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KK Pathak के फैसले पर फिर मचेगी रार, राजभवन की रोक के बाद भी कुलपतियों-कुलसचिवों की बैठक आज
राज्य ब्यूरो, पटना। राजभवन की रोक के बाद भी शिक्षा विभाग अपने निर्णय पर कायम है। बुधवार को पूर्वाह्न ग्यारह बजे से अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में सभी कुलपतियों, कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों की बैठक बुलायी गयी है।
यह बैठक विकास भवन के मदन मोहन झा स्मृति सभागार में होगी। हालांकि, राजभवन सचिवालय ने इस बैठक में कुलपतियों को आने पर रोक लगा दी है।
इसके बावजूद शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों में परीक्षा और परीक्षाफल को लेकर समीक्षा बैठक करने पर अडिग है। अब देखना यह होगा कि बैठक में विश्वविद्यालयों से कौन-कौन अधिकारी शामिल होंगे।
इससे पहले 24 फरवरी को शिक्षा विभाग ने सभी कुलपतियों समेत पदाधिकारियों को आगाह किया था कि विभागीय बैठक में जो भाग नहीं लेंगे, उन पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
विभाग की बैठक में भाग लेना आपसभी के लिए अनिवार्य है, ना कि यह आपकी इच्छा पर निर्भर है। वहीं पूर्णिया विश्वविद्यालय और मगध विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने इस बैठक में भाग लेने हेतु राजभवन सचिवालय से मार्गदर्शन मांगा था।
राजभवन ने इस बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं दी थी। इसकी प्रतियां अन्य कुलपतियों को राज्यपाल के प्रधान सचिव राबर्ट एल. चोंग्थू ने भेजी थी।
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Bihar Weather Today: अगले 24 घंटे में इन 6 जिलों में बारिश के आसार, किसानों के लिए अलर्ट जारी; पढ़ें मौसम का ताजा हाल
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Weather News Hindi: उत्तर बिहार से उत्तर पूर्व बांग्लादेश तक चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र बना हुआ है। वहीं पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव पश्चिम हिमालय के आसपास 29 फरवरी को बनने के आसार हैं। इनके प्रभाव से दो व तीन मार्च को पटना सहित उत्तरी व दक्षिणी भागों के अधिसंख्य भागों के एक या दो स्थानों पर मेघ गर्जन के साथ हल्की वर्षा की संभावना है।
इन जिलों में बारिश के आसारवहीं अगले 24 घंटों के दौरान पटना समेत रोहतास, भभुआ, कैमूर औरंगाबाद, अरवल जिले में मेघ गर्जन के साथ हल्की बारिश की संभावना है। वहीं शेष भागों का मौसम शुष्क बना रहेगा। मंगलवार को पटना व आसपास इलाकों में पूरे दिन बादलों की आवाजाही बनी रही।
24 शहरों के न्यूनतम तापमान में आंशिक वृद्धिपटना सहित 24 शहरों के न्यूनतम तापमान में आंशिक वृद्धि दर्ज की गई। 8.6 डिग्री सेल्सियस के साथ किशनगंज में सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। वहीं, 15.4 डिग्री सेल्सियस राजधानी का न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।
अगले पांच दिनों के दौरान तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बने रहने की संभावना है। सुबह-शाम हल्के ठंड का प्रभाव बना रहेगा।मौसम विज्ञान केंद्र ने किसान भाईयों को अपने साथ खेत-खलिहानों में रखे फसल व पशु धन की देखभाल करने की सलाह दी है।
प्रमुख शहरों का तापमान :
शहर अधिकतम न्यूनतम
पटना 27.2 15.4
गया 27.2 14.0
भागलपुर 27.8 14.3
मुजफ्फरपुर 27.0 15.3
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दैनिक जागरण के अभियान 'सूखे नशे का जाल' की विधानसभा में गूंज, Nitish Kumar के मंत्री ने कर दिया बड़ा एलान
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News : राज्य सरकार सूखा नशा के विरूद्ध राज्य स्तर पर विशेष अभियान चलाएगी। प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने मंगलवार को विधानसभा में यह घोषणा की। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान दैनिक जागरण के सूखे नशे वाले अभियान की चर्चा रही।
आरा के विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने इस विषय को उठाया था। प्रभारी मंत्री श्रवण कुमार ने भरोसा दिलाया कि अगले 15 दिनों में विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई करेंगे। यह चिंता सही है। सरकार चिंतित है। हर हाल में इस तरह का कृत्य करने वाले पकड़े जाएंगे।
