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Kunal Kamra: शिवसेना की धमकी से कुणाल कामरा की उड़ी नींद! मद्रास HC से अपील करते हुए कहा- 'मेरी जान को खतरा'

Dainik Jagran - National - March 28, 2025 - 12:29pm

 डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर टिप्पणी कर घिरे स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा (Kunal Kamra) ने मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। कामरा ने अपने खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी के संबंध में ट्रांजिट अग्रिम जमानत मांगी है। इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को अदालत के दोपहर के सत्र में होने की संभावना है।

शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत के बाद कामरा के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी और बाद में इसे मुंबई के खार पुलिस थाने में ट्रांसफर कर दिया गया था। एफआईआर में भारत न्याय संहिता की धारा 353(1)(बी), 353(2) (सार्वजनिक शरारत) और 356(2) (मानहानि) का हवाला दिया गया है।

कामरा के वकील ने कहा कि स्टैंडअप कॉमेडियन को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उनके इंस्टाग्राम बायो के अनुसार, कामरा फिलहाल पुडुचेरी में हैं।

कामरा को 'प्रसाद' देने का समय आ गया: शिवसेना 

महाराष्ट्र के मंत्री शंभूराज देसाई ने गुरुवार को कहा कि अब उनके (कुणाल कामरा) लिए 'शिवसेना का प्रसाद' लेने का समय आ गया है। देसाई ने आरोप लगाया कि कॉमेडियन ने 'जानबूझकर' शिंदे, सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसी प्रमुख हस्तियों का अपमान किया।

शंभूराज देसाई ने कहा था, "कुणाल कामरा ने सारी हदें पार कर दी हैं; पानी सिर से ऊपर चला गया है और अब उसे 'प्रसाद' देने का समय आ गया है। वह जहां भी छिपा होगा, हम उसे बाहर निकालेंगे। कामरा को अपने किए का परिणाम भुगतना होगा।"

कामरा ने एकनाथ शिंदे को कहा था 'गद्दार'

कुणाल कामरा ने मुंबई के खार स्थित यूनीकांटीनेटल होटल के हैबिटेट स्टूडियो में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को गद्दार कहते हुए उन पर हिंदी फिल्म दिल तो पागल है के एक गाने की पैरोडी बनाकर गाई थी।

इस कविता के वायरल होने के बाद शिवसेना शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं ने उक्त स्टूडियो में जाकर जमकर तोड़फोड़ की। इसके बाद कुणाल कामरा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तंज कसा था।

यह भी पढ़ें: Kunal Kamra: 'पानी सिर से ऊपर चला गया है और अब उसे...', शिवसेना का स्टैंड-अप कॉमेडियन को खुली धमकी

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'परेशान न करे पुलिस', तलाक विवाद के बीच पति ने लगाई याचिका; मद्रास हाई कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश

Dainik Jagran - National - March 28, 2025 - 11:53am

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने चेन्नई पुलिस (Chennai Police) को ये आदेश दिया है कि वह सॉफ्टवेयर कंपनी रिप्लिंग (Rippling) के को-फाउंडर प्रसन्ना शंकरनारायणन को उनकी पत्नी के साथ चल रहे तलाक के मामले को लेकर अनावश्यक रूप से परेशान न करे।

शंकरनारायणन की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जी.के. इलंथिरैयन ने भारतीय नागरिक संहिता की धारा 528 के तहत यह निर्देश जारी किया है।

शंकरनारायणन ने सोशल मीडिया पर पत्नी पर लगाए गंभीर आरोप

बता दें, शंकरनारायणन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक थ्रेड में अपनी पत्नी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। रिप्लिंग के को-फाउंडर ने ये दावा किया था कि उनकी पत्नी ने झूठी शिकायतें दर्ज कराई है और उन्हें यौन अपराधी के रूप में प्रस्तुत किया है।

साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी पर ये भी आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने ये झूठा आरोप लगाया है कि वह अमेरिका में किसी वेश्यावृत्ति से जुड़े मामले में शामिल है।

