गई टिप्पणी का भी हवाला दिया, जबकि टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही थी और भारत ने चैंपियंस ट्राफी तक जीती। पात्रा त्रा ने कहा कि मोदी ने सदन में महाकुंभ के भव्य आयोजन और भारत की आध्यात्मिकता के बारे में बात की। सभी ने उन्हें सुना और उनकी प्रशंसा की।
नए भारत में विपक्ष के नेता को भी बोलने नहीं दिया जा रहाराहुल नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि लोकतांत्रिक ढांचे के अनुसार विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति मिलनी चाहिए, लेकिन नए भारत में ऐसा नहीं हो रहा है। राहुल ने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा कि वह भी महाकुंभ के मुद्दे पर सदन में बोलना चाहते थे। उन्होंने जोर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी को प्रयागराज में 29 जनवरी को महाकुंभ में हुई भगदड़ में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए थी।
पीएम की बातों का समर्थन करना चाहता था: राहुलराहुल ने कहा कि मैं उनके कहे का समर्थन करना चाहता था। कुंभ हमारी परंपरा, इतिहास और संस्कृति है। मगर शिकायत यह भी थी कि उन्होंने उन लोगों को श्रद्धांजलि नहीं दी जिन्होंने महाकुंभ में भगदड़ में अपनी जान गंवाई।
उन्होंने यह भी कहा कि कुंभ में गए युवाओं को रोजगार की आवश्यकता है और प्रधानमंत्री को इस पर भी बोलना चाहिए। कांग्रेस की वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वॉड्रा ने भी कहा कि विपक्ष को सदन में बोलने की अनुमति मिलनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि विपक्ष की भी इस पर अपनी भावनाएं हैं और उसे अपनी राय व्यक्त करने देने में किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
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