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'अगर भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया तो...', यूनुस सरकार ने पूर्व अधिकारी के बयान से झाड़ा पल्ला

Dainik Jagran - National - May 3, 2025 - 3:54pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बाद बांग्लादेश से भी लगातार तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। मोहम्मद यूनुस के बाद बांग्लादेशी सेना के रिटायर अधिकारी ने भी 'चिकन नेक' पर हमला करके उत्तर पूर्वी भारत पर कब्जा करने की सलाह दी है। हालांकि, यूनुस सरकार ने मेजर जनरल के बयान से खुद को पूरी तरह से अलग कर लिया है।

बांग्लादेश राइफल्स (बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश) में मेजर जनरल रहे फजलुर रहमान ने यूनुस सरकार को मशवरा दिया। उनका कहना है कि अगर भारत ने इस्लामाबाद पर हमला किया तो बांग्लादेश को भारत के उत्तर पूर्वी हिस्से पर कब्जा कर लेना चाहिए।

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फजलुर रहमान का बयान

फजलुर रहमान ने फेसबुक पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा-

अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है तो बांग्लादेश को सभी पूर्वोत्तर राज्यों पर कब्जा कर लेना चाहिए। मुझे लगता है कि बांग्लादेश को चीन के साथ मिलकर संयुक्त सैन्य अभियान चलाना चाहिए।

Maj. Gen. (Retd.) A.L.M. Fazlur Rahman, Chairman of the Yunus Government's Commission on BDR Mutiny and Killings of 2009, made the following comment on his Facebook.

“If #India attacks #Pakistan, #Bangladesh should invade and occupy India's seven northeastern states. In my… pic.twitter.com/HvJufPs33l

— Mohammad A. Arafat (@MAarafat71) May 2, 2025 यूनुस सरकार ने दी सफाई

बांग्लादेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने फजलुर रहमान के बयान को सिरे से खारिज कर दिया है। यूनुस सरकार का पक्ष रखते हुए मुख्य सलाहकार शफीकुल आलम ने कहा कि फजलुर रहमान के बयान उनके निजी विचारों पर आधारिक है। यूनुस सरकार का इससे कोई वास्ता नहीं है।

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा -

यह टिप्पणी बांग्लादेश सरकार के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं। सरकार किसी भी रूप में इस तरह की बयानबाजी का समर्थन नहीं करती है।

पिलखाना नरसंहार की कर रहे हैं जांच

बता दें कि मेजर जनरल फजलुर रहमान को 2009 के पिलखाना नरसंहार की जांच की जिम्मेदारी दी गई है। बांग्लादेश राइफल्स के मुख्यालय पर हुए इस हमले में सैन्य अधिकारी समेत 74 लोग मारे गए थे।

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सुहास शेट्टी मर्डर केस में एक्शन मोड में पुलिस, 8 संदिग्धों को किया गिरफ्तार

Dainik Jagran - National - May 3, 2025 - 1:41pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बजरंग दल के पूर्व कार्यकर्ता और हिन्दू एक्टिविस्ट सुहास शेट्टी की दर्दनाक मौत ने पूरे कर्नाटक को हिलाकर रख दिया है। बीच सड़क पर कुछ लोगों ने तलवार और बांके से सुहास को छलनी कर दिया। सुहास ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इस घटना को हुए दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन आरोपी अभी भी पुलिस की पहुंच से कोसों दूर हैं।

सुहास के आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने 5 स्पेशल टीमों का गठन किया है। इसके अलावा कर्नाटक पुलिस ने 8 संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया है।

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पुलिस ने गठित की टीमें

कर्नाटक पुलिस ने 5 स्पेशल टीमों का गठन किया है। इसी कड़ी में पुलिस मंगलुरु की अलग-अलग जगहों से 8 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस सभी से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने घटना का वीडियो भी बरामद कर लिया है, जिसकी मदद से आरोपियों की पहचान की जा रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सवाल

सुहास हत्याकांड को लेकर कर्नाटक के नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने पुलिस पर ही सवाल खड़े किए हैं। आर अशोक ने कहा-

मर्डर से 1 हफ्ते पहले पुलिस ने सुहास को गाड़ी में हथियार न रखने की चेतावनी दी थी। साथ ही सुहास की गाड़ी की तलाशी भी ली गई थी। सुहास की कार में हथियार नहीं हैं, यह जानकारी आरोपियों को कैसे मिली?