शंकरनारायणन ने पुलिस पर लगाए आरोप

वरिष्ठ अधिवक्ताओं ए. रमेश और गीता लूथरा की ओर से प्रस्तुत की गई याचिका में शंकरनारायणन ने 24 मार्च को कोर्ट से गुहार लगाई थी कि पुलिस उनकी पत्नी के कहने पर उन्हें और उनके परिवार को लगातार परेशान कर रही है।

याचिका में बताया गया कि 7 से लेकर 12 मार्च के बीच चेन्नई के विभिन्न स्थानों पर, जैसे होटल और रेंटल अपार्टमेंट में पुलिस ने बलपूर्वक उनके बेटे को उनसे छीनने की कोशिश की। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि बेंगलुरु में उनकी मां और उनके एक दोस्त को पुलिस ने परेशान किया और उनसे बेटे को सौंपने की मांग की।

याचिका में शंकरनारायणन की ओर से कहा गया है कि ये सारी कार्रवाई उनकी पत्नी द्वारा लगाई गई झूठी शिकायतों के आधार पर हो रही है। जिससे वह, उनका परिवार और उनके करीबी दोस्त भी प्रभावित हो रहे हैं।

कानूनी दस्तावेजों में क्या है उल्लेख?

कानूनी दस्तावेजों की बात करें, तो उसमें ये बात लिखी है कि दोनों के बीच एक समझौता हुआ था और दोनों आपसी सहमति से तलाक ले रहे हैं। साथ ही बेटे की संयुक्त कस्टडी पर भी दोनों राजी हुए थे।

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खराब हवा को लेकर रहें सतर्क, सांस की नली में बढ़ सकता है सूजन का जोखिम, गर्मी में जरूर बरतें ये सावधानी

Dainik Jagran - National - March 28, 2025 - 11:34am

जेएनएन, नई दिल्ली। शुष्क हवा को बिल्कुल भी हल्के में न लें, ग्लोबल वार्मिंग के कारण शुष्क हवा के संपर्क में आने से सांस की नली में निर्जलीकरण और सूजन का जोखिम बढ़ सकता है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। वायुमार्ग में सूजन से श्वसन संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है और अस्थमा जैसी गंंभीर बीमारी हो सकती है।

अमेरिका के जांस हापकिंस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में बताया कि जैसे-जैसे पृथ्वी का वायुमंडल गर्म होता जा रहा है, सापेक्ष आर्द्रता समान बनी हुई है। पानी के लिए हवा की ‘प्यास’ का एक माप ‘वाष्प दाब घाटा’ तेजी से बढ़ सकता है। सापेक्ष आर्द्रता किसी दिए गए तापमान पर हवा में मौजूद नमी की अधिकतम मात्रा है।

 तेजी से भाप बनाएगा पानी 

रिसर्चर ने कहा कि वाष्प दाब घाटा जितना अधिक होगा, हवा की प्यास उतनी ही अधिक होगी और इस प्रकार पानी अधिक तेजी से भाप बनाएगा, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र निर्जलित हो जाएगा। जांस हापकिंस विश्वविद्यालय में मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर और जर्नल कम्युनिकेशंस अर्थ एंड एनवायरनमेंट में प्रकाशित अध्ययन के मुख्य

लेखक डेविड एडवर्ड्स ने कहा, यह समझना है कि शुष्क हवा के संपर्क में आने पर वायुमार्ग कैसे निर्जलित होते हैं, हमें प्रभावी व्यवहार के परिवर्तनों और निवारक या चिकित्सीय हस्तक्षेपों द्वारा निर्जलीकरण के प्रभाव से बचने या उलटने में मदद कर सकता है। 

वायुमार्ग की बलगम परतों को पतला करता है पानी

लेखकों ने लिखा, पानी का वाष्पीकरण वायुमार्ग की बलगम परतों को पतला करता है और ज्वारीय (आराम से) सांस लेने के दौरान उपकला कोशिकाओं को संकुचित करता है। उन्होंने पाया कि शुष्क हवा के संपर्क में आने वाले सेल्स में बलगम पतला होता है और सेल्स में सूजन का संकेत देने वाले साइटोकिन्स या प्रोटीन का उच्च स्तर होता है।

