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आंध्र प्रदेश की पटाखा फैक्ट्री में जोरदार धमाका, 8 लोगों की मौत; कई घायल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली जिले में एक पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री में विस्फोट हो गया। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि कई किलोमीटर दूर तक लोगों ने इसे सुना। इस विस्फोट में फैक्ट्री में काम करने वाले 8 मजदूरों की मौत हो गई।
अनाकापल्ली के पुलिस अधीक्षक तुहिन सिन्हा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए घटना की पुष्टि की। मामले में अभी और जानकारी की प्रतीक्षा है।
सीएम ने घटना पर जताया दुखआंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने अनकापल्ली जिले के कोटावुराटला में एक पटाखा निर्माण इकाई में हुए विस्फोट में 8 श्रमिकों की मौत पर दुख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने घटना के बारे में जानकारी जुटाने के लिए जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और राज्य की गृह मंत्री अनिता से फोन पर बात की।
सीएम ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि घायलों को सर्वोत्तम संभव चिकित्सा सुविधा मिले। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार पीड़ितों के परिवारों का समर्थन करेगी और उनसे मजबूत बने रहने का आग्रह किया। उन्होंने अधिकारियों को घटना की गहन जांच करने और उन्हें एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि घायल श्रमिकों में से दो की हालत गंभीर है।
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'कैंसर का शक, किडनी भी नहीं सही...' तहव्वुर राणा ने बनाया था 33 बीमारियों का बहाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आतंकी तहव्वुर राणा किसी भी तरह से भारत नहीं आना चाहता था। उसने हर हथकंडा अपनाया। मगर काम नहीं आया। बस उसे इतना ही हासिल हो सका कि प्रत्यर्पण में भारत को देरी का सामना करना पड़ा। मगर अब तहव्वुर राणा भारतीय एजेंसियों के शिंकजे में है। तहव्वुर राणा ने अपने प्रत्यर्पण को रोकने की खातिर हर कानूनी दांव पेंच को अपनाया।
प्रत्यर्पण के खिलाफ पहुंचा था सुप्रीम कोर्टफरवरी में पीएम मोदी के सामने डोनाल्ड ट्रंप ने राणा को भारत भेजने का एलान किया था। इसके बाद उसने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के सामने भारत न भेजने की अपील की थी। उसने दावा किया था कि वह पाकिस्तान मूल का है। इस वजह से उसे वहां प्रताड़ित किया जा सकता है। मगर सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अपील को खारिज कर दिया।
वकील ने लिखा पत्र- 33 बीमारियों का दिया हवालातहव्वुर राणा के वकील जॉन डी क्लाइन ने 21 जनवरी 2025 को अमेरिकी विदेश विभाग को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने प्रत्यर्पण रोकने की कोशिश की। इसके पीछे 33 से अधिक स्वास्थ्य कारणों और भारत में मिलने वाली यातनाओं का हवाला दिया। हालांकि अमेरिकी प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी। क्लाइन ने कहा कि तहव्वुर राणा को भारत की जेलों में प्रताड़ित किया जा सकता है। वहां की जेलों की स्थिति अमानवीय है। मुकदमे के इंतजार में राणा स्वास्थ्य कारणों से भारत में ही मर सकता है।
कैंसर का भी जताया शक... मगर नहीं बनी बातवकील ने तर्क दिया कि भारत भेजने पर राणा को यातना झेलनी पड़ेगी, क्योंकि वह पाकिस्तान मूल का मुसलमान है। अपने पत्र में आगे लिखा कि लॉस एजिल्स की जेल में पांच साल की कैद के बाद राणा की सेहत और खराब हो चुकी है। राणा को पार्किंसंस रोग है। उसकी सोचने-समझने की क्षमता भी कम हुई है। इसके अलावा वह बार-बार पेशाब आने और याददाश्त की समस्या से जूझ रहा है। वकील ने कहा कि राणा के मूत्राशय में एक गांठ है। संदेह है कि ये कैंसर हो सकता है।
दावा: इन बीमारियों से जूझ रहा तहव्वुर राणा- स्टेज 3 क्रोनिक किडनी रोग
- कोरोनरी धमनी रोग
- सुप्त तपेदिक
- ब्रोंकाइटिस
- क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी रोग
- अस्थमा
- क्रोनिक साइनस रोग
- ब्रोंकाइटिस
- सोरायसिस
- बढ़े हुए प्रोस्टेट
- सुनने की क्षमता में कमी
- हाइपोथायरायडिज्म
- अपक्षयी संयुक्त रोग
वकील जॉन डी क्लाइन ने कहा कि राणा को स्ट्रोक, शुगर, टीबी और दिल का दौरा पड़ने का भी खतरा है। उसे डायलिसिस की भी जरूरत पड़ेगी। वह कैंसर का इलाज करवा रहा है। अगर मूत्राशय के कैंसर का खुलासा होता है तो उसे सर्जरी और कीमोथेरेपी से भी गुजरना पड़ेगा।
वकील की इस लंबी चौड़ी पटकथा को अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने तत्काल खारिज कर दिया। 11 फरवरी को लिखे जवाबी पत्र में उन्होंने कहा कि तहव्वुर राणा को भारत भेजा जाएगा। यह भी कहा गया कि प्रत्यर्पण में अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन किया गया है।
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मोस्ट वांटेड मेजर इकबाल और समीर अली कौन, क्यों की थी शिवसेना भवन में घुसने की कोशिश? तहव्वुर राणा खोलेगा राज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा की अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण के बाद 2008 के मुंबई हमलों में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) की कथित भूमिका फिर से सुर्खियों में है।
10 अप्रैल को अमेरिका से भारत लाए गए तहव्वुर राणा से भारतीय जांच एजेंसी एनआईए (NIA) नए सिरे से पूछताछ में जुटी हुई है। एनआईए के सूत्रों के मुताबिक, राणा से पूछताछ का मुख्य फोकस दो नामों पर है। पहला नाम है मेजर इकबाल और दूसरा नाम है मेजर समीर अली। ये दोनों NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भी शामिल है।
तहव्वुर राणा अब भारतीय जांच एजेंसियों की निगरानी में है और माना जा रहा है कि राणा के जरिए जांच एजेंसियां यह जानना चाहती है कि क्या इन दोनों आईएसआई अधिकारी तहव्वुर के जरिए 26/11 हमलों की साजिश को अंजाम तक पहुंचाया था।
कौन है मेजर इकबाल?
पीटीआई की 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेजर इकबाल कोई मामूली खिलाड़ी नहीं था। 2010 के शिकागो अभियोग में उसे आईएसआई का सक्रिय अधिकारी बताया गया था। उस पर आरोप है कि उसने डेविड कोलमैन हेडली को फंडिंग दी, उसे प्रशिक्षण दिया और मुंबई में रेकी करवाने की पूरी योजना को अंजाम तक पहुंचाया।
कौन है डेविड कोलमैन हैडली?
डोविड हेडली अमेरिकी-पाकिस्तानी डबल एजेंट था। उसने खुद 2010 में दोषी ठहराए जाने के बाद ये कबूल किया था कि मेजर इकबाल उसका मुख्य ISI हैंडलर था। 2011 की गवाही में हेडली ने बताया था कि उसने 'चौधरी खान' (मेजर इकबाल का कोड नेम) के साथ 20 से अधिक ईमेल का आदान-प्रदान किया था। एक ईमेल में राजाराम रेगे नामक शिवसेना नेता को 'कवर' के रूप में इस्तेमाल करने का जिक्र भी था।
पीटीआई की 2016 की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजाराम रेगे ने कहा था, "हेडली मुझसे शिवसेना भवन के बाहर मिला था, लेकिन मैंने उसे अंदर जाने की अनुमति नहीं दी थी।" एक अन्य ईमेल में मेजर इकबाल ने हेडली से 'प्रोजेक्ट्स' की जानकारी और सर्विलांस उपकरण की रिपोर्ट मांगी थी।
अमेरिकी अभियोग में मेजर इकबाल को पाकिस्तान का निवासी बताया गया था, जिसने लश्कर द्वारा हमलों की योजना बनाने और उसे फंडिंग करने में भाग लिया था। उस पर आतंकी साजिश रचने का आरोप भी लगाया गया था। हालांकि, दस्तावेजों में स्पष्ट रूप से आईएसआई का कोई उल्लेख नहीं है।
कंट्रोल रूम से कमांड देने वाला मेजर समीर अली कौन है?
