National News
'बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों का नेटवर्क ध्वस्त करो', अमित शाह ने तैयार किया दिल्ली का सुरक्षा प्लान
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। डबल इंजन सरकार के साथ दिल्ली को सुरक्षित बनाने का रोडमैप तैयार हो गया है। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, गृह मंत्री आशीष सूद, दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा व दिल्ली सरकार व केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में इस रोडमैप को हरी झंडी दे दी।
रोडमैप में रोहिंग्या व बांग्लादेशियों के अवैध नेटवर्क को ध्वस्त करने, अंतरराज्यीय गैंगस्टर गिरोहों के खिलाफ निर्दयता के साथ कार्रवाई करने के साथ ही थाना स्तर पर जन समस्याओं को सुनने व निपटाने की पूरा प्रविधान मौजूद है।
घुसपैठियों पर होगी कार्रवाईअमित शाह ने कहा कि दिल्ली की डबल इंजन सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपेक्षाओं के अनुरूप विकसित दिल्ली-सुरक्षित दिल्ली के लिए दुगुनी गति से काम करेगी। बैठक में दिल्ली को सुरक्षित बनाने के लिए अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठ की समस्या से निपटने पर विस्तार से चर्चा हुई।
(फोटो: @AmitShah)
अमित शाह ने साफ किया कि अवैध घुसपैठियों का मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा है और इनके खिलाफ पूरी सख्ती के साथ कार्रवाई हो, जिसमें इन्हें चिन्हित कर वापस बांग्लादेश या म्यांमार भेजना सुनिश्चित करना भी शामिल है।
नेटवर्क के खिलाफ होगी कार्रवाई- उन्होंने कहा कि दिल्ली में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के देश में घुसने से लेकर उनके दस्तावेज बनवाने और यहां रहने में मदद करने वाले पूरे नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
- अमित शाह ने कहा कि देश की राजधानी में कानून-व्यवस्था में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि लगातार खराब प्रदर्शन करने वाले पुलिस थानों और सब-डिविजन के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। इस सिलसिले में दिल्ली में सक्रिय अंतरराज्यीय गैंगस्टर गिरोहों पर भी चर्चा हुई।
- शाह ने साफ किया कि इन्हें समाप्त करना दिल्ली की प्राथमिकता होनी चाहिए और उनके खिलाफ पूरी निर्दयता से कार्रवाई करनी होगी। इसी तरह से उन्होंने ड्रग्स तस्करी के मामले में टॉप टू बॉटम और बॉटम टू टॉप अप्रोच के साथ काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसी मामले में उससे जुड़े पूरे नेटवर्क का पता लगाकर ध्वस्त करना होगा।
दिल्ली में दशकों से किसी भी निर्माण के लिए दिल्ली पुलिस की इजाजत लेने का नियम चला आ रहा था। अमित शाह ने इसे तत्काल खत्म करने को कहा। शाह ने स्पष्ट निर्देश दिया कि दिल्ली में निर्माण से संबंधित मामलों में दिल्ली पुलिस की परमिशन की जरुरत नहीं होनी चाहिए।
दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित वातावरण देकर आमजन की समस्याओं का निराकरण हमारी प्राथमिकता है। DCP स्तर के अधिकारी जन-सुनवाई कैंप आयोजित कर जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करें।
लॉ एंड ऑर्डर में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।… pic.twitter.com/angAqTNWfn
— Amit Shah (@AmitShah) February 28, 2025इसी तरह से कानून-व्यवस्था से जुड़ी जनता की शिकायतों पर सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए अमित शाह ने डीसीपी स्तर के अधिकारी थाना स्तर पर जाकर जन-सुनवाई कैंप लगाने का निर्देश दिया और जनता की समस्याओं के त्वरित निराकरण करने को कहा। वहीं झुग्गी झोपड़ी क्लस्टर में महिलाओं व महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए नई सुरक्षा समितियां बनाई जाएंगी, जिनमें पुलिस अधिकारी के साथ-साथ स्थानीय लोगों की भी भागीदारी होगी।
जाम और जलभराव का होगा समाधानअमित शाह ने 2020 के दिल्ली दंगों की सुनवाई में हो रही देरी को गंभीरता से लेते हुए इसे जल्द पूरा करने के लिए कदम उठाने को कहा। इन मामलों के जल्द निपटान के लिए दिल्ली सरकार विशेष अभियोजक नियुक्त करेगी। शाह ने दिल्ली पुलिस में अतिरिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू करने का भी निर्देश दिया।
बैठक में दिल्ली में रोजाना लगने वाले जाम व मानसून के दौरान जलभराव की समस्या पर भी चर्चा हुई। शाह ने दिल्ली पुलिस को रोजाना जाम लगने वाले स्थानों को चिन्हित करने का निर्देश दिया और दिल्ली पुलिस आयुक्त व मुख्य सचिव को मिलकर इसका त्वरित हल निकालने को कहा। उन्होंने जलभराव के स्थानों को चिन्हित करने और इससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार को 'मानसून एक्शन प्लान' बनाने को कहा।
यह भी पढ़ें: जरूरतमंद बच्चों की देखभाल भी नहीं कर सकी पिछली सरकार, CAG Report में हुआ नया खुलासा
नौकरी के सालभर के भीतर हो जाए मौत तो मिलेगा न्यूनतम 50 हजार का बीमा लाभ, हर साल 5 हजार लोगों को फायदा
पीटीआई, नई दिल्ली। श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में कर्मचारी जमा-लिंक्ड बीमा (ईडीएलआई) योजना के तहत बीमा लाभ बढ़ाने सहित कई फैसले लिए गए।
ईडीएलआई योजना के बीमांकित मूल्यांकन के बाद, बोर्ड ने सदस्यों के परिवार को अधिक वित्तीय सुरक्षा और सहायता प्रदान करने के लिए योजना में प्रमुख संशोधनों को मंजूरी दी।
मंत्रालय ने कहा कि बोर्ड ने सेवा के एक वर्ष के भीतर मृत्यु होने पर न्यूनतम लाभ की शुरुआत को मंजूरी प्रदान की। अगर किसी ईपीएफ सदस्य की मृत्यु एक वर्ष की निरंतर सेवा पूरी किए बिना हो जाती है तो उसे न्यूनतम 50,000 रुपये का जीवन बीमा लाभ प्रदान किया जाएगा। इस संशोधन के परिणामस्वरूप हर साल सेवा के दौरान मृत्यु होने के 5,000 से अधिक मामलों में लाभ मिलने की उम्मीद है।
Modi Government's Commitment to Labour Welfare!