इसके परिणाम टीम की सैद्धांतिक भविष्यवाणियों के अनुरूप थे कि शुष्क वायु वातावरण के संपर्क में आने पर बलगम पतला हो जाता है, जिससे सूजन को तेज करने के लिए पर्याप्त संपीड़न पैदा होता है। 

इसके अलावा रिसर्चर ने स्वस्थ चूहों और वायुमार्ग में पहले से मौजूद सूखेपन वाले चूहों को जो आमतौर पर पुरानी श्वसन बीमारियों में देखा जाता है, उन्हें एक सप्ताह तक रुक-रुक कर शुष्क हवा में रखा गया।

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'मौलिक अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए', भड़काऊ कविता मामले में इमरान प्रतापगढ़ी को सुप्रीम कोर्ट से राहत; FIR रद

Dainik Jagran - National - March 28, 2025 - 11:15am

एएनआई, नई दिल्ली। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी को आज (28 मार्च) सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है।। कोर्ट ने कांग्रेस सांसद के खिलाफ गुजरात में दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कांग्रेस सांसद ने जो किया वो कोई अपराध नहीं है।

कथित तौर पर सौहार्द बिगाड़ने वाले सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर गुजरात पुलिस ने केस दर्ज किया था।  न्यायमूर्ति ओका ने फैसला सुनाते हुए कहा कि साहित्य, कला, व्यंग्य, जीवन को अधिक सार्थक बनाते हैं; गरिमापूर्ण जीवन के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आवश्यक है।

कोर्ट ने क्या कहा?

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना न्यायालय का कर्तव्य है। पीठ ने कहा, "भले ही बड़ी संख्या में लोग किसी दूसरे के विचारों को नापसंद करते हों, लेकिन विचारों को व्यक्त करने के व्यक्ति के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए और उसकी रक्षा की जानी चाहिए। विता, नाटक, फिल्म, व्यंग्य और कला सहित साहित्य मनुष्य के जीवन को और अधिक सार्थक बनाते हैं।"

कांग्रेस नेता ने गुजरात उच्च न्यायालय के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करने की उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि जांच अभी बहुत प्रारंभिक चरण में है।

क्या है मामला?

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया था। जिसमें वो हाथ हिलाते हुए चल रहे थे और उनपर फूलों की पंखुड़ियां बरसाई जा रही थी। इस 46 सेकेंड के वीडियो में बैकग्राउंड से एक गाने “ऐ खून के प्यासे बात सुनो” की आवाज भी आ रही थी।

इसी गाने को लेकर गुजरात पुलिस ने कांग्रेस सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। गुजरात पुलिस का आरोप था कि, इस गाने के बोल भड़काऊ, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले थे। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट से प्रतापगढ़ी को बड़ी राहत मिली है।

यह भी पढ़ें: अभिव्यक्ति की आजादी vs सड़क छाप..., इमरान प्रतापगढ़ी की याचिका और SC में सिब्बल-सरकार आमने-सामने

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मणिपुर में सुरक्षाबलों का ज्वाइंट ऑपरेशन, भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद जब्त; कई इनसास राइफल भी बरामद

Dainik Jagran - National - March 28, 2025 - 10:31am

एएनआई, इम्फाल। मणिपुर पुलिस, असम राइफल्स और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पिछले 24 घंटों में 20 वर्षीय लुवांगथेम मुकेश की तलाश के लिए व्यापक खोज अभियान जारी रखा गया है। लुवांगथेम मुकेश, जो कि केशमपट लेइमाजम लेइकाई के एल. ग्यानेन्द्र दास के बेटे हैं, 16 मार्च 2025 से लापता हैं।

