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मणिपुर में सुरक्षाबलों का ज्वाइंट ऑपरेशन, भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद जब्त; कई इनसास राइफल भी बरामद

Dainik Jagran - National - March 28, 2025 - 10:31am

एएनआई, इम्फाल। मणिपुर पुलिस, असम राइफल्स और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पिछले 24 घंटों में 20 वर्षीय लुवांगथेम मुकेश की तलाश के लिए व्यापक खोज अभियान जारी रखा गया है। लुवांगथेम मुकेश, जो कि केशमपट लेइमाजम लेइकाई के एल. ग्यानेन्द्र दास के बेटे हैं, 16 मार्च 2025 से लापता हैं।

पुलिस और सुरक्षा बलों ने बिश्नुपुर और चुराचंदपुर बॉर्डर क्षेत्रों, जोजंगतेक और ओल्ड काचर रोड इलाकों पर खोज अभियान तेज कर दिया है, जिसमें उन्नत तकनीकी डेटा विश्लेषण और खुफिया जानकारी एकत्र करने का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

अधिकारियों ने उच्च-स्तरीय सुरक्षा समन्वय बैठकें आयोजित की हैं, ताकि आगे की खोज रणनीतियों पर विचार किया जा सके। मणिपुर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि यदि उनके पास लुवांगथेम मुकेश के बारे में कोई जानकारी हो, तो वे सामने आएं। पुलिस लापता व्यक्ति की शीघ्र खोज के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रही है।

सुरक्षा बलों द्वारा बरामद सामग्री

खोजी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने कुछ महत्वपूर्ण सामग्रियां बरामद की हैं। लांगोल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स (वैकंट क्वार्टर) से दो एसएलआर, दो इनसास राइफल, दो एसएमजी कार्बाइन, आठ बीपी प्लेट, सात बीपी वेस्ट, 23 कैमोफ्लाज पैंट, 20 कैमोफ्लाज शर्ट, कैमोफ्लाज कैप और 22 टैक्टिकल वेस्ट बेल्ट बरामद किए गए।

इसके अतिरिक्त, हिल रेंज के हौतक आवांग लेइकाई क्षेत्र से एक .303 राइफल, एक .303 मैगजीन, 16 .303 गोलियाँ, एक 12-बोर कारतूस, तीन चार्जर क्लिप और एक पुल-थ्रू भी बरामद हुआ।

चिंगडोंग लेइकाई, जिरीबाम जिले से तीन इनसास राइफल, दो एसएलआर और अन्य सैन्य सामग्री जब्त की गई है।

आत्मसमर्पण और गिरफ्तारियां

मणिपुर पुलिस ने 27 मार्च को कंप्रिहेंसिव कार्यवाही के तहत कई गिरफ्तारियां कीं। कंप्रिहेंसिव ऑपरेशन के दौरान, मणिपुर पुलिस ने कच्पी (पीडब्ल्यूजी) के एक सक्रिय कैडर, लीशंगथेम हिरन सिंह (40) को गिरफ्तार किया। वह बिश्नुपुर जिले के थिनुंगई माखा लेइकाई में ब्रिकफील्ड से पैसा उगाही करने के मामले में शामिल था।

इसी दिन, मणिपुर पुलिस ने KCP-PSC (पोलिटब्यूरो स्टैंडिंग कमिटी) के सदस्य, लिकमबाम अमुजाओ मीतेई उर्फ़ लाकपा (27) को गिरफ्तार किया। वह इम्फाल ईस्ट जिले के कीबी आवांग लेइकाई का निवासी था और उसे साओमबुंग में गिरफ्तार किया गया।

इसके अलावा, मणिपुर पुलिस ने दो अन्य संदिग्ध KCP (तैबंगांबा) कैडर, लोइटोंगबाम बॉयाई सिंह (45) और खुमेंटेम धनबीर सिंह उर्फ़ नाओबी (28) को गिरफ्तार किया। दोनों को थौबाल जिले के लांगथाबल खुन्उ क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।