Chaired the 237th meeting of the Central Board of Trustees, EPF in New Delhi. The Board has recommended an 8.25% interest rate on EPF for FY 2024-25. Key modifications in the EDLI Scheme were also approved which will enhance… pic.twitter.com/7hz6ByHi10
सेवा में रहते हुए योगदान जमा नहीं होने पर भी मिलेगा ईडीएलआइ का लाभ
सीबीटी ने उन सदस्यों के लिए भी लाभ को मंजूरी प्रदान कर दी है, जो सेवा में तो रहते हैं, लेकिन उनका योगदान जमा नहीं होता है। पहले ऐसे मामलों में ईडीएलआइ का लाभ देने से मना कर दिया जाता था, लेकिन अब अगर अंतिम अंशदान के छह महीने के अंदर किसी कर्मचारी का निधन हो जाता है तो उसे ईडीएलआइ का लाभ मिलेगा, बशर्ते सदस्य का नाम संस्थान ने अपने रजिस्टर से नहीं हटाया हो। संशोधन के परिणामस्वरूप हर साल इस तरह से मृत्यु के 14,000 से अधिक मामलों में लाभ मिलने का अनुमान है।
एक से दूसरी नौकरी के बीच दो महीने तक के अंतराल को माना जाएगा निरंतर सेवा
सीबीटी ने योजना के तहत सेवा निरंतरता पर विचार करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की है। इससे पहले, दो प्रतिष्ठानों में रोजगार के बीच एक या दो दिन (जैसे सप्ताहांत या छुट्टियां) का अंतर होने पर न्यूनतम 2.5 लाख रुपये और अधिकतम सात लाख रुपये के ईडीएलआइ लाभ से इन्कार कर दिया जाता था, क्योंकि एक वर्ष की निरंतर सेवा की शर्त पूरी नहीं होती थी।
नए संशोधनों के तहत, दो प्रतिष्ठानों में नौकरी के बीच दो महीने तक के अंतराल को अब निरंतर सेवा माना जाएगा, जिससे अधिक मात्रा में ईडीएलआइ लाभ के लिए पात्रता सुनिश्चित होगी। नियमों में संशोधन से प्रत्येक वर्ष सेवा में मृत्यु के 1,000 से अधिक मामलों में लाभ मिलने की उम्मीद है।
यह भी पढ़ें: 'भारत जैसा कोई दूसरा देश ही नहीं...', कोलकाता में बोले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, कहा- हमने दुनिया को दिखाई राह
मणिपुर में उग्रवादियों ने मैतेई धार्मिक स्थल पर की गोलीबारी, मौके पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर में अज्ञात उग्रवादियों ने शुक्रवार को इंफाल पूर्वी जिले में एक मैतेई धार्मिक स्थल के आसपास की पहाड़ियों से गोलीबारी की। हालांकि, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना सुबह करीब साढ़े नौ बजे हुई, उस वक्त हुई जब भारी सुरक्षा घेरे में श्रद्धालुओं का समूह प्रार्थना करने के लिए मैतेई के पवित्र स्थल कोंगबा मारू में पहुंचा था। आसपास की पहाड़ियों से कुल सात राउंड गोलियां चलाई गईं, लेकिन इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ।
मौके पर भेजे गए अतिरिक्त सुरक्षा बलइस घटना के बाद अतिरिक्त सुरक्षा बलों को घटनास्थल पर भेजा गया है। गोलीबारी के बाद आसपास के गांवों के स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और वाहनों का आवागमन अवरुद्ध कर दिया।
हथियार सरेंडर करने की समयसीमा बढ़ीमणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लूटे गए और अवैध हथियारों को सरेंडर करने की समय सीमा छह मार्च शाम चार बजे तक बढ़ा दी है। बयान में कहा गया है कि हथियारों के स्वैच्छिक समर्पण के लिए सात दिन की समय सीमा समाप्त होने पर घाटी और पहाड़ी दोनों क्षेत्रों से इस अवधि को बढ़ाने का अनुरोध किया गया है।
हथियारों को सरेंडर करने पर नहीं होगी कार्रवाईइन अनुरोधों पर विचार कर समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया गया है। इस अवधि में हथियार सरेंडर करने वालों पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। इससे पहले भल्ला ने 20 फरवरी को लोगों से हथियारों को सात दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करने का आग्रह किया था, जिसकी समय सीमा गुरुवार को समाप्त हो गई। सात दिनों की अवधि में लोगों ने 300 से अधिक हथियार सरेंडर किए।
पुलिस को दिए गए ये निर्देशइस बीच मणिपुर के कांगपोकपी जिले के एसपी ने पुलिसकर्मियों को अवैध संगठनों की मांगो के आगे न झुकने का निर्देश दिया है। कांगपोकपी के एसपी मनोज प्रभाकर द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि पता चला है कि कुछ अवैध संगठन कांगपोकपी में पुलिसकर्मियों से पैसे की मांग कर रहे हैं।
कांगपोकपी जिला पुलिस के सभी कर्मियों को निर्देश दिया जाता है कि वे मांग पूरी न करें। पीड़ित कर्मियों को किसी भी आपात स्थिति में एसपी कांगपोकपी के कार्यालय से संपर्क करने का निर्देश दिया गया है।
यह भी पढ़ें: Manipur: मणिपुर में सुरक्षा बलों का एक्शन, चूड़ाचांदपुर में उखाड़ फेंकी अवैध चौकियां
यह भी पढ़ें: मणिपुर राज्यपाल की अपील के बाद लूटे गए हथियार लौटा रहे हैं लोग, शांति कायम करने की दिशा यह बड़ा कदम
बेंगलुरु में जान पर खेलकर लोगों ने हथियारबंद चोर को धर दबोचा, जमकर की पिटाई और...
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बेंगलुरु में आम लोगों ने चोर गिरोह के एक सदस्य को आड़े हाथों लिया। शहर के एमजी रोड पर चोरों के गिरोह का लोगों ने पीछा किया। इसके बाद गिरोह का एक व्यक्ति को लोगों ने पकड़ लिया। इसके बाद भीड़ ने उसकी जमकर पिटाई की और आरोपी को कब्बन पार्क पुलिस के हवाले कर दिया।
पर्यटक स्थानों पर घूमता था गिरोहजानकारी सामने आई कि गिरोह में शामिल लोगों को चाकुओं के साथ कई बार सड़कों पर घूमता देखा गया है। यह गिरोह उन जगहों पर घूमते थे, जहां अक्सर पर्यटक घूमते रहते हैं। हाल ही में गिरोह ने एक महिला को निशाना बनाया था।
यह भी पढ़ें: Bengaluru: पुलिस वाला बना दरिंदा, बलात्कार की शिकायत लेकर पहुंची पीड़िता के साथ किया रेप; आरोपी कॉन्स्टेबल गिरफ्तार
मार्च में संसद में पेश होगा वक्फ विधेयक, 14 बदलावों पर कैबिनेट की मुहर; जानिए क्या-क्या बदलने वाला है
एजेंसी, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हरी झंडी मिल गई है। 10 मार्च से 4 अप्रैल तक बजट सत्र का दूसरा चरण चलेगा। इसी दौरान वक्फ संशोधन विधेयक संसद में पेश किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक 19 फरवरी को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में 14 बदलावों को मंजूरी दी गई है।
विधेयक में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को भी शामिल करने का प्रस्ताव है। 13 फरवरी को वक्फ विधेयक से जुड़ी जेपीसी रिपोर्ट जब संसद में पेश की गई तब विपक्ष ने इस पर खूब हंगामा किया।
रिजिजू ने पेश किए थे दो विधेयकपिछले साल 8 अगस्त को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक- 2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक- 2024 पेश किए थे। इन विधेयकों का उद्देश्य वक्फ बोर्ड के काम को व्यवस्थित और वक्फ संपत्तियों का कुशल प्रबंधन करना है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक- 2024 का उद्देश्य वक्फ अधिनियम- 1995 में संशोधन करना है ताकि वक्फ संपत्तियों के विनियमन और प्रबंधन में आने वाली समस्याओं को खत्म किया जा सके।
क्यों निरस्त होगा 1923 का कानून?मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक- 2024 का उद्देश्य मुसलमान वक्फ अधिनियम-1923 को निरस्त करना है। यह कानून अंग्रेजों के समय का है और आज के हिसाब से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के लिए अपर्याप्त है। इसके निरस्त करने के पीछे की एक वजह यह भी है कि वक्फ संपत्तियों के प्रशासन, प्रबंधन में एकरूपता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
इन 14 बदलावों को मिली मंजूरी- वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का नाम बदलकर प्रस्तावित नाम 'एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास विधेयक' होगा।
- राज्य वक्फ बोर्डों में मुस्लिम ओबीसी समुदाय से एक सदस्य होगा।
- बोर्ड में महिलाओं को मिलेगी जगह।
- गैर-मुस्लिम भी होंगे बोर्ड का हिस्सा।
- छह महीने के भीतर सभी वक्फ संपत्तियों का विवरण केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
- वक्फ बोर्ड की संपत्तियां सीमित होंगी।
- सभी रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण होगा।
- बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारी सीआईओ के तौर पर नियुक्त होगा।
- ऑडिट प्रणाली को बेहतर किया जाएगा।
- संपत्तियों के देखरेख में जिलाधिकारी की भूमिका बढ़ेगी।
- सरकार का अधिकारी तय करेगा कि संपत्ति वक्फ है या नहीं।
- वक्फ संपत्तियों के दावे के लिए सत्यापन प्रक्रिया अनिवार्य।
- अवैध कब्जों को रोका जाएगा।
- संपत्ति के अनाधिकृत हस्तांतरण पर कड़ी सजा का प्रावधान।
वक्फ विधेयक पर कुल 67 बदलाव प्रस्तावित किए गए थे। भाजपा और सहयोगी दलों के 23 प्रस्तावों को जेपीसी ने स्वीकार कर लिया था। वहीं विपक्ष के 44 बदलावों को खारिज कर दिया था। हालांकि मतदान के बाद सिर्फ 14 बदलावों को मंजूरी मिली। अब केंद्रीय कैबिनेट ने भी जेपीसी के इन बदलावों को मंजूरी दी है। बता दें कि जेपीसी में भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 16 और विपक्ष के 10 सांसद थे।
यह भी पढ़ें: 'ईद पर न खरीदें भेड़, दावत और कुर्बानी से बचें', इस मुस्लिम देश ने अपने लोगों से की अपील
6 देशों में भूकंप; भारत से ताजिकिस्तान... नेपाल से पाकिस्तान, 24 घंटे में कहां-कहां डोली धरती?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले 24 घंटे में असम से पाकिस्तान तक लगभग 6 बार धरती भूकंप के झटकों से हिली। शुक्रवार की रात नेपाल में 5.5 तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके बिहार और असम तक महसूस किए गए। लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप भारतीय समयानुसार रात में 2:36 बजे आया। सुबह 5:14 बजे पाकिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए। आइए जानते हैं पिछले 24 घंटे में कहां-कहां भूकंप आया?
