Feed aggregator

जितनी पड़ेगी गर्मी उतना बढ़ेगा खतरा, जानिए क्या है 'काल बैसाखी' जिसने बिहार में बरपाया कहर; इन राज्यों में भी होगा असर

Dainik Jagran - National - April 12, 2025 - 2:00am

अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। ग्लोबल वार्मिंग का असर मौसम पर भी दिखने लगा है। बिहार, ओडिशा और बंगाल में गुरुवार को तेज आंधी-बारिश और ओले से जान-माल की क्षति का यह अंत नहीं है। मौसम विभाग (आइएमडी) का पूर्वानुमान बता रहा है कि उत्तर-पूर्वी राज्यों में इस बार अप्रैल से मई के दौरान काल बैसाखी (नार्वेस्टर) की घटनाएं पहले की तुलना में ज्यादा हो सकती हैं और अत्यंत खतरनाक रूप भी धारण कर सकती हैं।

बैसाख के महीने में मौसम में होने वाले इस तरह के अचानक परिवर्तन को काल बैसाखी कहा जाता है। ऐसा गर्म और ठंडी हवाओं के टकराने से होता है। ऐसी स्थितियां लगभग हर साल पैदा होती हैं, लेकिन मौसम विज्ञानियों का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते हाल के वर्षों में इसके खतरे बढ़ रहे हैं। इस बार भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्य हैं-बिहार, झारखंड, ओडिशा, बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश। बिहार-बंगाल में यह आपदा का रूप ले चुका है।

क्या कहते हैं जानकार?

IMD कोलकाता के पूर्व निदेशक और काल बैसाखी के विशेषज्ञ एके सेन का कहना है कि काल बैसाखी के दौरान हवा की दिशा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर होती है। इसलिए इसे पश्चिमी झंझा भी कहते हैं। इसमें ओले के साथ भारी बारिश होती है, जो जान-माल के लिए खतरनाक हो जाती है। कहीं-कहीं बिजली भी गिरती है, जिसमें लोगों की जान चली जाती है। हवा लगभग 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है।

"कभी-कभी सौ किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा हो जाती है। इसका सर्वाधिक नुकसान उत्तर बिहार और बंगाल में देखा जाता है। एक दिन पहले बिहार के 20 जिले इसकी चपेट में आ चुके हैं। कुछ जिलों में तो हवा की गति कुछ समय के लिए 140 किमी प्रति घंटे को भी पार कर गई।" एके सेन, पूर्व निदेशक, कोलकाता, IMD

अप्रैल से जून के बीच बद से बदतर होगी गर्मी

आइएमडी ने इस बार अप्रैल से जून के बीच तीव्र गर्मी का पूर्वानुमान लगाया है। काल बैसाखी से प्रभावित होने वाले इलाके में लू की अवधि भी ज्यादा रह सकती है। ऐसे में अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान के टकराने की आशंका बनी रहेगी, जो काल बैसाखी के प्रचंड होने के लिए प्लेटफार्म तैयार करेगा।

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि इस बार बिहार-बंगाल के कुछ क्षेत्रों का अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर जा सकता है। जितना ज्यादा तापमान होगा, काल बैसाखी उतनी ही खतरनाक हो सकती है।

मौसम विज्ञानियों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते किसी वर्ष काल बैसाखी के प्रभावी होने की संख्या ज्यादा हो जाती है और किसी वर्ष कम। मौसम में इतनी तेजी से परिवर्तन आता है कि बचाव के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता। तूफान आमतौर पर दोपहर बाद या सूर्यास्त के आसपास आता है। साफ आसमान में अचानक काले-काले बादल उमड़ पड़ते हैं और देखते ही देखते तेज हवा और ओले के साथ मूसलधार वर्षा होने लगती है। इसकी अवधि कम होती है, लेकिन उतनी ही देर में तबाही मचा देती है।

यह भी पढ़ें: अब तारीख पर तारीख नहीं, तहव्वुर राणा को जल्द मिलेगी सजा; नए कानून का होगा असर

Categories: Hindi News, National News

Kerala: कोरोना मरीज से दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास, एंबुलेंस चालक ने दिया था घटना को अंजाम

