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हवाई यात्री यातायात में बोलेगी भारत की तूती, वृद्धि दर 2026 में चीन छूट जाएगा पीछे

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 2:10am

 पीटीआई, नई दिल्ली। हवाई अड्डों के समूह एयरपो‌र्ट्स इंटरनेशनल काउंसिल (एसीआइ) ने बुधवार को कहा कि भारत 2026 में हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर में पड़ोसी देश चीन से आगे निकल जाएगा।

भारत की हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहेगी

एसीआइ का अनुमान है कि भारत की हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहेगी। दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक विमानन बाजारों में एक भारत की हवाई यात्री यातायात वृद्धि दर इस साल 10.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो चीन के लिए निर्धारित 12 प्रतिशत से कम है।

भारत की तुलना में पड़ोसी देश का विमानन बाजार काफी बड़ा है। एसीआइ के एशिया-प्रशांत और मध्य पूर्व के महानिदेशक स्टेफनो बैरोन्सी ने कहा कि भारत एक ऐसा बाजार है जो विकसित हो रहा है और अपने बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की प्रक्रिया में है।

भारत की हवाई यात्री वृद्धि दर 2026 में 10.5 प्रतिशत रहेगी

एसीआइ एशिया-प्रशांत और पश्चिमी एशिया के 600 से अधिक एयरपोर्ट का प्रतिनिधित्व करता है। इसके अनुमानों के अनुसार, भारत की हवाई यात्री वृद्धि दर 2026 में 10.5 प्रतिशत और 2027 में 10.3 प्रतिशत होगी, जबकि चीन की वृद्धि दर क्रमश: 8.9 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत होगी।

चीन का सीएजीआर 3.8 प्रतिशत होगा

एसीआइ के अनुसार, 2023-27 के लिए भारत में हवाई यात्री यातायात के लिए चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो चीन के 8.8 प्रतिशत से अधिक है। भारत 2023-2053 की अवधि के लिए 5.5 प्रतिशत सीएजीआर के साथ वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाला विमानन बाजार होगा, जबकि चीन का सीएजीआर 3.8 प्रतिशत होगा।

वर्तमान में भारत में 159 एयरपोर्ट काम कर रहे हैं

भारतीय विमानन बाजार के लिए उच्च विकास संभावनाओं को दर्शाते हुए, एसीआइ ने कहा कि 2043 में देश की प्रति व्यक्ति वार्षिक यात्राएं 2023 के 0.1 की तुलना में 0.4 होंगी। वर्तमान में भारत में 159 एयरपोर्ट काम कर रहे हैं।

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सपरिवार भारत आ रहे हैं अमेरिका के उपराष्ट्रपति वेंस, टैरिफ पर होगी बातचीत; बच्चों के साथ जाएंगे आगरा

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 2:00am

 पीटीआई, नई दिल्ली। अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस और उनकी पत्नी ऊषा (पहली भारतीय-अमेरिकी मूल की द्वितीय महिला) 18 अप्रैल को भारत दौरे पर आ रहे हैं।

टैरिफ के मुद्दों को सुलझाएंगे भारत और अमेरिका

18 से 24 अप्रैल तक के इस दौरे में वेंस दंपती भारत के बाद इटली के दौरे पर जाएंगे। अपने भारत प्रवास के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे और संभवत: टैरिफ के मुद्दों को सुलझाएंगे।

विश्व के व्यापार पटल पर भारी हलचल

ट्रंप प्रशासन के टैरिफ लगाने के ऐलान से विश्व के व्यापार पटल पर भारी हलचल देखी जा रही है। ऐसे माहौल में पीएम मोदी और अमेरिकी उप राष्ट्रपति वेंस की यह मुलाकात खासी अहम मानी जा रही है।

जयपुर और आगरा का भ्रमण करेंगे वेंस

सूत्रों के अनुसार वेंस दंपती अपने तीनों बच्चों इवान, विवेक और मीराबेल के साथ भारत आएंगे, जहां वह नई दिल्ली के अलावा जयपुर और आगरा का भ्रमण करेंगे। दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के अनुसार उप राष्ट्रपति हरेक देश के नेताओं से वरीयता के आधार पर साझा आर्थिक और भूराजनीतिक विषयों पर चर्चा करेंगे।