नेपाल में केंद्र... पटना से दार्जिलिंग तक झटकेराष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के मुताबिक नेपाल में आए भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.5 थी। राजधानी काठमांडू से लगभग 65 किलोमीटर पूर्व सिंधुपालचौक जिले के भैरवकुंडा में इसका केंद्र था। हालांकि अभी तक किसी के हताहत या नुकसान होने की कोई खबर नहीं है। मगर झटके काफी तेज थे। लोग अपने घरों से बाहर निकल आए थे। नेपाल में आए भूकंप के झटके पटना, सिक्किम और दार्जिलिंग तक महसूस किए गए। इसके अलावा तिब्बत तक धरती डोली है।
पाकिस्तान में भूकंपशुक्रवार की सुबह 5:14 बजे दूसरा भूकंप पाकिस्तान में आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई। भूकंप का केंद्र पाकिस्तान के बरखान के पास था। 16 फरवरी को भी पाकिस्तान में भूकंप आया था। हालांकि अभी तक यहां भी किसी भी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं है।
यहां भी आए भूकंप- 27 फरवर को म्यांमार, तिब्बत, ताजिकिस्तान और असम में भूकंप आया। असम के मोरीगांव में रात 2:25 बजे तेज झटकों से लोगों की नींद खुल गई। इसके झटके ओडिशा और पश्चिम बंगाल तक महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.0 मापी गई।
- 27 फरवरी को सुबह 6:27 बजे ताजिकिस्तान में भूकंप से धरती डोल उठी। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 रही। यहां भी किसी प्रकार के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
- तिब्बत में 27 फरवरी की दोपहर 2:48 बजे 4.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके कुछ घंटे बाद शाम 5:10 बजे म्यांमार में लोगों में भूकंप के झटके महसूस किए। रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.2 रही।
कुछ दिन पहले दिल्ली में भी 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था। मगर इसके झटके काफी शक्तिशाली थे। दिल्ली सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र में आता है। नेपाल भी दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में शामिल है। यहां भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है।
नेपाल में भारतीय टेक्टोनिक प्लेट सालाना लगभग 5 सेमी की दर से यूरेशियन प्लेट को उठा रही है। इसकी वजह से हिमालय भी ऊपर उठ रहा है और पृथ्वी की सतह के नीचे भारी तनाव पैदा हो रहा है। जब यह तनाव चट्टानों की क्षमता से अधिक हो जाता है तो यह भूकंप बन जाता है। 2015 में नेपाल में एक विनाशकारी भूकंप आया था। 7.8 तीव्रता के इस भूकंप में 9,000 से अधिक लोगों की जान गई थी। 10 लाख से अधिक इमारतों को नुकसान पहुंचा था।
यह भी पढ़ें: यूपी-उत्तराखंड समेत 14 राज्यों में बारिश का अलर्ट, यहां आंधी और ओले गिरने की चेतावनी; 5 मार्च तक ऐसा रहेगा मौसम
Pune Rape Case: 13 टीमें, खोजी कुत्ते और ड्रोन... खेत में छिपा बैठा था दरिंदा, 70 घंटे बाद गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस ने पुणे के स्वारगेट बस अड्डे पर युवती से दुष्कर्म करने वाला आरोपी दत्तात्रेय रामदास गाडे को गिरफ्तार कर लिया है। हिस्ट्रीशीटर आरोपी की तलाश में 13 टीमें जुटी थीं। इस अभियान में खोजी कुत्ते से लेकर ड्रोन तक की मदद ली गई।
करीब 70 घंटों के बाद पुलिस ने आरोपी को पुणे के शिरूर तहसील के गुनात गांव के शिवर से गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान दत्तात्रय रामदास गाडे के नाम से हुई है।
सिर पर था 1 लाख का इनामपुलिस ने आरोपित का सुराग देने वाले को एक लाख का इनाम देने का एलान भी किया था। गाडे ने 25 फरवरी को पुणे के व्यस्ततम बस अड्डे स्वारगेट पर सुबह छह बजे एक 26 वर्षीय युवती के साथ राज्य परिवहन की एक खड़ी बस में दुष्कर्म किया था।
सीसीटीवी कैमरों से हुई पहचानपुलिस ने आरोपित की पहचान बस अड्डे पर लगे सीसीटीवी कैमरों से की है। कैमरे में वह युवती के साथ निर्जन स्थान पर खड़ी बस की ओर जाता दिख रहा है।
गन्ने के खेतों में छिपा था आरोपी- पुलिस का कहना है कि वारदात के बाद आरोपी एक सब्जी के ट्रक में छुपकर अपने गांव गुनात पहुंचा।
- घर पहुंचने के बाद उसने कपड़े और जूते बदले और वहां से भाग गया। पुलिस को संदेह था कि वह गांव के आसपास ही गन्ने के खेतों में छिपा है।
- गुरुवार दोपहर को कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और 100 से अधिक पुलिसकर्मी गुनात गांव पहुंचे और खोजी कुत्तों व ड्रोनों की मदद से खेतों में तलाशी अभियान चलाया।
पुलिस ने गाडे की करीबी एक महिला को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। उसने बताया कि गाडे अक्सर कई महिलाओं को परेशान करता था और उनके फोन नंबर उसके माध्यम से मांगता था। पुलिस के अनुसार गाडे पर चेन खींचने और चोरी जैसे करीब आधा दर्जन मामले पहले से दर्ज हैं।
बस में किया था रेपपुणे के स्वर्गेट महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) जो सबसे बड़ा बस डिपो में से एक है, वहीं ये रेप की घटना घटी। पीड़िता के अनुसार, वह मंगलवार सुबह करीब 5:45 बजे सतारा जिले के फलटण के लिए एक प्लेटफॉर्म पर बस का इंतजार कर रही थी, तभी गाडे ने उसे बातों में उलझा लिया।
गाडे उसे 'दीदी' कहकर बुलाने लगा और कहने लगा कि सतारा के लिए बस दूसरे प्लेटफॉर्म पर आ गई है। वह उसे दूसरी जगह खड़ी एक खाली 'शिव शाही' एसी बस में ले गया। चूंकि बस के अंदर की लाइटें जल नहीं रही थीं, इसलिए वह बस में चढ़ने से हिचकिचाई, लेकिन उस आदमी ने उसे आश्वस्त किया कि यह सही वाहन है।
मेडिकल क्षेत्र में काम करने वाली महिला ने पुलिस को बताया कि इसके बाद गाडे भी उस बस में चढ़ा और उसने उसके साथ बलात्कार किया।
सोर्स - समाचार एजेंसी एएनआई और पीटीआई के इनपुट के अनुसार।
यूपी-उत्तराखंड समेत 14 राज्यों में बारिश का अलर्ट, यहां आंधी और ओले गिरने की चेतावनी; 5 मार्च तक ऐसा रहेगा मौसम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दो मार्च से उत्तर पश्चिम भारत में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इसकी वजह से मौसम का मिजाज बदलेगा। मगर दो मार्च से पहले ही भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 14 राज्यों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। 28 फरवरी को जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बारिश की संभावना है।
एक मार्च तक तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में आंधी और बिजली गिरने का अलर्ट है। यहां हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। 28 फरवरी से 2 मार्च तक केरल, माहे और 28 फरवरी से 1 मार्च तक लक्षद्वीप, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में बारिश की अलर्ट है।