Dainik Jagran - National - April 12, 2025 - 2:00am

पीटीआई, नई दिल्ली। केरल में कोरोना संक्रमित युवती से दुष्कर्म के मामले में एम्बुलेंस चालक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। घटना पांच सितंबर 2020 की है जब एक 19 वर्षीय युवती को कोरोना संक्रमित होने पर इलाज के लिए अदूर जनरल अस्पताल से पंडलम के कोविड सेंटर स्थानांतरित किया जा रहा था।

इसी दौरान एंबुलेंस चालक नौफल ने युवती के साथ दुष्कर्म किया। घटना तब प्रकाश में आई जब पीड़िता ने कोविड सेंटर पहुंचने पर चिकित्सा कर्मियों को घटना के बारे में बताया। उसके बयान पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने नौफाल को गिरफ्तार कर लिया।

दोषी को आजीवन कारावास की सजा

इस मामले में मुख्य सत्र न्यायालय ने दोषी नौफल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में साक्ष्य जुटाना एक बड़ी चुनौती थी क्योंकि हर तरफ कोरोना महामारी के कारण तमाम पाबंदियां लागू थीं। फिर भी पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर आवश्यक साक्ष्य एकत्र किए और पीडि़ता को न्याय दिलाया।

यह भी पढ़ें: बेटी ने पिता की चाय में मिलाई नींद की गोली, प्रेमी को बुलाया और फिर... एमपी के पन्ना में सनसनीखेज मामला

यह भी पढ़ें: पूर्व मंत्री के निधन पर भावुक हुईं ममता बनर्जी, जानें कौन थे अब्दुर रज्जाक मोल्ला?

Categories: Hindi News, National News

हाईकोर्ट सिर्फ असाधारण परिस्थितियों ही मामले की जांच CBI को सौंपे, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में की अहम टिप्पणी

Dainik Jagran - National - April 12, 2025 - 2:00am

 पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि हाई कोर्ट को नियमित तरीके से या अस्पष्ट आरोपों के आधार पर किसी मामले की जांच सीबीआइ नहीं सौंपनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संवैधानिक अदालतों को सिर्फ विशेष परिस्थितियों ही किसी मामले की जांच सीबीआइ को सौंपनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने रद किया फैसला

जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के उस फैसले को रद करते हुए यह टिप्पणी है, जिसमें एक व्यक्ति के खिलाफ आरोपों की जांच हरियाणा पुलिस से लेकर सीबीआइ को सौंप दी गई थी।

अपने फैसले में पीठ ने कहा है कि बिना किसी ठोस साक्ष्य के राज्य पुलिस पर लगाए गए अक्षमता के बेबुनियाद आरोप से मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने को कोई समुचित कारण नजर नहीं आता है।

स्थानीय पुलिस के खिलाफ कुछ आरोप लगाए गए

सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ के पुराने फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि संवैधानिक अदालतों को किसी मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने के लिए आदेश देने का पूरा अधिकार है। हालांकि, उक्त फैसले में संविधान पीठ ने साफ कर दिया था कि संवैधानिक अदालतों को किसी मामले की सीबीआइ जांच का आदेश नियमित तरीके से या सिर्फ महज इसलिए नहीं देना चाहिए कि स्थानीय पुलिस के खिलाफ कुछ आरोप लगाए गए हैं।

पीठ ने कहा है कि हाई कोर्ट को सिर्फ उन मामलों में ही सीबीआइ जांच का आदेश देना चाहिए, जहां साक्ष्यों से पहली नजर में ऐसा कुछ तथ्य सामने आता हो कि सीबीआइ द्वारा जांच की आवश्यकता है।

शीर्ष न्यायालय ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को किया रद

सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस फैसले को रद कर दिया, जिसमें कथित तौर पर आइबी अधिकारी बनकर कारोबारी से 1.49 करोड़ की जबरन वसूली करने की जांच सीबीआइ को सौंप दी थी।

आरोपित विनय अग्रवाल की अपील पर यह फैसला दिया है

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ मामले में आरोपित विनय अग्रवाल की अपील पर यह फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मौजूदा मामला ऐसा नहीं है, जिसकी जांच सीबीआइ की दी जानी चाहिए।

Categories: Hindi News, National News

अरविंद केजरीवाल, भूपेंद्र बघेल और चंद्रशेखर राव की गई कुर्सी... क्या सीएम स्टालिन पर भी भारी पड़ेगा शराब घोटाला?