मेजर इकबाल साजिश को बुनने वाला एक योजनाकार था और वहीं मेजर समीर अली उन योजनाओं को अंजाम देने वाला एक 'फील्ड मार्शल' था। 26/11 हमलों के हैंडलर और 2012 में गिरफ्तार हुए जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल के अनुसार, समीर अली कराची के मलिर कैंटोनमेंट स्थित कंट्रोल रूम से पूरे ऑपरेशन कि निगरानी कर रहा था।
अबु जिंदाल ने अपनी गवाही में कहा था कि मेजर समीर अली ने लश्कर कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी को सीधे निर्देश दिए थे। इंटरपोल की रेड नोटिस के अनुसार, समीर अली 1966 में पाकिस्तान के लाहौर शहर में जन्मा था और उसे उर्दू, हिन्दी और अंग्रेजी भाषा काफी अच्छे से आती थी। भारत उसे संगठित अपराध और आतंकवाद के मामलों में तलाश कर रहा है।
हालांकि, पाकिस्तान ने बार-बार इस बात से इनकार किया है कि ऐसा कोई व्यक्ति मौजूद भी था। पाकिस्तान ने समीर अली को एक 'फिक्शनल कैरेक्टर' तक बताया है।
कराची कंट्रोल रूम पर पाकिस्तान फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी का छापा
इकोनॉमिक टाइम्स की 2012 की रिपोर्ट के अनुसार, जुंदाल ने बताया कि मुंबई आतंकी हमलों के कुछ हफ्तों के बाद पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) ने कराची कंट्रोल रूम पर छापा मारा था और सबूत नष्ट कर दिए थे।
इस छापे के कुछ महीनों के बाद पीओके के मुजफ्फराबाद स्थित 'बैतुल मुजाहिदीन' कैंप से जकी-उर-रहमान लखवी को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, इस दौरान अबु जुंदाल और एक अन्य ट्रेनर अबु कहाफा पीछे के दरवाजे से भाग निकलने में कामयाब हो गए थे।
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15 जनवरी का रात सैफ-करीना के घर में क्या हुआ? पुलिस की 1,600 पन्नों की चार्जशीट में सामने आया सच
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान पर हुए हमले पर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है। मुंबई पुलिस ने इस मामले में 1,600 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। बांद्रा कोर्ट में दायर की गई इस चार्जशीट में करीना का बयान भी शामिल है। करीना ने पुलिस को हमले की रात का पूरा आंखों देखा हाल सुनाया है, जिससे केस से जुड़े कई बड़े पहलू सामने आ गए हैं।
पुलिस की चार्जशीट में सैफ ने बताया कि हमले के बाद हमलावर अचानक से गायब हो गया। सैफ ने करीना, बच्चों और हेलपर समेत सभी को एक कमरे में बंद कर लिया था।
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सैफ-करीना का घर
करीना ने चार्जशीट में बताया कि वो सैफ और दोनों बेटों तैमूल-जहांगीर (जेह) के साथ बांद्रा पश्चिम में स्थित सतगुरु शरण अपार्टमेंट में रहती हैं। बिल्डिंग की 11वीं मंजिल पर 3 बेडरूम है, 12 मंजिल पर लिविंग एरिया और 13वीं मंजिल पर सर्वेंट क्वार्टर के साथ एक लाइब्रेरी है।
Attack on Saif Ali Khan | Maharashtra: Mumbai's Bandra police filed a chargesheet in Bandra court in the case. This chargesheet includes several pieces of evidence found by the police against the arrested accused, Shariful Islam. This chargesheet is more than 1000 pages long. The…
— ANI (@ANI) April 8, 2025घर में कितने लोग मौजूद?
करीना के बयान की मानें तो हमले के समय घर में वो, सैफ, तैमूर, जेह और 4 सहायक मौजूद थे। इसके अलावा सर्वेंट गीता और जुनू सपकोटा, नर्सें शर्मिला और एलीयाना फिलिप भी घर में थीं। यानी 15 जनवरी की रात सैफ-करीना के घर में कुल 12 लोग मौजूद थे। वहीं, हमला लगभग 2 बजे रात को हुआ।
जेह के कमरे में हुआ हमला
करीना ने बताया कि 15 जनवरी की रात तकरीबन 1:30 बजे वो अपनी दोस्त रिया कपूर से मिलकर लौटी थीं। घर आने के बाद उन्होंने तैमूर और जेह के कमरे में देखा, तो दोनों सो रहे थे। करीना भी अपने कमरे में सोने चली गईं। रात के तरीबन 2 बजे जुनू उनके कमरे में आईं और बताया कि जेह के कमरे में कोई है। उसके हाथ में चाकू है और वो पैसे मांग रहा है।
काले कपड़ों में था हमलावर
करीना के अनुसार जुनू की बात सुनते ही करीना और सैफ बेटे जेह के कमरे की तरफ भागे। उन्होंने देखा कि गीता कमरे के बाहर खड़ी थी, नर्स एलियाना घायल थी और कमरे के अंदर काले कपड़े में एक 5.5 फीट का शख्स मौजूद था। सैफ ने पीछे से आरोपी को रोकने की कोशिश की, लेकिन उसने सैफ पर ही चाकू से हमला कर दिया।
अचानक गायब हुआ हमलावर
करीना ने बताया कि सैफ और हमलावर की झड़प के बीच वो जेह को लेकर कमरे से बाहर चली गईं और फौरन पुलिस को फोन किया। इसके बाद चारों सहायकों ने हमलावर को ढूंढने की बहुत कोशिश की, मगर उसका कहीं पता नहीं चला। घर सुरक्षित नहीं था, ऐसे में सभी घर से बाहर निकल गए। इसके बाद करीना ने बहन करिश्मा और मैनेजर पूनम दमानिया को फोन करके हमले की जानकारी दी।
सैफ ने सभी को कमरे में बंद किया
चार्जशीट में पुलिस को बयान देते हुए सैफ ने कहा कि आरोपी नशे में पूरी तरह से धुत्त था। जब मैं जेह के कमरे में गया और पूछा कि तुम कौन हो, तुम्हें क्या चाहिए? इतने पर उसने मुझकर हमला कर दिया। नशे में होने के बावजूद उसने मेरी गर्दन, सीने, हाथ, पैर और पीठ पर चाकू से कई वार किए। उसने गीता पर भी हमला किया। मैंने उसे धक्का दिया और सभी के साथ 12वीं मंजिल के कमरे में लॉक हो गया। कुछ देर बाद करीना ने सहायक हरि और तैमूर के साथ मुझे लीलावती अस्पताल भेजा।
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'बढ़िया चाय और शांत माहौल', मुर्शिदाबाद में हिंसा के बीच यूसुफ पठान की पोस्ट पर बवाल; भाजपा ने खूब सुनाया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ हिंसा भड़की है। इस बीच बहरामपुर से तृणमूल कांग्रेस सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान की इंस्टाग्राम पोस्ट पर बवाल मच गया। भाजपा ने उनकी इस पोस्ट की कड़ी आलोचना की।
दो दिन पहले यूसुफ पठान ने इंस्टाग्राम पर तस्वीर साझा की और लिखा कि आरामदेह दोपहर, बढ़िया चाय और शांत माहौल। इन पलों का लुत्फ उठा रहा हूं। मगर उनकी यह पोस्ट जनता की नजरों में खटकने लगी। लोगों ने पोस्ट की टाइमिंग पर सवाल उठाना शुरू कर दिया।
भाजपा ने यूसुफ पठान को घेराभाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स पर एक वीडियो साझा किया। उन्होंने कहा कि बंगाल जल रहा है। इसमें ममता बनर्जी की सरकार पूर्ण तरीके से शामिल है। राज्य संरक्षित हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। पुलिस चुप है।
उन्होंने आगे कहा कि हिंदुओं के खिलाफ लक्षित हिंसा हो रही है। गाड़ियों को जलाया जा रहा है। अब तक तीन लोगों की हत्या हो चुकी है। उधर, टीएमसी के सांसद यूसुफ पठान चाय की चुस्की ले रहे हैं। बंगाल जल रहा है। ये चाय पी रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हाईकोर्ट को भी कहना पड़ा कि हम आंख मूंदकर बैठ नहीं सकते। शहजाद ने ममता बनर्जी पर तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया।
लोकसभा चुनाव 2024 में युसुफ पठान ने बहरामपुर लोकसभा सीट से दिग्गज कांग्रेस नेता व पांच बार के सांसद अधीर रंजन चौधरी को हराया था। जानकारी के मुताबिक मुर्शिदाबाद के जिन इलाकों में हिंसा भड़की है, वह यूसुफ पठान के निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा नहीं है। मगर उसके आसपास का क्षेत्र उनके निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
इन इलाकों में भड़की हिंसामुर्शिदाबाद जिले के अलग-अलग इलाके बहरामपुर, जंगीपुर और मालदा दक्षिण संसदीय क्षेत्र में पड़ते हैं। हिंसा धुलिया, समसेरगंज और सुती में भड़की है। सुती जंगीपुर और धुलिया व समसेरगंज मालदा दक्षिण लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं। जंगीपुर सीट पर टीएमसी का कब्जा है। यहां से खलीलुर रहमान सांसद हैं। वहीं मालदा दक्षिण से कांग्रेस की ईशान खान चौधरी सांसद हैं।
हाई कोर्ट ने अपनाया खड़ा रुखमुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा में अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने जिले में केंद्रीय बलों को तैनात करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि हम आंखें मूंद नहीं सकते हैं। समय रहते सरकार ने पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। नागरिक की सुरक्षा करना राज्य की जिम्मेदारी है। यहां इसकी अनदेखी हुई है।
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Bengal is burning
HC has said it can’t keep eyes closed and deployed centra forces
Mamata Banerjee is encouraging such state protected violence as Police stays silent!