5 मार्च तक बदला रहेगा मौसम का मिजाज02 मार्च से उत्तर-पश्चिम भारत में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। इसकी वजह से 2 मार्च से 5 मार्च के बीच जम्मू-कश्मीर, लद्दाख,गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। उत्तराखंड में 2 से 4 मार्च और पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ में 03 मार्च को हल्की बारिश की संभावना है।
आगे कैसा रहेगा मौसम28 फरवरी: हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, तमिलनाडु, पंजाब, पुडुचेरी व कराईकल के अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। पंजाब, राजस्थान और हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में आंधी, ओलावृष्टि और बिजली गिरने का अलर्ट है।
उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, असम, मेघालय और राजस्थान में भी आंधी का अलर्ट जारी किया गया है। जम्मू-कश्मीर, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, केरल, माहे, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल और लक्षद्वीप में बिजली गिरने की संभावना है।
मन्नार की खाड़ी, दक्षिण तमिलनाडु, उत्तरी और दक्षिण अंडमान सागर, बंगाल की खाड़ी में तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया गया है। मछुआरों को इन इलाकों में न जाने की सलाह दी गई है।
01 मार्च: अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल और माहे में भारी बारिश और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया गया है। असम और मेघालय में भी मौसम का मिजाज बदलेगा। दक्षिण केरल तट और उससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र, मन्नार की खाड़ी, कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण तमिलनाडु तट क्षेत्र में 35 से 55 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चलने की संभावना है। मछुआरों को इन क्षेत्रों में न जाने की सलाह है।
02 मार्च: केरल और माहे के अलग-अलग स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है। लक्षद्वीप में 35 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।
पिछले 24 घंटे में बारिशपिछले 24 घंटे में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अधिकांश हिस्सों पर बारिश रिकॉर्ड की गई। हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी राजस्थान में हल्की बारिश हुई।
यह भी पढ़ें: पुणे बस रेप केस का आरोपी 48 घंटे बाद गिरफ्तार, तलाश में जुटी थी 13 टीमें
यह भी पढ़ें: यूरोपीय आयोग की प्रेसीडेंट पहुंचीं भारत, आज पीएम मोदी के साथ करेंगी वार्ता; अमेरिका-यूक्रेन पर हो सकती है बातचीत
गोवा में पर्यटकों की संख्या में क्यों आई कमी? बीजेपी नेता का अजीबोगरीब दावा, इडली-सांभर को बताया जिम्मेदार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों से गोवा में पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। इसके पीछे कई वजहें हैं। गोवा में पर्यटकों में आई कमी पर भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री माइकल लोबो ने गुरुवार को चिंता जाहिर की। वहीं, उन्होंने गोवा के पर्यटन उद्योग को राज्य में विदेशी पर्यटकों की कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया।
'समुद्र तट पर बिक रहे वड़ा-पाव और इडली सांभर: माइकल लोबोउन्होंने कहा कि गोवा का पर्यटन विभाग, राज्य की संस्कृति की पारंपरिक व्यंजनों को प्रदर्शित करने में असफल रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि गोवा के समुद्री तटों पर 'वड़ा-पाव' और इडली-सांभर की बिक्री बढ़ गई है। बेंगलुरु के कुछ लोग गोवा में आकर झोपड़ियों में 'वड़ा-पाव' परोस रहे हैं, कुछ इडली-सांभर बेच रहे हैं। वहीं, जिन व्यंजनों को समुद्र तट पर बेची जानी चाहिए वो नहीं है। यही कारण है कि पिछले दो सालों से राज्य में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में गिरावट आ रही है।
उन्होंने ये भी दावा किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी आई है।
हितधारकों के साथ संयुक्त बैठक की जरूरत : पूर्व मंत्रीभाजपा विधायक ने राज्य पर्यटन विभाग और अन्य हितधारकों से एक संयुक्त बैठक आयोजित कर इस बात पर विचार करने का आग्रह किया कि हाल के दिनों में विदेशी पर्यटक गोवा आने के लिए क्यों इच्छुक नहीं हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "यदि हम कोई व्यवस्था नहीं बनाएंगे तो पर्यटन क्षेत्र में बुरे दिन आएंगे।
यह भी पढ़ें: गोवा में समंदर के किनारे ब्रिटिश लड़की की रेप के बाद की गई थी हत्या, 8 साल बाद मिला इंसाफ
यूरोपीय आयोग की प्रेसीडेंट पहुंचीं भारत, आज पीएम मोदी के साथ करेंगी वार्ता; अमेरिका-यूक्रेन पर हो सकती है बातचीत
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यूरोपीय आयोग की प्रेसीडेंट उर्सला वोन डेर लेयेन गुरुवार को अपनी बहुप्रतीक्षित दो दिवसीय भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंच गईं। उनके साथ यूरोपीय आयोग के 22 देशों के आयुक्त भी भारत आ रहे हैं। यह पहला मौका है, जब 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ के इतने सारे देशों के आयुक्त एक साथ किसी देश की यात्रा पर हैं। इससे यह पता चलता है कि यूरोपीय संघ भारत के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व दे रहा है।
आज द्विपक्षीय शिखर वार्ता होगीपीएम नरेन्द्र मोदी और प्रेसीडेंट उर्सला लेयेन की अध्यक्षता में 28 फरवरी को द्विपक्षीय शिखर वार्ता होगी। कूटनीतिक विशेषज्ञ इन दोनों की वार्ता को उसी दिन कुछ घंटों के अंतराल पर अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की के बीच होने वाली बैठक से जोड़कर देख रहे हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप यूक्रेन-रूस युद्ध में यूरोपीय देशों की मदद करने की अमेरिकी नीति को पूरी तरह से बदलते हुए अब रूस के साथ खड़े होते दिख रहे हैं। इससे यूरोपीय संघ के लिए भारत के साथ संबंधों का महत्व काफी बढ़ गया है।
भारत व ईयू आपसी रणनीतिक संबंधों के अगले पांच वर्षों का रोडमैप जारी करेंगेशुक्रवार को पीएम मोदी और प्रेसीडेंट उर्सला की अगुवाई में होने वाली बैठक को लेकर यूरोपीय संघ और भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक कारोबार, रक्षा, प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों से जुड़े अहम मुद्दों पर बात होगी। भारत व ईयू आपसी रणनीतिक संबंधों के अगले पांच वर्षों का रोडमैप जारी करेंगे।
संभवत: इसे रोडमैप 2030 के नाम से जारी किया जाएगा। मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर दोनों के बीच विमर्श जारी है, जिसे फिर से शुरू करने पर सहमति बनेगी। हालांकि, एफटीए को लेकर किसी बड़ी घोषणा की संभावना नहीं है।