Dainik Jagran - National - April 11, 2025 - 11:00pm

नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। चुनावी साल में तमिलनाडु में शराब घोटाला डीएमके प्रमुख और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर भारी पड़ सकता है। पिछले डेढ़ साल में शराब घोटाले के आरोपों में घिरे तीन मुख्यमंत्रियों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।

इनमें दिल्ली में अरविंद केजरीवाल, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव हैं, जिनकी बेटी के कविता दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी हैं। पिछले महीने मारे गए छापे में ईडी ने तमिलनाडु में एक बड़े शराब घोटाले के पुख्ता सबूत मिलने का दावा किया है।

जांच रुकवाने की कोशिश में लगे सीएम स्टालिन

शराब घोटाले के चुनावी असर को देखते हुए स्टालिन इसकी ईडी की जांच रुकवाने के लिए पूरी ताकत के साथ जुड़ गए हैं। इसके लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा रहे हैं, लेकिन दोनों जगह से फटकार मिली है।

शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में चार मार्च को तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (टासमैक) के ठिकानों पर ईडी के छापे के खिलाफ हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं दाखिल की गईं। लेकिन सुनवाई के पहले की इन याचिकाओं के सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने के लिए सर्वोच्च अदालत में याचिका दाखिल कर दी गई।

SC ने मामले को सुनने से इनकार कर दिया

सुप्रीम कोर्ट ने इसे सुनने से इनकार कर दिया, हालांकि हाईकोर्ट का फैसला आना बाकी है। ईडी के उच्च पदस्थ अधिकारी के अनुसार शराब की खरीद-बिक्री में घोटाले को लेकर खुद तमिलनाडु पुलिस में कई एफआईआर दर्ज हैं, जो ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए पुख्ता आधार है। कानूनी तौर पर ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच से रोका नहीं जा सकता है।

ईडी की जांच में भारी घोटाले के सबूत मिले
  • ईडी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ईडी की जांच तमिलनाडु में शराब की खरीद, वितरण और दुकानों पर बिक्री तक तीनों स्तरों पर भारी घोटाले के सबूत मिले हैं। शराब के कारोबार को संभालने वाले टासमैक के अधिकारी शराब निर्माता कंपनियों को सप्लाई आर्डर देने के लिए बड़ी मात्रा में रिश्वत वसूल के आरोप हैं।
  • वहीं, टासमैक के रिटेल दुकानों पर कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर बिक्री तक में रिश्वत लेने के सबूत मिले हैं। सबसे बड़ी बात टासमैक की दुकानों पर हर बोतल पर ग्राहकों से 10 से 30 रुपये अतिरिक्त बेचने के भी सबूत हैं। टासमैक द्वारा बिना पैन, जीएसटी नंबर और केवाइसी कराये बिना शराब बिक्री का टेंडर जारी करने के भी सबूत मिले हैं।
  • ईडी ने अभी तक पूरे घाटाले में की गई काली कमाई का आंकलन नहीं किया है। लेकिन इसकी व्यापकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है। सिर्फ शराब निर्माता कंपनियों के सप्लाई में एक हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के सबूत मिले हैं। खुदरा दुकानों पर बिक्री में ग्राहकों से की गई अवैध वसूली इससे कई गुना ज्यादा हो सकती है।

यह भी पढ़ें: तमिलनाडु में BJP और AIADMK साथ लडे़ंगे विधानसभा चुनाव, अमित शाह ने किया गठबंधन का एलान

यह भी पढें: कौन हैं नैनार नागेंद्रन? अन्नामलाई के बाद इन्हें मिल सकती है तमिलनाडु बीजेपी की कमान

Categories: Hindi News, National News

Pages

Subscribe to Bihar Chamber of Commerce & Industries aggregator

  Udhyog Mitra, Bihar   Trade Mark Registration   Bihar : Facts & Views   Trade Fair  


  Invest Bihar