Meanwhile Yusuf Pathan - MP sips tea and soaks in the moment as Hindus get slaughtered…
This is TMC pic.twitter.com/P1Yr7MYjAM
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) April 13, 2025Murshidabad Violence: इंटरनेट सेवाएं बंद, 150 से ज्यादा लोग गिरफ्तार; मुर्शिदाबाद का हर अपडेट यहां पढ़ें
कोलकाता, पीटीआई। पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर चल रहा विरोध अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। पुलिस ने मुर्शिदाबाद से 12 अन्य प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। इसी के साथ गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 150 हो गई है। हिंसा में 3 की मौत के बाद पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है।
रविवार को मुर्शिदाबाद के हालात की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि पिछले कुछ घंटों में कोई नई हिंसा नहीं देखने को मिली है। पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात है। संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों ने सभी पर बारीकी से नजर रखी है।
पलायन के लिए मजबूर हिन्दू - बीजेपी
बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि हिंसा के दौरान 400 से ज्यादा हिन्दुओं को पलायन करने पर विवश होना पड़ा। पश्चिम बंगाल में धार्मिक उत्पीड़न एक कड़वी वास्तविकता है। तृणमूल कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति को बढ़ावा दे रही है। हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है। हमारे लोग अपनी ही जमीन पर जान बचाने के लिए भाग रहे हैं।
रात में हुई छापेमारी
पीटीआई से बातचीत के दौरान मुर्शिदाबाद के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सूती, धुलियां, समसेरगंज और जंगईपुर जैसे जिलों में स्थिति शांतिपूर्ण है। पुलिस ने रात में कई जगहों पर छापेमारी की है। इस दौरान 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हिंसक प्रदर्शन में अब तक कुल 150 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
#WATCH | Murshidabad violence | West Bengal | Inspector General of South Bengal Frontier, BSF, Karni Singh Shekhawat reached the violence-hit area after the Calcutta High Court ordered deployment of central forces in the affected area. (12.04) pic.twitter.com/9smP0vfTAh
— ANI (@ANI) April 12, 2025BNS की धारा 163 लागू
पुलिस का कहना है कि हिंसक प्रदर्शन के कारण इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा 163 के तहत कई पाबंदियां लागू की गई हैं। सुरक्षाबल मुख्य मार्ग से आने-जाने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं। संवेदनशील इलाकों में पुलिस की पेट्रोलिंग जारी है। जांच अभी चल रही है। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
शुक्रवार को भड़की थी हिंसा
बता दें कि वक्फ संशोधन अधिनियम को संसद से हरी झंडी मिलने के बाद से ही पश्चिम बंगाल में हालात काफी खराब हो गए थे। विरोध प्रदर्शन के कारण कई इलाकों में हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी। सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंके जाने लगे और कई महत्वपूर्ण मार्ग भी बंद कर दिए गए थे। हिंसक प्रदर्शन का सबसे ज्यादा असर मुर्शिदाबाद में देखने को मिला, जहां हिंसा के दौरान 3 लोगों की जान चली गई।
#WATCH | Murshidabad | A local, Manoj Ghosh says, "They burnt the shops and vandalised houses. We want BSF presence here permanently if things are to be peaceful... A police station is very close to here, but they didn't come." https://t.co/kcepFkV4i1 pic.twitter.com/44OWmmtkIz
— ANI (@ANI) April 13, 20253 की मौत, 18 पुलिसकर्मी घायल
शनिवार को समसेरगंज के जाफराबाद में एक पिता-पुत्र का शव मिलने से हड़कंप मच गया था। चाकू से गोदकर दोनों की हत्या कर दी गई थी। दोनों मृतकों की पहचान हरगोबिंदो दास और चंदन दास के रूप में हुई है। इसके अलावा सूती में गोली लगने से 21 वर्षीय इलियाज मोमिन की भी मौत हो गई। इस हिंसा में 18 पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हैं।
कुरान, पेन और पेपर... स्पेशल सेल में कैद तहव्वुर राणा ने NIA से क्या-क्या मांगा?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 26/11 को हुए मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के कब्जे में है। NIA ने तहव्वुर राणा को नई दिल्ली स्थित CGO कॉम्प्लेक्स मुख्यालय में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ रखा है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक तहव्वुर राणा के आसपास भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं, जो 24 घंटे उस पर नजर रखते हैं। हालांकि इसी बीच एक और खबर सामने आ रही है। NIA की कस्टडी में मौजूद तहव्वुर राणा ने 3 चीजों की मांग की है।
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तहव्वुर राणा की 3 मांगे
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार तहव्वुर राणा ने जेल में कुरान की मांग की थी। ऐसे में उसे कुरान की एक कॉपी दी गई है। कुरान के अलावा तहव्वुर राणा ने पेन और पेपर मांगा था। उसकी तीनों मांगे पूरी कर दी गई हैं। हालांकि सुरक्षाबल उस पर हमेशा नजर रखते हैं कि कहीं पेन से वो खुद को कोई नुकसान न पहुंचा ले। इन तीन चीजों के अलावा अभी तक उसने कुछ भी नहीं मांगा है।
रोज पढ़ता है 5 वक्त की नमाज
जेल में तहव्वुर राणा को बाकी कैदियों की तरह ही रखा गया है, उसे अलग से कोई खास सुविधा नहीं दी गई है। तहव्वुर राणा पांच वक्त की नमाज भी अदा करता है। जेल में उसे रोज दिन में पांच बार नमाज पढ़ते हुए देखा जाता है।
VIDEO | Tahawwur Rana extradition: Security remains tightened outside NIA headquarters in Delhi.