यूरोपीय संघ के निर्यात पर बहुत ज्यादा असर पड़ने की संभावनावजह यह बताया गया है कि अमेरिका की नई शुल्क नीति के असर का दोनों पक्ष अभी आकलन करेंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने 26 फरवरी को यह घोषणा की है कि वह शीघ्र ही यूरोपीय संघ से आने वाले उत्पादों पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगाने जा रहे हैं। इससे यूरोपीय संघ के निर्यात पर बहुत ज्यादा असर पड़ने की संभावना है।
ईयू के एक वरिष्ठ राजनयिक ने स्वीकार किया कि अमेरिका की नई टैरिफ नीति से अपने हितों की सुरक्षा के लिए यूरोपीय देशों को चीन व भारत की जरूरत होगी। साथ ही ईयू कारोबार व आर्थिक तौर पर पूरी तरह से चीन पर भी नहीं निर्भर रहना चाहता। इसलिए, भारत के साथ संबंधों को नए उत्साह के साथ आगे बढ़ाने की जरूरत है।
सीडेंट उर्सला की भारत यात्रा का वैश्विक महत्वईयू के सदस्य स्वीडन के नई दिल्ली में राजदूत जान थेसीफ ने दैनिक जागरण को बताया कि जिस तरह से वैश्विक समीकरण बदल रहे हैं, उसे देखते हुए प्रेसीडेंट उर्सला की भारत यात्रा का वैश्विक महत्व है। भारतीय पीएम के साथ उनकी होने वाली बातचीत द्विपक्षीय रिश्तों को बहुत ही व्यापक बनाने में मददगार साबित होगी।
ईयू की मांगयूरोपीय देशों के शराब व कारों पर आयात शुल्क घटाया जाए
कृषि उत्पादों के लिए भारतीय बाजार खोले जाएं
पर्यावरण अनुकूल उत्पादों के निर्माण पर ज्यादा ध्यान दें
भारत की मांगभारतीयों को काम करने की ज्यादा आजादी मिले
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की प्रक्रिया को आसान हो
स्टील जैसे धातुओं के निर्यात को पर्यावरण सुरक्षा से न जोड़ें
Weather Updates: कश्मीर-हिमाचल में हिमपात और वर्षा ने बढ़ाई मुश्किलें, मुख्य सड़कें बंद; पढ़ें अन्य राज्यों का हाल
जागरण टीम, नई दिल्ली। पहाड़ी राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में मौसम बदलने के साथ हिमपात और वर्षा होने का सिलसिला लगातार जारी है। इससे जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। गुरुवार को इन तीनों राज्यों के ऊंचे पर्वतीय इलाकों में लगातार हिमपात होता रहा। साथ ही निचले इलाकों में वर्षा भी हुई। इस कारण तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हुई।
तीन-चार दिनों तक मौसम ऐसा ही रहेगामौसम विभाग के अनुसार अभी तीन-चार दिनों तक पहाड़ी राज्यों में मौसम ऐसा ही रहेगा। जनवरी और फरवरी में कम वर्षा और हिमपात से जूझ रहे इन तीनों राज्यों के लिए मौसम का यह बदलाव बड़ी राहत बन कर भी आया है। जम्मू-कश्मीर में मौसम हुआ जानलेवा,पांच की मौत जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को मौसम के मिजाज और तीखे हो गए और पहाड़ों पर बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में दिनभर वर्षा जारी रही।
श्रीनगर शहर में भी हिमपात हुआदेर शाम को श्रीनगर शहर में भी हिमपात हुआ। जम्मू-श्रीनगर, जम्मू-पुंछ और श्रीनगर-लेह सहित तीनों हाईवे सहित कई रास्ते बर्फबारी, पत्थर गिरने व भारी फिसलन से बंद हो गए हैं। इससे कश्मीर का सड़क संपर्क कट गया है और जगह-जगह वाहन फंसकर रह गए हैं। मौसम के कारण विभिन्न जिलों में मां-बेटे व किशोर सहित पांच लोगों की मौत और दो सीआरपीएफ कर्मी घायल हो गए।
हिमपात के कारण हुआ हादसापुंछ जिला में एक यात्री कैब उफनती नदी में गिर गई, जिसमें एक ही परिवार के 10 सदस्य सवार थे। व्यापक बचाव अभियान चलाकर सात को बचा लिया गया। एक नवजात सहित परिवार के तीन सदस्यों के नदी में बहने की आशंका है। देर रात तक अभियान जारी था। वहीं, सांबा जिला में मंदिर पर आसमानी बिजली गिरने से कुछ श्रद्धालुओं को मामूली चोटें आई हैं।
कश्मीर संभाग को पुंछ जिले के रास्ते जम्मू संभाग से जोड़ने वाला मुगल रोड़ पहले से बंद है। लद्दाख में कारगिल जिले के जंस्कार में राष्ट्रीय राजमार्ग पर तांगोल में हिमस्खलन हो गया। रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान चंडीगढ़ ने कारगिल जिले के लिए 28 फरवरी तक लेवल-4 के हिमस्खलन का रेड अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल में बढ़ा हिमस्खलन का खतराहिमाचल प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों में गुरुवार को भारी हिमपात और निचले इलाकों में वर्षा हुई, जिससे सूख चुके जल स्त्रोत पुन: रिचार्ज हो गए हैं। अटल टनल में तीन फीट, नारकंडा, मनाली और कुफरी में पांच इंच तक बर्फबारी दर्ज की गई। लाहुल के तिंदी, मनाली के धुंधी और किन्नौर के काशंग कंडे में हिमस्खलन हुआ, हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ।
मनाली-केलंग मार्ग समेत लाहुल की सभी सड़कें बंद हैंभारी बर्फबारी के कारण हिमस्खलन का खतरा बढ़ गया है, और जनजातीय क्षेत्रों में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है। मनाली-केलंग मार्ग समेत लाहुल की सभी सड़कें बंद हैं, और लाहुल स्पीति में शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं। चंबा के पांगी में दो से साढ़े तीन फीट तक बर्फबारी हुई है, जिससे घाटी का संपर्क शेष चंबा से कट गया है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को भारी हिमपात और वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया है।
उत्तराखंड में भारी वर्षा और बर्फबारी का अलर्टउत्तराखंड में मौसम ने करवट ली है। पहाड़ों से मैदान तक बादलों का डेरा है। चोटियों पर हिमपात और निचले इलाकों में रिमझिम वर्षा से ठंड बढ़ गई है। मसूरी में 12 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि दून में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस गिरा। मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी बादल छाए रहने की संभावना जताई है। छह जिलों में भारी वर्षा और बर्फबारी के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री में बर्फबारी के कई दौर हुए हैं।
चीनी जहाजों से 10 लाख डॉलर वसूलेगा अमेरिका, आयातित सामान पर टैरिफ दोगुना करेंगे ट्रंप; क्या भारत पर होगा असर
जागरण रिसर्च डेस्क, नई दिल्ली। चीन के उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद अब अमेरिका अपने बंदरगाह पर आने वाले चीन के जहाजों से भारी शुल्क वसूलने की तैयारी कर रहा है। शुल्क के दायरे में चीन में बने जहाज भी आएंगे, चाहे वह किसी भी देश का सामान लेकर अमेरिका में आए हों। अगर ऐसा होता है तो भारत को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि भारतीय निर्यातक अपने उत्पाद अमेरिका भेजने के लिए चीन में बने जहाजों पर निर्भर हैं।