पुलिस और सुरक्षा बलों ने बिश्नुपुर और चुराचंदपुर बॉर्डर क्षेत्रों, जोजंगतेक और ओल्ड काचर रोड इलाकों पर खोज अभियान तेज कर दिया है, जिसमें उन्नत तकनीकी डेटा विश्लेषण और खुफिया जानकारी एकत्र करने का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

अधिकारियों ने उच्च-स्तरीय सुरक्षा समन्वय बैठकें आयोजित की हैं, ताकि आगे की खोज रणनीतियों पर विचार किया जा सके। मणिपुर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि यदि उनके पास लुवांगथेम मुकेश के बारे में कोई जानकारी हो, तो वे सामने आएं। पुलिस लापता व्यक्ति की शीघ्र खोज के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रही है।

सुरक्षा बलों द्वारा बरामद सामग्री

खोजी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने कुछ महत्वपूर्ण सामग्रियां बरामद की हैं। लांगोल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स (वैकंट क्वार्टर) से दो एसएलआर, दो इनसास राइफल, दो एसएमजी कार्बाइन, आठ बीपी प्लेट, सात बीपी वेस्ट, 23 कैमोफ्लाज पैंट, 20 कैमोफ्लाज शर्ट, कैमोफ्लाज कैप और 22 टैक्टिकल वेस्ट बेल्ट बरामद किए गए।

इसके अतिरिक्त, हिल रेंज के हौतक आवांग लेइकाई क्षेत्र से एक .303 राइफल, एक .303 मैगजीन, 16 .303 गोलियाँ, एक 12-बोर कारतूस, तीन चार्जर क्लिप और एक पुल-थ्रू भी बरामद हुआ।

चिंगडोंग लेइकाई, जिरीबाम जिले से तीन इनसास राइफल, दो एसएलआर और अन्य सैन्य सामग्री जब्त की गई है।

आत्मसमर्पण और गिरफ्तारियां

मणिपुर पुलिस ने 27 मार्च को कंप्रिहेंसिव कार्यवाही के तहत कई गिरफ्तारियां कीं। कंप्रिहेंसिव ऑपरेशन के दौरान, मणिपुर पुलिस ने कच्पी (पीडब्ल्यूजी) के एक सक्रिय कैडर, लीशंगथेम हिरन सिंह (40) को गिरफ्तार किया। वह बिश्नुपुर जिले के थिनुंगई माखा लेइकाई में ब्रिकफील्ड से पैसा उगाही करने के मामले में शामिल था।

इसी दिन, मणिपुर पुलिस ने KCP-PSC (पोलिटब्यूरो स्टैंडिंग कमिटी) के सदस्य, लिकमबाम अमुजाओ मीतेई उर्फ़ लाकपा (27) को गिरफ्तार किया। वह इम्फाल ईस्ट जिले के कीबी आवांग लेइकाई का निवासी था और उसे साओमबुंग में गिरफ्तार किया गया।

इसके अलावा, मणिपुर पुलिस ने दो अन्य संदिग्ध KCP (तैबंगांबा) कैडर, लोइटोंगबाम बॉयाई सिंह (45) और खुमेंटेम धनबीर सिंह उर्फ़ नाओबी (28) को गिरफ्तार किया। दोनों को थौबाल जिले के लांगथाबल खुन्उ क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।

सुरक्षा उपाय और वाहन सुरक्षा

सुरक्षा बलों ने कंगचुप-PS, कंगपोकपी जिले में एक बंकर को नष्ट कर दिया और उसकी राख को जलाकर नष्ट कर दिया। इसके अलावा, NH-2 और NH-37 के संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा काफिले की व्यवस्था की गई है, ताकि वाहनों का सुरक्षित और निर्बाध आवागमन सुनिश्चित किया जा सके।

मणिपुर में विभिन्न जिलों में कुल 111 चेकपोस्ट और नाके स्थापित किए गए हैं। हालांकि, पुलिस ने किसी को भी कानून उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार नहीं किया है।

Manipur Violence 'लोगों का मूड अच्छा, जल्द ही...' मणिपुर में अब कैसी है स्थिति? जस्टिस बीआर गवई ने दी जानकारी

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