The NIA Special Court at Patiala House has sent Rana to 18-day NIA custody. The anti-terror agency had produced Rana before the NIA Special Court at Patiala House after formally… pic.twitter.com/edJ0xH5jMa
— Press Trust of India (@PTI_News) April 13, 2025न्यायालय ने दी 18 दिन की रिमांड
अदालत के आदेश पर तहव्वुर राणा को हर दूसरे दिन उसके वकील से मिलने की अनुमति है। उसे वो सारी सुविधाएं मिल रही हैं, जो हिरासत में मौजूद बाकी कैदियों को दी जाती हैं। बता दें कि अमेरिका से वापसी के बाद NIA ने शुक्रवार की सुबह तहव्वुर राणा को दिल्ली की अदालत में पेश किया था। इस दौरान न्यायालय ने उसे 18 दिन की रिमांड पर भेज दिया है।
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SC: हिंदुओं और गैर मुस्लिमों की संपत्ति पर वक्फ कानून में जारी आदेश हो बेअसर, सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर
माला दीक्षित, जागरण, नई दिल्ली। अभी तक यही माना जा रहा था कि वक्फ कानून के मामले में मुसलमान या राजनेता ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच रहे हैं लेकिन हिंदुओं ने भी वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर वक्फ कानून 1995 और वक्फ संशोधन कानून 2025 को चुनौती दी गई है और इन्हें हिंदुओं और गैर-मुस्लिमों के प्रति भेदभावपूर्ण वाला बताया है।
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायरयाचिका में हिंदुओं और गैर मुस्लिमों की संपत्ति वक्फ बोर्ड के नोटिसों, अधिसूचनाओं और आदेशों से सुरक्षित करने की मांग की गई है। कहा गया है कि कोर्ट घोषित करे कि वक्फ कानून 1995 के तहत जारी कोई भी अधिसूचना, आदेश या नियम हिंदुओं और गैर मुस्लिमों की संपत्ति पर लागू नहीं होगा।
जनहित याचिका में वक्फ कानून की धारा 4,5,6,7,8,28,28,52,54,83,85,89 और 101 को संविधान के अनुच्छेद 14,15,25,26,27,300-ए और 323ए के खिलाफ बताते हुए इसे रद करने की मांग की गई है। शीर्ष कोर्ट में यह याचिका उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले की रहने वाली पारुल खेड़ा ने दाखिल की है।
वक्फ संशोधन कानून 2025 बनायाबता दें कि केद्र ने हाल ही में वक्फ संशोधन कानून 2025 बनाया है। मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा इस कानून का विरोध हो रहा है और उसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में दस से ज्यादा याचिकाएं भी दाखिल हो चुकी हैं। केंद्र सरकार ने भी कैविएट दाखिल कर दी है ताकि कोर्ट उसका पक्ष सुने बगैर कोई एकतरफा आदेश जारी न करे।
सुप्रीम कोर्ट 16 अप्रैल को मामले पर सुनवाई करेगासुप्रीम कोर्ट 16 अप्रैल को मामले पर सुनवाई करेगा। अभी हाल में दाखिल याचिका में वक्फ कानून यानी 1995 के मूल कानून और 2025 के संशोधित कानून को चुनौती देते हुए कहा गया है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों और वक्फ बोर्ड को स्पेशल स्टेटस देता है इसमें वक्फ बोर्ड के पास किसी भी ट्रस्ट या सोसाइटी की संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने का अधिकार है जबकि हिंदुओं और गैर मुस्लिम समुदायों के पास ऐसा अधिकार नहीं है।
क्फ कानून 1995 र्धमनिरपेक्षता और बराबरी के सिद्धांत के खिलाफकहा गया है कि वक्फ कानून 1995 र्धमनिरपेक्षता और बराबरी के सिद्धांत के खिलाफ है। इस कानून में वक्फ बोर्ड को वक्फ संपत्तियों के बारे में मिले विशेष अधिकार से संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 यानी समानता का मौलिक अधिकार और अनुच्छेद 25 और 26 धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार तथा अनुच्छेद 300ए और 323 के प्रविधानों का उल्लंघन होता है।
याचिका में कहा गया है कि वक्फ कानून में हिंदुओं और गैर मुस्लिमों के पास उनकी अपनी धार्मिक संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में शामिल करने से रोकने के लिए कोई सुरक्षात्मक उपाय नहीं है और इसलिए यह कानून हिंदुओं र गैर मुस्लिम समुदायों के साथ भेदभाव करता है।
ये कानून प्रकृत न्याय के सिद्धांत का भी उल्लंघन करता है क्योंकि इसमें प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का मौका देने और उसकी संपत्ति वक्फ संपत्ति की सूची में शामिल करने का विरोध करने का कोई प्रविधान नहीं है।
वक्फ कानून में धार्मिक आधार पर भेदभाव का मुद्दा ही नहींयाचिका में वक्फ कानून में धार्मिक आधार पर भेदभाव का मुद्दा ही नहीं, बल्कि टैक्स पेयर के धन को किसी धर्म विशेष के लिए खर्च किए जाने का मुद्दा भी उठाया गया है। कहा गया है कि वक्फ कानून 1995 की धारा आठ के मुताबिक प्रापर्टियों के सर्वे और अधिसूचना जारी करने पर आने वाला खर्च राज्य सरकार, सरकारी खजाने से करती है जो कि संविधान के अनुच्छेद 27 का उल्लंघन है। ये चीज धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के भी खिलाफ है। अनुच्छेद 27 कहता है कि किसी भी व्यक्ति को किसी विशेष धर्म के प्रचार के लिए टैक्स देने को बाध्य नहीं किया जाएगा।
कानून में किसी तरह के पब्लिक नोटिस जारी करने का प्राविधान नहींयाचिका में यह भी कहा गया है कि इस कानून में किसी तरह के पब्लिक नोटिस जारी करने का प्राविधान नहीं है जिससे कि हिंदू या गैर मुस्लिम समुदाय के लोग आदेश को जान ही नहीं पाते हैं। वक्फ कानून की धारा 54 और 55 में वक्फ बोर्ड को वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने का विशेष अधिकार दिया गया है जबकि ये अधिकार ट्रस्ट, मठ, मंदिर, अखाड़ा और धार्मिक संपत्तियां रखने वाले ट्रस्टी, मैनेजरों, शैबायतों, महन्तों और धार्मिक संपत्ति का प्रबंधन करने वालों के पास नहीं है।
वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवाद ट्रिब्यूनल द्वारा निपटाए जाने के प्रविधान गैरकानूनीअगर वक्फ कानून को देखा जाए तो वक्फ संपत्ति घोषित होने को लेकर विवाद की सुनवाई वक्फ ट्रिब्यूनल करता है। इस नई याचिका में कहा गया है कि दो समुदायों के बीच संपत्ति को लेकर होने वाला विवाद जटिल प्रकृति का होता है और इसे तय करने के लिए विशेषज्ञ दक्षता की आवश्यकता हो सकती है।
विवाद ट्रिब्यूनल द्वारा निपटाए जाने के प्रविधान गैरकानूनीट्रिब्यूलन अर्ध न्यायिक प्राधिकरण होता है और वो उसमें सक्षम नहीं हो सकता। दीवानी प्रकृति के संपत्ति विवादों का निपटारा सिविल अदालतें बेहतर ढंग से करती हैं, ऐसे में वक्फ कानून में वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवाद ट्रिब्यूनल द्वारा निपटाए जाने के प्रविधान गैरकानूनी हैं।
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Weather Alert: दिल्ली-यूपी में आंधी-तूफान ने मचाई तबाही, 400 से अधिक उड़ानें प्रभावित; IMD का अलर्ट जारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली यूपी के मौसम का मिजाज बिगड़ चुका है। पिछले दो दिन से दिल्ली-एनसीआर से लेकर यूपी, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में तेज आंधी और बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। लोगों को गर्मी से तो राहत मिली है लेकिन किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है।
इन राज्यों में बारिश का अलर्टमौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए और भी गंभीर चेतावनियां जारी की हैं। आईएमडी के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक दिल्ली- एनसीआर समेत यूपी, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में बारिश और तेज हवाएं चलने का सिलसिला जारी रहेगा। आईएमडी ने हालिया जानकारी में बताया कि उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 12 अप्रैल को और झारखंड में 15 अप्रैल को छिटपुट ओलावृष्टि की संभावना है।
पिछले 24 घंटों के मौसम का हालपिछले 24 घंटों में मौसम में भारी बदलाव देखने को मिला। शुक्रवार शाम को दिल्ली एनसीआर समेत सटे राज्यों में आंधी पानी और हल्की बूंदाबादी देखने को मिली। जिससे तापमान में काफी कमी देखने को मिली। IMD ने बताया कि पिछले 24 घंटों में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर तूफानी हवाओं के साथ गरज के साथ बारिश हुईं। वहीं, ये सिलसिला आज और कल जारी रहने की संभावना है।