10 लाख डॉलर तक शुल्क वसूलेगा अमेरिकाअमेरिका ने एक प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत चीन की शिपिंग कंपनियों और चीन के शिपयार्ड में बने जहाजों से 10 लाख डॉलर शुल्क वसूला जाएगा। यूएस लेबर यूनियंस की मांग पर यूएस ट्रेड रिप्रजेंटेटिव (यूएसटीआर) ने पिछले वर्ष मार्च में चीन के जहाजों और वहां की सामुद्रिक व्यवस्थाओं की जांच की थी। इसके बाद ही चीनी जहाजों से भारी शुल्क वसूलने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
भारत पर कैसे पड़ेगा असरअगर अमेरिका इस प्रस्ताव को लागू करता है तो इससे भारत के विदेशी व्यापार पर भी असर हो सकता है क्योंकि भारतीय निर्यात काफी हद तक विदेशी जहाजों पर निर्भर है। अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। विशेषज्ञों का कहना है कि जहाजरानी कंपनियां इसका बोझ उत्पाद भेजने वालों पर डाल सकती हैं। दुनिया अभी स्वेज नहर संकट से उबरी ही है और उसके सामने एक और संकट खड़ा हो गया है।
चीन का दबदबा1999 में वैश्विक जहाज निर्माण बाजार में चीन की हिस्सेदारी सिर्फ पांच प्रतिशत थी, जो 2023 में बढ़कर 50 प्रतिशत हो गई। जनवरी 2024 में कमर्शियल वर्ल्ड फ्लीट में चीन की हिस्सेदारी 19 प्रतिशत से अधिक थी। शिपिंग कंटेनर्स के उत्पादन में चीन की हिस्सेदारी 95 प्रतिशत है। इससे पता चलता है कि वैश्विक जहाजरानी उद्योग में चीन की क्या हैसियत है।
भारत का निर्यात बढ़ाअमेरिका में बहुत कम बन रहे हैं जहाज 5 जहाज सालाना बना रहा है अमेरिका 70 जहाज बनाता था सालाना 1975 में अमेरिका को भारत का निर्यात 77.5 अरब डॉलर हो गया अमेरिका को भारत का निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में 10.3 प्रतिशत की दर से सालाना बढ़ा है भारत का निर्यात पिछले तीन दशक में।
चीन से आयातित सामान पर टैरिफ दोगुना करेंगे ट्रंपअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चार मार्च से कनाडा और मेक्सिको पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने जा रहे हैं। जबकि चीन पर टैरिफ को दोगुना करेंगे। उन्होंने बुधवार को कहा कि कनाडा और मेक्सिको से आयातित सामान पर मंगलवार से टैरिफ प्रभावी हो जाएगा। इसी दिन से चीन से आयातित सामान पर टैरिफ को दस प्रतिशत से बढ़ाकर दोगुना कर दिया जाएगा। यूरोपीय संघ (ईयू) से कार और अन्य उत्पादों के आयात पर 25 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ लगाने की तैयारी है।
अमेरिका में फेंटानाइल जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी की जा रहीट्रंप ने अपने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अमेरिका में फेंटानाइल जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी की जा रही है। यह अस्वीकार्य स्तर पर पहुंच चुकी है। टैरिफ से दूसरे देश इस तस्करी पर लगाम लगाने के लिए मजबूर होंगे।
यह भी पढ़ें- भारतीयों को गोल्ड कार्ड बेचना चाहता है अमेरिका? डोनाल्ड ट्रंप बोले- कई टैलेंटेड लोग चले गए, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा
Telangana Tunnel Collapse: बोरिंग मशीन काटकर सुरंग में फंसे लोगों को बचाने का अभियान जारी, राजनीति तेज
पीटीआई, नगरकुरनूल। तेलंगाना सुरंग हादसे में फंसे आठ लोगों को बचाने में लगी टीमों ने बोरिंग मशीन के उस हिस्से को काटना शुरू कर दिया है जिसके कारण उन्हें घटनास्थल पर पहुंचने में दिक्कत आ रही है।
बचावकर्मियों ने अपना गहन प्रयास जारी रखानगरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने कहा कि सुरंग के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत दिन के दौरान किए जाने की उम्मीद है ताकि मलबे को हटाने में आसानी हो। सुरंग से गाद और मलबा हटाने के लिए बचावकर्मियों ने अपना गहन प्रयास जारी रखा है। सेना, नौसेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और रैट होल खनिकों की टीमें सुरंग से गाद और मलबा हटा रही हैं।
बीआरएस के अध्यक्ष ने साधा सीएम पर निशानाबीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने सुरंग ढहने वाले स्थल का दौरा नहीं करने के लिए मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की आलोचना की। सरकार के प्रयासों की आलोचना करते हुए राव ने कहा, ''वे जीएसआइ या किसी अन्य इंजीनियरिंग विभाग से उचित परामर्श किए बिना ही बिना सोचे-समझे आगे बढ़ गए।
नतीजतन, आज हमने वहां फंसे आठ लोगों की जान जोखिम में डाल दी है। कोई नहीं जानता कि वे जीवित हैं या मर गए, लेकिन मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार और दिल्ली यात्राओं में व्यस्त हैं।'
यह भी पढ़ें- तेलंगाना में 48 घंटे से सुरंग में फंसे 8 मजदूर, अब रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हुई सिलक्यारा टनल वाली टीम
विकल्प वाले विवाद के बीच शशि थरूर ने दी सफाई, बोले- साहित्य में समय बिताने की बात कही थी, लेकिन...
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता शशि थरूर हाल ही में अपने एक बयान को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं। दरअसल बीते कुछ दिनों से मीडिया में इस बात थी चर्चा कि शशि थरूर राजनीतिक विकल्प की तलाश कर रहे है।
इस कयास को लेकर अब शशि थरूर ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मैंने विकल्प शब्द का इस्तेमाल समय बिताने के संदर्भ में किया था, न कि राजनीतिक विकल्पों के लिए।
कैसे हुई थी विवाद की शुरुआत?दरअसल थरूर ने एक अंग्रेजी दैनिक से बातचीत में कहा था कि 'अगर पार्टी को जरूरत नहीं है, तो मेरे पास करने के लिए कई चीजें हैं। आपको नहीं सोचना चाहिए कि मेरे पास दूसरे विकल्प नहीं हैं।'
थरूर के इस बयान का मतलब निकाला गया कि वह कांग्रेस को छोड़कर किसी दूसरी पार्टी में जाने के विकल्प की बात कर रहे हैं। लेकिन थरूर ने अब स्पष्ट कर दिया है कि वह साहित्यिक गतिविधियों में अपना समय बिताने की बात कर रहे थे।
साहित्यिक गतिविधियों को बताया विकल्पथरूर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, 'मैंने कहा था कि मेरे पास साहित्यिक गतिविधियों में अपना समय बिताने के कई विकल्प हैं, जिसका गलत अर्थ निकाला गया। हमेशा की तरह मीडिया ने इस पर हेडलाइन बनाई और राजनीतिक वर्ग ने टिप्पणी की।'
किसी ने भी उन दिनों के दुर्व्यवहार, अपमान, निंदा के बारे में नहीं सोचा जो मुझे मिला, वह भी उस सभी चीजों के कारण जो मैंने नहीं कहा था। हमारा लोकतंत्र स्वतंत्र प्रेस के बिना नहीं चल सकता। एक आश्वस्त लोकतंत्रवादी के रूप में, मैं कभी भी मीडिया पर अधिक रेगुलेशन या नियंत्रण की मांग नहीं करूंगा। लेकिन क्या हमारे देश में पत्रकारिता के बेहतर मानकों की आशा करना पूरी तरह से व्यर्थ है? कम पत्रकारिता नहीं - बस बेहतर पत्रकारिता?
- शशि थरूर
उन्होंने कहा कि इन सबके बाद मुझे इस गड़बड़ी से जूझना पड़ा। थरूर ने सवाल उठाते हुए कहा कि एक पब्लिक फिगर के पास इस तरह की गैर जिम्मेदाराना पत्रकारिता से बचने के लिए क्या प्रोटेक्शन है?
