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Bihar: खुशखबरी! शहरों में चलेंगी पिंक बसें, महिलाओं को ई-रिक्शा और स्कूटी खरीदने पर मिलेगी सब्सिडी

Dainik Jagran - March 3, 2025 - 7:56pm

राज्य ब्यूरो, पटना। परिवहन विभाग का नया बजट महिलाओं को उपहार देने वाला है। महिलाओं की सुरक्षित यात्रा से लेकर उन्हें परिवहन क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने तक कई नई योजनाएं वित्तीय वर्ष 2025-26 में लॉन्च की गई हैं। इस कारण बजट का आकार भी करीब 80 करोड़ बढ़ाया गया है।

इसमें योजना मद में 40 करोड़ की राशि बढ़ाई गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभागीय बजट 451.46 करोड़ था जो वित्तीय वर्ष 2025-26 में बढ़कर 530.99 करोड़ कर दिया गया है। इसमें स्कीम मद में राशि 242 करोड़ से बढ़कर 282 करोड़ कर दी गई है।

इन शहरों में चलेंगी पिंक बसें

परिवहन विभाग की ओर से पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया समेत राज्य के प्रमुख शहरों में पिंक बसें चलाई जाएंगी। सबसे खास बात यह कि इन बसों में सवारी, ड्राइवर और कंडक्टर सभी महिलाएं होंगी।

इसके लिए परिवहन विभाग महिलाओं को ड्राइवर और कंडक्टर का विशेष प्रशिक्षण दिलाएगा। राज्य के प्रमुख शहरों में महिला वाहन परिचालन प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जाएगी, जिसमें प्रशिक्षक भी महिलाएं ही होंगी।

33 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाएगा

परिवहन निगम से ड्राइवर, कंडक्टर और डिपो मेंटेनेंस स्टाफ के पदों पर महिलाओं के लिए एक तिहाई यानी 33 प्रतिशत पद आरक्षित कराए जाएंगे।

महिला स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए महिला चालकों को नगद अनुदान भी दिया जाएगा। महिला चालकों को ई-रिक्शा एवं दोपहिया वाहन के व्यावसायिक परिचालन के उद्देश्य से खरीद के लिए अनुदान का प्रविधान किया गया है।

जल्द चलेंगी 400 ई-बसें, ई-वाहन खरीद पर अनुदान:
  • परिवहन विभाग की योजना है कि नए वित्तीय वर्ष में राज्य में 400 ई-बसों का परिचालन शुरू कर दिया जाए। यह बसें पटना, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, दरभंगा और पूर्णिया शहरों में चलेंगी।
  • बिहार इलेक्ट्रिक वाहन नीति के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के ई-वाहन तथा उनके चार्जिंग स्टेशनों को प्रोत्साहित करने के लिए भी अनुदान और टैक्स में छूट का प्रविधान किया गया है।

विभागीय जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना के तहत अब तक 132 लाभुकों को 6.60 करोड़ रुपये का भुगतान वाहन खरीद पर दिया गया है।

ग्राम परिवहन योजना के तहत 45 हजार लाभुकों को अनुदान दिया गया है। इसके तहत 670 लाभुकों के द्वारा एंबुलेंस की खरीद की गई है।

विकास की सूरत गुलाबी

कभी उन्हें देहरी में दबोच कर रखा गया तो कभी पर्दे के भीतर। विवशता में इस जमात ने उसे ही अपनी नियति मान लिया था, जबकि वे आधी आबादी हैं। तब उन्हें अपनी हैसियत का अहसास भी नहीं था। अब वे मुखर हैं और बुलंद भी। वे बिहार की महिलाएं हैं, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सकारात्मक सोच और सफल नीतियों की बदौलत राजनीति से लेकर नौकरी-रोजगार तक में सफलता के परचम लहरा रहीं।

उनका यह परचम और बुलंद हो, इसके लिए नए वित्तीय वर्ष (2025-26) के बजट में सरकार ने बहुआयामी घोषणाएं की हैं। बजट में महत्वपूर्ण 52 घोषणाएं हैं, जिनमें से 12 नितांत आधी आबादी के हित में। बाद बाकी घोषणाओं का लाभ भी वे पुरुषों के जैसे ही ले सकती हैं। वस्तुत: यह बढ़ते बिहार की बानगी है और सरकार के दृष्टिकोण का एक नमूना भी।

सरकार चाहती है कि विकास की पटरी पर दोनों पहिए बराबर चाल से आगे बढ़े, तभी मंजिल तक पहुंच पाएंगे। पुरुषों की तरह जब महिलाएं भी सशक्त-समर्थ होंगी तभी बिहार के विकास की दर दहाई अंक में बनी रहेगी और तभी प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि होगी। नीतीश सरकार का यही लक्ष्य है। इसीलिए अपनी सत्ता के शुरुआती दौर में उन्होंने लड़कियों की शिक्षा और पंचायती राज के साथ नौकरियों में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की।