इन राज्यों में लू की चेतावनीमौसम विभाग ने कुछ राज्यों में लू को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग के ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 14 और 15 अप्रैल को पश्चिमी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर लू चलने की संभावना है। वहीं, 16-18 अप्रैल के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भीषण लू चलने की संभावना है।
विभाग के अपडेट में बताया गया कि 15-17 अप्रैल के दौरान गुजरात राज्य में अलग-अलग स्थानों पर लू चलने की संभावना है। 16-18 अप्रैल के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश में लू चलने की संभावना है।
आइजीआई एयरपोर्ट पर 400 से अधिक उड़ानों में देरी से यात्री हुए परेशानखराब मौसम और रनवे बंद होने की वजह से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआई) एयरपोर्ट पर लगातार दूसरे दिन शनिवार को 400 से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई। नतीजन, यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
शुक्रवार शाम को तेज हवा के साथ वर्षा होने से उड़ानों पर काफी असर पड़ा। बड़ी संख्या में उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा। विलंब का यह क्रम शनिवार को भी जारी रहा। एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या बढ़ने से अफरातफरी का माहौल रहा। यात्रियों ने इंटरनेट मीडिया पर लंबी कतारों और भीड़भाड़ की तस्वीरें और वीडियो साझा की।
शुक्रवार रात के मौसम के कारण कुछ उड़ानें भी प्रभावितदिल्ली अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने भी इसको लेकर जानकारी साझा की है। घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के प्रस्थान की बात की जाए, तो 234 उड़ानों के प्रस्थान में देरी हुई और 175 उड़ानों का आगमन देरी से हुआ। ज्यादातर उड़ानों का औसतन प्रस्थान 40 मिनट से अधिक का रहा। डायल ने बताया कि एयरपोर्ट पर उड़ानों के संचालन में सुधार हो रहा है, शुक्रवार रात के मौसम के कारण कुछ उड़ानें भी प्रभावित हैं।
कुछ उड़ानें प्रभावित हुईवहीं, इंडिगो एयरलाइन के अनुसार, एयर ट्रैफिक की वजह से टेकऑफ और लैंडिंग क्लीयरेंस के लिए रोका जा रहा है। इस वजह से कुछ उड़ानें प्रभावित हुई हैं। बता दें कि एयरपोर्ट पर एक नंबर रनवे के मरम्मत कार्य की वजह से घरेलू उड़ानों को टर्मिनल दो व तीन से संचालित किया जा रहा है। इस वजह से भी एयरपोर्ट पर काफी परेशानी सामने आ रही हैं।
दिल्ली में शनिवार को गर्मी से रही राहत, अगले सप्ताह फिर चलेगी लूदिल्ली में शनिवार को हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रही। रविवार को हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रहने की संभावना है। इसके बाद हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच सकती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली का एयर इंडेक्स 166 रहा।
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Justice Nagarathna: तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रहा भारतीय परिवार, जस्टिस नागरत्ना ने महिलाओं को लेकर कह दी बड़ी बात
पीटीआई, बेंगलुरु। सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने शनिवार को कहा कि भारत में परिवार की संस्था आज तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रही है। यह बदलाव न केवल परिवारों की संरचना और कार्यप्रणाली पर, बल्कि कानूनी व्यवस्था पर भी गहरा असर डाल रहे हैं।
बदलाव कई कारकों से प्रेरितउन्होंने कहा कि यह बदलाव कई कारकों से प्रेरित है, जिसमें आम शिक्षा तक अधिक पहुंच, बढ़ता शहरीकरण, व्यक्तिगत आकांक्षाओं से लेकर कार्यबल की अधिक गतिशीलता और शिक्षा प्राप्त करने वाली महिलाओं की बढ़ती आर्थिक स्वतंत्रता शामिल है। कानून ने भी इस बदलाव में मदद की है।
जस्टिस नागरत्ना ने कही ये बात''परिवार: भारतीय समाज का आधार'' विषय पर आयोजित एक सम्मेलन में जस्टिस नागरत्ना ने इस बात पर जोर दिया कि हर सभ्यता में परिवार को समाज की मूलभूत संस्था के रूप में मान्यता दी गई है। यह हमारे अतीत से जुड़ने और हमारे भविष्य के लिए सेतु है।
उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षा और रोजगार के कारण महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक मुक्ति को समाज द्वारा सकारात्मक रूप से देखा जाना चाहिए और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। ऐसी महिलाएं न केवल परिवार की भलाई में, बल्कि राष्ट्र की भलाई में भी योगदान देती हैं।
पारिवारिक विवाद इस तरह सुलझ सकते हैंजस्टिस नागरत्ना ने कहा कि भारत में वर्तमान में न्यायालयों में जितने पारिवारिक विवाद लंबित हैं, उनका एक महत्वपूर्ण प्रतिशत हल हो सकता है यदि दोनों पक्ष दो कदम उठाएं।
दूसरे साथी के हितों को ध्यान में रखना चाहिएउन्होंने कहा, ''पहला कदम दूसरे के प्रति समझ और सम्मान रखना है, और दूसरा खुद के प्रति जागरूकता है। यह पति और पत्नी के संदर्भ में है। दूसरे के प्रति सम्मान को समझने से मेरा मतलब है कि एक साथी को हर समय दूसरे साथी के हितों को ध्यान में रखना चाहिए। जब भी पहला साथी कुछ ऐसा करता हुआ दिखाई दे जो दूसरे साथी की राय में समस्याग्रस्त है, तो दूसरे साथी को खुद को पहले साथी के स्थान पर रखकर उस कार्य का कारण बताना चाहिए।''
पेगासस स्पाइवेयर के जरिये जिनकी जासूसी हुई, उनका ब्योरा दे केंद्र, कांग्रेस ने सरकार से कर दी बड़ी मांग
पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अमेरिका की अदालत में हुए हालिया राजफाशों के बारे में बताएं जिसमें 100 भारतीयों की पेगासस स्पाइवेयर के जरिये जासूसी का उल्लेख है। साथ ही कहा कि सरकार को उन 100 भारतीयों का ब्योरा देना चाहिए।
पेगासस का इस्तेमाल 100 भारतीयों का मोबाइल हुआ हैककांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि यह स्पष्ट है कि पेगासस का इस्तेमाल 100 भारतीयों के मोबाइल फोन को हैक करने के लिए किया गया। उन्होंने इस मामले की न्यायालय द्वारा जांच की मांग की।
सुरजेवाला ने कहा कि पेगासस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी एनएसओ ने कहा है कि जासूसी साफ्टवेयर के लाइसेंस सरकारों द्वारा लिए गए थे। उन्होंने कहा कि क्या यह साबित नहीं करता कि मोदी सरकार ने जासूसी के लिए पेगासस खरीदा? कांग्रेस नेता ने सरकार से यह भी पूछा कि साफ्टवेयर खरीदने की अनुमति किसने दी।
विपक्षी नेता, जर्नलिस्ट, जज, और केंद्रीय मंत्री की हुई थी जासूसीउन्होंने कहा कि जब अमेरिका की अदालत में दस्तावेज सार्वजनिक किए गए हैं तो क्या यह भारत सरकार की जिम्मेदारी नहीं है कि वह 22 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में इन दस्तावेजों को पेश करे? उन्होंने दावा किया कि जिन लोगों की जासूसी हुई उनमें विपक्षी नेता, जर्नलिस्ट, जज, और केंद्रीय मंत्री तक शामिल थे।
कर्नाटक में जाति जनगणना रिपोर्ट पेश, पिछड़ा वर्ग आरक्षण बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने की सिफारिश
पीटीआई, बेंगलुरु। कर्नाटक में जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट में पिछड़े समुदायों के लिए आरक्षण को मौजूदा 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने की सिफारिश की गई है।
सूत्रों के अनुसार जाति आधारित जनगणना से पता चला है कि राज्य में पिछड़ी जातियों की जनसंख्या 70 प्रतिशत है। इससे पहले बिहार सरकार ने भी जाति आधारित जनगणना करवाई थी।
रिपोर्ट में तमिलनाडु और झारखंड का उदाहरण दिया गयासूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में तमिलनाडु और झारखंड का उदाहरण दिया गया है, जो पिछड़े वर्ग की आबादी के अनुसार क्रमश: 69 और 77 प्रतिशत आरक्षण प्रदान दे हैं।
बिहार में ऐसा है मामलाबिहार सरकार ने भी जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट के आधार पर राज्य में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण कोटा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया था। इस कानून को पटना हाई कोर्ट ने रद कर दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
सर्वेक्षण शुरू में 2015 में एच. कंथराज द्वारा कराया गया था और बाद में कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के. जयप्रकाश हेगड़े ने इसे पूरा किया और फरवरी 2024 में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को रिपोर्ट सौंपी। पिछले दिनों यह रिपोर्ट राज्य कैबिनेट में पेश की गई।