4 बार के सांसद हैं थरूर- थरूर ने लिखा कि 'इसने कई मुद्दों को सामने ला दिया है। मुझे अचानक पता चला कि बहुत सारे लोग वास्तव में मेरे बारे में क्या सोचते थे और मैंने उन विकल्पों के बारे में दूसरों की अटकलों से सीखा, जिन पर मैंने कभी विचार नहीं किया था।'
- बता दें कि शशि थरूर पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं और तिरुवनंतपुरम से 4 बार के सांसद हैं। हालांकि उनके विकल्प वाले बयान के सामने आने के बाद कांग्रेस ने इस पर रिएक्ट करने से इंकार कर दिया था। शुक्रवार को दिल्ली में पार्टी की एक हाई-लेवल मीटिंग भी होनी है।
यह भी पढ़ें: शशि थरूर की एक पोस्ट से कांग्रेस बेचैन, क्या केरल में बड़े बदलाव की तैयारी? सियासी हलचल तेज
मैनुअल स्कैवेंजिंग को लेकर अधिकारियों के जवाब से खफा हुआ सुप्रीम कोर्ट, आला अफसरों का हाजिर होने का आदेश
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, कोलकाता और हैदराबाद के अधिकारियों के उन जवाबों पर नाखुशी जाहिर की है जिनमें उनसे पूछा गया था कि अपने-अपने शहरों में उन्होंने हाथ से मैले और सीवर की सफाई को कैसे रोका।
शीर्ष अदालत ने अगली सुनवाई पर कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के नगर आयुक्त, दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के निदेशक (एस एंड डीएम) और हैदराबाद मेट्रोपोलिटन वाटर एंड सीवरेज बोर्ड के प्रबंध निदेशक को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी।
जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने 19 फरवरी को कहा कि केएमसी, डीजेबी और हैदराबाद मेट्रोपोलिटन वाटर एंड सीवरेज बोर्ड ने यह नहीं बताया कि उनके शहरों में हाथ से मैला और सीवर की सफाई करने से कुछ मौतें कैसे हुईं। पीठ ने बृहद बेंगलुरु महानगरपालिका के आयुक्त को भी उपस्थित रहने का निर्देश दिया और कहा उनकी ओर से न तो हलफनामा दायर किया गया और न ही अदालत में कोई प्रतिनिधि पेश हुआ।
अदालत को टालमटोल वाले भेज गए जवाब
इसके अलावा केएमसी व डीजेबी के हलफनामे कतई संतोषजनक नहीं हैं। केएमसी के हलफनामे के बारे में पीठ ने कहा, इसमें दावा किया गया है कि वहां इस प्रथा को रोक दिया गया है, लेकिन यह नहीं बताया कि इसके बावजूद दो फरवरी, 2025 को हाथ से मैला साफ करने से तीन मौतें कैसे हुईं। डीजेबी के हलफनामे में जवाब बेहद टालमटोल वाले हैं जिसमें कहा गया है कि हाथ से मैला और सीवर की सफाई पूरी तरह प्रतिबंधित है। जबकि अदालत ने यह जवाब नहीं मांगा था।
इसमें यह भी नहीं बताया गया कि पिछले एक साल में सात मौतें कैसे हुईं। इसी तरह हैदराबाद मेट्रोपोलिटन वाटर एंड सीवरेज बोर्ड ने भी नहीं बताया कि पिछले एक वर्ष में तीन मौतें कैसे हुईं। पीठ ने कहा कि मुंबई और चेन्नई के अधिकारियों की ओर से दायर हलफनामे संतोषजनक हैं, लेकिन उन्हें भी विस्तृत हलफनामे दाखिल करने चाहिए।
इसके साथ ही कहा, 'हमें सभी संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण की आवश्यकता है कि ऐसे संबंधित अधिकारियों और/या ठेकेदारों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा क्यों न चलाया जाए, जिन्होंने हाथ से सफाई करने वालों को नियुक्त किया था और जिनकी निगरानी व आदेश पर हाथ से मैले एवं सीवर की सफाई के कारण ये मौतें हुईं।'
बंगाल के मुख्य सचिव से मांगा स्पष्टीकरण
केएमसी के वकील ने कहा कि कोलकाता में हुईं मौतें उसके क्षेत्राधिकार के बाहर हुईं क्योंकि वह क्षेत्र कोलकाता मेट्रोपोलिटन डेवलेपमेंट अथारिटी (केएमडीए) के तहत था। पीठ ने कहा, केएमडीए के वकील का कहना है कि उन्हें सीवरेज हटाने के लिए हाथ से सफाई का काम नहीं सौंपा गया था। इस पर पीठ ने बंगाल के मुख्य सचिव को स्थिति साफ करने और हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।
यह भी पढ़ें: देशभर के ITI और NSTI के लिए बने नए कोर्स, युवाओं की तकनीकी स्किल्स में होगा सुधार, मिलेंगी जॉब
हिंदी को लेकर स्टालिन के बयानों पर धर्मसंकट में फंसी कांग्रेस, अश्विनी वैष्णव ने राहुल गांधी से पूछा सवाल
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। त्रि-भाषा फार्मूले पर तमिलनाडु और केंद्र सरकार का मतभेद गहराता जा रहा है। हिंदी विरोधी डीएमके के रवैये का प्रतिरोध करते हुए सूचना प्रसारण और रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव भी सामने आ गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के हिंदी विरोधी बयानों को आधार बनाकर जवाब मांगा है।
वैष्णव ने अपने एक्स हैंडल के माध्यम से राहुल से पूछा है कि क्या वह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और हिंदी भाषी क्षेत्र से सांसद होने के नाते स्टालिन के ऐसे बयानों से सहमत हैं? वैष्णव ने स्टालिन के उस बयान को छिछला और समाज को बांटने वाला बताया है, जिसमें कहा गया है कि हिंदी ने कई क्षेत्रीय भाषाओं को निगल लिया है।
स्टालिन ने हिंदी को लेकर क्या कहा?
अश्विनी ने कहा कि तमिलनाडु में खराब शासन व्यवस्था को छुपाने के लिए स्टालिन ने ऐसा बयान जारी किया है। स्टालिन की पार्टी डीएमके तमिलनाडु में कांग्रेस की सबसे बड़ी सहयोगी भी है।
स्टालिन ने अपने पत्र में डीएमके कार्यकर्ताओं के साथ हिंदी भाषी राज्यों के लोगों को संबोधित करते हुए पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने हिंदी पर अन्य भारतीय भाषाओं को निगलने का आरोप लगाया है।
पत्र में भोजपुरी, मैथिली, अवधी, बुंदेली, मगही, मालवी, गढ़वाली, ब्रज, कुमाऊंनी, मारवाड़ी, छत्तीसगढ़ी, संथाली, अंगिका, खरिया, खोरठा, कुरमाली, कुरुख एवं मुंडारी समेत कई क्षेत्रीय भाषाओं का जिक्र करते हुए कहा है कि ये सब अपने अस्तित्व के लिए हांफ रहे हैं। अखंड हिंदी पहचान की कोशिशों से प्राचीन भाषाएं नष्ट हुई हैं।
कांग्रेस के धर्मसंकट
स्टालिन ने यूपी-बिहार के बारे में बताया कि ये सिर्फ हिंदी हार्टलैंड' नहीं थे।अश्विनी ने स्टालिन के जरिए राहुल गांधी का धर्मसंकट बढ़ा दिया है, क्योंकि अगर वह स्टालिन का पक्ष लेते हैं तो भाजपा उन्हें हिंदी भाषी क्षेत्रों में खलनायक के तौर पर पेश कर सकती है। और अगर हिंदी का पक्ष लेते हैं तो तमिलनाडु में कांग्रेस को अपने विश्वस्त सहयोगी डीएमके के निशाने पर आने का डर हो सकता है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में तृणमूल, समाजवादी पार्टी एवं राजद समेत कई दल कांग्रेस की परवाह नहीं करते हुए आम आदमी के पक्ष में समर्थन दिया था। लेकिन डीएमके ने तब चुप्पी साध रखी थी, जिसे कांग्रेस के समर्थन में माना गया था। अब अश्विनी वैष्णव के स्टैंड से कांग्रेस का धर्मसंकट बढ़ना तय माना जा रहा है।
यह भी पढ़ें: 'भोजपुरी, ब्रज और गढ़वाली... 25 भाषाओं को निगल गई हिंदी', एमके स्टालिन का दावा; कहा- तमिलनाडु में विरोध करेंगे
'इंसानों की तरह फैसले नहीं ले सकता AI', डिजिटल क्रांति को लेकर क्या बोले पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़?