सुरक्षा उपाय और वाहन सुरक्षा

सुरक्षा बलों ने कंगचुप-PS, कंगपोकपी जिले में एक बंकर को नष्ट कर दिया और उसकी राख को जलाकर नष्ट कर दिया। इसके अलावा, NH-2 और NH-37 के संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा काफिले की व्यवस्था की गई है, ताकि वाहनों का सुरक्षित और निर्बाध आवागमन सुनिश्चित किया जा सके।

मणिपुर में विभिन्न जिलों में कुल 111 चेकपोस्ट और नाके स्थापित किए गए हैं। हालांकि, पुलिस ने किसी को भी कानून उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार नहीं किया है।

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मार्च में पारा 40 के पार, 2025 होगा सबसे गर्म साल... मौसम विभाग ने अप्रैल में किस बात की दी चेतावनी?

Dainik Jagran - National - March 28, 2025 - 10:13am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में मौसम को लेकर बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। इस बार मार्च में ही अप्रैल जैसी गर्मी आ गई है। वहीं देश के कई राज्यों अभी से ही भीषण गर्मी की चपेट में आ गए हैं। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है देश में इस बार उम्मीद से कहीं ज्यादा गर्मी पड़ने वाली है। भारतीय मौसम विभाग ने मौसम को लेकर लेटेस्ट अपडेट जारी किया है।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, इस साल देश के नॉर्थ-वेस्ट राज्यों यानी हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली में हीटवेव (लू) के दिनों की संख्या दोगुनी होनी की आशंका है। वेदर रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 भारत के लिए सबसे ज्यादा गर्म सालों में से एक रहा था, बताया जा रहा है पिछले साल 554 दिन हीटवेव का असर दिखाई दिया।

अप्रैल में ज्यादा दिन चलेगी लू 

अक्सर आमतौर पर अप्रैल से जून के महीनों में लगातार 5 से 6 दिन लू चलती है, लेकिन इस बार 10 से 12 दिन लू का असर जारी रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर हीटवेव के दिनों की संख्या दोगुनी होती है तो 2025 अब तक का सबसे गर्म साल होगा। इन दिनों का तापमान सामान्य से 5 डिग्री या इससे भी ज्यादा रह सकता है।

पहाड़ी इलाकों में भी हीटवेव का असर

मैदानी, पहाड़ी और तटीय इलाकों के लिए हीटवेव की स्थिति तय करने का आधार अलग होता है। किसी दिन हीटवेव का असर तब ज्यादा माना जाता है जब उस दिनों के मौसम का तापमान सामान्य से 5°C ज्यादा होता है

तटीय इलाका- अधिकतम तापमान 37°C से ऊपर होगा।

मैदानी इलाका- अधिकतम तापमान 40°C से ऊपर हो।

पहाड़ी इलाका- अधिकतम तापमान 30°C से ऊपर हो।

कब होती है हीटवेव?

अगर तापमान सामान्य से 6.5°C या उससे ज्यादा बढ़ जाए तो उसे गंभीर हीटवेव माना जाता है। IMD ने इस साल देश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान लगाया है।

अकोला, दिल्ली, यूपी, राजस्थान के चितौड़गढ़ और मध्यप्रदेश, यूपी के प्रयागराज में कल पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया है। वहीं इसे और बढ़ने की आशंका है।

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'हमारे लिए गर्व की बात...', भारत के वोटिंग सिस्टम के फैन हुए ट्रंप; अब शशि थरूर का आया रिएक्शन

Dainik Jagran - National - March 28, 2025 - 9:28am

एएनआई, नई दिल्ली। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चुनाव प्रक्रिया को बदलने का आदेश दिया है। उन्होंने वोटिंग सिस्टम को लेकर भारत की तारीफ की और कहा कि वो भारत जैसा वोटिंग सिस्टम अपनाने चाहते हैं। अब इसके बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर का बयान सामने आया है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि भारत में 1952 से ही एक मजबूत मतदाता सत्यापन प्रणाली है। दरअसल नए आदेश में कहा गया है संघीय चुनाव में मतदान अधिकार सिर्फ 'अमेरिका के नागरिकों' को ही होना चाहिए। इसके लिए मतदाताओं के पास नागरिकता का दस्तावेज जरूर होना चाहिए।

क्या बोले शशि थरूर? 