किसकी कितनी है आबादी- पिछड़ा वर्ग 1ए श्रेणी - 34,96,638
- पिछड़ा वर्ग 1बी श्रेणी - 73,92,313
- पिछड़ा वर्ग 2ए श्रेणी - 77,78,209
- पिछड़ा वर्ग 2बी श्रेणी - 75,25,880
- पिछड़ा वर्ग 3ए श्रेणी - 72,99,577
- पिछड़ा वर्ग 3बी श्रेणी - 1,54,37,113
- अन्य पिछड़ी जातियों की कुल जनसंख्या- 4,16,30,153
- अनुसूचित जाति - 1,09,29347
- अनुसूचित जनजाति 42,81,289
(सैंपल सर्वे में 5,98,14,942 की आबादी शामिल है)
जाति जनगणना राजनीतिक नाटक: कुमारस्वामीकेंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया पर जाति जनगणना को राजनीतिक नौटंकी के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। कुमारस्वामी ने कहा, जाति जनगणना रिपोर्ट का कोई मतलब नहीं है। सरकार जाति लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। अगर आप वाकई जाति जनगणना चाहते हैं, तो सर्वेक्षण कर नई रिपोर्ट पेश करें। पिछले 10 सालों में जनसांख्यिकी में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं।
तमिलनाडु के मंत्री ने उड़ाया हिंदू धर्म का मजाक, विवाद बढ़ा तो मांगनी पड़ी माफी; कैबिनेट से हटाने की हो रही मांग
एजेंसी, चेन्नई। हिंदू धर्म का मजाक उड़ाने वाले तमिलनाडु के वन मंत्री के. पोनमुडी ने अपनी अनुचित टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है। गौरतलब है कि पोनमुडी ने एक कार्यक्रम में महिलाओं और हिंदू धर्म के शैव एवं वैष्णववाद पर अपमानजनक टिप्पणी की थी।
उनके भाषण का वीडियो प्रसारित होने के बाद द्रमुक अध्यक्ष स्टालिन ने 11 अप्रैल को पोनमुडी को पार्टी के उप महासचिव पद से हटा दिया था। चौतरफा विरोध के बाद पोनमुडी ने कहा, अपने अनुचित शब्दों के लिए मुझे खेद है। मैं उन सभी से दिल से माफी मांगता हूं, जिन्हें मेरे शब्दों से ठेस पहुंची है।
वीएचपी ने की मंत्रिमंडल से हटाने की मांगइस बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने पोनमुडी को स्टालिन मंत्रिमंडल से तत्काल हटाने की मांग की है। उत्तर तमिलनाडु के विहिप राज्य अध्यक्ष अंडाल पी. चोकलिंगम ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन अगर धर्मनिरपेक्षता पर कायम हैं तो उन्हें पोनमुडी को तुरंत मंत्री पद से हटा देना चाहिए। पोनमुडी को द्रमुक में उप महासचिव पद से हटाना केवल दिखावा है।
उन्होंने घोषणा की कि वीएचपी पोनमुडी को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग को लेकर 15 अप्रैल को राज्यव्यापी प्रदर्शन करेगी। इस बीच हिंदू मुन्नानी के प्रदेश अध्यक्ष कादेश्वर सुब्रमण्यम ने भी पोनमुडी को मंत्री पद से हटाने की मांग को लेकर 15 अप्रैल को राज्यव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है।
हिंदुओं और हिंदी भाषियों का बताया अपमान- भाजपा नेता सैयद जफर इस्लाम ने पोनमुडी और द्रमुक पर निशाना साधा है। जफर इस्लाम ने कहा, 'द्रमुक की पोल खुल गई है। पोनमुडी ने बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने वैष्णवों और शैवों का मजाक उड़ाया है और हिंदी भाषी नागरिकों को पानी पूरी बेचने वाला कहकर उनका अपमान किया है।
- उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि उनके बयानों के बावजूद द्रमुक ने उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की। वहीं भाजपा नेता सीआर. केसवन ने कहा कि पोनमुडी को मंत्री पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
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UPI के बाद WhatsApp हुआ डाउन, यूजर्स को मैसेज भेजने में आ रही दिक्कत
नई दिल्ली, आईएएनएस। वाट्सएप यूजर्स को शनिवार को इसकी सुविधा के उपयोग में परेशानी का सामना करना पड़ा। भारत में यूजर्स संदेश भेजने और स्टेटस अपलोड करने में असमर्थ थे।
एप आउटेज ट्रैकिंग प्लेटफार्म डाउन डिटेक्टर के अनुसार, 81 प्रतिशत यूजर्स ने संदेश भेजने में समस्या की सूचना दी, जबकि 16 प्रतिशत ने एप के उपयोग में पूरी तरह समस्या की सूचना दी।
वाट्सएप की ओर से कोई बयान नहीं आया सामनेएक्स पर एक यूर्जर ने कहा कि क्या यह सिर्फ मेरा मामला है या आपका वाट्सएप भी बंद है मैं स्टेटस अपलोड करने की कोशिश कर रहा हूं और ऐसा करने में बहुत समय लग रहा है। इसे लेकर वाट्सएप की ओर से तत्काल कोई बयान नहीं आया है। कुछ यूजर्स ने मेटा के स्वामित्व वाले फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी इसी तरह की समस्या की सूचना दी।
यूजर्स ने दी ये प्रतिक्रियाएक यूजर ने लिखा क्या वाट्सएप बंद है। मुझे संदेश भेजने में परेशानी हो रही है। संदेश जा नहीं रहा। क्या कोई और इस तरह की समस्या का सामना कर रहा है।
फरवरी में भी आई थी परेशानीफरवरी के आखिर में भी वाट्सएप की सेवा में भारी व्यवधान पैदा हुआ था, जिससे दुनिया भर में कई यूजर्स एप का उपयोग करने में असमर्थ हो गए। वे वाट्सएप या इसके वेब संस्करण के माध्यम से कनेक्ट या संदेश भेजने या कोई काल करने में असमर्थ थे। डाउन डिटेक्टर ने उस दिन 9,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की थीं।
UPI की सेवाएं भी आज हुई थीं बाधितयूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सेवा के माध्यम से डिजिटल भुगतान शनिवार को एक बार फिर देशभर में ठप हो गया। इससे पेटीएम, गूगल पे और फोनपे जैसे प्लेटफार्म के लाखों यूजर्स प्रभावित हुए। कई आनलाइन भुगतान प्लेटफार्म पर डिजिटल सेवाएं बाधित रहीं।
बता दें कि एक पखवाड़े से भी कम समय में यह तीसरी बार है जब यूपीआई में व्यवधान के कारण लेन-देन प्रभावित हुआ। हाल ही में 26 मार्च और दो अप्रैल को भी यूपीआई में व्यवधान की खबरें आई थीं। यूजर रिपोर्ट के आधार पर सेवा व्यवधानों की निगरानी करने वाले प्लेटफार्म 'डाउन डिटेक्टर' के अनुसार, दोपहर एक बजे तक 2,358 शिकायतें दर्ज की गईं। सबसे ज्यादा शिकायतें भुगतान (81 प्रतिशत) और फंड ट्रांसफर (17 प्रतिशत) के लिए थीं। (इनपुट एजेंसी के साथ)
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तहव्वुर राणा के सेल में बस इन अधिकारियों की एंट्री, सुरक्षा को लेकर क्या है NIA का प्लान?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा अमेरिका से भारत लाया जा चुका है। कोर्ट ने तहव्वुर राणा को 18 दिनों की एनआईए रिमांड पर भेजा है। इस दौरान उससे पूछताछ की जानी है। तहव्वुर राणा मामले में मुख्य जांच अधिकारी एनआईए की उप महानिरीक्षक जया रॉय हैं।
बताया जाता है कि तहव्वुर राणा को भारत वापस लाने की जिम्मेदारी जया रॉय पर भी थी। जांच अधिकारी जया रॉय का लक्ष्य आंतकी तहव्वुर राणा से उसकी भारत यात्राओं और खास कर के 8 नवंबर से 21 नवंबर, 2008 के बीच की उसकी गतिविधियों और संपर्कों के बारे में जानकारी निकालना है।
18 दिनों की रिमांड पर राणाकोर्ट ने आदेश दिया है कि तहव्वुर राणा 18 दिनों तक एनआईए की हिरासत में रहेगा। कोर्ट के फैसले के बाद एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा कि इस दौरान आतंकी से विस्तार से पूछताछ की जाएगी। जिससे ये पता लगाया जा सके कि साल 2008 में हुए इस घातक हमलों के पीछे की पूरी साजिश कैसे रची गई। इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी और 238 से अधिक लोग घायल हुए थे।
कौन कर सकेगा तहव्वुर राणा की सेल में प्रवेशमाना जा रहा है कि राणा की रिमांड के दौरान उसकी सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती है। बताया जा रहा है कि एनआईए प्रमुख सदानंद दाते द्वारा अधिकृत कुछ अधिकारी ही जेल के भीतर जा सकेंगे। बता दें कि महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी सदानंद दाते 2008 के हमले के दौरान मुंबई में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के पद पर तैनात थे। वे उस समय आतंकवादियों से लड़ते हुए गंभीर रूप से घायल हुए थे।
रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि विशेष सुरक्षा गार्ड बारी-बारी से राणा पर नजर रख रहे हैं। वहीं, इन गार्ड्स को आपस में बात करने की अनुमति नहीं दी गई है। बताया गया कि जब राणा को पूछताछ के लिए किसी अन्य शहर में ले जाया जाएगा, उस दौरान खास सावधानी बरती जाएगी।