उप राष्ट्रपति वेंस प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, उप राष्ट्रपति का परिवार उनके साथ नई दिल्ली, जयपुर और आगरा के सांस्कृतिक स्थलों का दौरा करेगा।

दोनों पक्ष अपना-अपना पक्ष रखेंगे

हालांकि वेंस की यह अपेक्षाकृत अधिक निजी यात्रा होगी लेकिन द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भी दोनों पक्ष अपना-अपना पक्ष रखेंगे। अमेरिकी नेशनल इंटेलीजेंस (डीएनआइ) की निदेशक तुलसी गबार्ड की भारत यात्रा के तुरंत बाद जेडी वेंस भारत जाने वाले दूसरे बड़े अमेरिकी नेता हैं।

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Waqf Law: CJI के कड़े सवालों पर केंद्र ने दी ये दलीलें, SC में वक्फ कानून की परीक्षा; आज भी होगी सुनवाई

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 12:06am

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून 2025 के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के प्रति चिंता प्रकट करते हुए इसे परेशान करने वाली घटना बताया। बुधवार को वक्फ कानून पर जब सुनवाई पूरी हो गई, तो प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि एक चीज बहुत परेशान करने वाली है। यह जो हिंसा हो रही है, यह परेशान करती है।

सीजेआई की चिंता से सहमति जताते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि प्रदर्शनकारी सोचते हैं कि इस तरह वह सिस्टम पर दबाव बना लेंगे। लेकिन तभी मुस्लिम याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने मेहता की दलीलों का विरोध करते हुए कहा-कौन दबाव बना रहा है। हमें तो नहीं मालूम।

हालांकि, कोर्ट में मौजूद अन्य वकीलों ने भी हिंसा पर चिंता जताई और कहा कि हिंसा नहीं होनी चाहिए। सीजेआई ने यह भी कहा कि कानून में कुछ चीजें अच्छी भी हैं। उसे भी हाईलाइट किया जाना चाहिए, जैसा मेरे साथी न्यायाधीश ने बताया है। सीजेआई जस्टिस केवी विश्वनाथ की ओर इशारा कर रहे थे, जिन्होंने सुनवाई के दौरान कई बार वक्फ कानून के कुछ अच्छे उपबंधों का जिक्र किया था।

मालूम हो कि बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा हुई थी और कुछ लोगों जान भी गई। इसके बाद मुर्शिदाबाद से हिंदुओं का बड़ी संख्या में पलायन हुआ है। इसके अलावा बंगाल के भानगढ़ क्षेत्र से भी हिंसा की खबरें आई हैं।

सुनवाई की महत्वपूर्ण बातें
  • सुप्रीम कोर्ट वक्फ कानून के कुछ प्रविधानों पर रोक लगा सकता है। कोर्ट ने कहा कि वह वक्फ बाई यूजर वाली वक्फ संपत्तियों को गैर अधिसूचित (डीनोटीफाइ) न किए जाने का अंतरिम आदेश जारी देने की सोच रहा है।
  • इसके अलावा कोर्ट ने केंद्रीय वक्फ परिषद व वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने और वक्फ संपत्तियों के बारे में कलक्टर की शक्तियों पर भी अंतरिम आदेश पारित करने की मंशा जताई।
  • लेकिन केंद्र सरकार के विरोध और पहले इन मुद्दों पर उसकी दलीलें सुने जाने के अनुरोध पर कोर्ट ने बगैर कोई आदेश जारी किए मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी।
  • अब कोर्ट गुरुवार को केंद्र सरकार और कानून का समर्थन करने वाले याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनेगा। उसके बाद ही तय होगा कि इस मामले में कोई अंतरिम आदेश आएगा कि नहीं।
वक्फ कानून पर आज SC में सुनवाई

गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों से कई सवाल किए। याचिकाकर्ताओं के वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किए जाने के विरोध पर सवाल उठाया, तो केंद्र सरकार से वक्फ बाई यूजर वाली वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने पर प्रश्न किया। केंद्रीय वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्डों में गैर मुस्लिमों को शामिल करने के प्रविधान पर केंद्र की पैरोकारी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किए तो वहीं मुस्लिम याचिकाकर्ताओं द्वारा अनुच्छेद 26 की दुहाई देकर वक्फ अल औलाद के बारे में नए कानून के विरोध पर कोर्ट ने हिंदू उत्तराधिकार कानून की याद दिलाई।