पीटीआई, मुंबई। पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को कहा कि वर्चुअल अदालतों ने न्याय पाने को सुगम किया है लेकिन इससे निष्पक्ष सुनवाई को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं। नवाचार और न्यायिक सत्यनिष्ठा के बीच संतुलन होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कानूनी ढांचे को उभरती डिजिटल वास्तविकताओं के अनुरूप होना चाहिए ताकि शासन निष्पक्ष, लचीला और भविष्य के लिए तैयार हो सके।
'इंसानों की जगह नहीं ले सकता एआई'
पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि एआई मुकदमों के प्रबंधन में बदलाव ला रही है, कानूनी प्रक्रियाओं को तेज और अधिक कुशल बना रही है। उन्होंने कहा कि मशीन सहायता तो कर सकती है, लेकिन वह मानव की तरह निर्णय नहीं ले सकती।
वेलिंगकर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की ओर से आयोजित एक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि कहा कि विविधता को बढ़ावा देने और अन्याय को खत्म करने के लिए सकारात्मक कार्रवाई संबंधी नीतियां महत्वपूर्ण हैं।
डिजिटल क्रांति ने अस्तित्व को फिर किया परिभाषित: डीवाई चंद्रचूड़
डीवाई चंद्रचूड़ कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, महिलाएं, अल्पसंख्यक जैसे हाशिए पर मौजूद समूहों को विभिन्न बाधाओं का सामना करना पड़ता है, जो शिक्षा, रोजगार और नेतृत्व की भूमिकाओं तक उनकी पहुंच को सीमित करती हैं। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी को समान अवसर मिले। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति ने हमारे अस्तित्व को फिर से परिभाषित किया है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि नवाचार और प्रौद्योगिकी को शासन के ऐसे ढांचे द्वारा संतुलित किया जाना चाहिए जो समय के साथ आगे बढ़ता रहे।
यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला: GST और सीमा शुल्क मामलों में FIR के बिना भी मिल सकती है अग्रिम जमानत
रक्षा मंत्रालय की हिन्दी पत्रिका 'सशक्त भारत' का हुआ विमोचन, राजनाथ सिंह ने कही ये बात
एएनआइ, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरूवार को यहां रक्षा मंत्रालय की द्विवार्षिक हिंदी पत्रिका सशक्त भारत के प्रथम संस्करण का विमोचन किया। इस पत्रिका में सशस्त्र बलों के कर्मियों की वीरता, देशभक्ति तथा बलिदान पर कविताएं और मंत्रालय के कर्मियों द्वारा लिखे गए सरकार की नीतियों पर लेख शामिल हैं।
राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय के प्रयासों की सराहना कीरक्षा मंत्री ने हिंदी को बढ़ावा देने के लिए राजभाषा विभाग के रक्षा मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने हिंदी को अपनाने और इसके प्रयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया तथा भाषा को भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को जोड़ने वाला सूत्र बताया।
सशक्त भारत पत्रिका का उद्देश्य रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों की रचनात्मक प्रतिभा को उजागर करना और उन्हें हिंदी में अपने दैनिक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना है। पत्रिका का ई-संस्करण रक्षा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।
ये लोग रहे मौजूदइस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार, सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण) डॉ. नितेन चंद्रा तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डा समीर वी. कामत और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
वक्फ बिल में बदलाव को कैबिनेट की मंजूरी, जेपीसी के 14 संशोधन स्वीकार; बजट सत्र में पारित होगा विधेयक?
आईएएनएस, नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक में प्रस्तावित बदलावों को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसमें संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा हाल में सुझाए गए संशोधनों को शामिल किया गया है।
अब इस विधेयक को बजट सत्र के दूसरे भाग में चर्चा और पारित करने के लिए संसद में पेश किया जाएगा, जो 10 मार्च से चार अप्रैल तक चलेगा। भाजपा के कई शीर्ष नेताओं ने दावा किया है कि बजट सत्र के दौरान ही विधेयक पारित होने की संभावना है।
14 संशोधनों को स्वीकार किया गयासूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल ने 19 फरवरी को हुई बैठक में जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति द्वारा सुझाए गए 14 संशोधनों को स्वीकार कर लिया। वक्फ (संशोधन) विधेयक में सरकार ने केंद्रीय और राज्य वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानूनों में 44 बदलावों का प्रस्ताव किया है।
इन प्रस्तावों में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम और (कम-से-कम दो) महिला सदस्यों को नामित करना शामिल है, जिसके कारण विपक्ष ने इन संशोधनों का जोरदार विरोध किया। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने के बाद अगस्त 2024 में विधेयक को जेपीसी के पास भेज दिया गया था।
जेपीसी ने दी थी 655 पेज की रिपोर्ट- जेपीसी ने 30 जनवरी को अपनी 655 पेज की रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दी और वक्फ बिल पर कई संशोधनों का सुझाव दिया। विपक्षी सदस्यों ने इन संशोधनों पर अपनी असहमति व्यक्त की। विपक्षी दलों के हंगामे और बहिर्गमन के बीच 13 फरवरी को रिपोर्ट संसद में पेश की गई थी।
- विधेयक में प्रमुख संशोधनों में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का नाम बदलकर 'एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास विधेयक' करना, राज्य वक्फ बोर्डों में मुस्लिम ओबीसी समुदाय से एक सदस्य को शामिल करना, महिलाओं के उत्तराधिकार अधिकारों की रक्षा करना और छह महीने के भीतर सभी वक्फ संपत्ति का विवरण केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड करना शामिल है।
- जेपीसी की रिपोर्ट में भाजपा के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझाव समाहित थे। विपक्षी सदस्यों ने इसे असंवैधानिक करार दिया था और आरोप लगाया था कि यह कदम वक्फ बोर्डों को बर्बाद कर देगा।
- भाजपा सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया था कि पिछले साल अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आधुनिकता, पारदर्शिता और जवाबदेही लाने का प्रयास करेगा। समिति ने भाजपा सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया था और विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज कर दिया था।
वक्फ विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट संसद में पेश होने के बाद विपक्ष ने आरोप लगाया था कि रिपोर्ट से उनके असहमति नोट हटा दिए गए हैं और इसे वापस लेकर पुन: समिति के समक्ष भेजा जाना चाहिए। सरकार ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा था कि किसी असहमति नोट को नहीं हटाया गया है और विपक्ष इस मामले में वोट बैंक की राजनीति कर रहा है।
लोकसभा अध्यक्ष ने जेपीसी रिपोर्ट में असहमति नोटों को अनुलग्नक के रूप में जोड़ने की अनुमति दे दी। इससे पहले लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि विपक्षी सांसद अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं और संसदीय परंपराओं के अनुसार इन्हें रिपोर्ट में शामिल किया जा सकता है। भाजपा को इसमें कोई आपत्ति नहीं है।
यह भी पढ़ें: बजट सत्र में पास हो जाएगा वक्फ कानून संशोधन बिल! जेपीसी की रिपोर्ट बहुमत से स्वीकार
केरल में एकसाथ पांच मर्डर करने वाला गिरफ्तार, कातिल की करतूत सुन कांप जाएगी रूह
पीटीआई, तिरुअनंतपुरम। केरल के वेंजारामूडु में चार दिन पहले हुए सामूहिक हत्याकांड के एकमात्र आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपित 23 वर्षीय अफान को अपनी 88 वर्षीय दादी की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया। उसका सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है। वह हत्या के बाद कथित तौर पर जहर सेवन कर थाने में आत्मसमर्पण कर दिया था।
मजिस्ट्रेट ने अस्पताल का दौरा कियावेंजरामुडु पुलिस हत्या के अन्य मामलों में गिरफ्तारियां दर्ज करेगी। गिरफ्तारी के बाद मजिस्ट्रेट ने अस्पताल का दौरा किया और आरोपित को 13 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने अफान की मेडिकल जांच के बाद उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी।
उसने अपनी दादी के अलावा, अपने 13 वर्षीय भाई, 20 साल की एक महिला, जो उसकी प्रेमिका बताई जाती है, उसके मामा और उसके मामा की पत्नी सहित चार लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। उसने अपनी मां को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया।
अपराध के लिए गिरफ्तारीफिलहाल उसका एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है। यह घटना दो पुलिस थानों वेंजरामूडु और पैंगोडे के अधिकार क्षेत्र में घटित हुई और पैंगोडे पुलिस थाना क्षेत्र में किए गए अपराध के लिए गिरफ्तारी दर्ज की गई।
मलयालम फिल्मों में हिंसा युवाओं को करती है प्रभावित: चेन्निथलावरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने गुरुवार को कहा कि 'आरडीएक्स' और 'मार्को' जैसी मलयालम एक्शन फिल्में बड़े पैमाने पर युवाओं को हिंसक बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।
पत्रकारों से बात करते हुए चेन्निथला ने कहा कि हाल के दिनों में राज्य में रिलीज हुई कुछ मलयालम फिल्मों ने युवाओं को काफी गुमराह किया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मेरा मानना है कि गंभीर विश्लेषण करना और उन फिल्मों पर नियमन लागू करना आवश्यक है जो हिंसा का महिमामंडन करती हैं और शराब व नशीले पदार्थों का इस्तेमाल दिखाती हैं।
केरल नशीले पदार्थों का केंद्र बनता जा रहा हैतिरुअनंतपुरम में हाल में हुई सामूहिक हत्या का उल्लेख करते हुए उन्होंने दावा किया कि केरल नशीले पदार्थों का केंद्र बनता जा रहा है, जिसके कारण व्यापक हिंसा और हमले हो रहे हैं।
Pages