बाद में जीविका के माध्यम से गरीब ग्रामीण महिलाओं को कमाऊ बनाया गया। वह पहल अब शहरों तक बढ़ आई है। उसके आगे अब उनके लिए वेंडिंग जोन में स्थान आवंटित होगा। चलंत व्यायामशाला बनाया जाएगा, जिसकी शुरुआत पटना से होगी। नए वित्तीय वर्ष के बजट में इसका प्रविधान कर दिया गया है। संकोच खुलेआम न हो, इसके लिए सभी प्रमुख शहरों में पिंक टायलेट बनेंगे और कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास भी।

उनके आवागमन के लिए पिंक बसें चलेंगी, जिनमें ड्राइवर और खलासी भी महिलाएं ही होंगी। परिवहन निगम के मेंटेंनेंस विभाग में 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा, तो प्रमुख शहरों में उनके लिए चालक प्रशिक्षण केंद्र खुलेंगे। महिला सिपाहियों को रहने के लिए किराये पर कमरा लेकर दिया जाएगा।

ई-रिक्शा और दोपहिया की खरीद पर अनुदान मिलेगा तो वे पर्यटक गाइड भी बनाई जाएंगी। इन सबके आगे सरकार की दृष्टि में गांव-जवार का वह कोना भी है, जहां बेटियों के बरात के स्वागत हेतु गरीबों के पास जगह नहीं। अब सभी पंचायतोंं में कन्या विवाह मंडप का निर्माण होगा, जहां बैंड-बाजा और जश्न के बीच बेटियों के हाथ पीले होंगे।

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Bihar Land Mutation: लैंड म्यूटेशन को लेकर सरकार ने फिर जारी की गाइडलाइन, जमीन मालिकों को होगा फायदा

Dainik Jagran - March 3, 2025 - 7:43pm

राज्य ब्यूरो, पटना। ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त दाखिल-खारिज याचिकाओं के निष्पादन के बाद जो लिपिकीय या गणितीय त्रुटियां रह जाती हैं, उसमें सुधार के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी समाहर्ताओं को पत्र लिखा है।

पत्र में कहा गया है कि दाखिल-खारिज संबंधी आदेश पारित करने के दौरान की गई लिपिकीय या गणित संबंधी भूल या किसी आकस्मिक भूल या लोप से हुई गलतियां अंचल अधिकारियों द्वारा स्वप्रेरणा से या किसी पक्षकार के आवेदन पर शुद्ध की जा सकेगी। अंचल अधिकारी इस शुद्धि से सभी पक्षों को सूचित करेंगे।

अंचल अधिकारियों को लिपिकीय या टंकण संबंधी भूल के कारण क्रेता,विक्रेता की विवरणी, जमाबंदी, खतियानी रैयत के नाम-पता में हुई त्रुटि या लोप एवं लगान की राशि से संबंधी त्रुटि में संशोधन का अधिकार दिया गया है।

दाखिल-खारिज में कैसे होगा संशोधन?

पत्र में कहा गया है कि दाखिल-खारिज वादों के निष्पादन के दौरान पारित आदेश में अगर लिपिकीय एवं टंकण संबंधी भूल के कारण खाता्, खेसरा या रकबा में कोई गलती हो गई हो या मिलजुमला खेसरा होने की वजह से कोई अन्य जमाबंदी प्रभावित हुई हो तो उसमें संशोधन के लिए अलग प्रक्रिया का अनुसरण करना होगा।

प्रक्रिया के मुताबिक अंचल अधिकारी सिविल प्रक्रिया संहिता-1908 की धारा-152 के प्रविधानों के मुताबिक आत्मभारित आदेश पारित करते हुए पहले पारित भूल के आदेश को निरस्त करेंगे। फिर सही खाता,खेसरा, रकबा या अलग-अलग खेसरा के रकबा के दाखिल-खारिज का आदेश पारित करेंगे।

अगर रैयत के दस्तावेज में गलती है तो क्या होगा?
  • सचिव के पत्र में बताया गया है कि कई बार रैयत द्वारा क्रय किए गए दस्तावेजों में ही खाता, खेसरा और रकबा गलत दर्ज रहता है। उसी के कारण दाखिल-खारिज संबंधी आदेश गलत पारित हो जाता है।
  • त्रुटिपूर्ण जमाबंदी सृजित हो जाती है। ऐसी स्थिति में भूमि सुधार उपसमाहर्ता के समक्ष अपील दायर किया जाएगा जिसे सुनवाई की पहली तारीख को ही अंचल अधिकारी के आदेश को निरस्त कर दिया जाएगा।

राजस्व अधिकारियों से अनजाने में हुई गलतियों का खामियाजा आम जनता को नहीं भुगतना पड़े, इसलिए हमने यह व्यवस्था की है। वर्तमान में किसी भी गणितीय या लिपिकीय भूल में सुधार के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता के समक्ष अपील दायर करना पड़ता है, जिसमें लोगों को परेशानी होती है। नई व्यवस्था में गलतियों का सुधार अंचल अधिकारी के कार्यालय से ही हो जाएगा। इससे लोगों को काफी सुविधा होगी। - संजय सरावगी, मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार।