कोर्ट में 70 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल
  • उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संसद को कानून बनाने से नहीं रोकता। यह सभी के लिए समान रूप से लागू होता है। दो घंटे चली सुनवाई में दोनों पक्षों की ओर से जोरदार बहस हुई और कोर्ट ने भी सवालों की बौछार की।
  • वक्फ कानून के बारे में सुप्रीम कोर्ट में 70 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हुई हैं। इनमें ज्यादातर में वक्फ संशोधन कानून, 2025 को असंवैधानिक बताते हुए रद करने की मांग की गई है।
  • हालांकि, कुछ याचिकाएं कानून के समर्थन में भी दाखिल हुई हैं। कुछ याचिकाओं में वक्फ कानून, 1995 और वक्फ संशोधन कानून, 2025 दोनों को चुनौती देते हुए रद करने की मांग की गई है।
  • गुरुवार को प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की पीठ ने मामले पर सुनवाई करेगा। शुरुआत में कोर्ट इस मामले पर विचार करने के लिए बहुत इच्छुक नजर नहीं आ रहा था।

चीफ जस्टिस ने शुरुआत में ही याचिकाकर्ताओं के समक्ष दो सवाल रखे।

पहला ये कि क्यों न सारी याचिकाओं को हाई कोर्ट भेज दिया जाए और हाई कोर्ट मामले पर सुनवाई करे?

दूसरा सवाल था कि याचिकाकर्ता संक्षेप में बताएं कि उन्होंने कानून को किन आधारों पर चुनौती दी है?

वक्फ कानून का विरोध करने वाले याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी और सीयू सिंह ने पक्ष रखा, जबकि तरफ केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए।

कपिल सिब्बल ने क्या कहा?

इस मामले में अभी कोर्ट ने औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया है। लेकिन केंद्र सरकार ने कैविएट दाखिल कर दी थी, ताकि कोर्ट एकतरफा सुनवाई में कोई अंतरिम आदेश न पारित करे। कोई भी आदेश पारित करने से पहले उसका पक्ष सुने। कपिल सिब्बल ने कहा कि यह कानून मुस्लिम के धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन करने की स्वतंत्रता के अधिकार में दखल देता है। यह कानून असंवैधानिक है।

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'नकद लेनदेन पर दो लाख की सीमा लागू करें', SC का सख्त आदेश

Dainik Jagran - National - April 17, 2025 - 12:03am

पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नकद लेनदेन पर दो लाख रुपये की सीमा लागू करने के लिए निर्देश जारी करते हुए कहा कि अगर कोई कानून है तो उसे लागू किया जाना चाहिए। कोर्ट ने वित्त अधिनियम 2017 के प्रविधानों के असंतोषजनक क्रियान्वयन पर चिंता व्यक्त की जिसमें नकद लेनदेन की सीमा दो लाख रुपये तक सीमित की गई थी।

इस बाबत कई निर्देश जारी करते हुए को र्ट ने कहा कि जब भी किसी क्षेत्र में ऐसा कोई मुकदमा अदालतों के समक्ष आता है तो उन्हें उस क्षेत्राधिकार वाले आयकर विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए ताकि विभाग उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करके सही कदम उठा सके।

दो लाख रुपये या उससे अधिक के नकद लेनदेन पर 2017 में लगी थी रोक

उल्लेखनीय है कि सरकार ने वित्त अधिनियम-2017 के माध्यम से एक अप्रैल, 2017 से दो लाख रुपये या उससे अधिक के नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ एक संपत्ति के स्वामित्व से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दावा किया गया था कि 10 अप्रैल, 2018 को अग्रिम भुगतान के रूप में 75 लाख रुपये नकद दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला न केवल लेनदेन के बारे में संदेह पैदा करता है, बल्कि कानून के उल्लंघन को भी दर्शाता है।

स्थिति को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि जब भी कोई ऐसा मुकदमा दायर किया जाता है जिसमें यह दावा किया जाता है कि किसी लेनदेन के लिए दो लाख रुपये या उससे अधिक का भुगतान नकद में किया गया है, तो अदालतों को लेनदेन और आयकर अधिनियम की धारा 269एसटी के उल्लंघन की पुष्टि करने के लिए क्षेत्राधिकार वाले आयकर विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए।

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