थरूर ने कहा 

भारत की प्रणाली को अंतरर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है।'निश्चित रूप से, दुनिया भर में बहुत सम्मान है... अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत को एक ऐसे देश के रूप में उदाहरण के रूप में स्वीकार करके उन्होंने सही काम किया है, उनका कहना है भारत ने देश ने सही काम नहीं किया है, मुझे लगता है कि यह ऐसी बात है जिस पर हमें गर्व करना चाहिए।

थरूर ने आगे कहा, अमेरिका में दिलचस्प बात यह है कि जब आप वोट देने जाते हैं, तो आप अपनी नागरिकता स्वयं घोषित करते हैं। भारत में हमारे पास एकल लिस्ट, पहचान पत्र, एक पूरी प्रणाली है, जिसके माध्यम से हम यह सत्यापित करते हैं कि वोट देने वाला व्यक्ति वास्तव में नागरिक है। यह 1952 से चल रहा है।'

भारत अमेरिका के लिए कैसे बना प्रेरणा?

डोनाल्ड ट्रंप ने मतदाताओं के सत्यापन को लेकर भारत का उदाहरण दिया। दरअसल, भारत में वोटिंग के दौरान मतदाताओं की पहचान के लिए वोटर आईडी कार्ड या अन्य सरकारी दस्तावेजों का इस्तेमाल होता है। इतना ही नहीं वोटिंग के रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक तरीके से रखे जाने के साथ-साथ पेपर ट्रेल में भी रखे जाते हैं। ऐसे में भारत में वोटिंग प्रणाली समय के साथ पारदर्शी बनी है।

अब आदेश के तहत मतदाताओं को वोटिंग के लिए पंजीकरण के दौरान अमेरिकी नागरिकता का दस्तावेजी सबूत मुहैया कराना होगा। इस दस्तावेज में पासपोर्ट शामिल हो सकता है।

अब अमेरिका में इन दस्तावेजों की होगी जरूरत

आदेश में कहा गया है कि अमेरिका की सभी संघीय एजेंसियां, जैसे- डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी, सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन और विदेश मंत्रालय अपने डाटा को चुनाव अधिकारियों के साथ साझा करेंगे और राज्यों की चुनाव सूची में शामिल गैर-अमेरिकियों की पहचान में मदद करेंगे।

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Samvardhana Motherson shares rise 4% as company sees limited impact from US tariffs

Business News - March 28, 2025 - 9:25am
Shares of Samvardhana Motherson International Ltd (SMIL) advanced 3.8% to their intraday high of Rs 137 on the BSE after the company stated that the recently announced US tariffs on imported products, including automotive components, are not expected to materially impact its financials at present.In a regulatory filing on Thursday, SMIL informed exchanges that a significant portion of its products supplied to U.S. customers are either manufactured domestically within the U.S. or are compliant with the United States-Mexico-Canada Agreement (USMCA). Based on this, the company has assessed that the Executive Orders issued by the U.S. government imposing tariffs are unlikely to have a significant financial effect.“The U.S. Government via Executive Orders announced tariffs on imported products from various countries globally, including automotive components, which may be subject to modifications from time to time. A significant part of the products supplied by the Company and/or its subsidiaries to its various customers in the U.S are either manufactured in the U.S. or are United States-Mexico-Canada Agreement (“USMCA”) compliant and therefore as per our present assessment the said Executive Orders may not have any material impact on the financials of the Company,” the company said in an exchange filing.However, the company cautioned that the actual impact going forward would depend on the scope and details of the executive irders, including any changes to inclusions or exclusions of products, tariffs, and territories.Also read: Project pipeline, rentals keep DLF on Street radarOn Thursday, the shares of SMIL fell sharply, triggered by the impact of US tariffs on the company. However, the stock managed to reverse its early losses, following a favourable view for CLSA, which expects its shares to potentially double over the next three years.The shares of SMIL closed 2.22% lower at Rs 132 on the BSE on Thursday.(Disclaimer: Recommendations, suggestions, views and opinions given by the experts are their own. These do not represent the views of The Economic Times)
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