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बिहार में जल्द लागू होने वाली है एक नई नीति, आसमान छूएगी प्रदेश की इकोनॉमी; नीतीश सरकार ने बनाया धांसू प्लान

Dainik Jagran - March 3, 2025 - 7:13pm

राज्य ब्यूराे, पटना। बिहार में नीतीश सरकार ने बजट की घोषणा कर दी है। निवेशकों की जरूरतों के हिसाब से सरकार इसी वर्ष नयी औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति लाएगी।

कई अन्य क्षेत्र के उद्योगों के लिए भी नयी पॉलिसी आएगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में इस बात का प्रविधान किया गया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास को गति देने व निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से एक गतिशील तंत्र के रूप में काम करेगी नयी औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति।

नयी औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति निवेशकों की जरूरतों को सहयोग देते हुए निवेश के लिए राज्य को एक आकर्षक केंद्र के रूप में विकसित करने को सहयोग करेगी। इसका लाभ राज्य में आर्थिक गतिविधियों के विकास के साथ-साथ रोजगार सृजन के रूप में भी होगा।

उद्योग तथा संबंधित क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास के लिए औद्योगिक रोडमैप तैयार किया जाएगा। पटना, मुजफ्फरपुर तथा पूर्णिया की तर्ज पर राज्य में खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से दरभंगा, मुंगेर, गया, सारण, भागलपुर तथा सहरसा में भी खादी माल का निर्माण कराया जाएगा।

अब तक इतने करोड़ रुपये हुए खर्च

बिहार स्टार्ट अप पॉलिसी के बारे में यह बताया गया कि अब तक 186 निबंधित स्टार्टअप को 51.27 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है।

स्थायी और वैकल्पिक ईंधन के उपयाेग को प्रोत्साहित कर राज्य के प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम मूल्यवर्धन कर रोजगार सृजन के उद्देश्य से बिहार बायो फ्यूएल्स उत्पादन प्रोत्साहन (संशोधन) नीति 2025 को लागू किया जाएगा।

पर्यावरणीय चुनौतियों एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों को बाजार की मांग के कारण निजी कंपनियों व तेल कंपनियों द्वारा बिहार में कांपेस्ड बायो गैस इकाईयों की स्थापना का जाएगी।

किसानों की आय में वृद्धि व पर्यावरणीय स्थिरता के साथ सतत औद्योगिक विकास और संतुलित क्षेत्रीय विकास काे बढ़ावा देने के लिए बिहार खाद्य प्रसंस्करण नीति 2025 लायी जाएगी।

लागू होगी यह भी पॉलिसी
  • बिहार को एक प्रमुख फार्मास्यूटिकल और चिकित्सा उपकरण विनिर्माण केंद्र के रूप में बढ़ावा देने के लिए इसी वर्ष बिहार फार्मास्यूटिकल प्रमोशन पॉलिसी लायी जाएगी।
  • इसी तरह प्रदेश में प्लास्टिक विनिर्माण क्षेत्र आर्थिक विकास के रूप में अपना योगदान और बढ़ाए इसे केंद्र में रख बिहार प्लास्टिक विनिर्माण प्रोत्साहन नीति भी इस वर्ष लायी जाएगी।
  • उद्यमिता विकास संस्थान का जीर्णोद्धार कर इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा। गुड़ के लिए एक सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना समस्तीपुर के पूसा में होगी।

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Sebi permits all NBFCs, HFCs to invest in security receipts by Asset Reconstruction Cos

Business News - March 3, 2025 - 7:00pm
Markets regulator Sebi has allowed all non-banking financial companies (NBFC), including housing finance companies, to invest in security receipts issued by Asset Reconstruction Companies (ARCs), a move aimed at encouraging investments in the bad loans space. This has widened the scope of participants who can acquire security receipts from ARCs, thereby boosting liquidity in the distressed asset market. ARCs are set-up to acquire bad loans from banks and financial institutions after appropriate haircuts and issue security receipts (SRs). In a gazette notification issued on February 28, Sebi said, "all NBFCs including HFCs regulated by the Reserve Bank of India (RBI) are hereby specified as qualified buyers for the purposes of SARFAESI Act (the Securitisation and Reconstruction of Financial Assets and Enforcement of Security Interest Act, 2002 (54 of 2002)". This comes with safeguards to avert defaulting promoters from claiming back the secured assets through SRs. Sebi said that such "NBFCs including HFCs will have to ensure that the defaulting promoters or their related parties do not directly or indirectly gain access to secured assets through security receipts; and such NBFCs including HFCs shall comply with such other conditions as the RBI may specify from time to time". As per the SARFAESI Act, only qualified buyers can invest in security receipts.
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