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'राष्ट्रपति भी तीन महीने के भीतर राज्यों से आए विधेयकों पर करें फैसला', सुप्रीम कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला
माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में पहली बार राष्ट्रपति के विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समय सीमा तय कर दी है। कहा है कि राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को विचार के लिए भेजे गए विधेयकों पर राष्ट्रपति को तीन महीने में निर्णय लेना होगा।
अगर इसमें कोई देरी होती है और राष्ट्रपति तय समय में निर्णय नहीं लेते तो इसका उचित कारण रिकार्ड किया जाएगा और संबंधित राज्य को बताया जाएगा। बिल को अनिश्चितकाल के लिए दबाकर बैठ जाने पर सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि अनुच्छेद 201 में राष्ट्रपति के पास कोई पाकेट वीटो या पूर्ण वीटो नहीं है। अनुच्छेद 201 में शैल डिक्लेयर शब्द का इस्तेमाल किया गया है, जिसका मतलब है कि दो में से एक विकल्प को उन्हें चुनना होगा। या तो वह विधेयक को मंजूरी दें या फिर उस पर मंजूरी रोक लें।
राज्यपाल का कार्यालय लोकतांत्रिक परंपराओं के तहत करे कामसंवैधानिक योजना संवैधानिक अथारिटी को अपनी शक्तियों का मनमाने ढंग से इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देती। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में विधेयकों पर सहमति के बारे में राज्यपाल और राष्ट्रपति को समय सीमा के दायरे में बांध दिया है। यदि राष्ट्रपति सहमति देने में देरी करते हैं, तो संबंधित राज्य सुप्रीम कोर्ट आ सकता है। राज्यपाल के कार्यालय को लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुसार काम करना चाहिए।
तमिलनाडु सरकार ने उठाया था मुद्दायह ऐतिहासिक व्यवस्था न्यायमूर्ति जेबी पार्डीवाला और आर महादेवन की पीठ ने आठ अप्रैल को तमिलनाडु सरकार की याचिका पर दिए फैसले में दी है। तमिलनाडु सरकार ने राज्यपाल आरएन रवि द्वारा लंबे समय तक 10 विधेयकों को दबा कर बैठे रहने और विधानसभा द्वारा उन विधेयकों को दोबारा पारित कर भेजे जाने पर राष्ट्रपति के विचारार्थ भेजने का मुद्दा उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 414 पृष्ठ के फैसले में राज्यपालों और राष्ट्रपति के लिए व्यवस्था तय की है। यह फैसला शुक्रवार की देर रात सुप्रीम कोर्ट वेबसाइट पर अपलोड हुआ है।
कानून बन गए 10 विधेयक- फैसले में कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा रोक कर रखे गए 10 विधेयकों को राज्यपाल के समक्ष दोबारा विचार के लिए भेजने की तिथि से मंजूर घोषित किया है। यह पहला मौका है जब सर्वोच्च अदालत ने सीधे विधेयकों को मंजूर घोषित किया है। विधेयकों को राज्यपाल और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बगैर कोर्ट के आदेश से कानून की हैसियत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने विधेयकों को सीधे मंजूरी का फैसला संविधान के अनुच्छेद 142 में प्राप्त विशेष शक्तियों के तहत किया है।
- सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में राज्य विधानसभा से पारित विधेयकों को राज्यपाल द्वारा विचार के लिए राष्ट्रपति को भेजे जाने और राष्ट्रपति को अनुच्छेद 201 में मंजूरी देने की प्राप्त शक्तियों की विस्तृत व्याख्या की है।
- कोर्ट ने कहा है कि वैसे तो संविधान के अनुच्छेद 201 में राष्ट्रपति के निर्णय लेने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं है, लेकिन फिर भी उन्हें तर्कसंगत समय में निर्णय लेना चाहिए। राष्ट्रपति को अनुच्छेद 201 में मिली शक्ति को तर्कसंगतता के सामान्य नियम से कोई छूट प्राप्त नहीं है।
- कहा कि प्रविधान की प्रकृति, सरकारिया कमीशन, पुंछी कमीशन की रिपोर्ट व गृह मंत्रालय का चार फरवरी, 2016 को जारी मैमोरेंडम को देखते हुए राष्ट्रपति को राज्यपाल द्वारा विचार के लिए भेजे गए विधेयक पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेना चाहिए। अगर यह तय समय सीमा पार हो जाए और देरी हो जाए तो उसके उचित कारण रिकार्ड किए जाने चाहिए और संबंधित राज्य को बताए जाने चाहिए।
कोर्ट ने फैसले में कहा है कि जब कभी राज्यपाल अनुच्छेद 200 के तहत मिली शक्ति का इस्तेमाल करते हुए किसी विधेयक को पूरी तरह असंवैधानिक होने के आधार पर रोक लेते हैं और राष्ट्रपति के विचार के लिए भेजते हैं तो राष्ट्रपति को इस संवैधानिक अदालत से गाइडेड होना चाहिए। पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी है कि वह कार्यपालिका और विधायिका की कार्रवाई की वैधता और संवैधानिकता तय करे। ऐसे में राष्ट्रपति को बुद्धिमानी से काम लेते हुए संविधान के अनुच्छेद 143 में सुप्रीम कोर्ट को रिफरेंस भेज कर राय लेनी चाहिए। कोर्ट ने कहा है कि राज्यपाल के पास कोई पूर्ण वीटो नहीं है और यही नियम राष्ट्रपति पर भी लागू होता है।
पहले भी उठ चुका है विधेयकों को लटकाने का मामलावैसे तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला तमिलनाडु के मामले में आया है, जिसमें राज्यपाल द्वारा लंबे समय तक विधेयकों को दबाए रखने और दोबारा पारित होकर आने पर राष्ट्रपति को भेजे जाने का मुद्दा तमिलनाडु सरकार ने उठाया था। लेकिन, यह पहला मौका नहीं है, जबकि ऐसा हुआ हो। गुजरात कंट्रोल ऑफ टेरोरिज्म एंड आर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (गुजकोका) भी लंबे समय तक राष्ट्रपति के पास लंबित रहा और चौथी बार भेजे जाने पर 2019 में बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी। जबकि यह बिल पहली बार 2003 में राष्ट्रपति को भेजा गया था।
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Air Pollution की वजह से शहरों में Acid Rain का खतरा, IMD की रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
पीटीआई, नई दिल्ली। पूरे देश में वर्षा जल पर नजर रखने वाले एक अध्ययन में पता चला है कि इलाहाबाद, विशाखापत्तनम और मोहनबाड़ी (असम) में अम्लीय वर्षा अधिक हो रही है, जबकि थार से उठने वाली धूल जोधपुर, पुणे और श्रीनगर में बारिश को अधिक क्षारीय बना रही है। अध्ययन में भारत के दस शहरों की वर्षा के पीएच मान का विश्लेषण किया गया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान की ओर से किए अध्ययन में अधिकांश निगरानी वाले स्थानों पर पीएच स्तरों में चिंताजनक गिरावट का पता चला है। यह इस बात की ओर इशारा करती है कि शहरीकरण और औद्योगिकीकरण का वर्षा जल पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। अम्लीय (एसिडिक) और क्षारीय (अल्कलाइन) दोनों प्रकार की वर्षा के विषैले प्रभाव हो सकते हैं, जिससे जलीय और वनस्पति जीवन प्रभावित हो सकता है।
'कोई बड़ा नुकसान नहीं होता है'हालांकि विज्ञानियों ने कहा है कि अम्लीय वर्षा वर्तमान में हमारे क्षेत्र के लिए कोई बड़ा और तत्काल खतरा उत्पन्न नहीं कर रही है। पीएच जितना कम होगा, बारिश की अम्लता उतनी अधिक होगी। पीएच एक माप है जो 0 से 14 के पैमाने को इंगित करता है। कोई पदार्थ कितना अम्लीय या क्षारीय है इसके माध्यम से इसकी जानकारी होती है। इसमें सात का पैमाना न्यूट्रल है। 1987 से 2021 तक ग्लोबल एटमास्फियर वाच स्टेशनों पर किए अध्ययन में अधिकांश स्थानों पर समय के साथ पीएच में कमी पाई गई। हालांकि, टीम ने कहा कि थार रेगिस्तान से आने वाली धूल जोधपुर और श्रीनगर के वर्षा जल की अम्लीय प्रकृति का मुकाबला कर सकती है, जिससे इन शहरों में पीएच मान बढ़ सकता है।
धूल बन रही एसिड बारिश से प्रतिरोध की वजहविज्ञानियों ने कहा कि शुष्क मौसम के दौरान बारिश थोड़ी अधिक अम्लीय होती है। हालांकि, अध्ययन किए गए शहरों में से ज्यादातर में बारिश समय के साथ ज्यादा अम्लीय होती पाई गई। वाहनों और औद्योगिक गतिविधियों वाले शहरों में नाइट्रेट सबसे ज्यादा प्रभावी आवेशित कण पाया गया, जबकि जोधपुर, पुणे और श्रीनगर में कैल्शियम के आवेशित कण प्रमुख थे, जो धूल और मिट्टी के प्रभाव का संकेत हैं।
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स्टालिन की परेशानी बढ़ा सकती है BJP-AIADMK की दोस्ती, विधानसभा चुनाव का रोडमैप तैयार