आरा के विधायक ने उठाया था मुद्दादैनिक जागरण के अभियान का जिक्र करते हुए अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य के सभी शहरों सहित गांवों में भी ब्राउन सुगर, स्मैक व हेराइन आदि नशीले पदार्थों की आपूर्ति तस्करों द्वारा आसानी से की जा रही है।
इसके सेवन से युवाओं के साथ-साथ उनका परिवार भी तबाह हो रहा है। प्रशासन नशीले पदार्थों के आपूर्तिकर्ता तक पहुंचने में असफल साबित हो रहा है।
सरकार की ओर से इस प्रश्न के जवाब में कहा गया कि एक अप्रैल 2016 से आठ फरवरी 2024 तक सूखे नशे की रोकथाम के लिए 397 छापेमारी हुई है। इस क्रम में 440 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
छापेमारी में 15232.6 किलोग्राम गांजा, 3.5 किलो चरस, 500 ग्राम भांग, 57.2 किलो अफीम, 43 लीटर कोडीनयुक्त कफ सिरप, 22 लीटर कफ सिरप व 19490 लीटर फैंसाडिल कफ सिरप को जब्त किया गया है।
यहां लगा रहता है नशे के सौदागरों का जमघटअमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि आरा में तो आरा स्टेशन से जैन कालेज होते हुए गांगी तक सूखे नशे के सौदागरों का जमघट लगा रहता है। कई बार उन्होंने पुलिस को पर इस पर ध्यान नहीं है।
राजद के विधायक ललित यादव ने कहा कि सूखे नशे की वजह से बिहार में युवाओं की पूरी नस्ल बर्बाद हो रही है। अख्तरउल ईमान ने कहा कि उनके क्षेत्र में एक युवक ने अपने माता-पिता से पुड़िया के लिए दो सौ रुपये की मांग की।
रुपया नहीं मिला तो युवक ने दोनों की हत्या कर दी। बच्चों पर इसका काफी खराब असर पड़ रहा है। भाई वीरेंद्र ने कहा कि बिहार में हर जगहों पर इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
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Bihar Politics : सम्राट चौधरी बोले- जनता को नल का जल तो मिलेगा ही, गड़बड़ी की जांच भी होगी
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics : गांव-गली से उठी पानी की बात मंगलवार को विधान परिषद तक पहुंच गई। नल जल योजना की कमियों-कोताहियों पर सदन ने सामूहिक रूप से चिंता प्रकट की।
उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि सरकार नागरिकों तक नल जल योजना का समुचित लाभ पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है। अभी आकलन हो रहा है।
4.5 हजार करोड़ की योजना में कदम-कदम पर गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं। एक-दो नहीं, बल्कि दर्जनों की संख्या में। हर शिकायत की जांच होगी और उसके बाद उचित कार्रवाई भी।
पश्चिम चंपारण जिला में सिकटा प्रखंड की सिरिसिया पंचायत के दो वार्डाें में नल जल की आपूर्ति नहीं हो रही। उसी से संबंधित आफाक अहमद का प्रश्न था।
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) का दायित्व विजय सिन्हा के पास ही है। उनके उत्तर के बीच में महेश्वर सिंह ने कहा कि नल जल योजना पूरे बिहार में विफल है।
मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना के इस हश्र पर विपक्ष ने चुटकी ली। राजद के सुनील कुमार ने सभी पंचायतों में जांच की चुनौती दी। कहा कि किसी एक पंचायत में भी गुणवत्तापूर्ण पेयजल की आपूर्ति नहीं हो रही।
अरबों की लूट मची है। उप मुख्यमंत्री ताव खा गए। ललकारते हुए उन्होंने कहा कि पांच-पांच विभाग रखने का मुझे शौक नहीं। लोग सत्ता की मलाई खाने के लिए समझौता करते हैं।
विपरीत समय देखकर सदन के बाहर रहते हैं या दिल्ली चले जाते हैं। इसे तेजस्वी यादव पर कटाक्ष मानते हुए राबड़ी देवी सहित विपक्ष के सभी सदस्य अपनी सीट से उठकर विरोध प्रकट करने लगे। सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के हस्तक्षेप के बाद माहौल शांत हुआ।
हंगामे के बीच ही भाजपा के शाहनवाज हुसैन ने भागलपुर के सनोखर मंडल में पेयजल के लिए त्राहिमाम की जानकारी दी। वहां चापाकल लगवाने का आग्रह किया।
मंत्री ने बताया कि आवश्यकता होने पर आज भी जिलाधिकारी चापाकल लगवाने का अधिकार है। पानी देने के योग्य चापाकलों की मरम्मत भी हो रही।
अल्पसूचित व तारांकित मिलाकर पीएचईडी के कुल पांच प्रश्न थे। निर्दलीय सच्चिदानंद राय का प्रश्न छपरा में निविदाओं की अनियमितता से संबंधित था।
सरकार ने उन्हें उत्तरों का पोथा थमा दिया है। उसके अध्ययन में समय लगने के कारण उन्होंने अपना प्रश्न आगे के लिए टाल देने का आग्रह किया।
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