पुलिस स्टेशन के पास हुई वारदात

आर अशोक का कहना है कि "अगर सुहास की गाड़ी में हथियार होते तो शायद वो जिंदा बच सकता था। यह मर्डर पुलिस स्टेशन से महज आधे किलोमीटर की दूरी पर हुआ। इसके बावजूद कोई भी पुलिस अधिकारी मौके पर क्यों नहीं पहुंचा?" बता दें कि 1 मई की शाम को मंगलुरु में सुहास शेट्टी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।

NIA जांच की मांग

केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे और मंगलुरु में बीजेपी सांसद कैप्टन बृजेश पाठक ने गृह मंत्री अमित शाह से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। उनकी मांग है कि सुहास की जांच NIA को सौंप देनी चाहिए। वहीं, कर्नाटक में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई वीजेंद्र ने सुहास के परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा देने का एलान किया है।

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राजौरी ब्लास्ट के 2 आतंकियों का पहलगाम हमले से कनेक्शन? NIA दोनों से पूछताछ कर जुटा रही सबूत

Dainik Jagran - National - May 3, 2025 - 1:39pm

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद जम्मू कश्मीर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षाबलों की नजर है। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) ने इस आतंकी हमले की जांच अपने हाथों में ले ली है। इसी कड़ी में NIA 2023 के राजौरी ब्लास्ट में शामिल 2 आतंकियों से पूछताछ कर रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, NIA को शक है कि राजौरी ब्लास्ट को अंजाम देने वाले दोनों आतंकियों का भी पहलगाम हमले में हाथ हो सकता है। NIA ने दोनों से सवाल पूछने शुरू कर दिए हैं।

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राजौरी बम धमाका

2023 में जम्मू कश्मीर के राजौरी में हुए IED ब्लास्ट के बाद से ही यह दोनों आतंकी NIA के कब्जे में हैं। दोनों आतंकियों ने मिलकर इस बम ब्लास्ट को अंजाम दिया था। इस हमले में 2 बच्चों समेत 7 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल थे।

NIA को है शक

राजौरी ब्लास्ट को अंजाम देने वाले दोनों आतंकियों के नाम मुश्ताक और निसार है। NIA को शक है कि पहलगाम हमले में भी दोनों की अहम भूमिका हो सकती है। इसी सिलसिले में NIA दोनों आतंकियों से पूछताछ करके सबूत जुटाने की कोशिश कर रही है।

#WATCH | Jammu and Kashmir | NIA DG Sadanand Vasant Date leaves from Pahalgam after visiting the attack site in Baisaran, along with the senior officials of NIA & Jammu Kashmir Police #PahalgamTerroristAttack pic.twitter.com/2qpjo52SEC

— ANI (@ANI) May 1, 2025 NIA कर रही है जांच

22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद NIA ने 27 अप्रैल को शिकायत दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी। इसी कड़ी में NIA कई प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ित परिवारों के बयान लेकर आतंकी साजिश का पर्दाफाश करने की जद्दोजहद में जुटी है। NIA महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल समेत कई अन्य राज्यों में पहलगाम हमले के पीड़ितों से बात कर चुकी है।

5-7 आतंकियों के होने की आशंका

NIA की शुरुआती जांच में संदेह है कि पहलगाम हमले में 5-7 आतंकी शामिल थे। इसके अलावा 2 स्थानीय लोगों ने भी इस हमले को अंजाम देने में आतंकियों की मदद की। इन स्थानीय मददगारों को पाकिस्तान में प्रशिक्षण मिला था। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी संगठन TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।

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