अरविंद शर्मा, जागरण, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश की तरह भाजपा ने तमिलनाडु में भी सत्ता का साझीदार बनने की गंभीर कसरत शुरू कर दी है। डेढ़ वर्ष पहले एनडीए का साथ छोड़कर लोकसभा का चुनाव लड़ने वाली अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIDMK) और अन्य छोटे दलों के साथ मिलकर भाजपा ने विधानसभा चुनाव लड़ने का रोडमैप तैयार करने की पहल इसकी शुरूआत है।
2021 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव तक तीन वर्षों के दौरान सत्तारूढ़ डीएमके के वोट में छह प्रतिशत से अधिक गिरावट आई है और अन्नाद्रमुक को साथ लेकर भाजपा को इसमें उम्मीद दिखती है। वजह यह भी कि इस दौरान भाजपा के वोट में करीब तीन गुना वृद्धि हुई।
राजग को तमिलनाडु में भी फायदा मिल सकता हैपिछले विधानसभा चुनाव में एआइएडीएमके के नेतृत्व में राजग गठबंधन को 39.71 प्रतिशत एवं डीएमके के नेतृत्व में सत्तारूढ़ एसपीए को 45.38 प्रतिशत वोट मिले थे। दोनों गठबंधनों के बीच का अंतर सिर्फ 5.67 प्रतिशत वोटों का था। इस बार गठबंधन में सहजता बनी रही तो आंध्र प्रदेश की तरह राजग को तमिलनाडु में भी फायदा मिल सकता है। वैसे डीएमके नेताओं के सनातन विरोधी बयानों को भी भाजपा तमिलनाडु के एक वोट बैंक को साधने का दांव चल स्टालिन की मुश्किल बढ़ा सकती है। एआइएडीएमके के साथ एक-दो अपवाद को छोड़ दें तो भाजपा का तमिलनाडु में उसके साथ पुराना राजनीतिक सहयोग का रिश्ता है।
2023 में भाजपा और एआईडीएमके का रास्ते हुए अलगएआइएडीएमके प्रमुख दिवंगत जयललिता ने वर्ष 1998 से ही राजग का साथ दिया। वर्ष 2021 का विधानसभा चुनाव भी भाजपा ने एआइएडीएमके के साथ गठबंधन में ही लड़ा था, लेकिन सत्ता के करीब तक नहीं पहुंच पाया था। इस बीच भाजपा ने जब तेजतर्रार अन्नामलाई के हाथ में कमान सौंपी तो दोनों दलों के बीच दूरियां इतनी बढ़ी कि सितंबर 2023 में दोनों दलों का रास्ता अलग-अलग हो गया। इसका नुकसान दोनों को हुआ और लोकसभा में सुपड़ा साफ हो गया। लोकसभा का सबक दोनों दलों को अब विधानसभा चुनाव में काम आ रहा है।
जयललिता सरकार में रह चुके हैं नए तामिलनाडु बीजेपी अध्यक्षभाजपा ने अन्नामलाई के बदले जयललिता के विश्वासपात्र रहे नयनार नागेंद्रन को प्रदेश संगठन की कमान देने का इरादा जाहिर कर गठबंधन का रास्ता प्रशस्त कर दिया। भाजपा में आने से पहले जयललिता सरकार में नागेंद्रन कई मंत्रालयों का जिम्मा संभाल चुके हैं। स्टालिन सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती डीएमके का घटता वोट प्रतिशत है। 2019 के लोकसभा चुनाव में 33.52 प्रतिशत वोट मिले थे, जो 2024 में 6.59 प्रतिशत घटकर 26.93 प्रतिशत पर आ गया।
हालांकि तब भी डीएमके को 22 सीटों और कांग्रेस को नौ सीटों पर जीत मिली। दूसरी तरफ अलग-अलग चुनाव लड़ रहे भाजपा और एडीएमएके को एक भी सीट नसीब नहीं हुई। मगर इस बार भाजपा की रणनीति अतिरिक्त वोटों का जुगाड़ करने की है। इसके लिए अमित शाह ने एआइएडीएमके के अतिरिक्त अन्य छोटे दलों के साथ भी दोस्ती का संकेत दिया है।
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मौसम का बदलेगा मिजाज, दिल्ली-यूपी में आंधी-तूफान; राजस्थान में लू की चेतावनी; पढ़ें अपने राज्य का हाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Mausam Ki Jankari: दिल्ली एनसीआर में शुक्रवार शाम आई धूल भरी आंधी और छिटपुट बारिश के बाद तापमान में कमी देखने को मिली है। पिछले कुछ दिनों से जारी गर्मी के सितम से लोगों को राहत मिली है। हालांकि, इस बारिश ने किसानों को नुकसान पहुंचाया है।
इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने एक नया अपडेट दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों तक आंधी-तूफान और हल्की बारिश का सिलसिला देखने को मिलेगा। वहीं, उत्तर पश्चिम भारत और गुजरात में आगामी 15 अप्रैल से गर्मी की लहर दस्तक देगी।
आईएमडी ने हालिया जानकारी में बताया कि उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 12 अप्रैल को तथा झारखंड में 15 अप्रैल को छिटपुट ओलावृष्टि की संभावना है।
पिछले 24 घंटों के मौसम का हालपिछले 24 घंटों में मौसम में भारी बदलाव देखने को मिला। शुक्रवार शाम को दिल्ली एनसीआर समेत सटे राज्यों में आंधी पानी और हल्की बूंदाबादी देखने को मिली। जिससे तापमान में काफी कमी देखने को मिली। IMD ने बताया कि पिछले 24 घंटों में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर तूफानी हवाओं के साथ गरज के साथ बारिश हुईं। वहीं, ये सिलसिला आज और कल जारी रहने की संभावना है।
इन राज्यों में लू की चेतावनीमौसम विभाग ने कुछ राज्यों में लू को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग के ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 14 और 15 अप्रैल को पश्चिमी राजस्थान में अलग-अलग स्थानों पर लू चलने की संभावना है। वहीं, 16-18 अप्रैल के दौरान अलग-अलग स्थानों पर भीषण लू चलने की संभावना है।
विभाग के अपडेट में बताया गया कि 15-17 अप्रैल के दौरान गुजरात राज्य में अलग-अलग स्थानों पर लू चलने की संभावना है। 16-18 अप्रैल के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश में लू चलने की संभावना है।
इन क्षेत्रों में तूफान का अलर्ट- मौसम विभाग ने बताया कि अगले चौबीस घंटों में आंधी तूफान का सिलसिला कुछ राज्यों में जारी रह सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ छिटपुट बारिश के होने की संभावना है। अगले 7 दिनों के दौरान पूर्वोत्तर और उससे सटे पूर्वी भारत में गरज, बिजली और तेज हवाओं के साथ छिटपुट बारिश संभावना है।
- उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, में आने वाले कुछ समय तक धूल भरी आंधी चलने की संभावना है। इसके अलावा कुछ स्थानों पर हल्की से मध्य बारिश भी देखने को मिल सकती है।
- अगले 5 दिनों के दौरान केरल और माहे में गरज के साथ छिटपुट बारिश की संभावना है। अगले 3 दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तेलंगाना, कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा में गरज के साथ हल्की बारिश की संभावना है।
दिल्ली एनसीआर के मौसम की बात करें तो यहां पर 12 और 13 अप्रैल को आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं। वहीं, इसके बाद तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। 14 और 15 अप्रैल के बाद एक बार फिर से एनसीआर में गर्मी का सितम देखने को मिल सकता है। इस दौरान तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पार कर सकता है।
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फोन पर पत्नी को दिया तीन तलाक, महिला की शिकायत पर पति के खिलाफ दर्ज हुई FIR
पीटीआई, मलप्पुरम। केरल में तीन तलाक का मामला सामने आया है। यहां एक साल से अलग रह रही पत्नी को पति ने फोन पर तीन तलाक दिया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित पति के खिलाफ केस दर्जकर लिया है। पुलिस को दी गई महिला की शिकायत के मुताबिक पति ने महिला के पिता के फोन पर कॉल करके उसे तीन तलाक दिया है।
इन धाराओं के तहत मामला दर्जपुलिस ने बताया कि महिला की शिकायत के आधार पर आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए (क्रूरता), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 34 के साथ-साथ मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की है।
कोंडाट्टी की रहने वाली है महिलापुलिस ने बताया कि कोंडाट्टी की रहने वाली महिला पिछले एक साल से अपने पति से अलग रह रही है। उसने आरोप लगाया है कि जब वह अपने ससुराल में थी तो उसके पति और परिवार के अन्य लोगों ने क्रूरता की। इस वजह से भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जांच के बाद एक्शन लेगी पुलिसपुलिस का कहना है कि शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। मगर आगे की कार्रवाई मामले की जांच के बाद की जाएगी। इसमें यह देखा जाएगा कि महिला का दावा सही है या नहीं।
पुलिस ने फोन किया जब्तपति के खिलाफ पीड़िता ने अपनी शिकायत महिला प्रकोष्ठ में दी थी। वहां की एक अधिकारी ने कहा कि हमने वह फोन जब्त कर लिया है, जिस पर पति ने कथित तौर पर कॉल किया था। इसमें तीन तलाक देने की रिकॉर्डिंग है। हम इसकी पुष्टि करेंगे। इसके बाद आगे कदम उठाएंगे। अधिकारी ने कहा कि सत्यापन के बाद अगर जरूरत पड़ी तो एफआईआर से कुछ धाराओं को हटा दिया जाएगा।
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